लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • मॉडर्न रामायण

    मॉडर्न रामायण नीलम कुलश्रेष्ठ दादू से रामायण की कथा सुनने के बाद कीवी ने पूछा ,"...

  • विश्वास

    विश्वास हर चीजो का जश्न मनाना जरूरी है, जिंदगी एक जश्न है। जो जश्न से अति है वो...

  • 21 दिन का लोकडाउन...

    मंजरी दोड के जा रही थी, पीछे उसका 4 साल का बेटा जुगनू उसे पुकार रहा...

मॉडर्न रामायण By Neelam Kulshreshtha

मॉडर्न रामायण नीलम कुलश्रेष्ठ दादू से रामायण की कथा सुनने के बाद कीवी ने पूछा ,"राम कहाँ रहते हैं?" " आसमान में बादलों से ऊपर." दादू के होंठों को चुप का ताला लग जाता है. आजकल कीवी...

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गीता की मदद By Shweta Singh

कहानी एक लड़की की है, जो न जाने कितनी नज़रो से परे होकर घर से कदम बाहर निकालती है। न जाने कौन कहा किस उम्मीद को लिए बैठा होगा। एक लड़की जो ज्ञान की तलाश में घर से तो निकली मगर काली नज़...

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हेडबॉय By Lalit Rathod

स्कूल में हेडबॉय बनना अर्थात विधायक बनने जैसा था। गांव के प्रगति स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़ाई होने से वह मेरा अंतिम साल था। इस वजह से बड़ी चाहत थी कि मैं भी एक दिन स्कूल का हेडबा...

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विश्वास By Madhuri Vaghasana

विश्वास हर चीजो का जश्न मनाना जरूरी है, जिंदगी एक जश्न है। जो जश्न से अति है वो जीवनभर याद रह जाती है। 12 बजकर 12 मिनट को जब में आई तो सबको यही लगा लड़का है।जब मा को पता चला में लड़क...

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बदलते प्रतिमान By कल्पना मनोरमा

सुबह जागने के लिए और रात सोने के लिए न बनायी जाती, तो कितना अच्छा होता न किसी को जगाने के लिए आवाज़ देनी पड़ती, और न ही सोने के लिए कहना और मनाना पड़ता | कामना पौधों को पानी देती और ख...

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21 दिन का लोकडाउन... By Gal Divya

मंजरी दोड के जा रही थी, पीछे उसका 4 साल का बेटा जुगनू उसे पुकार रहा था, मंजरी वहीं से अपने बाबा को उसे रख ने को बोल फैक्ट्री की ओर चल दी। फैक्ट्री में सभी मजदू...

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कल आना By Mukesh nagar

उन दिनों की ये बात है, जब न तो टीवी होता था और न ही स्मार्टफ़ोन। सन्ध्या होते-होते घर में माँ, दादी चूल्हा सुलगा लेते थे। खाना-पीना, चौका-बर्तन करके सब जल्दी फ्री हो जाते थे।...और...

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उपरवर्णित (मेरी 5 लघुकथाएँ) By Sadanand Paul

उपरवर्णित (मेरी 5 लघुकथाएँ) :- डॉ. सदानंद पॉल की 5 लघुकथाएँ ••••••• [1.] अंधभक्ति पर प्रतिप्रश्न नहीं ! ------------------------------------ चमगादड़ों की सभा देर रात में हुई और सर्व...

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कर्म-फल By डिम्पल गौड़

कर्म-फल सलाखों के बीच घिरा हुआ बैठा था वह. पूरी तरह से पीली पड़ चुकी आँखें. पिचके हुए गाल,मुख पर छाई गहरी उदासी और बेतरतीब बालों की सफेदी उसे उम्र से पहले ही बूढ़ा बनाने पर आमादा थे....

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नशा By Monika kakodia

"देखना एक दिन मेरा बेटा अफसर बनकर लौटेगा" रुंधे हुए गले और नम आँखों से पिता अपनी बेटी सीमा की पीठ थापथपाते हुए उसे ढांढ़स बंधा रहे थे। पहली बार सीमा अपने घर से दूर जा रही थी। पिता...

