लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • खाना कहा से बन के आया है?

    'ज़ख्म और जहर जितना गेहरा होता है उतना ही जान लेवा भी होता है' ये बात कह...

  • वस्तु नही भाव चाहिए

    उसने ज्योहीं कंडे जलाकर हवन किया सारे घर मे धुंआ फैल गया । घर के सभी लोग खाँसने...

  • अह्सास

    अह्सास हरि से मिलने से पूर्व आत्मिक सुख क्या होता...

खाना कहा से बन के आया है? By Tasnim Bharmal

'ज़ख्म और जहर जितना गेहरा होता है उतना ही जान लेवा भी होता है' ये बात कहानियों के जरिए शिवम् अपनी १२ साल की जुड़वा बेटीया मीरां और माहिरा को रोज़ एक अलग कहानी लिख कर सुनाता...

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वस्तु नही भाव चाहिए By Ajay Kumar Awasthi

उसने ज्योहीं कंडे जलाकर हवन किया सारे घर मे धुंआ फैल गया । घर के सभी लोग खाँसने लगे,उनकी आंखों में जलन होने लगी । अनल इस बात से सीमा पर नाराज भी हुआ कि ,"तुम ये जो रोज कंडे जलाकर प...

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 23 By Pranava Bharti

दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 23-बीट वाला मंजन अन्नी यानि अणिमा को अपने मामा की बेटी की शादी में बीरखेड़ा गाँव में जाना पड़ा | दिल्ली में पलने वाली अन्नी को उसके तीनों...

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संस्कार By Deepti Khanna

आप को पता है हमारा क्या है " परी ने पूछा मैंने कहा " फिर तेरा प्रशन उत्तर शुरू हो गया ।" वह खिलखिलाते हुए कंबल में मेरे साथ आकर लेट गई । "अच्छा मां बताओ तो हमारा क्या है " मैं चुप...

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सक्रिय गेंग By Sanket Vyas Sk, ઈશારો

रात को कुत्ते की भोंकने की आवाज और खेत में कुछ सनसनाहट सुनकर केशवसिंह हाथ में टोर्च लेकर खेत में क्या हुआ। वो देखने निकल पड़े ये कहते की अब तक तो बहुत शांति थी और ये अचानक हुआ क...

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अंतहीन तप, असली कलाम By Rohit Sharma

अंतहीन तप तीजा तीन साल के बेटे को पेड़ के नीचे बैठाकर पत्थर तोड़ने में व्यस्त हो गई। मन ही मन सोच रही थी ....अब तो कुछ दिनों की बात है फिर तो मैं महावीर के साथ शहर चली जाउंगी। महावीर...

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सन्देश By Rajendra singh bisht

प्रातः काल का समय ," दो शक़्स बाइक में सवार रास्ते से गुजरते हुए ,यु हाव भाव और पहनावे से मालूम होता है की वो शक़्स सभ्य है और किसी खेल से ताल्लुक रखते है ," थोड़ी सी हसी मज़ाक करते हु...

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मेरी कहानी By Ajay Kumar Awasthi

मेरे पास बहुत महँगे कपड़े थे, पर जब मैं उन्हें पहनता तो उसकी तारीफ़ करने वाला कोई नही मिलता . मेरा बहुत बड़ा मकान है ,जो महँगे समानो से भरा पड़ा है,पर उन्हें देखने वाला कोई न...

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अह्सास By हरिराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

अह्सास हरि से मिलने से पूर्व आत्मिक सुख क्या होता है ये दिवंगत पिता से मैंने पाया था पर किसी को याद करके खुश होने का अह्सास हरि ने मुझे दिया l....

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मैं कायर तो नहीं By S Sinha

मैं कायर तो नहीं मैं कंप्यूटर साइंस में बी टेक कर चुका था . बेंगलुरु की मल्टीनेशनल कं...

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A SECRET LETTER - 2 By Hardik Chande

जैसे कि आपने पहले पार्ट में देखा,जीवा को एक अंजाना खत मिलता है जिसमे एक खंजर होता है और उसमें मिले एक कागज़ में एक शायरी भी लिखी हुई होती है। जीवा के पापा जीवा की मम्मी को फ़ोन लगाते...

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किटी पार्टी By Deepti Khanna

हर लम्हा कैद कर लूं इस जिंदगी का , समेट के रख लूं , तेरी खुदाई का । फिर मौका मिले या ना मिले, तेरे से प्यार जताने का । आ तुझे गले लगा लूं , मेरा नन्हा फरिश्ता समझ कर तुझे आज । म...

