लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Categories
Featured Books
  • में समय हूँ ! - 4

    (अब तक : महाराज अपरिचित को मिलने कैदखाने में जाते है इस मक्सद से की उसे मिल...

  • लॉकडाउन

    आज इंटों के मकान में कैद हुआ तो ख्याल आया,क्यों चहकना भूल जाते हैं परिंदे पिंजरे...

  • महलो का राजा

    varta ke patr ki life tragedy ke bad kis tarah sukun aur chahat ke ful khilte he...

MY FRIEND'S SECRET By YK.

MY FRIEND’S SECRET :- YashVardhan. Zoya एक software engineer है । वो एक software बनाने का सोच रही थी। एक एसा software जो android phone मे install करने से जब भी phone की battery 30...

Read Free

में समय हूँ ! - 4 By Keval

(अब तक : महाराज अपरिचित को मिलने कैदखाने में जाते है इस मक्सद से की उसे मिलेंगे उतर उस बात के जो उसे चाहिए थे मगर हुआ कुछ ऐसा की राजा की मुश्केलिया कई गुना बढ़ गई। उस अनजान ने...

Read Free

सरकारी भावना By GOVT SR SEC SCHOOL MAHAROLI

वह अक्सर अपने कॉलेज जाते टाइम अपने मोटर साइकिल को मुख्या सड़क से ही ले जाता था. रास्ते में उसका स्कूटर अचानक अपने आप ही रुक जाता था. सड़क क उस पार बने हुए उन टेंट्स को देखकर उसका...

Read Free

लोरिया मैम By Surendra Tandon

अंग्रेज़ों ने एशिआई देशों में अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए धर्म स्थलों का निर्माण, चंदे की रसीदों,डिब्बों, दान पात्रों एवं नजूल की मुफ़्त ज़मीनों पर कब्ज़ा करने जैसे कार्यों से ख़ु...

Read Free

लॉकडाउन By Siraj Ansari

आज इंटों के मकान में कैद हुआ तो ख्याल आया,क्यों चहकना भूल जाते हैं परिंदे पिंजरे की कैद में!!दोस्तों! आज कोरोना महामारी के तहत मुल्क के यह हालात हैं कि हम सब लोग अपने ही घरों में क...

Read Free

क्षम (लघुकथा) By Kishanlal Sharma

"मै तहेदिल से आपसे माफी मॉगता हूं।ऐसा करते समय मैंने नही सोचा था।आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात लगेगा।आपके दिल पर कया गुजरेगी?""लेकिन तुमने ऐसी बेहूदी घिनौनी हरकत की ही कयो?" जूूल...

Read Free

मानव धर्म By Seema Jain

अचानक इंसान महसूस करता है जीवन कितना छोटा है और हमेशा जैसा कुछ नहीं है ।सब कुछ मन मुताबिक घट रहा था, कोई कमी नहीं थी तो नीतू को गुमान हो गया अपनी योग्यता से कुछ भी हासिल किया जा स...

Read Free

एक और किस्सा निर्भया नहीं और दिखता By Deepti Khanna

भाभी 10:00 बज रहे हैं होली के दिन है क्या मुझे कोई घर छोड़ देगा l दीप्ति " भैया को आने दे"काजल " भाभी आप छोड़ आओ ""होली का महोत्सव हो रहा है हमारी गली में l आपक...

Read Free

भूख By praveen singh

अमित चाय की दुकान पर बैठा हुआ था| उसकी नजर चाय की दुकान पर चाय की दुकान पर चाय बनाने वाली लड़की रेनू पर था| साहब,चाय लाऊ क्या? रेनू ने अमित के पास जाकर पूछा| हाँ ले आओ और एक सिगरेट...

Read Free

कौआ मुँडेर पर By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

कौआ मुँडेर पर लेखिका : श्रुत कीर्ति अग्रवाल मुँडेर पर कौआ काँए-काँए किये जा रहा था। मन अनसा गया उनका... चुप हो जा नासपीटे, अब नहीं अच्छा लगता किसी का आना-जाना। आज कल तो वो अपनी जिं...

Read Free

पछतावा - (लघु कहानी) By Manoj kumar shukla

पछतावा (लघु कथा) मनोज कुमार शुक्ल " मनोज " किचन के हर बर्तनों की अपनी एक प्रकृति होती है और उनका कठोर व नाजुक स्वभाव होता है। जैसे लोहे की कड़ाहीे, तवा, स्टील की गंजियाँ,...

