लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • समुन्दर

    समुन्दर " मैं तो मान बैठा था कि अब कुछ नहीं बचा है । क्लाइमेक्स अपनी बात कहकर अद...

  • Dreams of Genius

    ये एक सच्चा किस्सा है किसी की जिंदगी का जो आज में आपको बताने जा रहा हूँ। उस इंसा...

  • एक मध्यम वर्गीय आदमी

    इस नॉवेल के टाइटल से ही पता चलता है, जो भी है वो मध्यम है, ना कम ना ज्यादा। सच ब...

समुन्दर By SURENDRA ARORA

समुन्दर " मैं तो मान बैठा था कि अब कुछ नहीं बचा है । क्लाइमेक्स अपनी बात कहकर अदृश्य हो चुका है । जिस कथा के प्रवाह में, मैं पिछले तीन घंटे में खुद को खो चुका था, उसने अपनी तार्किक...

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Dreams of Genius By YK.

ये एक सच्चा किस्सा है किसी की जिंदगी का जो आज में आपको बताने जा रहा हूँ। उस इंसान ने अपना ये किस्सा बता ने पे मनझूरी दे दी है। तो आए शुरु करते है। मगर उस से पहले कुछ और बता दु।हम स...

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पतझड़ By sudha bhargava

पतझड़/ सुधा भार्गव कुछ साल पहले की ही तो बात है हमारे मित्र की बेटी सुलक्षणा और दामाद सौरभ अपने प्यारे से बच्चे रूबल के साथ चार साल के लिए लंदन गए। दोनों ही डाक्टर थ...

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त्रिशंकु By Pawan Singh

आज फिर अम्मा और धर्म पत्नी में वादविवाद हो रहा था ।वजह कुछ खास नहीं थी,अम्मा सुवह जल्दी उठ गयीं थीं और पत्नी की आंख लग गई थी बस रेडियो विविध भारती चालू हो गया था ।दुनिया उठ गयी है...

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लॉकडाउन वरदान By Ruchi Dixit

आज जहाँ कोरोना को लेकर पूरा विश्व संकट मे है, सभी देशो की सरकारे भी हाथ खड़ी कर चुकी है | हर व्यक्ति मौत के साये मे स्वयं को घरो मे इस प्रकार बन्द कर, अपने प्राणो की रक्षा कर रहा ह...

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एक मध्यम वर्गीय आदमी By Ganesh

इस नॉवेल के टाइटल से ही पता चलता है, जो भी है वो मध्यम है, ना कम ना ज्यादा। सच बताऊं तो हम जैसे मध्यम वर्गीय आदमियों की कहानी यहीं है। अरे हमारी तो जरुरते, शोख, और पगार भी दोस्तो म...

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लॉकडाउन में मन के खुले किवाड़ By Dr Jaya Anand

कितने दिन हो गए हैं घर से बाहर निकले । रोज़ सुबह घर का काम ,नाश्ता खाना ,साफ सफाई ,बरतन धोना ...बाई भी नहीं ,कोरोना जैसी महामारी के वजह से किसी भी बाहरी व्यक्ति को आने की इजाज़त भी न...

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બે કપ ચા By Ashish

– काँच की बरनी और दो कप चाय – एक बोध कथा जीवन में जब सब कुछ एक साथ और जल्दी - जल्दी करने की इच्छा होती है , सब कुछ तेजी से पा लेने की इच्छा होती है , और हमें लगने लगता है...

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बिरयानी By Sachin Godbole

"मां आप बिरयानी कब बनाओगे" हर रविवार की तरह इस रविवार को भी कुशल ने अपनी मां को वो ही सवाल पूछा। "अभी रुको, शायद अगले रविवार को बनाएंगे" उसे जवाब पता ही था। उसे याद आया कुछ साल प...

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अगले जन्म मोहे बिटिया ही दीजो By S Sinha

कहानी - अगले जन्म मोहे बिटिया ही दीजो रजत बाबू इस मोहल्ले में रिटायरमेंट के बाद किराये के मकान में रहने आये थे . उन दिनों रिटायरमेंट के बाद रजत बाबू को पें...

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कागा सब तन खाइयो By कल्पना मनोरमा

बेटे की शादी के बाद अपने-अपने नाती-पोते के जन्मोत्सव पर उषा और मंजुला फिर से मिल रही थीं ।अचानक आई महामारी ने दोनों को एक जगह कैद कर दिया था। लाख न चाहने पर समधिन जी जैसे भारी भरकम...

