आदमी को,देहात में समान विचार-वाले लोग, गली-गली मिलते रहते हैं जय -जोहार और खेती –किसानी के अतिरिक्त विचारों का आदान –प्रदान होते रहता है गाँव के आदमी और गाँव के कुत्ते में ,वैचारिक-खिचाव लगभग नही के बराबर होता है