Read Free

बड़ा स्कूल By Chandresh Kumar Chhatlani

चतुर्वेदी जी का बेटा साढ़े तीन वर्ष का हो गया था, उसका अच्छे स्कूल में एडमिशन कराना था। चतुर्वेदी जी अपने बेटे को सुसंस्कारित, बड़ों का सम्मान करने वाला, अनुशासित, विनम्र, शिक्षित,...

Read Free

अकेला By Kishanlal Sharma

"कया हुआ---अचानक सरला का हाथ छूटा औऱ वह सीढिियो से लुुुढकते हुए नीचेे आ गई।रामलाल और सरला की मुलाकात प्लेटफार्म पर हुुुई थी।रामलाल को बहूू ने घर से बाहर निकाल दिया था।बहू बेटे क...

Read Free

माँ की चिठ्ठी By S Sinha

कहानी - माँ की चिठ्ठी “ सुन रहे हो , देखो आज फिर अम्माजी ने सारा टेबल गंदा कर दिया है ....

Read Free

दिव्य दृष्टि By Naval

जवानी के तेवर बड़े ही सुहाने होते हैं,यदि इसमें दोस्तों का प्यार और संग मिल जाए तो हमारी खुशियों पर चार चांद लग जाते हैं। मैं भी अपने युवावस्था में अपने दोस्तों के साथ कुछ इस कदर ह...

Read Free

महलो का राजा By Bhavna Jadav

varta ke patr ki life tragedy ke bad kis tarah sukun aur chahat ke ful khilte he uska raja sahime nahi ka raja banta he tab. ..janiye Aage

Read Free

खूबसूरती By Seema Jain

मैं बहुत देर से कसरत कर रही थी और अपने मन को समझा रही थी कि अगर मुझे अगले महीने होने वाले कॉलेज फेस्ट में अच्छा दिखना है तो थोड़ी देर और करना पड़ेगा। तेरह चौदह साल की उम्र में ही म...

Read Free

पीपल के पत्तो की बातचीत By Monika Verma

पतझड़ का मौसम शुरू हो चुका था। एक पीपल के पेड़ से पीले हो चुके पत्ते नीचे जमीन पर गिर रहे थे। कुछ बूढ़े हो रहे पत्तो का रंग बदलना शुरू हो चुका था। कुछ नई हरी हरी , सुंदर छोटी छोटी पत्...

Read Free

छ व्यंग्य By bhagirath

अकबर महान 1 भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रश्न है - अकबर को अकबर महान क्यों कहते हैं? कारण सहित उत्तर लिखो। इ...

Read Free

प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।। By अभी सिंह राजपूत

प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।ऐसी दृष्टि जो हमें रागात्मक और उदात्त बनाती है ।जहाँ हम अपने आत्मा का विस्तार करते हैं।।जबकोइ आपको इग्नोर करता है ना तो दर्द होता है बहुत...

Read Free

बेलन टाइन कार्ड By Renuka Chitkara

??बेलन टाइन कार्ड??आज तो मैं घर से तय करके निकला था या तो आर या पार....अरे... बहुत हुआ जी इन्तजार,इसी तरह अगर देखता सोचता रहा तो कोई उसे ले के फुर्र हो जायेगा और मैं मोहब्बत के...

Read Free

गिरवी का टेबल फैन By Manoj kumar shukla

" गिरवी का टेबल फैन " *मनोज कुमार शुक्ल " मनोज " मई माह में नवा तपा अपने पूरे उफान पर था...

Read Free

परवरिश By Sneh Goswami

लघुकथापरवरिश “ मैडम जी पलीज मेरे बेटे को बचा लीजिए. वकील साहब को आप कहेंगी तो वे जैसे भी करके उसे छुड़ा देंगे . अभी उसकी उम्र ही क्या है । पंद्रह का ही तो हुआ है । जेल हो गई तो कही...

Read Free

थप्पड़ By Kishanlal Sharma

औऱ अब रिपोर्ट लिखाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।उसकी बेटी चारु कल कॉलेज गई थी औऱ फिर घर नहीं लौटी थी।पहले वह समझता रहा किसी सहेली के घर चली गई होगी।आ जायेगी।लेकिन रात होने पर....

