लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • एक अनोखा विवाह - 2

      Part 2 - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि घायल पुलिस अफसर राज जंगल में पानी के लिए तड़...

  • आत्मग्लानि - भाग -2

    आगे....बार -बार कोमल का मेरी तरफ देखना वहीं मेरी नजर का इत्तेफाकन उससे टकरा जाना...

  • रावण

    रावण बनना भी कहां आसान...रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...रावण में वासना थ...

एक अनोखा विवाह - 2 By S Sinha

  Part 2 - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि घायल पुलिस अफसर राज जंगल में पानी के लिए तड़प रहा था , अब आगे  …                                          कहानी - एक अनोखा विवाह 2 माँ ने कहा “...

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एक रूह की आत्मकथा - 6 By Ranjana Jaiswal

कितना बड़ा झूठ है कि जिंदगी में बस एक ही बार प्यार होता है।जिंदगी शेष हो तो प्रेम अशेष हो ही नहीं सकता। समर से मुझे प्यार हो जाएगा ,ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था।ठीक है कि वह मुझे...

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एक अनोखा विवाह - 1 By S Sinha

  Part 1 - एक आदमी की जान बचाने के लिए एक औरत ने उसे अपना दूध पिलाया और आगे चल कर  ….                                              कहानी - एक अनोखा विवाह     Part 1 - एक आदमी की जा...

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आत्मग्लानि - भाग -2 By Ruchi Dixit

आगे....बार -बार कोमल का मेरी तरफ देखना वहीं मेरी नजर का इत्तेफाकन उससे टकरा जाना जैसे वह मुझसे कुछ कहना चाह रही हो मगर संकोचवश रूक जाती है फिर जैसे थोड़ी सी हिम्मत कर आग्रहपूर्ण शब...

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रावण By धरमा

रावण बनना भी कहां आसान...रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...रावण में वासना थी तो संयम भी था...रावण में सीता के अपहरण की ताकत थीतो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प...

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कहानी सिंहासन की By धरमा

आगरा किले में मुगलों का टूटा हुआ सिंहासन---इस सिंहासन को हिन्दू वीर जाट महाराजा जवाहर सिंह जी ने एक मुक्का मारकर तोड़ा था। 12 जून 1761 को जाटों ने आगरा को जीत लिया था। 1774 तक आगरा...

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मैं क्या हूँ ? By Neelam Kulshreshtha

साहित्य नोबेल पुरस्कार -2022 विजेता एनी एरनॉक्स को समर्पित लघुकथा मैं क्या हूँ ? [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] [ कोरोनाकाल के विषय में फ़्राँस की इन लेखिका के कथन के संक्षिप्त अंश हैं -"आप भू...

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चेतक का पराक्रम By धरमा

हल्दीघाटी के युद्ध में बिना किसी सैनिक के राणा अपने पराक्रमी चेतक पर सवार हो कर पहाड़ की ओर चल पडे‌. उनके पीछे दो मुग़ल सैनिक लगे हुए थे, परन्तु चेतक ने अपना पराक्रम दिखाते हुए रास...

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इसराइल के तीन लोगों की अजीब कहानी By Hayaa Shaikh

बनी इसराइल में तीन लोग थे एक कोढ़ी, दूसरा गंजा, तीसरा अँधा फ़रिश्ता कोढ़ी के पासइन तीनों को अल्लाह तआला ने अपनी नेअमतें देकर आजमाने का इरादा किया तो उनके पास अपने एक फ़रिश्ते को भेजा,...

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मैं, मैं हूँ, मैं ही रहूँगी By Pranava Bharti

कवयित्री बीनू भटनागर ------------------------------ कई बार प्रश्न उठता है कि आखिर कोई कविता क्यों लिखता है ? सच कहूँ तो 12 वर्ष की उम्र से लिखना शुरू करने के बावजूद मेरे मन में कई...

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THE MISSING MAN...(MR. KEISUKE ) PART - 2 By Bhumesh Kamdi

THE MISSING MAN...(MR. KEISUKE ) PART-2 Continued...     चहेरे अलग है , लोग भी अलग है और दुनिया शायद वो भी अलग है और शायद हमारी इस दुनिया में कोई आगया था . आगे की कहानी अब आगे..   ...