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दोष किसका था By Devendra Prasad

दोपहर का वक्त था सारे जानवर जंगल के अंदर डरे सहमे भोजन की तलाश कर रहे थे सभी को मन में एक अनोखा डर लग रहा था की मनो वह अपने जंगल में पूरी तरह महफूज न हो /उन्हें एक अनोखे शिकारी क...

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मम्मी ! मैंने चोरी नहीं की। By Neelam Kulshreshtha

मम्मी ! मैंने चोरी नहीं की। नीलम कुलश्रेष्ठ स्कूल से आई बोनी की अध्यापिका की भेजी हुई स्लिप देखकर उसके तनबदन में आग लग गई। वह किसी हिस्टीरिया के मरीज़ की तरह चीखी," बोनी ------." बो...

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यारी - 1 By Prem Rathod

शाम के 5:00 बजे थे मैंने बैंक से बाइक स्टार्ट करके अपने घर की तरफ जाने के लिए निकल पड़ा। घर पहुंच कर सीधा अपने रूम में पहुंचा और फ्रेश होकर अपने बेड पर लेटा,पर पता नहीं क्यों आज सु...

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दस्तक By Arjit Mishra

कबीर मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत है| उसकी पत्नी नेहा एक प्रतिष्ठित स्कूल में अध्यापिका है| उनकी एक बेटी त्रिशाला बारह साल की और एक बेटा विवान दस साल का है| दोनों ब...

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अोफिडियोफोबिया By Abhinav Bajpai

बापू.. बापू.. सूरज सर पे चढ़ आया है, उठोगे नहीं, अम्मा गुस्सा हो रही है। भैंस का चारा - सानी नहीं करना है।' कहते हुए सरजू की लड़की इमली उसे जगाती है।सरजू - ' हां… उठ रहा हू...

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एक अजनबी से मुलाकात.. By Gal Divya

वो दिन बड़ा ही सुहाना सा था , ‌‌‌‌‌‌ वो मुलाकात बड़ी सुहानी सी थी, वेसे तो कोई रीस्ता न था पर, वो अजनबी अपना सा था ।।...

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उत्तम खेती मध्यम बान निषिद्ध चाकरी भीख निदान By Vijay Singh Tyagi

उत्तम खेती मध्यम बान निषिद्ध चाकरी भीख निदान एक जमाना था , जब विज्ञान की कोई चमक-दमक नहीं थी और न कोई औद्योगिक विकास ही हुआ था, तब खेती को उत्तम दर्जे का पेशा माना जाता था। उस समय...

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जनता का पैसा By Neelam Kulshreshtha

" जनता का पैसा " [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] अवध एक्सप्रेस के ए.सी. टू टियर के पर्दों के बीच में से एक हष्ट पुष्ट टी.टी.की आकृति झांकी, ठिठकी, फिर आगे बढ़ गयी. एक मिनट बाद वही आकृति वापिस आ...

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कीमत पांच रुपये की By Vishesh Gupta

" कीमत पांच रुपये की" मुझे याद है आज भी वो दिवाली का दिन। शाम का वो वक़्त था लोगों के घर तो रोशन थे इतने कि आंखें चुंधिया जाए।। ओर दूसरी तरफ था मेरा घर जिसमे...

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जिम्मेदारी - 2 By VANDANA VANI SINGH

सुमन से पहले उनके पाती बीमार थे उनका ऑपरेशन हुआ था । कुछ दवाई के कारण उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया था। राकेश इक सरकारी डफ्तर में काम करते उनकी दैनिक दिनचर्या और दफ्तर जाना अना इसके...

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पिंजरा By Sneh Goswami

पिंजरा महानगर की यह एक छोटी सी कालोनी है । कालोनी में किसी किचन में एक के ऊपर एक रखे डिब्बों जैसे फ़्लैट । फ़्लैट क्या छोटा सा पिंजरे नुमा आकार जिसमें 10* 12 का कमरा जिसके एक कोने...

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लत का गुलाम By Vijay Singh Tyagi

लत का गुलाम अगहन का महीना था, सर्दी पड़नी शुरू हो गई थी। फसल पानी मांग रही थी, तभी आसमान में घटा होने लगी। शायद वर्षा हो, ऐसा लगने लगा था। इसी इंतजार में आसमान की तरफ देखते-देखते...