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घमंडी डाली By Dr Vinita Rahurikar

घमंडी डाली एक नन्ही चिड़िया बहुत दूर से उड़ते हुए आ रही थी. तेज़ गर्मी थी. वह प्यास से बेहाल थी. उसके नन्हे पंखों में अब और अधिक दूर तक उड़ने की ताकत नहीं बची थी. तभी थोड़ी दूरी पर उसे...

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सौतेला प्लूटो By Sohail Saifi

प्रिय प्लूटो मुझे ये जान कर बेहद दुख हुआ, की अब आप हमारे सौरमंडल के मुख्य ग्रह परिवार के सदस्य नही रहे, आपको पृथ्वी वासियों ने सौतेला बता कर इस परिवार की गिनती से निष्काषित कर दिया...

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आशीर्वाद या –----! By sudha bhargava

कहानी आशीर्वाद या –----! सुधा भार्गव अपनी शादी के करीब एक वर्ष बाद मैं अपने पति के साथ कलकत्ते से दिल्ली लौटी। वहाँ समय कम था रिश्तेदारी बहुत। एक पूरब में तो...

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बिन्नी से तृप्ति By Bharti

हाँ! इसका नाम "बिन्नी"रखेंगे,हाँ! यही रखेंगे, पापा ने खुश होते हुए कहा और मम्मी ने भी मुस्कुराते हुए हामी भर दी।'बिन्नी',ये नाम दोनों को पसंद...

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जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक By vani

आज मे आपक एक कहानी सुनाती हु जिसका मे हिस्सा भी हु ओर किस्सा हु।साम के साडे सात बजे थेे ,घर मे चहल पहल थी, अचाानक घर मे एक इन्सान का आना हुआ , वो सीधे चलकर रसोईघर तक चला गया जह...

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मौत का बिस्तर By Lokesh Kumar Yadav

 मौत का बिस्तर एक मरीज की डायरी! "डॉक्टर, कब तक?" मैं पूछ रहा था कि मैं कब तक जीवित रहूंगा। लेकिन मुझे पता था कि उसका जवाब इस बारे में था कि यह मुझे कब तक पकड़ लेगा। फिर मैंने...

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बेड टी By Ashish Saxena

"कविता! मेरी चाय कहाँ हैं " रवि बिस्तर पर सुबह उठते ही पूछता हैं और फिर कोई उत्तर न मिलने पर ढूढ़ते हुए पूरे घर में आवाज़ लगाता हैं और फिर किचन में पहुंचता हैं और देखता हैं की उसकी...

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राजा रानी - Suicide By Mens HUB

राजा रानी - Suicide Men's HUB Team & Swastik Dey प्रथम आयाम आकाश की आयु 17 साल की थी और उसने इसी वर्ष 12 वी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की थी| अच्छे अंकों से परीक्षा उत्...

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पत्नी By Kumar Kishan Kirti

लम्बे अरसे के बाद उसके घर गया था काम के सिलसिला में उसके क्षेत्र की जाना था, तो सोचा एक बार बहन के यहाँ घूम आऊं जी हाँ, विनीता नाम था,दूर के रिश्ते में बहन लगती थी मेरीजब उसक...

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....और जिंदगी चलती रही By Dr.Ranjana Jaiswal

तीन दिन हो गए थे चलते-चलते...पाँव में छाले निकल आये थे। शरीर धूल और पसीने से तर-बतर हो चला था। गाँव इतना दूर पहले कभी नहीं लगा था।...लगता भी कैसे ...कभी यूँ पैदल ,परिवार...

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झील गहरी By Sneh Goswami

झील गहरी बठिन्डा शहर के बीचोबीच दूर दूर तक फैली दो बङी बङी झीलें । उन झीलों में बत्तखों जैसी तैरती रंग बिरंगी किश्तियाँ । सङक के आसपास रौनक ही रौनक । भागे जाते आटो , मोटरसाइकि...

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मन की बात By इंदर भोले नाथ

फूलचंद नाम का एक किसान था,उसके दो बेटे थे, रमेश और महेश। महेश की उमर १३ साल और रमेश की ३ साल थी फूलचंद की पत्नी का नाम पार्वती था, वो अक्सर बीमार रहा करती थी ।इसलिए महेश को पढ़ाई क...

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मालिक...The GOD By Pratap Singh

मालिक“ए मालिक तेरे बंदे हम.. ऐसे हो हमारे करम….। घर पर तेज़ आवाज में रेडियो पर बज रहे गाने की आवाज को सुगंधा ने कम कर किसी से पैसों की बात कर रहे अपने पति की आवाज को कान लगा कर सुनन...