Read Free

राजनीतिक होली By Arifa Avis

राजनीतिक होली हर साल की तरह इस बार भी माघ के बाद फाल्गुन लग चुका था. मौसम का मिज़ाज क्या बदला राजनीतिक मिजाज भी बदल गया पर अपना मिज़ाज जैसा था वैसा ही रहा बिलकुल विपक्ष की तरह. जैसे-...

Read Free

जाना - पहचाना रंग By Tasnim Bharmal

ये पेहचान जिंदगी का सबसे अच्छा और शायद सबसे ज्यादा दिलचस्प अजूबा है। पारंगत वर्माने कभी नहीं सोचा था कि वो निखिल पुंज को ऐसे मिलेगा, १२ साल बाद ये दो लॉ- कॉलेज के सहपाठी जो कभी एक...

Read Free

कर्फ्यू By dilip kumar

2- कर्फ्यू,शहर में कर्फ्यू लगा था।मिसेज शुक्ला काफी परेशान थीं ।बच्ची का ऑप...

Read Free

लिव इन - एक दुस्वप्न लिव इन By अमिता वात्य

आज उससे जुदा हुये पाँच साल हो गये पर जाने क्यो ऐसा लगता है कभी कभी की सदियां गुजर गई ,और कभी तो लगता है कि वो साथ मे है पास ही है इतना करीब की उसकी खुशबू से मेरा रोम रोम रोमांचित ह...

Read Free

वीजा बालाजी By S Sinha

कहानी - वीजा बालाजी सुरेश हैदराबाद के निकट चिरकुल बालाजी मंदिर गया हुआ था .वह मंदिर की परिक...

Read Free

खुशनसीब By Sandhya Goel Sugamya

"खुशनसीब" तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उस लेडी डॉक्टर ने अपना भाषण समाप्त किया। मैंने फटाफट कुछ पल अपने कैमरे में कैद कर लिये। जी नहीं,वह लेडी डॉक्टर चारु मेरी कोई नहीं थी। मै...

Read Free

मोरपंख By Sanket Vyas Sk, ઈશારો

रींकु हंमेशा गार्डन में पढने के आती। रींकु को पढने का बहुत शोख साथमे यू कुदरत के सानिध्य में बैठकर पढना, लिखना, खेलना वो भी उसे पसंद आ गया। जब भी वो गार्डन में पढने पेडके नीचे...

Read Free

इंतज़ार By Vandana Bajpai

इंतज़ार देखो, " मैं टाइम पर आ गयी" कहते हुए दिपाली ने जोर से हाथ लहराया | "क्या हुआ?" "चुप क्यों हो?" “क्या बिलकुल बात नहीं करोगे?” "क्या, अभी भी नाराज़ हो?" "आज तो टाइम से पूरे 15 म...

Read Free

ह्यूमन हाइबरनेशन By Chandresh Kumar Chhatlani

उस रोबोटमेन का नाम मिस्की था। यह नाम उसे इसलिए दिया गया था क्योंकि उसकी नेनोचिप में मिस्र की प्राचीन सभ्यता से लेकर आज वर्ष 2255 तक की हर विषय के बारे में न केवल पूरी जानकारी संग्र...

Read Free

साईकिल By Kishanlal Sharma

"हमारे पास पैसे हैं ,इसका मतलब यह नहीं कि हम पैसे लुटाए"रमेश औऱ दिनेश भाई थे।रमेश गांव मे आधी बटाई पर जमीन लेेकर खेेती करता था।उसके गांव मेसिचाई का साधन नही था।इसलिए खेतीपूर्णतया ब...

Read Free

परितृप्त By Sneh Goswami

परितृप्त दफ्तर से घर लौटते उसके पैर मानो नाच रहे थे . आज घर में बरसों बाद वह अपनी पत्नी के साथ अकेला होगा . वरना तो बाबूजी ,अम्मा ,छोटी और राजू सब से भरे पूरे घर में सरिता से ढंग...

Read Free

जमुना ताई By Tara Gupta

!! जमुना ताई !! जमुना ताई-जमुना ताई कहते हुए बच्चे उसके साथ हो लिए। किसी के सर पर हाथ रख देती, किसी के गालों को सहलाती। किसी को उठा चूम लेती। धीरे धीरे जमुना अपने आफिस में आ गई।बच्...

Read Free

THE GOLDEN WATCH By YK.