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सन्नाटा By PRAWIN

‘सन्नाटा' कविता में कवि का परदेश में निवास करने का दर्द व्यक्त है। वे परदेश में रहते भाव से नहीं जुड़ पाए हैं। सब कुछ जम सा गया है। कोई हलचल नहीं है। वाणी मूक है, कुछ सुनाई नही...

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तुम औरत हो ! By Pranava Bharti

--------------- अब वह इस सबकी आदी हो चुकी है । लंबे बीस वर्ष किसी को भी किसी चीज़ का आदी बना सकते हैं । उसका यहाँ आना मानो इतिहास का एक अध्याय बन चुका है।बीस वर्ष पूर्व का इतिहास !...

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बीता कल और आज By Pranava Bharti

----------------------- आज जब कल की बात सोचती हूँ तो लगता है एक सपना जीती रही हूँ ताउम्र ! जीवन के शिशुपन से आज जीवन की अंतिम कगार पर खड़े हुए एक लंबी, असहाय सी श्वाँस निकलकर मेरे च...

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ब्राह्मणी और तिल के बीज By Jaimini Brahmbhatt

एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा सामान ख़त्म हो चुका था, इसी बात को लेकर ब्राह्मण और ब्राह्मण-पत्‍नी में...

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जाना पहेचाना By Devika Singh

‘उन की निगाहों में जाने कितने ही रंग समाए हैं….पर हर रंग में मुझे अपना ही अक्स नजर आता है….’अमर ने एकटक प्रतिभा को देखते हुए कहा तो वह हंस पड़ी.“चलो आज तुम्हें अपने पैरंट्स से मिलवा...

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एक तवे की रोटी By Deepak sharma

उस शाम संतोष बुआ मुझे जब अपने चैबारे के छज्जे पर दिखाई न दीं, तो उनकी खबर लेने में ऊपर उनके पास पहुँच ली। अपने बिस्तर पर लेटी वह थरथर काँप रही थीं। शीत से ठंडे शरीर के साथ। रज़ाई और...

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घट घट में हैं भगवान By ROHIT CHATURVEDI

एक बच्चा और उसके मम्मी-पापा पहाड़ों मे एक छोटे से गाँव मे रहते थे। क्योंकि उनके गाँव में कोई स्कूल नहीं था इसलिए जब बच्चा 3 साल का हो गया तो उसे पढ़ाने के लिए उसके मम्मी-पापा उसे लेक...

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शादी के साइड इफेक्ट्स... By Saroj Verma

भइया!जिसका ब्याह हो गया सो उससे पूछ लो कि शादी के साइड इफेक्ट्स क्या क्या होते हैं,शादी के बाद साइड में नहीं,ऊपर-नीचे,अगल-बगल,सब जगह ही इफेक्ट्स ही इफेक्ट्स होतें हैं.... शादी के ब...

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गुमनाम राजा - 5 By Harshit Ranjan

अब आगे :-राजा नरसिम्हवर्मन के पिता महेंद्रवर्मन और चालुक्यों के राजा पुलकेशी द्वितीय के बीच दक्षिण भारत के पुल्लूर नामक शहर में एक युद्ध हुआ था । पुलकेशी द्वितीय बहुत ही महत्वकांक्...

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रिक्शा वाला व पहनावा By दिनू

पहनावाएक महिला को सब्जी मंडी जाना था। उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे सब्जी मंडी की और चल पड़ी। तभी पीछे से एक रिक्शा वाले ने आवाज़ दी: "कहाँ जायेंगी माता जी...?'' मह...

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सेब By Bookboard.In

चलती सड़क के किनारे एक विशेष प्रकार का जो एकांत होता है, उसमें मैंने एक लड़की को किसी की प्रतीक्षा करते पाया। उसकी आँखें सड़क के पार किसी की गतिविधि को पिछुआ रही थीं और आँखों के सा...

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दीवाली के बाद  By ROHIT CHATURVEDI

दीवाली ने आपको और मुझे बहुत सारी खुशियाँ दीं और हर साल की तरह कुछ ही घंटों मे बीत गई, जैसा की मैंने अपने पिछले किस्से मे आपसे साझा किया। दीवाली की छुट्टियों के बाद कल से बच्चों के...

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मीठे पानी का कुआँ. By Piyush Goel

तेजगढ़ राज्य दुखों की चपेट में आ गया, लोग पानी के लिये तरसने लगे. तेजगढ़ के राजा को अपनी प्रजा की कोई चिंता न थीं.राजा अपने में ही मस्त रहते थे , ज़्यादातर समय शिकार खेलने में ही व...