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सुबह की चाय By Saroj Prajapati

अरे रचना मैं तुम्हें एक बात बताना भूल गया । तुम तो देख रही हो ना पापा की तबीयत खराब है तो प्लीज सुबह 4:30 बजे उन दोनों के लिए चाय तुम बना देना।" "क्या पापा मम्मी सुबह 4:30 बजे चाय...

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देश-परदेश By Asha Rautela

देश-परदेश (दृश्य- सब लोग डायनिंग टेबल पर खाना खा रहे हैं) देव राठौर ने आज घर आते ही फरमान सुना दिया कि अगले सप्ताह 1 महीने के लिए हम सबको इंडिया जाना है। सब अपनी-अपनी पैकिंग कर ल...

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दादू की माशूका By S Sinha

1 कहानी - दादू की माशूका दीक्षांत समारोह समाप्त हुआ तो अंशु सक्सेना और नूर अहमद दोनों दोस्त डिग्री लेने के बाद पटना यूनिव...

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आंखो देखी By Kishanlal Sharma

नो नोईवा इटली से भारत भ्रमण को आई थी। उसके मित्र जोभारत भ्रमण करके गए थे, ने उसे बताया था कि भारत में विदेशी पर्यटक सुरक्षित नहीं है। टैक्सी वाले और पुलिस भी भरोसे लायक नहीं है।दिल...

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सप्तरंगी - लघु कथा By Nish

खुद की पहचान को जान कर भी ना जाहिर कर पाना.. जिंदगी की सबसे बड़ी उलझन होती है । लेकिन कोई कब तक अपनी असली पहचान छुपा सकता है?? यह कहानी भी ऐसे ही एक लड़के की है , जिसने पूरे समाज...

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मर्द By Anil Makariya

विकट परिस्थितियां ही साबित करती है कि कौन है असली मर्द?

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इत्ती सी, छोटी सी माँ By Annada patni

इत्ती सी, छोटी सी माँ अन्नदा पाटनी जैसे ही खिड़की खोली कि एक छोटे से बच्चे के रोने की आवाज़ आई । सोचा कोई बात नहीं , थोड़ी देर में चुप हो जायेगा। पास रखे शेल्फ़ से पुस्त...

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किरदार - 2 By Dhruvin Mavani

तब मैं नही जानता था और ये कह भी नही सकता था कि ये साल मेरी जिंदगी बदलने वाला होगा । इस साल में ऐसा कुछ होगा जो मेरी आगे की पूरी जिंदगी बदल देगा । धीरे धीरे वक्त बीत रहा था । सुबह ट...

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दोहरी मार By Dr Narendra Shukl

आलू है । गोभी है । प्याज़ है । ‘ रात के करीब आठ बजे कड़कती ठंड में सुनसान - सी पड़ी सड़क के एक कोने में किसी बच्चे की आवाज़ सनकर मैं चैंका ! शायद , कोई नया सब्ज़ी वाला है । सड़क पर आकर...

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गुरप्रीत By Pallavi Saxena

धीरे-धीरे दिन हफ्ते महीने बीत चले है। अब साल खत्म होने को है। जैसे-जैसे परीक्षा का समय निकट आ रहा है, वैसे-वैसे मेरे दिल की धड़कनों में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। बचपन से ही मुझे परीक्षा...

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सुन रहे हो न बापू By Annada patni

सुन रहे हो न बापू अन्नदा पाटनी कितने दिनों से सोच रही थी कि फोन करूँगी पर हर रोज किसी न किसी कारण रह ही जाता । कभी सोचती कि बात करूँ न करूँ , कहीं उन्हें क्रोध आ गया तो...

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दिल से...... By Swati

"यार ! जफ़र तेरा हाल भी शहरुख की फिल्म 'दिल से' की तरह होने वाला है ।" इमरान ने कहा । "क्यों क्या होने वाला है मुझे ?" उस फ़िल्म में हीरोइन हीरो को छोड़ कु...

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दवा By महेश रौतेला

दवा:बगीचे में घूम रहा था। तभी एक बुजुर्ग बेंच पर बैठे दिखे। मैं उनकी बगल की बेंच पर बैठ गया। परिचय होने लगा। उनकी उम्र तिरासी साल है। आँखों से साफ-साफ नहीं दिखायी देता है। वे जहाँ...

