लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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साधक की साधना By Rajesh Maheshwari

साधक की साधना जबलपुर शहर में नर्मदा नदी के किनारे कुंडलपुर नामक कस्बे में एक प्रसिद्ध महात्मा जी अपने आश्रम में निवास करते थे। वे स्वभाव से बहुत मृदु, सरल और सबके प्रति परोपकार की...

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हजबां By Prabodh Kumar Govil

"हजबां" - प्रबोध कुमार गोविल तेज़ धूप थी। हेलमेट सुहा रहा था। क्या करें, कोई सरकारी नौकरी होती तो अभी आराम से सरकारी बिल पर चलते एसी में उनींदे से बैठे होते। या फ़िर घर का कोई व्या...

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स्वप्नशास्त्र - अंगूठी की चमक By गायत्री शर्मा गुँजन

गर्मियों का मौसम है और धरती अंगारों की तरह तप रही है , पवन की गति भी आड़ी तिरछी यानी एक तरफ ना बहकर हवाएँ भी रुख बदल रही है ना जाने किस ओर से लू के थपेड़े पड़ जाए नहीं मालूम !अब शरद ठ...

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आंसू सूख गए - 2 By LM Sharma

जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । । जीवन में बहुत सारी त्रासदी होती हैं परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि जीवन में प्रसन्नता का भी कोई अ...

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प्रकृति से सीखे सेहत का राज By Jatin Tyagi

अच्छे स्वास्थ्य की कामना सभी को होती है। हम सभी चाहते हैं कि स्वस्थ जीवन जिएं, कोई बिमारी न हो, किसी प्रकार के दवा खाने की जरुरत न पड़े। परंतु ऐसा होता नहीं है। अक्सर हम सभी बीमार...

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यहां पतली गली भी है By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “डिमॉनीटाइज़ेशन से देश का कितना फ़ायदा हुआ है,कितना ब्लैक मनी बर्बाद हो गया। “ भारत में सब जगह,अख़बारों में तो हल्ला है कि सरकार की डिमॉनीटाइज़ेशन स्कीम बिल...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 12) By Kishanlal Sharma

36--ममतारंजना की शादी नरेन से हुई थी।नरेन सरकारी विभाग में अफसर था।वह अपने माता पिता से बहुत प्यार करता था और वे उसके साथ ही रहते थे।कान्वेंट में पढ़ी आजाद ख्यालो की मॉडर्न पत्नी को...

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नीम का पेड़ (भाग 19) By Kishanlal Sharma

" सुंदर है।किसकी है?"फोटो देखकर रमेश बोला।"दूर के रिश्ते की मौसी की भतीजी की लड़की रेखा है।"रेखा के बारे में बताते हुए कमला बोली,"इससे तेरी शादी की बात चल रही है।""मेरी शादी,"मा की...

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पुकार By falguni doshi

पुकार - फाल्गुनी दोशी - 9 /04 /2022 धरती आज बहुत बेचैन थी | उसे तरह तरह की धीमी धीमी आवाज़े कानो में पड़ रही थी | उसने पुरे घर में घूम कर सब जगह देख लिया , कुछ समज नहीं आ रहा था | आव...

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अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम By राज कुमार कांदु

शहर में दंगा चरम पर था। कहीं से 'अल्लाहो अकबर ' का समवेत शोर उभरता तो कहीं से जोर जोर से ' जय श्री राम 'का गगनभेदी घोष वातावरण में गूँज उठता।टोलियों में घूमते दंगाइ...

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एक अनोखा रिस्ता। - 7 - अनजान व्यक्ति By Lalit Raj

कॉलेज में जब रिया राज को न पाकर वो परेशान होने लगी थी काफी टाइम राज का इंतजार किया लेकिन राज नहीं आया,वैसे तो राज हर वार रिया को पिकअप करता और वो चारों एक साथ कॉलेज आते थे,लेकिन आज...

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MISERABLE NIGHT By Darshita Babubhai Shah

It would have been better if that one night had not come in my life. Only good until you know the truth. Sometimes the truth comes to life with storms and hurricanes and in one fel...

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काली रात By Darshita Babubhai Shah

एक रात जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। रात हर दिन की तरह थी लेकिन आज भयानक साबित हुई। भगवान को  भी आज गुस्से में महसूस किया। बार-बार माफी मांग रहा था। इसमें मेरा कोई दोष नहीं था। नि...

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एक मुलाक़ात ऐसी भी By Samriti

चारों तरफ़ बर्फ़ से ढकी दुकाने थी...उन दुकानो में एक दुकान किताबों की भी थी... जिसका दरवाज़ा हमेशा खुला रहता... और दुकान मे सामने ही एक लड़की हिजाब पहने बैठी दिखायी देती... जो दुका...