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इश़्क का चक्कर.. By Saroj Verma

अब हम आप सबसे का बताएं कि पहली नज़र का इश़्क क्या होता है,काहे से हम ठहरे बुन्देलखण्डी मोड़ा,सो हम हैं बुद्धि के ठस,हमाए दिमाग में जल्दी से कछु घुसत नइया,हमें ऐसो लगत हतो कि जो सब इश...

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शुभ दीवाली By ROHIT CHATURVEDI

शुभ दीवाली आ ही गयी दीवाली, आप सभी को इस वर्ष की और आपके जीवन में आने वाली हर दीवाली की ह्रदय से शुभकामनायें एवं बधाई. आप सभी का जीवन दीवाली के दीपक की रौशनी की तरह जगमगाता हुआ व्य...

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मनुष्य के कर्म किस जन्म तक चुकाना पड़ता है। By Akash Gupta

गाली देकर कर्म काट रही है एक राजा बड़ा धर्मात्मा, न्यायकारी और परमेश्वर का भक्त था। उसने ठाकुरजी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बड़ा सदाचारी...

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दिल का रिश्ता By Sital Kaur

रेखा सो जाओ सुबह तुमे जल्दी उठना होता है, समीर अपना फोन बंद करते हुए मुझे बोले । "बस सो रही हूँ "कहते कहते मेने भी अपना फ़ोन रख दिआ और आंखे बंद कर के लेट गई । कितने कमजोर हो गए है आ...

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सपने दादी मां के By Udita Mishra

सपने दादी मां केडॉ विभा अपने शहर की मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ थी जो दिन भर अस्पताल में व्यस्त रहती थीं। खुद उनका अपना अस्पताल था उस अस्पताल में सभी तरह के रोगों की चिकित्सा की जाती...

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दीवाली का प्रकाश By ROHIT CHATURVEDI

दीवाली का प्रकाश हर साल की तरह इस साल भी हल्की-हल्की सर्दी लेकर दीवाली का आगमन हुआ, पर कुछ अलग, क्योंकि इस बार की दीवाली मैं आप सब के साथ मनाने वाला हूँ, इस किस्से का नाम “दीवाली क...

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प्यार मे सब कुछ जायज है। By Akash Gupta

"रवि और अनिता की पहली मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी। अनिता की आँखों ने पहली नजर में ही रवि को अपने प्यार के मोहजाल में फँसा लिया था और रवि भी बिना कुछ सोचे समझे उसकी तरफ खिंचता...

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दाई अम्मा By S Sinha

                                                                               कहानी - दाई अम्मा     अरुण की नयी नयी शादी हुई थी  .  उस दिन  रांची से बारात  लौट कर आने वाली थी   ....

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मंत्रणा By Deepak sharma

तूफान की आँख ? कनकलता को आज अखबार में देखा तो भूगोल में दी गई तूफान की तस्वीर और व्याख्या याद हो आई : ’प्रत्येक तूफान का एक केंद्र होता है जो आँख की शक्ल लिए रहता है। प्रचंड...

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स्वाद वो भी आपकी मां के हाथों के बनाए खाने में By Saroj Prajapati

आज क्या बनाऊं समझ नहीं आ रहा, रागिनी ने अपने पति से कहा।सुनो!! आज जैसे मेरी मां दाल बनाती थी वैसी दाल बनाओ ना! बड़ा मन है खाने का।रागिनी का पति कुछ सोचते हुए बोला।उसे भी खाने का क्...

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यह जिंदगी तुम्हारी है By Manisha Netwal

H.K.N. engineering college of Delhi, (काल्पनिक नाम) की चार मंजिला बिल्डिंग के नीचे पिछले एक घंटे से भारी भीड़ जमा थी,, कॉलेज स्टूडेंट्स, टीचर्स और आसपास के कुछ लोग खड़े थे,,, सबकी...

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गरीबी हटाओ By Prabodh Kumar Govil

कॉलेज की छुट्टियां होने वाली थीं, शाम को गली के नुक्कड़ पर तीनों दोस्त मिले। करण ने पूछा - "तो इस बार छुट्टियों का थीम क्या रहेगा?" - थीम? थीम क्या? शाबान ने आश्चर्य से पूछा। - अरे...

