कैसे एक व्यक्ति जीवन के झंझावातों से झुझते हुए भी अपने सपने को हर रोज साकार होते हुए देखता है और जब उसके यथार्थ में जब वह सपना पूरा होने वाला होता है तब अचानक नियति क्या करती है