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छोटू By saba vakeel

चाय पीने के लिए छोटे से ढाबे पर गई थी। देखा तो वहां पर एक छोटा लड़का काम कर रहा था। सब उसको छोटू-छोटू कह रहे थे। वह छोटू वास्तव में अपनी उम्र से काफी बड़ा लग रहा था। उसके चेहरे पर...

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एक दिया मुंडेर पर By Satish Sardana Kumar

सिरसा!जाने कैसा शहर है यह?फतेहाबाद से पीलीबंगा बुआ के घर जाते समय यह शहर रास्ते में पड़ता था।बचपन से लेकर कॉलेज में ग्रेजुएशन करने तक मैं बहुत कम बार अपना फतेहाबाद शहर छोड़कर कहीं गय...

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हंस चुगेगा दाना दुनका कौवा मोती खायेगा By S Sinha

कहानी - हंस चुगेगा दाना दुनका कौवा मोती खायेगा मैं शहर के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में रहता हूँ . दूसरे फ्लोर पर मेरा फ्लैट है...

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गांव से लौटकर By Lalit Rathod

गांव का आख़री दिन बहुत अजीब सा अकेलापन में शामिल कर लेता है। रात में ही दिमाग से घर में बिताया समय खत्म हो चुका होता है। अगली सुबह लगता हैं, घर के बाहर शहर मेरा इंतजार कर रहा । आज स...

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शिकायत है ऊपर वाले से By डिम्पल गौड़

हुकुम सिंह ने आते ही सबसे पहले ननकी को ऊपर से नीचे तक घूरा । उसकी पैनी दृष्टि के बाण ननकी सहन नहीं कर पा रही थी। महसूस होने लगा मानो उसकी देह पर असंख्य बिच्छु रेंग रहे हों! वह दीवा...

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रँगरेज़ा के रंगों की थाप By कल्पना मनोरमा

घर में जब से स्वच्छंद विचार धारा वाली बहू ब्याहकर आई थी तब से घर की रंगत ऐसी बदली कि अपने भी अपनों को पहचानने से इनकार करने लगे थे | हर छोटी-बड़ी वस्तु में स्वयं को नया बनाने की होड़...

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रुधिचुस्तत्ता ( माँ- बाप का फर्ज) By Madhuri Vaghasana

ठीक है पैदा कहा होना है वो तो हमारे हाथ मे माही है रुधिचुस्तता को जितना अपनाओगे उतना आप दूसरों को ज्यादा ही दुखी करोगे। मेरा एक रिलेटिव में भाई है, उसके पापाजी उसके पीछे पड़े थे कुछ...

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सितौलिया By Amitabh Mishra

सितौलिया वे पांच थे, बहुत कम उम्र के लड़के । सबसे बड़े कीउम्र 8 साल होगी तो सबसे छोटा सिर्फ 4 साल का ही होगा । उन पांचों की पीठपर अक्सर थैले लदे रहते थे। भूरे मटमैले थैले। उन थैलों...

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दादा By Shilpa Sharma

‘‘न जाने क्यों इतना दिल पसीज जाता है तुम्हारा? ऐसे ही चलता रहा तो मदद मांगनेवालों की लाइन लग जाएगी हमारे यहां. हर किसी की समस्या सुलझाने बैठ जाते हो,’’ झल्लाते हुए किरण ने कहा.हमेश...

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जीवन अभी बाकी है... By Shivani Verma

"जीवन अभी बाकी है” वृद्धाश्रम में सुबह से ही काफी चहल पहल है. सभी लोग शाम को होने वाले समारोह की तयारी में जुटे है, और कुछ दिव्यांग और अनाथ बच्चे भी ख़ुशी से प्रांगण में टहल रहे है....

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गरीब का By Monty Khandelwal

रात केे 9 बज गये थे दुकान बंद करने का समय होगया था सटर को आधा खींच लिया था लेकिन अभि तक गरमा गरम मूंगफली बेचने वाला नहीं आया था तो सोचा तब तक सामान को ठीक से जमाले जितने में...

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बुद्धि बड़ी या धन :- यशवर्धन By YK.

महाराज रुद्र सिंह जनकपूर के राजा थे। उनके दो पुत्र थे ।बड़ा पुत्र परिमल और छोटा पुत्र हार्दिक। परिमल को धन का बड़ा घमंड था। वही हार्दिक बुध्दि को श्रेष्ठ मानता था। फिर एक दिन राजा...

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एक प्रेम कहानी By Navdeep

ये कहानी कॉलेजिएट स्कूल के लड़के की है। वे लड़का बोहात ही सुंदर और स्मार्ट और टैलेंटेड वी होता था ।उस लड़के का स्कूल में पहला दिन था।और उस लड़के को फ्रेंडस बनाना बिल्कुल अशा नही...