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समर्पण - सच्चा प्रेम By धरमा

समर्पण- सच्चा प्रेम एक बार नारद जी ने द्वारकाधीश से पूछा- "प्रभु! क्या कारण है की सर्वत्र संसार में राधे-राधे हो रहा है। आपकी महापटरानी 'रुकमणी' और अन्य रानियों को तो ब्रज...

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चिकनी - चुपड़ी दुनिया By Prabodh Kumar Govil

बहुत पुरानी बात है, एक दिन मांजी ने घर में काम करने वाली महरी को दो रोटियां पकड़ाते हुए कहा - सुन, ये घी लगी हुई रोटी तो तू खा ले, और ये दूसरी रूखी रोटी को जाते समय किसी गाय को खिल...

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गरीबी एक इम्तेहान By Manisha Netwal

पंकज आज लास्ट वार्निंग है अगर दो दिन में स्कूल फीस जमा नहीं हुई तो मैं तुम्हें स्कूल से निकाल दूंगा... प्रिंसिपल कक्ष से प्रिंसिपल की कड़कती आवाज सामने खड़े बारहवीं कक्षा के पंकज क...

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वीर बाला चम्पा By दिनू

महाराणा प्रताप सिंह जी की वीर पुत्री के त्याग के बारे पढे।। वीर बाला चम्पा :- महाराणा प्रताप परिस्थितियों के कारण वन-वन भटक रहे थे किन्तु उन्होंने मुगलों के सामने झुकना मंजूर नहीं...

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शादी के साइड इफेक्ट्स By Saroj Prajapati

"और सुना मीनल क्या हाल-चाल है!! बच्चे कैसे हैं !!"" सब ठीक-ठाक है मम्मी और बच्चे भी बढ़िया हैं अपने कमरे में फिल्म देख रहे हैं!!"" कौन सी फिल्म देख रहे हैं!!"" शादी के साइड इफेक्ट्...

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हक है हमारा तुम पर By Manisha Netwal

कृष्णा... यार हमें बहुत अजीब लग रहा है पापा जी ने इतनी जल्दी क्यों बुलाया होगा...? 19- 20 वर्षीय लड़की अपनी ही हम उम्र लड़की से बोल रही थी उसके चेहरे पर उदासी की लकीरे साफ दिखाई दे...

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मेरा खेत महान् By नवीन प्रीतम नारेड़ा

ग्राम पंचायत - खोहरा , तहसील - टोडाभीम , जिला - करौली ( राजस्थान ) । दिनांक - 07 जून 2022 । में आज अपने मम्मी - पापा के साथ खेत पर गया। बाजरे का खेत था। किन्तु इसका यह अर्थ कदापि न...

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क्रान्तिकारी शहीद शिवराम हरि राजगुरु By दिनू

आज एचएसआरए के महान क्रान्तिकारी शहीद शिवराम हरि राजगुरु का जन्मदिवस है। पूना के खेड़ा में 24 अगस्त 1908 को जन्म लेने वाले राजगुरु घर छोड़कर पढ़ाई के लिए बनारस आये थे। यहीं उनका सम्...

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बॉडी शैमिंग By Manisha Netwal

इंसान नहीं मजाक हूं मैं जिसे दुनिया अतरंगी नामों से पुकारती है सांवला सा रंग है मेरा कद काठी भी कुछ खास नहीं दिखने में मोटी सी हूं नाक भी थोड़ी टेडी है आंखें पूरी खुलती नहीं ना गाल...

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एक चीतल हिरण की व्यथा By धरमा

एक चीतल हिरण की व्यथा- आप लोग ठीक कह रहे हैं कि मैं एक जानवर हूँ और मुझे जंगल में शिकारी जीवों के बीच ही जीवन की जद्दोजहद करनी है। लेकिन मैं अभी जिस जंगल में रहता हूँ वंहा के शिकार...

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सेठ रामदास जी गुड़वाले  By दिनू

सेठ रामदास जी गुड़वाले 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उन पर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया । सेठ रामदास...

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इम्पोर्टेड लिपिस्टिक By Rohit Kumar Singh

रेणू कोअपने पति रमेश के साथ बंबई मे रहते अब पांच साल से भी उपर हो चुके थे,पर अभी तक उसने कोई बडा शापिंग माल नही देखा था,सिर्फ उसकी बाते सुनी थी,ना कभी भीतर गयी थी,बाहर से ही कई बार...

