पराभव मधुदीप भाग - दस विद्यालय की अन्तिम घंटी चल रही थी | श्रद्धा बाबू विद्यालय के छात्रों द्वारा लगाई गई क्यारियों को देख रहा था | कुछ छात्र उस क्यारियों में पानी देने का कार्य कर रहे थे | दो-तीन और अध्यापक भी वहाँ खड़े थे | उनकी कक्षा की छात्र-छात्राएँ भी खेती-बाड़ी की घंटी होने के कारण क्यारियों में कार्य कर रहे थे | "भूमि चाहे कितनी ही उपजाऊ क्यों न हो, यदि उसमें अच्छा बिज न डाला जाए तो फसल उत्पन्न नहीं हो सकती |" एक अन्य अध्यापक अपनी कक्षा के छात्र-छात्राओं को समझा रहे थे |