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पहला तनख्बाहा By Chinmayee

गर्मी के सहिना, गर्म हावा से थोडा राहात पाने के लिये,रानी कि मामा हर शाम को घरको अनंधेरा करके खिड़की को खुला छोड देते थे, इस उमिद मे कि खिड़की से थोडा ठंडा हवा घरमे आके घरको ठंडा क...

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अनकही By Ashish Saxena

" हेलो अक्षय " "क्या हाल हैं ? इतने दिनों बाद कैसे याद आ गयी |" अक्षय ने फ़ोन उठाते ही पूछा . "ठीक हूँ , क्या तुम्हे याद हैं कल नवीन का बर्थडे हैं | " उधर से शिल्पा ने याद दिलाते...

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भूख By Kumar Kishan Kirti

"अरे मोहन बेटा, यह क्या कर रहे हो?"प्रोफेसर डॉ०विनय शर्मा अपने पाँच साल के बेटे को देखकर थोड़ा गुस्से के साथ पूछ बैठे,दरअसल उनका पाँच साल का बेटा मोहन एक कुत्ता को कुछ रोटियां दे रह...

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कद्दू By Arjit Mishra

रात के साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली की सड़कों पर अजय तेज रफ़्तार से अपनी बाइक चलाता हुआ कहीं जा रहा था कि तभी एक तीव्र मोड़ पर बाइक फिसल गयी| अर्ध बेहोशी की अवस्था में राहगीरों ने उसे नजदीक...

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सकरिया रहता किस देश में है By Amitabh Mishra

सकरिया रहता किस देश में है बीस साल पहले लिखी एक कविता से बाहर निकल कर सकरिया एकदम मेरे सामने खड़ाहो गया। वह सकरिया जो छककर दारू, ताड़ी पीता, वह सकरिया जो रोज अपने पेट कागड्ढा भरने...

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एक पिता की व्यथा By Sanjay Prajapati

इस लोकडाउन मे बात एक पिता की भी होनी ज़रूरी है जो पिता रात दिन काम करता था आज वो घर पे बिना काम के बेठा हे फिर भी मुस्कुरा रहा हे जिस पिता को आराम की आदात नहीं आज वो चेहरे से गम छूप...

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पहली हवाई यात्रा By Lalit Rathod

मैं वर्तमान को खुलकर जीने और कल्पना को सच मानने में विश्वास करता हूँ. जब भी किसी यात्रा में जाता हूँ उस वर्तमान की ढेरों कल्पना करता हूँ, जिसे एक समय बाद मुझे जीना है. उस कल्पना मे...

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आत्म रक्षा By डिम्पल गौड़

मूसलाधार बारिश । सुनसान रास्ता । आज ऑफिस में मीटिंग देर तक चली थी । शुभ्रा जब ऑफिस से निकली थी तो हल्की बूंदाबांदी हो रही थी ।अपने भीने केश एक साथ लपेटते हुए वह गाड़ी में बैठ गई । म...

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हमारी मिनी रानी (बिल्ली) By Jignesh Shah

बात कुछ समय पहले की है, हा कई दिनो से मरेे घर पर नया महेमान बिल्ली के रूप में आया था, हमने नाम रखा था मिनी जो मेरे घर आ जाया करती थी,हमारा डायनिंग टेबल छे व्यक्ति का था और हम सब घर...

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चाँद से गुफ्तगू By Archana Anupriya

" चाँद से गुफ्तगू "कल पूनम के चांद पर मन जा अटका। बड़ी सी गोल बिंदी जैसा... प्रकृति मानो सितारों से भरी चुनरी पहने,बड़ी सी बिंदी लगाए मुझे मेरी खिड़की से निहार रही थी।मैंने घड़ी दे...

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कीमती साड़ी By Monika kakodia

कीमती साड़ी"

माँ ! कहाँ रखी हैं अलमारी की चाबियाँ ? दो ना जल्दी से " दीपू राजधानी एक्सप्रेस की गति से मां के कमरे में चिल्लाती हुए आयी और पूरे कमरे में इधर से उधर लम्बें-ल...

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नक़ाब By Kishanlal Sharma

"मै आपको जहमत देना चाहूंगी",नसीम ऑफिस में बैठा रिजर्वेशन ऑफिस से आये चार्टों को देख रहा था।तभी एक औरत उसके पास आकर बोली थी।उस औरत की आवाज मै ऐसा जादू था कि नसीम नज़रे उठाकर देखे बि...