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रिश्ते -ज़रूरत या ईश्वरीय देन By A A rajput

बहुत दिनो से सोच रहा था कि आज कल के रिश्तों में वो बात क्यूँ नहीं हैं जिस रिश्तों की कहानी मैं अपने पापा माँ या फिर दादादादी से सुनता था ...क्यों अब लोगों की रिश्ते निभाने की चाह स...

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कार का भूत By Asha Rautela

कार का भूत नमन के घर के पास एक पार्क था। नमन अपने दोस्त शेखर के साथ...

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रिश्तों की अहमियत By आयुषी सिंह

" चल यार निशी फाइनली आज का एग्जाम हुआ, सच में बहुत लेंथी था पेपर " हमने अपना हाथ झिटकते हुए कहा। " हां मीरा तू ठीक कह रही है " निशी भी थकी हुई बोली। " देख बे माना आज तू अपनी स्कूटी...

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जय बजरंगबली By सिद्धार्थ शुक्ला

#जय_बजरंगबलीपूज्य हनुमान जी को खबर मिली कि पृथ्वी पर उनके गोत्र को लेकर काफी घमासान मचा है। उन्होंने तो कभी इस विषय मे सोचा ही नही था। और वो कैसे सोचते ? सूर्य का क्या कोई गोत्र हो...

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नगर ढिंढोरा By Vandana Joshi

बारह बजने मे सिर्फ सात मिनट बाकी थे ,ज़्यादातर घरों की बिजलियाँ बंद थीं लेकिन कुछ थे जो अब भी अपने बच्चों को मोबाइल जब्त करने की धम्की दे कर सुलाने का अथक प्रयास कर रहे थे । यही वो...

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मैं कहानी नहीं By Rohit Sharma

सुकेत का फोन वाइब्रेट कर रहा था। सुकेत का फोन केवल इसी नंबर पर वाइब्रेट करता था रिगटोन इस नंबर के लिए साइलेंट थी। लेकिन यह वाइब्रेशन वह तत्काल पीछे पहुंच जाता है जब वह ऑफिस में बैठ...

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लूसिफ़र By Anil Makariya

जिस तरह हर इंसान के अंदर ईश्वर का वास होता है उसी तरह हर इंसान में बसता है.. लूसिफ़र

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मर्यादा की अर्थी By Ved Prakash Tyagi

मर्यादा की अर्थी जमीला ने जैसे हमेशा के लिए ही चारपाई पकड़ ली थी, सलीम जो भी कमाकर लाता सब उसकी दवा चिकित्सा पर ही खर्च हो जाता। रिहाना बारह वर्ष की हुई थी, स्कूल जाती व घर पर माँ...

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अमेरिकन नाईटमेयर By S Sinha

कहानी - अमेरिकन नाईटमेयर वर्षों से अमेरिका हमारे युवाओं के सपनों की मंजिल रहा है - ए ड्रीम डेस्टिनेशन . विशेष कर 90 के दशक से आई ट...

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सलीम-अनारकली By Swati

सामने कुर्सी पर शान से बैठा हुआ। रंग-बिरंगा स्वेटर और गले में मफलर पहनकर बड़ी-भूरी आँखों से इधर-उधर देखकर पूरे घर का जायज़ा ले रहा है । घर के सभी सदस्यों की...

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खाना कहा से बन के आया है? By Tasnim Bharmal

'ज़ख्म और जहर जितना गेहरा होता है उतना ही जान लेवा भी होता है' ये बात कहानियों के जरिए शिवम् अपनी १२ साल की जुड़वा बेटीया मीरां और माहिरा को रोज़ एक अलग कहानी लिख कर सुनाता...

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वस्तु नही भाव चाहिए By Ajay Kumar Awasthi

उसने ज्योहीं कंडे जलाकर हवन किया सारे घर मे धुंआ फैल गया । घर के सभी लोग खाँसने लगे,उनकी आंखों में जलन होने लगी । अनल इस बात से सीमा पर नाराज भी हुआ कि ,"तुम ये जो रोज कंडे जलाकर प...

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 23 By Pranava Bharti

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अंतहीन तप, असली कलाम By Rohit Sharma

अंतहीन तप तीजा तीन साल के बेटे को पेड़ के नीचे बैठाकर पत्थर तोड़ने में व्यस्त हो गई। मन ही मन सोच रही थी ....अब तो कुछ दिनों की बात है फिर तो मैं महावीर के साथ शहर चली जाउंगी। महावीर...