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मेरी दस चुनिंदा लघुकथाएं By Krishna manu

#लोकतंत्र बूढ़ा सोमर बड़ी कठिनाई से अपनी झोपड़ी के देहरी तक आ सका। एक मिनट की भी देर होने पर वह रास्ते में ही बेहोश हो सकता था। बाबू साहब के खेतों में कभी दिन-दिन भर काम करने वाले...

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वो थॉमस था By Devendra Prasad

बात उन दिनों की है जब मै श्री रामेश्वर मंदिर में रहता था / उस वक्त हम मंदिर में नए नए आये थे / मेरी उम्र करीब ६ साल थी/ मेरे पिताजी मंदिर के पुजारी थे / पहले तो पिताजी मंदिर में सु...

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और मानव धर्म बन ना सका By Neelam Kulshreshtha

"---------और मानव धर्म बन ना सका " नीलम कुलश्रेष्ठ एक अंतरराष्ट्रीय एन. जी. ओ. ने संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय के निकट की एक इमारत में स्थित एक कम्पनी के बोर्ड र...

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कोर्ट के भुत By milind rane

कोर्ट के भुत लेखक : श्री.मिलिंद गीता रामदास राणे शाम को काम खत्म करके मै घर के लिए निकलही रहा था। तभी पड़ोसी सहयोगी राजीव ने मुझे पूछा कि पाटिल आज देर रात तक रुक के...

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बजरंगी भाईजान By Arjit Mishra

उन दिनों हमारी पोस्टिंग मेरठ में थी| सरकारी क्वार्टर मिला हुआ था सो अपनी धर्मपत्नी के साथ वहीँ रहते थे| यूँ तो जब से हमने घर से बाहर रहना शुरू किया था, यानि की स्नातक की पढाई करने...

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गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा By Vijay Singh Tyagi

गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा एक जंगल में एक बड़ा ही चालाक और दबंग गीदड़ रहता था। जंगल के सभी गीदड़ उससे डरते थे , इसलिए सारे जंगल में वह निर्भय होकर घूमता था। अपनी चालाकी का उसे बड़ा...

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कोरोना के संग बटूक की जंग By Chiranjiv

“आइस कि माँ जल्दी दरवाजा खोलो, देखो क्या लाये है।” बटूक ने जोर जोर से दरवाजा खटखटाते हुए कहा। उवासी लेते हुए बटूक के पत्नी गीता ने दरवाजा खोला। “ बड़ी जल्दी नही आ गये। “ मुँह बिचका...

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ब्रांडेड By Amita Joshi

कविता हर वर्ष की भांति दीदी के घर सर्दियों की छुट्टियां बिताने जा रही थी ।यही वह समय होता था जब वह फुर्सत से अपने बीमार पिता और मां के संग कुछ समय बिताती थी । उच्च पदासीन दीदी जीज...

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दि ट्रेन By Arjit Mishra

कबीर की नौकरी केंद्रीय सरकार के विभाग में होने की वजह से अंतर्प्रदेशीय तबादले होते रहते थे| उस समय उसकी तैनाती गुजरात के पोरबंदर में थी| वैसे तो कबीर का घर लखनऊ से बहुत दूर था किन्...

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पवित्र अग्नि By Rajesh Mehra

पवित्र अग्नि'भाभी, में ठीक तो कर रही हूँ न?' निशा ने अपनी भाभी की तरफ आशा भरी निगाहों से देखकर पूछा।निशा की भाभी कुछ नही बोल पाई लेकिन उसकी चुप्पी में हां की स्वीकृति थी, न...

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डॉक्टर जॉन By S Sinha

कहानी -डॉक्टर जॉन झारखण्ड की एक नगरी देवघर है जिसे बैद्यनाथधाम भी कहते हैं ....

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किस्सा बेईमानी का By Vijay Singh Tyagi

किस्सा बेईमानी का हुआ कुछ यूं था कि एक जमाने में औरतें हाथ के चरखे से सूत कातती थीं। उनमें से कुछ तो अपना ही सूत कातकर बाजार में बेचती थीं, कुछ दुकानदारों की ही रुई लेकर सूत की कता...