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वह रात By Ruchi Dixit

कई बार हम पूर्वाग्रह से प्रेरित भयवस कुछ ऐसा कर जाते है कि जीवन भर के लिए एक घाव जो हृदय के एक कोने मे नासूर बन कर स्थान पा लेता है | सामान्यत: सुसुप्तावस्था मे आभासशून्य होने...

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समुन्दर By SURENDRA ARORA

समुन्दर " मैं तो मान बैठा था कि अब कुछ नहीं बचा है । क्लाइमेक्स अपनी बात कहकर अदृश्य हो चुका है । जिस कथा के प्रवाह में, मैं पिछले तीन घंटे में खुद को खो चुका था, उसने अपनी तार्किक...

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Dreams of Genius By YK.

ये एक सच्चा किस्सा है किसी की जिंदगी का जो आज में आपको बताने जा रहा हूँ। उस इंसान ने अपना ये किस्सा बता ने पे मनझूरी दे दी है। तो आए शुरु करते है। मगर उस से पहले कुछ और बता दु।हम स...

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पतझड़ By sudha bhargava

पतझड़/ सुधा भार्गव कुछ साल पहले की ही तो बात है हमारे मित्र की बेटी सुलक्षणा और दामाद सौरभ अपने प्यारे से बच्चे रूबल के साथ चार साल के लिए लंदन गए। दोनों ही डाक्टर थ...

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त्रिशंकु By Pawan Singh

आज फिर अम्मा और धर्म पत्नी में वादविवाद हो रहा था ।वजह कुछ खास नहीं थी,अम्मा सुवह जल्दी उठ गयीं थीं और पत्नी की आंख लग गई थी बस रेडियो विविध भारती चालू हो गया था ।दुनिया उठ गयी है...

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लॉकडाउन वरदान By Ruchi Dixit

आज जहाँ कोरोना को लेकर पूरा विश्व संकट मे है, सभी देशो की सरकारे भी हाथ खड़ी कर चुकी है | हर व्यक्ति मौत के साये मे स्वयं को घरो मे इस प्रकार बन्द कर, अपने प्राणो की रक्षा कर रहा ह...

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एक मध्यम वर्गीय आदमी By Ganesh

इस नॉवेल के टाइटल से ही पता चलता है, जो भी है वो मध्यम है, ना कम ना ज्यादा। सच बताऊं तो हम जैसे मध्यम वर्गीय आदमियों की कहानी यहीं है। अरे हमारी तो जरुरते, शोख, और पगार भी दोस्तो म...

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लॉकडाउन में मन के खुले किवाड़ By Dr Jaya Anand

कितने दिन हो गए हैं घर से बाहर निकले । रोज़ सुबह घर का काम ,नाश्ता खाना ,साफ सफाई ,बरतन धोना ...बाई भी नहीं ,कोरोना जैसी महामारी के वजह से किसी भी बाहरी व्यक्ति को आने की इजाज़त भी न...

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બે કપ ચા By Ashish

– काँच की बरनी और दो कप चाय – एक बोध कथा जीवन में जब सब कुछ एक साथ और जल्दी - जल्दी करने की इच्छा होती है , सब कुछ तेजी से पा लेने की इच्छा होती है , और हमें लगने लगता है...

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बिरयानी By Sachin Godbole

"मां आप बिरयानी कब बनाओगे" हर रविवार की तरह इस रविवार को भी कुशल ने अपनी मां को वो ही सवाल पूछा। "अभी रुको, शायद अगले रविवार को बनाएंगे" उसे जवाब पता ही था। उसे याद आया कुछ साल प...

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अगले जन्म मोहे बिटिया ही दीजो By S Sinha

कहानी - अगले जन्म मोहे बिटिया ही दीजो रजत बाबू इस मोहल्ले में रिटायरमेंट के बाद किराये के मकान में रहने आये थे . उन दिनों रिटायरमेंट के बाद रजत बाबू को पें...

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कागा सब तन खाइयो By कल्पना मनोरमा

बेटे की शादी के बाद अपने-अपने नाती-पोते के जन्मोत्सव पर उषा और मंजुला फिर से मिल रही थीं ।अचानक आई महामारी ने दोनों को एक जगह कैद कर दिया था। लाख न चाहने पर समधिन जी जैसे भारी भरकम...

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घमंडी डाली By Dr Vinita Rahurikar

घमंडी डाली एक नन्ही चिड़िया बहुत दूर से उड़ते हुए आ रही थी. तेज़ गर्मी थी. वह प्यास से बेहाल थी. उसके नन्हे पंखों में अब और अधिक दूर तक उड़ने की ताकत नहीं बची थी. तभी थोड़ी दूरी पर उसे...