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सेठ का पत्र By Piyush Goel

एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे जिनका अपनी पंसारी की दुकान थी. सेठ जी की उम्र क़रीब ३५ साल की थी.एक दिन दोपहरी में एक गरीब महिला अपने १० साल के बेटे के साथ सेठ जी की दुकान पर स...

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एक अनोखा विवाह - 2 By S Sinha

  Part 2 - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि घायल पुलिस अफसर राज जंगल में पानी के लिए तड़प रहा था , अब आगे  …                                          कहानी - एक अनोखा विवाह 2 माँ ने कहा “...

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एक रूह की आत्मकथा - 6 By Ranjana Jaiswal

कितना बड़ा झूठ है कि जिंदगी में बस एक ही बार प्यार होता है।जिंदगी शेष हो तो प्रेम अशेष हो ही नहीं सकता। समर से मुझे प्यार हो जाएगा ,ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था।ठीक है कि वह मुझे...

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एक अनोखा विवाह - 1 By S Sinha

  Part 1 - एक आदमी की जान बचाने के लिए एक औरत ने उसे अपना दूध पिलाया और आगे चल कर  ….                                              कहानी - एक अनोखा विवाह     Part 1 - एक आदमी की जा...

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आत्मग्लानि - भाग -2 By Ruchi Dixit

आगे....बार -बार कोमल का मेरी तरफ देखना वहीं मेरी नजर का इत्तेफाकन उससे टकरा जाना जैसे वह मुझसे कुछ कहना चाह रही हो मगर संकोचवश रूक जाती है फिर जैसे थोड़ी सी हिम्मत कर आग्रहपूर्ण शब...

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रावण By धरमा

रावण बनना भी कहां आसान...रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...रावण में वासना थी तो संयम भी था...रावण में सीता के अपहरण की ताकत थीतो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प...

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कहानी सिंहासन की By धरमा

आगरा किले में मुगलों का टूटा हुआ सिंहासन---इस सिंहासन को हिन्दू वीर जाट महाराजा जवाहर सिंह जी ने एक मुक्का मारकर तोड़ा था। 12 जून 1761 को जाटों ने आगरा को जीत लिया था। 1774 तक आगरा...

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मैं क्या हूँ ? By Neelam Kulshreshtha

साहित्य नोबेल पुरस्कार -2022 विजेता एनी एरनॉक्स को समर्पित लघुकथा मैं क्या हूँ ? [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] [ कोरोनाकाल के विषय में फ़्राँस की इन लेखिका के कथन के संक्षिप्त अंश हैं -"आप भू...

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चेतक का पराक्रम By धरमा

हल्दीघाटी के युद्ध में बिना किसी सैनिक के राणा अपने पराक्रमी चेतक पर सवार हो कर पहाड़ की ओर चल पडे‌. उनके पीछे दो मुग़ल सैनिक लगे हुए थे, परन्तु चेतक ने अपना पराक्रम दिखाते हुए रास...

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इसराइल के तीन लोगों की अजीब कहानी By Hayaa Shaikh

बनी इसराइल में तीन लोग थे एक कोढ़ी, दूसरा गंजा, तीसरा अँधा फ़रिश्ता कोढ़ी के पासइन तीनों को अल्लाह तआला ने अपनी नेअमतें देकर आजमाने का इरादा किया तो उनके पास अपने एक फ़रिश्ते को भेजा,...

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मैं, मैं हूँ, मैं ही रहूँगी By Pranava Bharti

कवयित्री बीनू भटनागर ------------------------------ कई बार प्रश्न उठता है कि आखिर कोई कविता क्यों लिखता है ? सच कहूँ तो 12 वर्ष की उम्र से लिखना शुरू करने के बावजूद मेरे मन में कई...

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THE MISSING MAN...(MR. KEISUKE ) PART - 2 By Bhumesh Kamdi

THE MISSING MAN...(MR. KEISUKE ) PART-2 Continued...     चहेरे अलग है , लोग भी अलग है और दुनिया शायद वो भी अलग है और शायद हमारी इस दुनिया में कोई आगया था . आगे की कहानी अब आगे..   ...

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सन्नाटा By PRAWIN

‘सन्नाटा' कविता में कवि का परदेश में निवास करने का दर्द व्यक्त है। वे परदेश में रहते भाव से नहीं जुड़ पाए हैं। सब कुछ जम सा गया है। कोई हलचल नहीं है। वाणी मूक है, कुछ सुनाई नही...