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सौगात By Deepak sharma

’सअ !’ रेलवे प्लेटफॉर्म एक पर अभी में पहुँचा ही था कि एक परिचित आवाज ने मुझे पुकारा। आयकर विभाग की केंद्रीय सेवा के अन्तर्गत चार साल मेरी जूनियर रोहिणी, मुझे ’सर&...

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सख़्तजान By Deepak sharma

दीपक शर्मा “आप की मां का फोन आया है,’’ सुबह के आठ बजने में पन्द्रह मिनट बाकी थे जब जौहरी परिवार की नौकरानी ने उनके वैवाहिक कक्ष पर दस्तक दी । उषा का मोबाइल मां के...

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MY DEAR TOILET - 1 By Suresh Pawar

MY DEAR TOILETWRITTEN BY SURESH PAWAR“लगे तो लगे भले किसी की बद्दुआ लगे लेकिन किसी की हमे आदत ना लगे।“इंसान अक्सर इस लिए नहि टूटता कि उसे किसी से मोहब्बत हो गई और किसी ने उसका दिल...

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एक रात ---जिसने मेरा जीवन बदल दिया By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव मन सदैव से ही सुख-दु:ख के झंझावातों से घिरा रहता है। अनेक प्रकार के संकल्प विकल्प उसे विचलित करते रहते हैं। विचारों की श्रंखला सदैव ही उसे जकड़े रहती है । अनेकों बार इस जकड़न...

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कल तो गोविंद के गुण गाएंगे.. By SUNIL ANJARIA

कल तो गोविंद के गुण गाएगे…एक गाँव था। लहराते खेतों से हरा भरा, अपनी तरह से समृद्ध और आपस में मिलजुलकर रहने वाले गाम लोग।श्रावण के धार्मिक महीनेमें गांव में एक कथा रखी गई। कथाकार लो...

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जेन ऑस्टिन - 4 By Jitin Tyagi

चैप्टर- 4प्रकृति गर्मियों की विदाई की तैयारी कर रही थी और सर्दियों के आगमन की प्रतीक्षारत थी। कैलेंडर की भाषा में अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका था। बाज़ार धीरे-धीरे खुद को सजाने को...

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बाबुली चिड़िया का दोस्त। By Akshika Aggarwal

बाबुली चिड़िया का सच्चा दोस्त।एक गांव में एक छोटा सा लडका राजू रहता था। वह अपने माँ बाबुजी के साथ एक बडे से घर मे रहता था। उसके घर मे सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध थी पर उसका कोई दोस्त न...

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नैनी  By Ratna Pandey

अलका प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका थी उसके पति सौरभ सरकारी कार्यालय में कार्यरत थे । उनका चार वर्ष का बेटा था, जो सीनियर के जी में जाता था । दोपहर बारह बजे उनका बेटा निवान स्कूल स...

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पंखा By Deepak sharma

दीपक शर्मा ’’कहो भई आलोक ?... कहो भई प्रकाश ? कहाँ हो ?’’ फूफाजी ने सीढ़ियों से हमें पुकारा है । बिजली की तार के थोकदार व्यापारी, हमारे बाबूजी की दुकान के ऐन...

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आखिर क्यों? - पापा क्यों नही कर सकते? By Ragini Pathak

"राशि !तुम किचन के काम निपटा लो। मैं अनाया को नहला कर तैयार कर देता हूं। वरना लेट हो जाएगा, मम्मी पापा आते ही होंगे" शोभित ने अपनी पत्नी से कहा "शोभित! लेकिन एक बात मेरी ध्यान रखना...

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तुलसी By kirti chaturvedi

इस सत्य प्रसंग की चर्चा यहां करने का उदृेश्य यह कतई नहीं है कि मेरे द्वारा किसी की मदद की गई बल्कि यह बताना है कि यदि आपके आसपास किसी दुखी व्यक्ति के साथ आप मदद और सहानुभूति का रवै...

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अच्छे हाथों में By Deepak sharma

दीपक शर्मा ‘धुआं ।’ क्या मेरे मुंह ने धुआं उगला था ? हे बजरंगबली ! मैं कांप गया । नहीं यह सच नहीं था । यह सच नहीं हो सकता था । मेरी भक्ति में खोट? वह जरूर सपना रहा होगा...

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नेक लड़की By Shiv Shanker Gahlot

नेक लड़की पुराने शहर की गलियां बड़ी संकरी थीं । गलियों मे इटों के ऊबड़ खाबड़ खड़ंजे डले थे जिन पर कहीं भी पांव ऊपर नीचे पड़ जाता था । दोनो ओर ऊँची ऊंची हवेलियां थी जो लखौरी ईंटों स...