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सौतेला प्लूटो By Sohail Saifi

प्रिय प्लूटो मुझे ये जान कर बेहद दुख हुआ, की अब आप हमारे सौरमंडल के मुख्य ग्रह परिवार के सदस्य नही रहे, आपको पृथ्वी वासियों ने सौतेला बता कर इस परिवार की गिनती से निष्काषित कर दिया...

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आशीर्वाद या –----! By sudha bhargava

कहानी आशीर्वाद या –----! सुधा भार्गव अपनी शादी के करीब एक वर्ष बाद मैं अपने पति के साथ कलकत्ते से दिल्ली लौटी। वहाँ समय कम था रिश्तेदारी बहुत। एक पूरब में तो...

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बिन्नी से तृप्ति By Bharti

हाँ! इसका नाम "बिन्नी"रखेंगे,हाँ! यही रखेंगे, पापा ने खुश होते हुए कहा और मम्मी ने भी मुस्कुराते हुए हामी भर दी।'बिन्नी',ये नाम दोनों को पसंद...

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जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक By vani

आज मे आपक एक कहानी सुनाती हु जिसका मे हिस्सा भी हु ओर किस्सा हु।साम के साडे सात बजे थेे ,घर मे चहल पहल थी, अचाानक घर मे एक इन्सान का आना हुआ , वो सीधे चलकर रसोईघर तक चला गया जह...

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मौत का बिस्तर By Lokesh Kumar Yadav

 मौत का बिस्तर एक मरीज की डायरी! "डॉक्टर, कब तक?" मैं पूछ रहा था कि मैं कब तक जीवित रहूंगा। लेकिन मुझे पता था कि उसका जवाब इस बारे में था कि यह मुझे कब तक पकड़ लेगा। फिर मैंने...

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बेड टी By Ashish Saxena

"कविता! मेरी चाय कहाँ हैं " रवि बिस्तर पर सुबह उठते ही पूछता हैं और फिर कोई उत्तर न मिलने पर ढूढ़ते हुए पूरे घर में आवाज़ लगाता हैं और फिर किचन में पहुंचता हैं और देखता हैं की उसकी...

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राजा रानी - Suicide By Mens HUB

राजा रानी - Suicide Men's HUB Team & Swastik Dey प्रथम आयाम आकाश की आयु 17 साल की थी और उसने इसी वर्ष 12 वी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की थी| अच्छे अंकों से परीक्षा उत्...

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पत्नी By Kumar Kishan Kirti

लम्बे अरसे के बाद उसके घर गया था काम के सिलसिला में उसके क्षेत्र की जाना था, तो सोचा एक बार बहन के यहाँ घूम आऊं जी हाँ, विनीता नाम था,दूर के रिश्ते में बहन लगती थी मेरीजब उसक...

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....और जिंदगी चलती रही By Dr.Ranjana Jaiswal

तीन दिन हो गए थे चलते-चलते...पाँव में छाले निकल आये थे। शरीर धूल और पसीने से तर-बतर हो चला था। गाँव इतना दूर पहले कभी नहीं लगा था।...लगता भी कैसे ...कभी यूँ पैदल ,परिवार...

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झील गहरी By Sneh Goswami

झील गहरी बठिन्डा शहर के बीचोबीच दूर दूर तक फैली दो बङी बङी झीलें । उन झीलों में बत्तखों जैसी तैरती रंग बिरंगी किश्तियाँ । सङक के आसपास रौनक ही रौनक । भागे जाते आटो , मोटरसाइकि...

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मन की बात By इंदर भोले नाथ

फूलचंद नाम का एक किसान था,उसके दो बेटे थे, रमेश और महेश। महेश की उमर १३ साल और रमेश की ३ साल थी फूलचंद की पत्नी का नाम पार्वती था, वो अक्सर बीमार रहा करती थी ।इसलिए महेश को पढ़ाई क...

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मालिक...The GOD By Pratap Singh

मालिक“ए मालिक तेरे बंदे हम.. ऐसे हो हमारे करम….। घर पर तेज़ आवाज में रेडियो पर बज रहे गाने की आवाज को सुगंधा ने कम कर किसी से पैसों की बात कर रहे अपने पति की आवाज को कान लगा कर सुनन...

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छोटू By saba vakeel

चाय पीने के लिए छोटे से ढाबे पर गई थी। देखा तो वहां पर एक छोटा लड़का काम कर रहा था। सब उसको छोटू-छोटू कह रहे थे। वह छोटू वास्तव में अपनी उम्र से काफी बड़ा लग रहा था। उसके चेहरे पर...

