हास्य कथाएं कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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दो बाल्टी पानी - 22 By Sarvesh Saxena

गुप्ता जी और गुप्ताइन बड़े परेशान थे, कि पिंकी अब तक क्यूँ नहीं आई और मौसम उन्हें और डरा रहा था, गुप्ता जी आखिर पिंकी को ढूंढने घर से निकलने ही वाले थे कि तभी किसी ने जोर-जोर से दर...

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जो घर फूंके अपना - 53 - चले हमारे साथ! - अंतिम भाग By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 53 ----------चले हमारे साथ! पर अगले ही क्षण आई असली मुसीबत ! उस पार की तो छोडिये, इस पार ही, यानी रेस्तरां के दरवाज़े से, उसी क्षण दो जल्लादों ने प्रवेश किया. आप वह...

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सत्ते मास्साब By राजेश ओझा

सत्ते मास्साब जितने योग्य अध्यापक हैं उतने ही अच्छे विद्यार्थी भी थे..छात्र जीवन से प्रारंभ हुआ उनका प्रतिभा प्रदर्शन आज तक बिला नागा गतिमान है..आज भी कोई बात हो भाई तुरंत धारा प्र...

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समय यात्रा By suraj sharma

मै भविष्य से आया हूँ और आपको आने वाले १० सालो तक की सारी घटनाये बता सकता हूँ, २०३० तक दुनिया में क्या क्या होने वाला है वो सब मै आपको अभी बता सकता हूँ ...... अगर मै कहूँगा तो क्या...

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लॉकडाउन के पकौड़े By Archana Anupriya

" लॉकडाउन के पकौड़े"बाहर बूँदाबादी हो रही थी।मौसम बड़ा ही सुहावना था।ठंडी हवा,हरियाली का नजारा और लॉकडाउन में घर बैठने की फुरसत - मैं बड़े आराम से अपनी सातवीं मंजिल के फ्...

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राशिफ़ल(अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

हम सोचते सोचते शाहगंज के चौराहे पर आ पहुँचे थे।चौराहे पर आकर लाइन लगाकर खड़े रिक्शो पर हमने नज़र डाली थी।हम आज ऐसे रिक्शे में बैठना चाहते थे।जिसको चलाने वाला बीच की उम्र का हो। यानी...

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तोता उवाच: By Annada patni

तोता उवाच: अन्नदा पाटनी चिलचिलाती धूप, सुनसान सड़कें, किनारे पर खड़े इक्का दुक्का पेड़ जिन पर हरे पत्तों की दो चार डाल और बाक़ी ठूँठ । गरम हवा में लू के चपेटे । तभी एक तोता और मैना...

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चूरमा प्रसादी By Kumar Gourav

कल विवाह पंचमी पर संस्कृति बचाओ समिति द्वारा चौक पर हर साल की तरह इस बार भी जानकी विवाह का खेला हो रहा था । खालिद मियाँ विधायक के मुँहलगे हैं इस हैसियत से इस आयोजन के व्यवस्थापक है...

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बस नमक ज़्यादा हो गया - 4 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

बस नमक ज़्यादा हो गया - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 4 सादगी से शादी करने के उसके लाख आग्रह के बावजूद उसके मां-बाप बड़े धूमधाम से शादी कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाये हुए थे। एक शानदार...

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फर्जी फेसबुक अकाउंट By Pragya Chandna

आज लाॅकडाॅउन का पहला दिन है और मनीष घर पर सुबह से बोर हो रहा है। उसे समझ ही नहीं आ रहा कि वह क्या करें, पहले तो दिनभर आॅफिस के काम में कहां निकल जाता था पता ही नहीं चलता था।पर आज स...

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लुप्त होता इंद्रधनुष By Kailash Banwasi

लुप्त होता इंद्रधनुष कैलाश बनवासी ...और सारी आठवीं कक्षा ठहाकों में जैसे नाचने लगी-हा-हा-हा! हो-हो-हो! ही-ही-ही...! मैं भीतर ही भीतर चोट खाए साँप की तिलमिलाहट से भर गया। मन जाने कै...

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बर्तन इफेक्ट ...(व्यंग्य) By Sunil Jadhav

लेखक:-डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव, नांदेड़, भारत मो.९४०५३८४६७२ सूर्य देवता की लोरी सुनकर बाबूराव बिस्तर पर घड़ी की तरह गोल घूमते हुए निंद्रा रस का पान करते सुहाने सपनों के जश्न में डूब...

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चतुर दर्जी By राज बोहरे

लोक कथा- चतुर दर्जी सत्यप्रकाश नाम का दर्जी कपड़े सीने में बड़ा माहिर था। वह नयी-नयी डिजायन के कपड़े सीता था। इस कारण उसके यहाँ ग्राहकों...