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A Secret Letter - 5 By Hardik Chande

पुलिस स्टेशन पहुँचते ही राजवंश महेश्वर के परिवार को फोन करके पुलिस स्टेशन बुला लेता है।15-20 मिनीट में ही जैसे तैसे जीवा और उसकी मम्मी पुलिस स्टेशन पहुँच जाते है, जब उनको इंस्पेक्ट...

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चुनिंदा लघुकथाएँ - 7 By Lajpat Rai Garg

लाजपत राय गर्ग की चुंनंदा लघुकथाएँ (7) सब एक समान एक बार एक वकील और एक सरदार में बहस हो रही थी। बहस के बीच सरदार ने कहा - ‘वकील साहब, सिक्ख कौम मार्शल कौम है, सुपीरियर कौम है।’ वकी...

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डॉ सतीश राज पुष्करणा जी की लघुकथाओं पर मेरा अभ्यास - 2 By Kalpana Bhatt

अभ्यास क्रम 2जनरेशन गैप अपने पुत्र अरुण को डॉक्टर बनाने के लिए राधे ने रिक्शा चलाते-चलाते जवानी में ही बुढ़ापे को न्योता दे दिया था | क्योंकि उसकी स्वर्गीय पत्नी की हार्दिक इच्छा थी...

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कैब ड्राइवर By Swati

रात के ग्यारह बज चुके थे। मेहर ने नोएडा सेक्टर-56 के अपने ज्वेलरी के शौरूम से बाहर निकली और अपनी बुक की हुई कैब को देखने लगी। पर दूर-दूर तक कोई गाड़ी नज़र नहीं आई ।...

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में समय हूँ ! - 5 By Keval

(अबतक : अक्षरवंशिका के राजा अभयराज के गुप्तचर बंदी बना लिए गए है। गुप्त सूचनाए प्राप्त करनेके सारे स्रोत बंध हो गए है। अपरिचित महाराज को समजाता है कि उसके गुप्तचर सहीसलामत है। मध्य...

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कहानी... By Sohail

हर किसी का एक कल होता है एक कहानी होती है जो उसके आज को तबाह कर देती है कभी कभी वो होता है जो हम नहीं सोचते और कभी वो नहीं होता जो हम सोचते है एक मौत एक कातिल एक ज़िन्दगी एक रिश्ता...

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MY FRIEND'S SECRET By YK.

MY FRIEND’S SECRET :- YashVardhan. Zoya एक software engineer है । वो एक software बनाने का सोच रही थी। एक एसा software जो android phone मे install करने से जब भी phone की battery 30...

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मॉडर्न रामायण By Neelam Kulshreshtha

मॉडर्न रामायण नीलम कुलश्रेष्ठ दादू से रामायण की कथा सुनने के बाद कीवी ने पूछा ,"राम कहाँ रहते हैं?" " आसमान में बादलों से ऊपर." दादू के होंठों को चुप का ताला लग जाता है. आजकल कीवी...

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गीता की मदद By Shweta Singh

कहानी एक लड़की की है, जो न जाने कितनी नज़रो से परे होकर घर से कदम बाहर निकालती है। न जाने कौन कहा किस उम्मीद को लिए बैठा होगा। एक लड़की जो ज्ञान की तलाश में घर से तो निकली मगर काली नज़...

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हेडबॉय By Lalit Rathod

स्कूल में हेडबॉय बनना अर्थात विधायक बनने जैसा था। गांव के प्रगति स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़ाई होने से वह मेरा अंतिम साल था। इस वजह से बड़ी चाहत थी कि मैं भी एक दिन स्कूल का हेडबा...

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विश्वास By Madhuri Vaghasana

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बदलते प्रतिमान By कल्पना मनोरमा

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21 दिन का लोकडाउन... By Gal Divya

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कल आना By Mukesh nagar

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उपरवर्णित (मेरी 5 लघुकथाएँ) By Sadanand Paul

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कर्म-फल By डिम्पल गौड़

कर्म-फल सलाखों के बीच घिरा हुआ बैठा था वह. पूरी तरह से पीली पड़ चुकी आँखें. पिचके हुए गाल,मुख पर छाई गहरी उदासी और बेतरतीब बालों की सफेदी उसे उम्र से पहले ही बूढ़ा बनाने पर आमादा थे....