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तुम औरत हो ! By Pranava Bharti

--------------- अब वह इस सबकी आदी हो चुकी है । लंबे बीस वर्ष किसी को भी किसी चीज़ का आदी बना सकते हैं । उसका यहाँ आना मानो इतिहास का एक अध्याय बन चुका है।बीस वर्ष पूर्व का इतिहास !...

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बीता कल और आज By Pranava Bharti

----------------------- आज जब कल की बात सोचती हूँ तो लगता है एक सपना जीती रही हूँ ताउम्र ! जीवन के शिशुपन से आज जीवन की अंतिम कगार पर खड़े हुए एक लंबी, असहाय सी श्वाँस निकलकर मेरे च...

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ब्राह्मणी और तिल के बीज By Jaimini Brahmbhatt

एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा सामान ख़त्म हो चुका था, इसी बात को लेकर ब्राह्मण और ब्राह्मण-पत्‍नी में...

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जाना पहेचाना By Devika Singh

‘उन की निगाहों में जाने कितने ही रंग समाए हैं….पर हर रंग में मुझे अपना ही अक्स नजर आता है….’अमर ने एकटक प्रतिभा को देखते हुए कहा तो वह हंस पड़ी.“चलो आज तुम्हें अपने पैरंट्स से मिलवा...

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एक तवे की रोटी By Deepak sharma

उस शाम संतोष बुआ मुझे जब अपने चैबारे के छज्जे पर दिखाई न दीं, तो उनकी खबर लेने में ऊपर उनके पास पहुँच ली। अपने बिस्तर पर लेटी वह थरथर काँप रही थीं। शीत से ठंडे शरीर के साथ। रज़ाई और...

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घट घट में हैं भगवान By ROHIT CHATURVEDI

एक बच्चा और उसके मम्मी-पापा पहाड़ों मे एक छोटे से गाँव मे रहते थे। क्योंकि उनके गाँव में कोई स्कूल नहीं था इसलिए जब बच्चा 3 साल का हो गया तो उसे पढ़ाने के लिए उसके मम्मी-पापा उसे लेक...

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शादी के साइड इफेक्ट्स... By Saroj Verma

भइया!जिसका ब्याह हो गया सो उससे पूछ लो कि शादी के साइड इफेक्ट्स क्या क्या होते हैं,शादी के बाद साइड में नहीं,ऊपर-नीचे,अगल-बगल,सब जगह ही इफेक्ट्स ही इफेक्ट्स होतें हैं.... शादी के ब...

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गुमनाम राजा - 5 By Harshit Ranjan

अब आगे :-राजा नरसिम्हवर्मन के पिता महेंद्रवर्मन और चालुक्यों के राजा पुलकेशी द्वितीय के बीच दक्षिण भारत के पुल्लूर नामक शहर में एक युद्ध हुआ था । पुलकेशी द्वितीय बहुत ही महत्वकांक्...

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रिक्शा वाला व पहनावा By दिनू

पहनावाएक महिला को सब्जी मंडी जाना था। उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे सब्जी मंडी की और चल पड़ी। तभी पीछे से एक रिक्शा वाले ने आवाज़ दी: "कहाँ जायेंगी माता जी...?'' मह...

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सेब By Bookboard.In

चलती सड़क के किनारे एक विशेष प्रकार का जो एकांत होता है, उसमें मैंने एक लड़की को किसी की प्रतीक्षा करते पाया। उसकी आँखें सड़क के पार किसी की गतिविधि को पिछुआ रही थीं और आँखों के सा...

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दीवाली के बाद  By ROHIT CHATURVEDI

दीवाली ने आपको और मुझे बहुत सारी खुशियाँ दीं और हर साल की तरह कुछ ही घंटों मे बीत गई, जैसा की मैंने अपने पिछले किस्से मे आपसे साझा किया। दीवाली की छुट्टियों के बाद कल से बच्चों के...

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मीठे पानी का कुआँ. By Piyush Goel

तेजगढ़ राज्य दुखों की चपेट में आ गया, लोग पानी के लिये तरसने लगे. तेजगढ़ के राजा को अपनी प्रजा की कोई चिंता न थीं.राजा अपने में ही मस्त रहते थे , ज़्यादातर समय शिकार खेलने में ही व...