THE GOLDEN WATCH :- YashVardhan कबीर सूरत स्टेशन से रेलगाड़ी मे चढ़ता है और अपनी सीट पे जाके बैठ जाता है । उसके सामने समीर बैठा है। वो दोन एक दूसरे को नही जानते । फिर...

Read Free

एक और सूर्य By Chandresh Kumar Chhatlani

छत से निकल कर रौशनी की किरणों ने स्टेज के अंधेरे को चीरते हुए एक भाग को जगमगा दिया। वहां एक आदमी खड़ा था। नैपथ्य से आवाज़ आई, "स्वागत है आज के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर...

Read Free

दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 27 - अंतिम भाग By Pranava Bharti

दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 27-बड़ी मम्मी बच्चों की बड़ी मम्मी यानि नानी माँ | कॉलेज में संस्कृत की लेक्चरर थीं | अवकाश प्राप्ति के बाद कविता उन्हें अपने पास बंबई ले...

Read Free

पांच अफ़साने By Anil Makariya

अलग-अलग कथ्य, बिम्ब व प्रतीक गढ़ती बेहतरीन पांच लघुकथाएं l

Read Free

अक्लमंदी By Ajay Kumar Awasthi

इन दिनों राधा को देसी उपचार के प्रचार प्रसार का भूत सवार है । वो बात बात पर देसी तरीके से होने वाले ईलाज की खूब तरफदारी करती है । चूर्ण बनाना, लेप लगाना, जड़ी बूटी पीस कर खाना...

Read Free

ट्रैजडी ऑफ़ एरर्स By S Sinha

कहानी - ट्रैजडी ऑफ़ एरर्स मंजू को नानी की कही बात आजतक उसे याद है . उसकी नानी कहा करती थी “ तू तो अपनी माँ से भी कई गुना ज्यादा...

Read Free

पहला प्यार :परिशिष्ट भाग: हैप्पी वैलेंटाइन डे By Swati

सुमित को लगा उस बारिश ने प्यार के नए फूल खिला दिए हैं । मगर ईशा अभी भी उस फूल को दोस्ती की निग़ाह से ही देख रही थी । सुमित की एम.बी.ए. पूरी होते ही उसकी अच्छी...

Read Free

A Secret Letter - 3 By Hardik Chande

पिछले पार्ट में आपने देखा कि रजत पुलिस में कंप्लेंट करने से पहले फिर से एक बार अपने परिवार को उस खत के बारे में सोचने को कहता है, पर उसके पापा को ये बात अजीब लगती है। तभी कोई दरवाज...

Read Free

MY FRIEND'S SECRET By YK.

MY FRIEND’S SECRET :- YashVardhan. Zoya एक software engineer है । वो एक software बनाने का सोच रही थी। एक एसा software जो android phone मे install करने से जब भी phone की battery 30...

Read Free

में समय हूँ ! - 4 By Keval

(अब तक : महाराज अपरिचित को मिलने कैदखाने में जाते है इस मक्सद से की उसे मिलेंगे उतर उस बात के जो उसे चाहिए थे मगर हुआ कुछ ऐसा की राजा की मुश्केलिया कई गुना बढ़ गई। उस अनजान ने...

Read Free

सरकारी भावना By GOVT SR SEC SCHOOL MAHAROLI

वह अक्सर अपने कॉलेज जाते टाइम अपने मोटर साइकिल को मुख्या सड़क से ही ले जाता था. रास्ते में उसका स्कूटर अचानक अपने आप ही रुक जाता था. सड़क क उस पार बने हुए उन टेंट्स को देखकर उसका...

Read Free

लोरिया मैम By Surendra Tandon

अंग्रेज़ों ने एशिआई देशों में अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए धर्म स्थलों का निर्माण, चंदे की रसीदों,डिब्बों, दान पात्रों एवं नजूल की मुफ़्त ज़मीनों पर कब्ज़ा करने जैसे कार्यों से ख़ु...

Read Free

लॉकडाउन By Siraj Ansari

आज इंटों के मकान में कैद हुआ तो ख्याल आया,क्यों चहकना भूल जाते हैं परिंदे पिंजरे की कैद में!!दोस्तों! आज कोरोना महामारी के तहत मुल्क के यह हालात हैं कि हम सब लोग अपने ही घरों में क...

Read Free

क्षम (लघुकथा) By Kishanlal Sharma

"मै तहेदिल से आपसे माफी मॉगता हूं।ऐसा करते समय मैंने नही सोचा था।आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात लगेगा।आपके दिल पर कया गुजरेगी?""लेकिन तुमने ऐसी बेहूदी घिनौनी हरकत की ही कयो?" जूूल...

