हास्य कथाएं कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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जो घर फूंके अपना - 36 - डूबना कमल सरोवर में रोमांस का By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 36 डूबना कमल सरोवर में रोमांस का बारहवीं की गणित की परीक्षा का वह दिन और आज का दिन ! मुझे अच्छी तरह समझ में आ गया है कि मेरे दिमाग की बनावट भी उस बाल्टी के जैसी त्...

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दो बाल्टी पानी - 16 By Sarvesh Saxena

ठकुराइन ने मिश्राइन के घर का दरवाजा खटखटाते हुए कहा, "अरे मिश्राइन… खोलो ठकुराइन बोल रहे हैं, नंदू जो अभी जाकर बिस्तर पर सही से लेट भी नहीं पाया था, वह न चाहते हुए भी दरवाजा खोलने...

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दशरथ का रावण दहन By सुप्रिया सिंह

ये बात उन दिनों की है जब मेरे चाचा के बेटे छोटे- छोटे थे ।संयुक्त परिवार में रहने वाले हम सब एक खुशहाल परिवार माने जाते हैं जिसे हमारी दादी ने एक सूत्र में बांध रखा है । हर तीज त्य...

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हींग लगी ना फिटकरी By राजीव तनेजा

"अच्छा...सुनो...मैं सोच रही थी कि बड़े दिन हो गए सिंपल सिंपल सा बनाते खाते हुए...तो आज कुछ अच्छा बना लेती हूँ। बोलो..क्या बनाऊँ?""अपने आप देख लो।""नहीं...तुम बताओ..."सबसे अच्छा तो...

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शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - भाग 1 By Krishna manu

आज जहाँ लोग-बाग बुलेट ट्रेन पर सफर करने का सपना लिये फिरते हैं। हवाई जहाज पर सफ़र करने का ख़्वाब देखते हैं । अब तो रॉकेट-यात्रा की बात भी की जाने लगी है । वहां ये, हमारे शौकीलाल जी,...

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बोतल-पुड़िया संवाद By Mahaveer Prasad

एक मैली-कुचैली सी किराने की दुकान के बिना शीशा लगे शोकेस के एक कोने में टाट के टुकड़े के नीचे विमला, रजनी, और अमरी दुबकी बैठी थी। ये सभी पान-मसाले और गुटके की पुड़ियाएं थीं।लॉक-डाउ...

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उफ्फ ये मुसीबतें - 2 By Huriya siddiqui

मै तो भूल ही गई इस ज़मबो की बच्ची के बावाल में मेरे चावल जल गए"" शफकत किचेन की तरफ बड़बड़ाते हुए दौड़ी तब मेरे सांस में सांस आई मैंने सोचा ज़रा इस आग लगने की माचिस को सबक सिखा...

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खानदानी बेशर्म By paresh barai

विमला : अजी आप तो मोहल्ले में नज़र ही नहीं आती, आज कल कहाँ ओखली में मुह घुसेड कर बैठी रहती हैं | कुए के मेंढक की तरह घर में घुसे बैठे नहीं रहना चाहिए | लोगों से मिला झुला कीजिये | व...

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खईंच By ALOK SHARMA

शहर में अपने भाई से मिलने आया एक लड़का जो ग़लत पते पर पहुंच जाता है

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जीवनदान By Dewashish Upadhyay

जीवनदानदेवाशीष उपाध्यायरात भर नींद में मच्छरों के भुनभुनाने की आवाज सुनायी दे रही थी। उनके द्वारा बेरहमी से काटने के कारण पूरे शरीर में खुजली हो रही थी। एक बार तो मुझे लगा जैसे, मै...

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बैंगन आलू की सब्जी By Shivani Verma

बैंगन आलू की सब्जीवैसे तो शेखर एक नेक दिल इंसान है और अच्छे पति है जो अपनी पत्नी रिया का बड़ा ख्याल रखते है. बस उनकी दो आदतों से रिया बड़ी परेशान रहती है. एक तो वो थोड़ा कंजूस है और भ...