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इश़्क का चक्कर.. By Saroj Verma

अब हम आप सबसे का बताएं कि पहली नज़र का इश़्क क्या होता है,काहे से हम ठहरे बुन्देलखण्डी मोड़ा,सो हम हैं बुद्धि के ठस,हमाए दिमाग में जल्दी से कछु घुसत नइया,हमें ऐसो लगत हतो कि जो सब इश...

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शुभ दीवाली By ROHIT CHATURVEDI

शुभ दीवाली आ ही गयी दीवाली, आप सभी को इस वर्ष की और आपके जीवन में आने वाली हर दीवाली की ह्रदय से शुभकामनायें एवं बधाई. आप सभी का जीवन दीवाली के दीपक की रौशनी की तरह जगमगाता हुआ व्य...

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मनुष्य के कर्म किस जन्म तक चुकाना पड़ता है। By Akash Gupta

गाली देकर कर्म काट रही है एक राजा बड़ा धर्मात्मा, न्यायकारी और परमेश्वर का भक्त था। उसने ठाकुरजी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बड़ा सदाचारी...

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दिल का रिश्ता By Sital Kaur

रेखा सो जाओ सुबह तुमे जल्दी उठना होता है, समीर अपना फोन बंद करते हुए मुझे बोले । "बस सो रही हूँ "कहते कहते मेने भी अपना फ़ोन रख दिआ और आंखे बंद कर के लेट गई । कितने कमजोर हो गए है आ...

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सपने दादी मां के By Udita Mishra

सपने दादी मां केडॉ विभा अपने शहर की मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ थी जो दिन भर अस्पताल में व्यस्त रहती थीं। खुद उनका अपना अस्पताल था उस अस्पताल में सभी तरह के रोगों की चिकित्सा की जाती...

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दीवाली का प्रकाश By ROHIT CHATURVEDI

दीवाली का प्रकाश हर साल की तरह इस साल भी हल्की-हल्की सर्दी लेकर दीवाली का आगमन हुआ, पर कुछ अलग, क्योंकि इस बार की दीवाली मैं आप सब के साथ मनाने वाला हूँ, इस किस्से का नाम “दीवाली क...

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प्यार मे सब कुछ जायज है। By Akash Gupta

"रवि और अनिता की पहली मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी। अनिता की आँखों ने पहली नजर में ही रवि को अपने प्यार के मोहजाल में फँसा लिया था और रवि भी बिना कुछ सोचे समझे उसकी तरफ खिंचता...

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दाई अम्मा By S Sinha

                                                                               कहानी - दाई अम्मा     अरुण की नयी नयी शादी हुई थी  .  उस दिन  रांची से बारात  लौट कर आने वाली थी   ....

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मंत्रणा By Deepak sharma

तूफान की आँख ? कनकलता को आज अखबार में देखा तो भूगोल में दी गई तूफान की तस्वीर और व्याख्या याद हो आई : ’प्रत्येक तूफान का एक केंद्र होता है जो आँख की शक्ल लिए रहता है। प्रचंड...

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स्वाद वो भी आपकी मां के हाथों के बनाए खाने में By Saroj Prajapati

आज क्या बनाऊं समझ नहीं आ रहा, रागिनी ने अपने पति से कहा।सुनो!! आज जैसे मेरी मां दाल बनाती थी वैसी दाल बनाओ ना! बड़ा मन है खाने का।रागिनी का पति कुछ सोचते हुए बोला।उसे भी खाने का क्...

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यह जिंदगी तुम्हारी है By Manisha Netwal

H.K.N. engineering college of Delhi, (काल्पनिक नाम) की चार मंजिला बिल्डिंग के नीचे पिछले एक घंटे से भारी भीड़ जमा थी,, कॉलेज स्टूडेंट्स, टीचर्स और आसपास के कुछ लोग खड़े थे,,, सबकी...

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गरीबी हटाओ By Prabodh Kumar Govil

कॉलेज की छुट्टियां होने वाली थीं, शाम को गली के नुक्कड़ पर तीनों दोस्त मिले। करण ने पूछा - "तो इस बार छुट्टियों का थीम क्या रहेगा?" - थीम? थीम क्या? शाबान ने आश्चर्य से पूछा। - अरे...

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समर्पण - सच्चा प्रेम By धरमा

समर्पण- सच्चा प्रेम एक बार नारद जी ने द्वारकाधीश से पूछा- "प्रभु! क्या कारण है की सर्वत्र संसार में राधे-राधे हो रहा है। आपकी महापटरानी 'रुकमणी' और अन्य रानियों को तो ब्रज...