Read Free

मानव धर्म By Seema Jain

अचानक इंसान महसूस करता है जीवन कितना छोटा है और हमेशा जैसा कुछ नहीं है ।सब कुछ मन मुताबिक घट रहा था, कोई कमी नहीं थी तो नीतू को गुमान हो गया अपनी योग्यता से कुछ भी हासिल किया जा स...

Read Free

एक और किस्सा निर्भया नहीं और दिखता By Deepti Khanna

भाभी 10:00 बज रहे हैं होली के दिन है क्या मुझे कोई घर छोड़ देगा l दीप्ति " भैया को आने दे"काजल " भाभी आप छोड़ आओ ""होली का महोत्सव हो रहा है हमारी गली में l आपक...

Read Free

भूख By praveen singh

अमित चाय की दुकान पर बैठा हुआ था| उसकी नजर चाय की दुकान पर चाय की दुकान पर चाय बनाने वाली लड़की रेनू पर था| साहब,चाय लाऊ क्या? रेनू ने अमित के पास जाकर पूछा| हाँ ले आओ और एक सिगरेट...

Read Free

कौआ मुँडेर पर By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

कौआ मुँडेर पर लेखिका : श्रुत कीर्ति अग्रवाल मुँडेर पर कौआ काँए-काँए किये जा रहा था। मन अनसा गया उनका... चुप हो जा नासपीटे, अब नहीं अच्छा लगता किसी का आना-जाना। आज कल तो वो अपनी जिं...

Read Free

पछतावा - (लघु कहानी) By Manoj kumar shukla

पछतावा (लघु कथा) मनोज कुमार शुक्ल " मनोज " किचन के हर बर्तनों की अपनी एक प्रकृति होती है और उनका कठोर व नाजुक स्वभाव होता है। जैसे लोहे की कड़ाहीे, तवा, स्टील की गंजियाँ,...

Read Free

बड़ा स्कूल By Chandresh Kumar Chhatlani

चतुर्वेदी जी का बेटा साढ़े तीन वर्ष का हो गया था, उसका अच्छे स्कूल में एडमिशन कराना था। चतुर्वेदी जी अपने बेटे को सुसंस्कारित, बड़ों का सम्मान करने वाला, अनुशासित, विनम्र, शिक्षित,...

Read Free

अकेला By Kishanlal Sharma

"कया हुआ---अचानक सरला का हाथ छूटा औऱ वह सीढिियो से लुुुढकते हुए नीचेे आ गई।रामलाल और सरला की मुलाकात प्लेटफार्म पर हुुुई थी।रामलाल को बहूू ने घर से बाहर निकाल दिया था।बहू बेटे क...

Read Free

माँ की चिठ्ठी By S Sinha

कहानी - माँ की चिठ्ठी “ सुन रहे हो , देखो आज फिर अम्माजी ने सारा टेबल गंदा कर दिया है ....

Read Free

दिव्य दृष्टि By Naval

जवानी के तेवर बड़े ही सुहाने होते हैं,यदि इसमें दोस्तों का प्यार और संग मिल जाए तो हमारी खुशियों पर चार चांद लग जाते हैं। मैं भी अपने युवावस्था में अपने दोस्तों के साथ कुछ इस कदर ह...

Read Free

महलो का राजा By Bhavna Jadav

varta ke patr ki life tragedy ke bad kis tarah sukun aur chahat ke ful khilte he uska raja sahime nahi ka raja banta he tab. ..janiye Aage

Read Free

खूबसूरती By Seema Jain

मैं बहुत देर से कसरत कर रही थी और अपने मन को समझा रही थी कि अगर मुझे अगले महीने होने वाले कॉलेज फेस्ट में अच्छा दिखना है तो थोड़ी देर और करना पड़ेगा। तेरह चौदह साल की उम्र में ही म...

Read Free

पीपल के पत्तो की बातचीत By Monika Verma

पतझड़ का मौसम शुरू हो चुका था। एक पीपल के पेड़ से पीले हो चुके पत्ते नीचे जमीन पर गिर रहे थे। कुछ बूढ़े हो रहे पत्तो का रंग बदलना शुरू हो चुका था। कुछ नई हरी हरी , सुंदर छोटी छोटी पत्...