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खतरनाक बच्चा By paresh barai

लालू : होम वर्क करा दो पापा, लोक डाउन में पूरा दिन टीवी देखते रहते हो | कुछ काम आ जाओ मेरे ! पापा : अपनी माँ को बोलो | लालू : माँ के पास गया था, उसी ने बोला उस काम चोर भेसें को बोल...

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ग्लोबल विलेज By bhagirath

ग्लोबल विलेज गाँधीजी के आर्थिक स्वराज का सपना अब साम्राज्यवाद की गोद में खेल रहा है। हमें बताया जा रहा है कि इस देश की स...

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कॉफ़ी विद कोरोना By Mahaveer Prasad

मेरे प्यारे-प्यारे पाठकों! आपका स्वागत है! मैं हूँ आपका अपना मुरारी लाल। क्या!ऽऽऽ आप मुझे नहीं जानते। कोई बात नहीं। १३५ करोड़ लोगों में सब सबको जानें यह जरूरी तो नहीं।पर मैं आपकी ज...

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शैतान बच्चा By paresh barai

बाला : दादी नमस्ते, कैसी हो सब ठीक ? दादी : यह शैतान साधू कब से बन गया ? आज सूरज पश्चिम से उगा है क्या ? बाला : वह सब छोड़ो मंदिर की बात बताओ ? आज नहीं जाना सैल सपाटे को ! दादी : वह...

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ये कप किसने तोड़ा? By Huriya siddiqui

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...

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मेंढकी By Deepak sharma

मेंढकी निम्मो उस दिन मालकिन की रिहाइश से लौटी तो सिर पर एक पोटली लिए थी, “मजदूरी के बदले आज कपास माँग लायी हूँ...” इधर इस इलाके में कपास की खेती जमकर होती थी और मालिक के पास भी कपा...

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कहानी सब्जीपुर की By राज कुमार कांदु

सब्जीपुर के युवराज ‘ आलू चंद ‘ की विवाह योग्य उम्र होते ही राज्य के सभी मंत्री , दरबारी उनके लिए सुयोग्य नायिका की खोज में लग गए ।सब्जी पुर की कई यौवनाएँ मन ही मन आलूचन्द के सपने...

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तशरीफ का टोकरा घायल हो गया. By Sunil Jadhav

तशरीफ का टोकरा घायल हो गया...{व्यंग्य} डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव महाराणा प्रताप हाउसिंग सोसाइटी, हनुमान गढ़ कमान के सामने, नांदेड़ -४३१६०५ मो.९४०५३८४६७२ “सुनो जी, घर का सारा राशन खत्म...

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क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है By Saroj Verma

अचानक से कोई खूबसूरत सी लड़की आप के सामने पृकट हो जाए, और पूछे । कि आपके toothpaste में नमक है , दुनिया का आज तक का सबसे गंभीर सवाल। तो कुछ तो शरारती लोग कहेंगे,कि paste में तो पता...

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अड़ोस-पड़ोस By Chhavi Nigam

अड़ोस-पड़ोसछवि निगम नाइट बल्ब की रहस्यमयी रौशनी कमरे में पसरी हुई थी। मच्छरों का ऑर्केस्ट्रा बीथोवन से होड़ ले रहा था। 20 साल 2 महीने 2 दिन की उमर का मैं यानि के दीपक, अपना सबसे पसं...

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हटेली चुड़ैल By paresh barai

दिनेश : ए बाबूजी वो अपनें मोहल्ल्ले में कोई नया किरायेदार रहने आया लगता है ! आप नें पता किया कुछ ? बाबूजी : धीरज धर बेटा, उसकी कोई बेटी नहीं है | दो बेटे हैं | हर बात पर फुदक फुदक...

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जनता सब जानती है By Singh Srishti

जनता से नेताओ का रिश्ता आज का नहीं है जनाब हमारा इनका तो खानदानी अफसाना है हां वो बात अलग है काम निकलने के बाद नेता तो क्या अपने भी भूल जाया करते है और काम पड़ने पर तो गधे को भी बा...