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एक दिया मुंडेर पर By Satish Sardana Kumar

सिरसा!जाने कैसा शहर है यह?फतेहाबाद से पीलीबंगा बुआ के घर जाते समय यह शहर रास्ते में पड़ता था।बचपन से लेकर कॉलेज में ग्रेजुएशन करने तक मैं बहुत कम बार अपना फतेहाबाद शहर छोड़कर कहीं गय...

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हंस चुगेगा दाना दुनका कौवा मोती खायेगा By S Sinha

कहानी - हंस चुगेगा दाना दुनका कौवा मोती खायेगा मैं शहर के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में रहता हूँ . दूसरे फ्लोर पर मेरा फ्लैट है...

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गांव से लौटकर By Lalit Rathod

गांव का आख़री दिन बहुत अजीब सा अकेलापन में शामिल कर लेता है। रात में ही दिमाग से घर में बिताया समय खत्म हो चुका होता है। अगली सुबह लगता हैं, घर के बाहर शहर मेरा इंतजार कर रहा । आज स...

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शिकायत है ऊपर वाले से By डिम्पल गौड़

हुकुम सिंह ने आते ही सबसे पहले ननकी को ऊपर से नीचे तक घूरा । उसकी पैनी दृष्टि के बाण ननकी सहन नहीं कर पा रही थी। महसूस होने लगा मानो उसकी देह पर असंख्य बिच्छु रेंग रहे हों! वह दीवा...

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रँगरेज़ा के रंगों की थाप By कल्पना मनोरमा

घर में जब से स्वच्छंद विचार धारा वाली बहू ब्याहकर आई थी तब से घर की रंगत ऐसी बदली कि अपने भी अपनों को पहचानने से इनकार करने लगे थे | हर छोटी-बड़ी वस्तु में स्वयं को नया बनाने की होड़...

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रुधिचुस्तत्ता ( माँ- बाप का फर्ज) By Madhuri Vaghasana

ठीक है पैदा कहा होना है वो तो हमारे हाथ मे माही है रुधिचुस्तता को जितना अपनाओगे उतना आप दूसरों को ज्यादा ही दुखी करोगे। मेरा एक रिलेटिव में भाई है, उसके पापाजी उसके पीछे पड़े थे कुछ...

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सितौलिया By Amitabh Mishra

सितौलिया वे पांच थे, बहुत कम उम्र के लड़के । सबसे बड़े कीउम्र 8 साल होगी तो सबसे छोटा सिर्फ 4 साल का ही होगा । उन पांचों की पीठपर अक्सर थैले लदे रहते थे। भूरे मटमैले थैले। उन थैलों...

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दादा By Shilpa Sharma

‘‘न जाने क्यों इतना दिल पसीज जाता है तुम्हारा? ऐसे ही चलता रहा तो मदद मांगनेवालों की लाइन लग जाएगी हमारे यहां. हर किसी की समस्या सुलझाने बैठ जाते हो,’’ झल्लाते हुए किरण ने कहा.हमेश...

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जीवन अभी बाकी है... By Shivani Verma

"जीवन अभी बाकी है” वृद्धाश्रम में सुबह से ही काफी चहल पहल है. सभी लोग शाम को होने वाले समारोह की तयारी में जुटे है, और कुछ दिव्यांग और अनाथ बच्चे भी ख़ुशी से प्रांगण में टहल रहे है....

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गरीब का By Monty Khandelwal

रात केे 9 बज गये थे दुकान बंद करने का समय होगया था सटर को आधा खींच लिया था लेकिन अभि तक गरमा गरम मूंगफली बेचने वाला नहीं आया था तो सोचा तब तक सामान को ठीक से जमाले जितने में...

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बुद्धि बड़ी या धन :- यशवर्धन By YK.

महाराज रुद्र सिंह जनकपूर के राजा थे। उनके दो पुत्र थे ।बड़ा पुत्र परिमल और छोटा पुत्र हार्दिक। परिमल को धन का बड़ा घमंड था। वही हार्दिक बुध्दि को श्रेष्ठ मानता था। फिर एक दिन राजा...

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एक प्रेम कहानी By Navdeep

ये कहानी कॉलेजिएट स्कूल के लड़के की है। वे लड़का बोहात ही सुंदर और स्मार्ट और टैलेंटेड वी होता था ।उस लड़के का स्कूल में पहला दिन था।और उस लड़के को फ्रेंडस बनाना बिल्कुल अशा नही...

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पहला तनख्बाहा By Chinmayee

गर्मी के सहिना, गर्म हावा से थोडा राहात पाने के लिये,रानी कि मामा हर शाम को घरको अनंधेरा करके खिड़की को खुला छोड देते थे, इस उमिद मे कि खिड़की से थोडा ठंडा हवा घरमे आके घरको ठंडा क...