Read Free

छ व्यंग्य By bhagirath

अकबर महान 1 भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रश्न है - अकबर को अकबर महान क्यों कहते हैं? कारण सहित उत्तर लिखो। इ...

Read Free

प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।। By अभी सिंह राजपूत

प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।ऐसी दृष्टि जो हमें रागात्मक और उदात्त बनाती है ।जहाँ हम अपने आत्मा का विस्तार करते हैं।।जबकोइ आपको इग्नोर करता है ना तो दर्द होता है बहुत...

Read Free

बेलन टाइन कार्ड By Renuka Chitkara

??बेलन टाइन कार्ड??आज तो मैं घर से तय करके निकला था या तो आर या पार....अरे... बहुत हुआ जी इन्तजार,इसी तरह अगर देखता सोचता रहा तो कोई उसे ले के फुर्र हो जायेगा और मैं मोहब्बत के...

Read Free

गिरवी का टेबल फैन By Manoj kumar shukla

" गिरवी का टेबल फैन " *मनोज कुमार शुक्ल " मनोज " मई माह में नवा तपा अपने पूरे उफान पर था...

Read Free

परवरिश By Sneh Goswami

लघुकथापरवरिश “ मैडम जी पलीज मेरे बेटे को बचा लीजिए. वकील साहब को आप कहेंगी तो वे जैसे भी करके उसे छुड़ा देंगे . अभी उसकी उम्र ही क्या है । पंद्रह का ही तो हुआ है । जेल हो गई तो कही...

Read Free

थप्पड़ By Kishanlal Sharma

औऱ अब रिपोर्ट लिखाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।उसकी बेटी चारु कल कॉलेज गई थी औऱ फिर घर नहीं लौटी थी।पहले वह समझता रहा किसी सहेली के घर चली गई होगी।आ जायेगी।लेकिन रात होने पर....

Read Free

राजनीतिक होली By Arifa Avis

राजनीतिक होली हर साल की तरह इस बार भी माघ के बाद फाल्गुन लग चुका था. मौसम का मिज़ाज क्या बदला राजनीतिक मिजाज भी बदल गया पर अपना मिज़ाज जैसा था वैसा ही रहा बिलकुल विपक्ष की तरह. जैसे-...

Read Free

जाना - पहचाना रंग By Tasnim Bharmal

ये पेहचान जिंदगी का सबसे अच्छा और शायद सबसे ज्यादा दिलचस्प अजूबा है। पारंगत वर्माने कभी नहीं सोचा था कि वो निखिल पुंज को ऐसे मिलेगा, १२ साल बाद ये दो लॉ- कॉलेज के सहपाठी जो कभी एक...

Read Free

कर्फ्यू By dilip kumar

2- कर्फ्यू,शहर में कर्फ्यू लगा था।मिसेज शुक्ला काफी परेशान थीं ।बच्ची का ऑप...

Read Free

लिव इन - एक दुस्वप्न लिव इन By अमिता वात्य

आज उससे जुदा हुये पाँच साल हो गये पर जाने क्यो ऐसा लगता है कभी कभी की सदियां गुजर गई ,और कभी तो लगता है कि वो साथ मे है पास ही है इतना करीब की उसकी खुशबू से मेरा रोम रोम रोमांचित ह...

Read Free

वीजा बालाजी By S Sinha

कहानी - वीजा बालाजी सुरेश हैदराबाद के निकट चिरकुल बालाजी मंदिर गया हुआ था .वह मंदिर की परिक...

Read Free

खुशनसीब By Sandhya Goel Sugamya

"खुशनसीब" तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उस लेडी डॉक्टर ने अपना भाषण समाप्त किया। मैंने फटाफट कुछ पल अपने कैमरे में कैद कर लिये। जी नहीं,वह लेडी डॉक्टर चारु मेरी कोई नहीं थी। मै...

Read Free

मोरपंख By Sanket Vyas Sk, ઈશારો

रींकु हंमेशा गार्डन में पढने के आती। रींकु को पढने का बहुत शोख साथमे यू कुदरत के सानिध्य में बैठकर पढना, लिखना, खेलना वो भी उसे पसंद आ गया। जब भी वो गार्डन में पढने पेडके नीचे...