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दोष किसका था By Devendra Prasad

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मम्मी ! मैंने चोरी नहीं की। By Neelam Kulshreshtha

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दस्तक By Arjit Mishra

कबीर मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत है| उसकी पत्नी नेहा एक प्रतिष्ठित स्कूल में अध्यापिका है| उनकी एक बेटी त्रिशाला बारह साल की और एक बेटा विवान दस साल का है| दोनों ब...

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अोफिडियोफोबिया By Abhinav Bajpai

बापू.. बापू.. सूरज सर पे चढ़ आया है, उठोगे नहीं, अम्मा गुस्सा हो रही है। भैंस का चारा - सानी नहीं करना है।' कहते हुए सरजू की लड़की इमली उसे जगाती है।सरजू - ' हां… उठ रहा हू...

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एक अजनबी से मुलाकात.. By Gal Divya

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उत्तम खेती मध्यम बान निषिद्ध चाकरी भीख निदान By Vijay Singh Tyagi

उत्तम खेती मध्यम बान निषिद्ध चाकरी भीख निदान एक जमाना था , जब विज्ञान की कोई चमक-दमक नहीं थी और न कोई औद्योगिक विकास ही हुआ था, तब खेती को उत्तम दर्जे का पेशा माना जाता था। उस समय...

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लत का गुलाम By Vijay Singh Tyagi

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और मानव धर्म बन ना सका By Neelam Kulshreshtha

"---------और मानव धर्म बन ना सका " नीलम कुलश्रेष्ठ एक अंतरराष्ट्रीय एन. जी. ओ. ने संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय के निकट की एक इमारत में स्थित एक कम्पनी के बोर्ड र...

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कोर्ट के भुत By milind rane

कोर्ट के भुत लेखक : श्री.मिलिंद गीता रामदास राणे शाम को काम खत्म करके मै घर के लिए निकलही रहा था। तभी पड़ोसी सहयोगी राजीव ने मुझे पूछा कि पाटिल आज देर रात तक रुक के...

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गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा एक जंगल में एक बड़ा ही चालाक और दबंग गीदड़ रहता था। जंगल के सभी गीदड़ उससे डरते थे , इसलिए सारे जंगल में वह निर्भय होकर घूमता था। अपनी चालाकी का उसे बड़ा...

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चुनिंदा लघुकथाएँ - 7 By Lajpat Rai Garg

लाजपत राय गर्ग की चुंनंदा लघुकथाएँ (7) सब एक समान एक बार एक वकील और एक सरदार में बहस हो रही थी। बहस के बीच सरदार ने कहा - ‘वकील साहब, सिक्ख कौम मार्शल कौम है, सुपीरियर कौम है।’ वकी...

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डॉ सतीश राज पुष्करणा जी की लघुकथाओं पर मेरा अभ्यास - 2 By Kalpana Bhatt

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कैब ड्राइवर By Swati

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में समय हूँ ! - 5 By Keval

(अबतक : अक्षरवंशिका के राजा अभयराज के गुप्तचर बंदी बना लिए गए है। गुप्त सूचनाए प्राप्त करनेके सारे स्रोत बंध हो गए है। अपरिचित महाराज को समजाता है कि उसके गुप्तचर सहीसलामत है। मध्य...

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कहानी... By Sohail

हर किसी का एक कल होता है एक कहानी होती है जो उसके आज को तबाह कर देती है कभी कभी वो होता है जो हम नहीं सोचते और कभी वो नहीं होता जो हम सोचते है एक मौत एक कातिल एक ज़िन्दगी एक रिश्ता...

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MY FRIEND'S SECRET By YK.

MY FRIEND’S SECRET :- YashVardhan. Zoya एक software engineer है । वो एक software बनाने का सोच रही थी। एक एसा software जो android phone मे install करने से जब भी phone की battery 30...

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