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प्रातः काल का समय ," दो शक़्स बाइक में सवार रास्ते से गुजरते हुए ,यु हाव भाव और पहनावे से मालूम होता है की वो शक़्स सभ्य है और किसी खेल से ताल्लुक रखते है ," थोड़ी सी हसी मज़ाक करते हु...

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मेरी कहानी By Ajay Kumar Awasthi

मेरे पास बहुत महँगे कपड़े थे, पर जब मैं उन्हें पहनता तो उसकी तारीफ़ करने वाला कोई नही मिलता . मेरा बहुत बड़ा मकान है ,जो महँगे समानो से भरा पड़ा है,पर उन्हें देखने वाला कोई न...

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अह्सास By हरिराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

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मैं कायर तो नहीं By S Sinha

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A SECRET LETTER - 2 By Hardik Chande

जैसे कि आपने पहले पार्ट में देखा,जीवा को एक अंजाना खत मिलता है जिसमे एक खंजर होता है और उसमें मिले एक कागज़ में एक शायरी भी लिखी हुई होती है। जीवा के पापा जीवा की मम्मी को फ़ोन लगाते...

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हर लम्हा कैद कर लूं इस जिंदगी का , समेट के रख लूं , तेरी खुदाई का । फिर मौका मिले या ना मिले, तेरे से प्यार जताने का । आ तुझे गले लगा लूं , मेरा नन्हा फरिश्ता समझ कर तुझे आज । म...

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दादू की माशूका By S Sinha

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मर्द By Anil Makariya

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इत्ती सी, छोटी सी माँ अन्नदा पाटनी जैसे ही खिड़की खोली कि एक छोटे से बच्चे के रोने की आवाज़ आई । सोचा कोई बात नहीं , थोड़ी देर में चुप हो जायेगा। पास रखे शेल्फ़ से पुस्त...

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तब मैं नही जानता था और ये कह भी नही सकता था कि ये साल मेरी जिंदगी बदलने वाला होगा । इस साल में ऐसा कुछ होगा जो मेरी आगे की पूरी जिंदगी बदल देगा । धीरे धीरे वक्त बीत रहा था । सुबह ट...

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आलू है । गोभी है । प्याज़ है । ‘ रात के करीब आठ बजे कड़कती ठंड में सुनसान - सी पड़ी सड़क के एक कोने में किसी बच्चे की आवाज़ सनकर मैं चैंका ! शायद , कोई नया सब्ज़ी वाला है । सड़क पर आकर...

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गुरप्रीत By Pallavi Saxena

धीरे-धीरे दिन हफ्ते महीने बीत चले है। अब साल खत्म होने को है। जैसे-जैसे परीक्षा का समय निकट आ रहा है, वैसे-वैसे मेरे दिल की धड़कनों में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। बचपन से ही मुझे परीक्षा...

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दिल से...... By Swati

"यार ! जफ़र तेरा हाल भी शहरुख की फिल्म 'दिल से' की तरह होने वाला है ।" इमरान ने कहा । "क्यों क्या होने वाला है मुझे ?" उस फ़िल्म में हीरोइन हीरो को छोड़ कु...

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दवा By महेश रौतेला

दवा:बगीचे में घूम रहा था। तभी एक बुजुर्ग बेंच पर बैठे दिखे। मैं उनकी बगल की बेंच पर बैठ गया। परिचय होने लगा। उनकी उम्र तिरासी साल है। आँखों से साफ-साफ नहीं दिखायी देता है। वे जहाँ...

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जय बजरंगबली By सिद्धार्थ शुक्ला

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मैं कहानी नहीं By Rohit Sharma

सुकेत का फोन वाइब्रेट कर रहा था। सुकेत का फोन केवल इसी नंबर पर वाइब्रेट करता था रिगटोन इस नंबर के लिए साइलेंट थी। लेकिन यह वाइब्रेशन वह तत्काल पीछे पहुंच जाता है जब वह ऑफिस में बैठ...

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लूसिफ़र By Anil Makariya

जिस तरह हर इंसान के अंदर ईश्वर का वास होता है उसी तरह हर इंसान में बसता है.. लूसिफ़र

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मर्यादा की अर्थी By Ved Prakash Tyagi

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अमेरिकन नाईटमेयर By S Sinha

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