Read Free

इंतज़ार By Vandana Bajpai

इंतज़ार देखो, " मैं टाइम पर आ गयी" कहते हुए दिपाली ने जोर से हाथ लहराया | "क्या हुआ?" "चुप क्यों हो?" “क्या बिलकुल बात नहीं करोगे?” "क्या, अभी भी नाराज़ हो?" "आज तो टाइम से पूरे 15 म...

Read Free

ह्यूमन हाइबरनेशन By Chandresh Kumar Chhatlani

उस रोबोटमेन का नाम मिस्की था। यह नाम उसे इसलिए दिया गया था क्योंकि उसकी नेनोचिप में मिस्र की प्राचीन सभ्यता से लेकर आज वर्ष 2255 तक की हर विषय के बारे में न केवल पूरी जानकारी संग्र...

Read Free

साईकिल By Kishanlal Sharma

"हमारे पास पैसे हैं ,इसका मतलब यह नहीं कि हम पैसे लुटाए"रमेश औऱ दिनेश भाई थे।रमेश गांव मे आधी बटाई पर जमीन लेेकर खेेती करता था।उसके गांव मेसिचाई का साधन नही था।इसलिए खेतीपूर्णतया ब...

Read Free

परितृप्त By Sneh Goswami

परितृप्त दफ्तर से घर लौटते उसके पैर मानो नाच रहे थे . आज घर में बरसों बाद वह अपनी पत्नी के साथ अकेला होगा . वरना तो बाबूजी ,अम्मा ,छोटी और राजू सब से भरे पूरे घर में सरिता से ढंग...

Read Free

जमुना ताई By Tara Gupta

!! जमुना ताई !! जमुना ताई-जमुना ताई कहते हुए बच्चे उसके साथ हो लिए। किसी के सर पर हाथ रख देती, किसी के गालों को सहलाती। किसी को उठा चूम लेती। धीरे धीरे जमुना अपने आफिस में आ गई।बच्...

Read Free

THE GOLDEN WATCH By YK.

THE GOLDEN WATCH :- YashVardhan कबीर सूरत स्टेशन से रेलगाड़ी मे चढ़ता है और अपनी सीट पे जाके बैठ जाता है । उसके सामने समीर बैठा है। वो दोन एक दूसरे को नही जानते । फिर...

Read Free

एक और सूर्य By Chandresh Kumar Chhatlani

छत से निकल कर रौशनी की किरणों ने स्टेज के अंधेरे को चीरते हुए एक भाग को जगमगा दिया। वहां एक आदमी खड़ा था। नैपथ्य से आवाज़ आई, "स्वागत है आज के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर...

Read Free

दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 27 - अंतिम भाग By Pranava Bharti

दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 27-बड़ी मम्मी बच्चों की बड़ी मम्मी यानि नानी माँ | कॉलेज में संस्कृत की लेक्चरर थीं | अवकाश प्राप्ति के बाद कविता उन्हें अपने पास बंबई ले...

Read Free

पांच अफ़साने By Anil Makariya

अलग-अलग कथ्य, बिम्ब व प्रतीक गढ़ती बेहतरीन पांच लघुकथाएं l

Read Free

अक्लमंदी By Ajay Kumar Awasthi

इन दिनों राधा को देसी उपचार के प्रचार प्रसार का भूत सवार है । वो बात बात पर देसी तरीके से होने वाले ईलाज की खूब तरफदारी करती है । चूर्ण बनाना, लेप लगाना, जड़ी बूटी पीस कर खाना...

Read Free

ट्रैजडी ऑफ़ एरर्स By S Sinha

कहानी - ट्रैजडी ऑफ़ एरर्स मंजू को नानी की कही बात आजतक उसे याद है . उसकी नानी कहा करती थी “ तू तो अपनी माँ से भी कई गुना ज्यादा...

Read Free

पहला प्यार :परिशिष्ट भाग: हैप्पी वैलेंटाइन डे By Swati

सुमित को लगा उस बारिश ने प्यार के नए फूल खिला दिए हैं । मगर ईशा अभी भी उस फूल को दोस्ती की निग़ाह से ही देख रही थी । सुमित की एम.बी.ए. पूरी होते ही उसकी अच्छी...

Read Free

A Secret Letter - 3 By Hardik Chande

पिछले पार्ट में आपने देखा कि रजत पुलिस में कंप्लेंट करने से पहले फिर से एक बार अपने परिवार को उस खत के बारे में सोचने को कहता है, पर उसके पापा को ये बात अजीब लगती है। तभी कोई दरवाज...

Read Free