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उफ्फ ये मुसीबतें - 3 - घराना शादी का By Huriya siddiqui

"आहा आ गई मेरी बिटिया??।।।" चाची ने देखते ही अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी और मैं किसी नखरीली हीरोइन की तरह उनसे कतरा कर उनसे दूर हो गई और उनके हाथ हवा में ही लहरा कर रह गए"ऐ भला, ये...

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रावण_का_पुतला By सिद्धार्थ शुक्ला

#रावण_का_पुतला कस्बों गाँवो में दशहरे का अलग ही माहौल होता है। मेले, मिठाई और मजा मस्ती । रावण के अहंकार और राम की मर्यादा से लोगो को कोई खास लेना देना नही होता , गरमा गरम समोसा और...

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राजनीति में सती सावित्री By bhagirath

राजनीति में सती सावित्री (राजनीति में आई एक स्त्री के प्रति पुरूषों का क्या दृष्टिकोण है जरा मुलाहिजा फरमाइये।) राजनीति में सती सावित्री का क्या काम! फिर भी सावित्री ने...

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लाल बुझक्कड़ के कारनामे By राज बोहरे

भारतीय लोक कथा- लाल बुझक्कड़ के कारनामें बहुत पुरानी बात है, एक गाँव था बुद्धूपुरा। बुद्धूपुरा के निवासी बड़े बेवकूफ और झगड़ालू स्वभाव के थे। गाँव में एक भी पाठशाला नहीं थी, इसीलिये...

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बलि का बकरा By Annada patni

बलि का बकरा अन्नदा पाटनी समारोह समाप्त होते ही, सभागृह से निकलने की सभी को उतावली थी । तभी एक सज्जन सामने आ कर खड़े हो गए । " मैं कब से आपसे बात करना चाह रहा था पर आप तक पहुँच ही न...

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कवियों के सरोकार By bhagirath

मंच के कवि उभरते हुए युवा कवि जिसे देखा उसे पकड़कर ले गये और अपनी कविता पेल दी। हालांकि कविता सुनाने के पहले चाय कचौड़ी का आदेश दे मारते थे। उन्हें फायदा यह हो जाता था कि ए...

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गधे की सवारी By Achlesh Singh

यह उस समय की बात है जब मैं सातवीं कक्षा में पढ़ता था।हमारी गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी।इस मई और जून के महीने का इंतजार हम किसी विरहणी की तरह एक एक दिन काटकर करते थे।छुट्टियों का म...

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लकड़बग्घा - 1 By सिद्धार्थ शुक्ला

एक जंगल था उसमे था एक लकड़बग्घा! हुआ यूं कि शातिर कोबरा ? ने उसे एक दिन धर लिया और उसका एक वीडियो बना डाला। कुछ दलाली टाइप की डील थी उस वीडियो में जिसके अंतर्गत लकड़बग्घे को एक भेड़िय...

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स्टूडेंट टिकिट By Bharti

स्टूडेंट टिकिटयह उन दिनों की बात है जब बिन्नी ने अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की थी और अब कोर्ट में प्रैक्टिस करने के दिन आ गए थे।बारिशों का मौसम था और उसका कोर्ट का पहला दिन।बड़े चाव से...

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शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - 2 By Krishna manu

शौकीलाल जी फिल्ड में आते ही इतना अधीर हो गए कि झट मेरे कब्जे से स्कूटर लेकर फाइनल टच के लिए तैयार हो गए। मैंने एक नजर फील्ड पर डाली। तीन तरफ सेफ था, सिर्फ एक तरफ जहाँ कॉलनिओं के पा...

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चमत्कार को नमस्कार By राजीव तनेजा

(कॉलबेल की आवाज़) बीवी के दरवाज़ा खोलने पर पति अन्दर आता है और अपना बैग साइड पर रखने के बाद भगवान के आगे माथा टेकता है। उसे ऐसा करते देख बीवी हैरान हो कर कहती है...."अरे!...ये अचानक...

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अग्नि पूर्व By Sachin Godbole

पूर्वकांड भारत को आज़ाद हुए कुछ ही समय हुआ था। जिले और राज्यों की सीमाएँ धीरे धीरे बन रही थी। प्रतापगढ़ के एक छोटे से क़सबे में प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक मास्टर हरिसिंह रहते थे।...

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दो बाल्टी पानी - 22 By Sarvesh Saxena

गुप्ता जी और गुप्ताइन बड़े परेशान थे, कि पिंकी अब तक क्यूँ नहीं आई और मौसम उन्हें और डरा रहा था, गुप्ता जी आखिर पिंकी को ढूंढने घर से निकलने ही वाले थे कि तभी किसी ने जोर-जोर से दर...

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जो घर फूंके अपना - 53 - चले हमारे साथ! - अंतिम भाग By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 53 ----------चले हमारे साथ! पर अगले ही क्षण आई असली मुसीबत ! उस पार की तो छोडिये, इस पार ही, यानी रेस्तरां के दरवाज़े से, उसी क्षण दो जल्लादों ने प्रवेश किया. आप वह...