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चिकनी - चुपड़ी दुनिया By Prabodh Kumar Govil

बहुत पुरानी बात है, एक दिन मांजी ने घर में काम करने वाली महरी को दो रोटियां पकड़ाते हुए कहा - सुन, ये घी लगी हुई रोटी तो तू खा ले, और ये दूसरी रूखी रोटी को जाते समय किसी गाय को खिल...

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गरीबी एक इम्तेहान By Manisha Netwal

पंकज आज लास्ट वार्निंग है अगर दो दिन में स्कूल फीस जमा नहीं हुई तो मैं तुम्हें स्कूल से निकाल दूंगा... प्रिंसिपल कक्ष से प्रिंसिपल की कड़कती आवाज सामने खड़े बारहवीं कक्षा के पंकज क...

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वीर बाला चम्पा By दिनू

महाराणा प्रताप सिंह जी की वीर पुत्री के त्याग के बारे पढे।। वीर बाला चम्पा :- महाराणा प्रताप परिस्थितियों के कारण वन-वन भटक रहे थे किन्तु उन्होंने मुगलों के सामने झुकना मंजूर नहीं...

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शादी के साइड इफेक्ट्स By Saroj Prajapati

"और सुना मीनल क्या हाल-चाल है!! बच्चे कैसे हैं !!"" सब ठीक-ठाक है मम्मी और बच्चे भी बढ़िया हैं अपने कमरे में फिल्म देख रहे हैं!!"" कौन सी फिल्म देख रहे हैं!!"" शादी के साइड इफेक्ट्...

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हक है हमारा तुम पर By Manisha Netwal

कृष्णा... यार हमें बहुत अजीब लग रहा है पापा जी ने इतनी जल्दी क्यों बुलाया होगा...? 19- 20 वर्षीय लड़की अपनी ही हम उम्र लड़की से बोल रही थी उसके चेहरे पर उदासी की लकीरे साफ दिखाई दे...

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मेरा खेत महान् By नवीन प्रीतम नारेड़ा

ग्राम पंचायत - खोहरा , तहसील - टोडाभीम , जिला - करौली ( राजस्थान ) । दिनांक - 07 जून 2022 । में आज अपने मम्मी - पापा के साथ खेत पर गया। बाजरे का खेत था। किन्तु इसका यह अर्थ कदापि न...

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क्रान्तिकारी शहीद शिवराम हरि राजगुरु By दिनू

आज एचएसआरए के महान क्रान्तिकारी शहीद शिवराम हरि राजगुरु का जन्मदिवस है। पूना के खेड़ा में 24 अगस्त 1908 को जन्म लेने वाले राजगुरु घर छोड़कर पढ़ाई के लिए बनारस आये थे। यहीं उनका सम्...

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बॉडी शैमिंग By Manisha Netwal

इंसान नहीं मजाक हूं मैं जिसे दुनिया अतरंगी नामों से पुकारती है सांवला सा रंग है मेरा कद काठी भी कुछ खास नहीं दिखने में मोटी सी हूं नाक भी थोड़ी टेडी है आंखें पूरी खुलती नहीं ना गाल...

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एक चीतल हिरण की व्यथा By धरमा

एक चीतल हिरण की व्यथा- आप लोग ठीक कह रहे हैं कि मैं एक जानवर हूँ और मुझे जंगल में शिकारी जीवों के बीच ही जीवन की जद्दोजहद करनी है। लेकिन मैं अभी जिस जंगल में रहता हूँ वंहा के शिकार...

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सेठ रामदास जी गुड़वाले  By दिनू

सेठ रामदास जी गुड़वाले 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उन पर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया । सेठ रामदास...

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इम्पोर्टेड लिपिस्टिक By Rohit Kumar Singh

रेणू कोअपने पति रमेश के साथ बंबई मे रहते अब पांच साल से भी उपर हो चुके थे,पर अभी तक उसने कोई बडा शापिंग माल नही देखा था,सिर्फ उसकी बाते सुनी थी,ना कभी भीतर गयी थी,बाहर से ही कई बार...

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सेठ का पत्र By Piyush Goel

एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे जिनका अपनी पंसारी की दुकान थी. सेठ जी की उम्र क़रीब ३५ साल की थी.एक दिन दोपहरी में एक गरीब महिला अपने १० साल के बेटे के साथ सेठ जी की दुकान पर स...

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