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अनकही By Ashish Saxena

" हेलो अक्षय " "क्या हाल हैं ? इतने दिनों बाद कैसे याद आ गयी |" अक्षय ने फ़ोन उठाते ही पूछा . "ठीक हूँ , क्या तुम्हे याद हैं कल नवीन का बर्थडे हैं | " उधर से शिल्पा ने याद दिलाते...

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भूख By Kumar Kishan Kirti

"अरे मोहन बेटा, यह क्या कर रहे हो?"प्रोफेसर डॉ०विनय शर्मा अपने पाँच साल के बेटे को देखकर थोड़ा गुस्से के साथ पूछ बैठे,दरअसल उनका पाँच साल का बेटा मोहन एक कुत्ता को कुछ रोटियां दे रह...

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कद्दू By Arjit Mishra

रात के साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली की सड़कों पर अजय तेज रफ़्तार से अपनी बाइक चलाता हुआ कहीं जा रहा था कि तभी एक तीव्र मोड़ पर बाइक फिसल गयी| अर्ध बेहोशी की अवस्था में राहगीरों ने उसे नजदीक...

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सकरिया रहता किस देश में है By Amitabh Mishra

सकरिया रहता किस देश में है बीस साल पहले लिखी एक कविता से बाहर निकल कर सकरिया एकदम मेरे सामने खड़ाहो गया। वह सकरिया जो छककर दारू, ताड़ी पीता, वह सकरिया जो रोज अपने पेट कागड्ढा भरने...

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एक पिता की व्यथा By Sanjay Prajapati

इस लोकडाउन मे बात एक पिता की भी होनी ज़रूरी है जो पिता रात दिन काम करता था आज वो घर पे बिना काम के बेठा हे फिर भी मुस्कुरा रहा हे जिस पिता को आराम की आदात नहीं आज वो चेहरे से गम छूप...

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पहली हवाई यात्रा By Lalit Rathod

मैं वर्तमान को खुलकर जीने और कल्पना को सच मानने में विश्वास करता हूँ. जब भी किसी यात्रा में जाता हूँ उस वर्तमान की ढेरों कल्पना करता हूँ, जिसे एक समय बाद मुझे जीना है. उस कल्पना मे...

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आत्म रक्षा By डिम्पल गौड़

मूसलाधार बारिश । सुनसान रास्ता । आज ऑफिस में मीटिंग देर तक चली थी । शुभ्रा जब ऑफिस से निकली थी तो हल्की बूंदाबांदी हो रही थी ।अपने भीने केश एक साथ लपेटते हुए वह गाड़ी में बैठ गई । म...

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हमारी मिनी रानी (बिल्ली) By Jignesh Shah

बात कुछ समय पहले की है, हा कई दिनो से मरेे घर पर नया महेमान बिल्ली के रूप में आया था, हमने नाम रखा था मिनी जो मेरे घर आ जाया करती थी,हमारा डायनिंग टेबल छे व्यक्ति का था और हम सब घर...

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चाँद से गुफ्तगू By Archana Anupriya

" चाँद से गुफ्तगू "कल पूनम के चांद पर मन जा अटका। बड़ी सी गोल बिंदी जैसा... प्रकृति मानो सितारों से भरी चुनरी पहने,बड़ी सी बिंदी लगाए मुझे मेरी खिड़की से निहार रही थी।मैंने घड़ी दे...

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कीमती साड़ी By Monika kakodia

कीमती साड़ी"

माँ ! कहाँ रखी हैं अलमारी की चाबियाँ ? दो ना जल्दी से " दीपू राजधानी एक्सप्रेस की गति से मां के कमरे में चिल्लाती हुए आयी और पूरे कमरे में इधर से उधर लम्बें-ल...

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नक़ाब By Kishanlal Sharma

"मै आपको जहमत देना चाहूंगी",नसीम ऑफिस में बैठा रिजर्वेशन ऑफिस से आये चार्टों को देख रहा था।तभी एक औरत उसके पास आकर बोली थी।उस औरत की आवाज मै ऐसा जादू था कि नसीम नज़रे उठाकर देखे बि...

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वह रात By Ruchi Dixit

कई बार हम पूर्वाग्रह से प्रेरित भयवस कुछ ऐसा कर जाते है कि जीवन भर के लिए एक घाव जो हृदय के एक कोने मे नासूर बन कर स्थान पा लेता है | सामान्यत: सुसुप्तावस्था मे आभासशून्य होने...

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