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सत्ते मास्साब By राजेश ओझा

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समय यात्रा By suraj sharma

मै भविष्य से आया हूँ और आपको आने वाले १० सालो तक की सारी घटनाये बता सकता हूँ, २०३० तक दुनिया में क्या क्या होने वाला है वो सब मै आपको अभी बता सकता हूँ ...... अगर मै कहूँगा तो क्या...

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लॉकडाउन के पकौड़े By Archana Anupriya

" लॉकडाउन के पकौड़े"बाहर बूँदाबादी हो रही थी।मौसम बड़ा ही सुहावना था।ठंडी हवा,हरियाली का नजारा और लॉकडाउन में घर बैठने की फुरसत - मैं बड़े आराम से अपनी सातवीं मंजिल के फ्...

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राशिफ़ल(अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

हम सोचते सोचते शाहगंज के चौराहे पर आ पहुँचे थे।चौराहे पर आकर लाइन लगाकर खड़े रिक्शो पर हमने नज़र डाली थी।हम आज ऐसे रिक्शे में बैठना चाहते थे।जिसको चलाने वाला बीच की उम्र का हो। यानी...

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तोता उवाच: By Annada patni

तोता उवाच: अन्नदा पाटनी चिलचिलाती धूप, सुनसान सड़कें, किनारे पर खड़े इक्का दुक्का पेड़ जिन पर हरे पत्तों की दो चार डाल और बाक़ी ठूँठ । गरम हवा में लू के चपेटे । तभी एक तोता और मैना...

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चूरमा प्रसादी By Kumar Gourav

कल विवाह पंचमी पर संस्कृति बचाओ समिति द्वारा चौक पर हर साल की तरह इस बार भी जानकी विवाह का खेला हो रहा था । खालिद मियाँ विधायक के मुँहलगे हैं इस हैसियत से इस आयोजन के व्यवस्थापक है...

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बस नमक ज़्यादा हो गया - 4 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

बस नमक ज़्यादा हो गया - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 4 सादगी से शादी करने के उसके लाख आग्रह के बावजूद उसके मां-बाप बड़े धूमधाम से शादी कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाये हुए थे। एक शानदार...

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चतुर दर्जी By राज बोहरे

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"आहा आ गई मेरी बिटिया??।।।" चाची ने देखते ही अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी और मैं किसी नखरीली हीरोइन की तरह उनसे कतरा कर उनसे दूर हो गई और उनके हाथ हवा में ही लहरा कर रह गए"ऐ भला, ये...

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रावण_का_पुतला By सिद्धार्थ शुक्ला

#रावण_का_पुतला कस्बों गाँवो में दशहरे का अलग ही माहौल होता है। मेले, मिठाई और मजा मस्ती । रावण के अहंकार और राम की मर्यादा से लोगो को कोई खास लेना देना नही होता , गरमा गरम समोसा और...

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राजनीति में सती सावित्री By bhagirath

राजनीति में सती सावित्री (राजनीति में आई एक स्त्री के प्रति पुरूषों का क्या दृष्टिकोण है जरा मुलाहिजा फरमाइये।) राजनीति में सती सावित्री का क्या काम! फिर भी सावित्री ने...

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लाल बुझक्कड़ के कारनामे By राज बोहरे

भारतीय लोक कथा- लाल बुझक्कड़ के कारनामें बहुत पुरानी बात है, एक गाँव था बुद्धूपुरा। बुद्धूपुरा के निवासी बड़े बेवकूफ और झगड़ालू स्वभाव के थे। गाँव में एक भी पाठशाला नहीं थी, इसीलिये...

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बलि का बकरा By Annada patni

बलि का बकरा अन्नदा पाटनी समारोह समाप्त होते ही, सभागृह से निकलने की सभी को उतावली थी । तभी एक सज्जन सामने आ कर खड़े हो गए । " मैं कब से आपसे बात करना चाह रहा था पर आप तक पहुँच ही न...

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मंच के कवि उभरते हुए युवा कवि जिसे देखा उसे पकड़कर ले गये और अपनी कविता पेल दी। हालांकि कविता सुनाने के पहले चाय कचौड़ी का आदेश दे मारते थे। उन्हें फायदा यह हो जाता था कि ए...

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शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - 2 By Krishna manu

शौकीलाल जी फिल्ड में आते ही इतना अधीर हो गए कि झट मेरे कब्जे से स्कूटर लेकर फाइनल टच के लिए तैयार हो गए। मैंने एक नजर फील्ड पर डाली। तीन तरफ सेफ था, सिर्फ एक तरफ जहाँ कॉलनिओं के पा...

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चमत्कार को नमस्कार By राजीव तनेजा

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अग्नि पूर्व By Sachin Godbole

पूर्वकांड भारत को आज़ाद हुए कुछ ही समय हुआ था। जिले और राज्यों की सीमाएँ धीरे धीरे बन रही थी। प्रतापगढ़ के एक छोटे से क़सबे में प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक मास्टर हरिसिंह रहते थे।...

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