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व्यंग्य के तेवर By bhagirath

वैज्ञानिक दृष्टिकोण नेहरू जी चाहते थे कि यह पुराना हिन्दुस्तान, जो विश्वास में डूबा है, विज्ञान में उन्नति के शिखर चूमे। वै...

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ढलवाँ लोहा By Deepak sharma

ढलवाँ लोहा “लोहा पिघल नहीं रहा,” मेरे मोबाइल पर ससुरजी सुनाई देते हैं, “स्टील गढ़ा नहीं जा रहा.....” कस्बापुर में उनका ढलाईघर है : कस्बापुर स्टील्ज़| “कामरेड क्या कहता है?” मैं पूछता...

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जो घर फूंके अपना - 36 - डूबना कमल सरोवर में रोमांस का By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 36 डूबना कमल सरोवर में रोमांस का बारहवीं की गणित की परीक्षा का वह दिन और आज का दिन ! मुझे अच्छी तरह समझ में आ गया है कि मेरे दिमाग की बनावट भी उस बाल्टी के जैसी त्...

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दो बाल्टी पानी - 16 By Sarvesh Saxena

ठकुराइन ने मिश्राइन के घर का दरवाजा खटखटाते हुए कहा, "अरे मिश्राइन… खोलो ठकुराइन बोल रहे हैं, नंदू जो अभी जाकर बिस्तर पर सही से लेट भी नहीं पाया था, वह न चाहते हुए भी दरवाजा खोलने...

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दशरथ का रावण दहन By सुप्रिया सिंह

ये बात उन दिनों की है जब मेरे चाचा के बेटे छोटे- छोटे थे ।संयुक्त परिवार में रहने वाले हम सब एक खुशहाल परिवार माने जाते हैं जिसे हमारी दादी ने एक सूत्र में बांध रखा है । हर तीज त्य...

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हींग लगी ना फिटकरी By राजीव तनेजा

"अच्छा...सुनो...मैं सोच रही थी कि बड़े दिन हो गए सिंपल सिंपल सा बनाते खाते हुए...तो आज कुछ अच्छा बना लेती हूँ। बोलो..क्या बनाऊँ?""अपने आप देख लो।""नहीं...तुम बताओ..."सबसे अच्छा तो...

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शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - भाग 1 By Krishna manu

आज जहाँ लोग-बाग बुलेट ट्रेन पर सफर करने का सपना लिये फिरते हैं। हवाई जहाज पर सफ़र करने का ख़्वाब देखते हैं । अब तो रॉकेट-यात्रा की बात भी की जाने लगी है । वहां ये, हमारे शौकीलाल जी,...

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एक मैली-कुचैली सी किराने की दुकान के बिना शीशा लगे शोकेस के एक कोने में टाट के टुकड़े के नीचे विमला, रजनी, और अमरी दुबकी बैठी थी। ये सभी पान-मसाले और गुटके की पुड़ियाएं थीं।लॉक-डाउ...

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मै तो भूल ही गई इस ज़मबो की बच्ची के बावाल में मेरे चावल जल गए"" शफकत किचेन की तरफ बड़बड़ाते हुए दौड़ी तब मेरे सांस में सांस आई मैंने सोचा ज़रा इस आग लगने की माचिस को सबक सिखा...

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खानदानी बेशर्म By paresh barai

विमला : अजी आप तो मोहल्ले में नज़र ही नहीं आती, आज कल कहाँ ओखली में मुह घुसेड कर बैठी रहती हैं | कुए के मेंढक की तरह घर में घुसे बैठे नहीं रहना चाहिए | लोगों से मिला झुला कीजिये | व...

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बैंगन आलू की सब्जी By Shivani Verma

बैंगन आलू की सब्जीवैसे तो शेखर एक नेक दिल इंसान है और अच्छे पति है जो अपनी पत्नी रिया का बड़ा ख्याल रखते है. बस उनकी दो आदतों से रिया बड़ी परेशान रहती है. एक तो वो थोड़ा कंजूस है और भ...

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ढलवाँ लोहा By Deepak sharma

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