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पहली मुलाक़ात By Samriti

दोपहर के २ बज रहे थे...दरवाज़ा खुला...- ओ सिया...तुम अकेले ही आयी हो???वो कॉलेज से घर आयी ही थी कि माँ ने सवाल शुरू कर दिए...पसीने की बूँदे माथे से लुढ़कती हुई ज़मीन पर गिर रही थी....

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राहगीर By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी उमा जानकीरामण द्वारा लिखी व एस.भाग्यम शर्मा द्वारा अनूदित वेंकटशन मदुराई में उतर कर, दो घण्टे बस में सफर कर तूतूकुडी में आकर उतरे। उनका मन व शरीर दोनों इस शहर की मिट्टी...

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इस्तीफ़ा By अशोक असफल

इजलास में ज्योंही दाखिल हुआ, मुलाजिम उठकर खड़े हो गए। आसंदी पर बैठा तो रीडर ने पेश होने वाले मुकद्दमों की फाइलें डाइज पर लाकर रख दीं। सबसे ऊपर ट्रेफिक मैन द्वारा काटे गए एक चालान क...

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सब गलत तो नहीं By Prabodh Kumar Govil

मैंने नाश्ता करने के बाद निमंत्रण- पत्र एक बार फ़िर देखा। कार्यक्रम ग्यारह बजे से था। ग्यारह बजे स्वागत, ग्यारह दस पर सरस्वती वंदना,ग्यारह पंद्रह से अतिथि परिचय, ... आदि -आदि। - चा...

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प्रिय नारायणन .... By S Bhagyam Sharma

उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा नारायणन जल्दी दफ्तर जाने के लिये तैयार हो रहा था तब ही उसके अम्मा की चिट्टी आई। नीले रंग के इन्लैंड बहुत छाटे-छोटे अक्षरों मे...

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अवधारणा By राज कुमार कांदु

सविता बड़ी देर से निर्धारित जगह पर उसका इंतजार कर रही थी और बेचैनी से बार बार मोबाईल में समय देख रही थी। इस बेचैनी के आलम में भी पिछले दिनों घटित घटनाओं को याद कर उसके चेहरे पर बरबस...

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अम्मा ! मैंने झूठ बोल दिया By S Bhagyam Sharma

उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अलार्म जोर से बजा तो उसे बंद कर, ज्योति करवट लेकर लेट गई। पता नहीं क्यों आज बिस्तर से उठने का मन नहीं हो रहा था। कल रात अनु ब...

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जहाज By S Bhagyam Sharma

उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा दिवाकर फैक्टरी की बस आते ही आराम से चढ़ गया। बस में तीसरी लाइन की खिड़की के पास जहां हमेशा बैठता है वहीं बैठ गया। प्राइवेट बस म...

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वह जो नहीं कहा समीक्षा - उठो नीलांजन समीक्षा By sneh goswami

हिंदी और पंजाबी के वरिष्ठ लेखक श्री ओम प्रकाश गासो के आशीर्वचन उठो नीलांजन के लिए जो आज से दो साल पहले उनवान प्रकाशन से छपी मधुर स्पर्श को प्रस्तुत करती रचनाएं -शुभकामना ओम प्रकाश...

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धागा By S Bhagyam Sharma

मइंलापुर का सप्ताहिक हाट जहाँ लगता है वहीं एक तरफ कोने के घर में ही गणेश रहता है। आज गणेश विशेष परेशान था। अपने अंगोछे को झटका कर कंधे पर डाल, यहां वहां घूम रहा था। सुबह साढ़े दस बज...

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सचमुच की लघुकथाएं By Prabodh Kumar Govil

"अंगारे और सितारे"जब दुनिया अच्छी तरह बन गई तो सब काम सलीके से शुरू हो गए।घर घर रोटी बनने लगी।जहां घर नहीं थे, वहां भी रोटी बनती। पेड़ के नीचे, सड़क के किनारे,दो ईंट पत्थर जोड़ कर...

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चूक (लघुकथा) By Prabodh Kumar Govil

पूरी धरती पर तहलका सा मचा हुआ था। एक विषाणु और इंसानों के बीच जंग छिड़ी हुई थी। एक ओर एक विषाणु के रूप में ख़तरनाक रक्तबीज था और दूसरी ओर मनुष्य जाति। विषाणु चप्पे- चप्पे पर फ़ैल क...

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वन्या (जंगल राजकुमारी) - 1 By Pooja Singh

ये कहानी है जंगल राजकुमारी वन्या की .....वन्या वनराजा और वनरानी की सबसे लाड़ली थी लेकिन उससे भी ज्यादा वो पूरे वनलत्तिका राज्य की धड़कन है उसके रोने से पूरे राज्य में हलचल मच जाती...

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साधक की साधना By Rajesh Maheshwari

साधक की साधना जबलपुर शहर में नर्मदा नदी के किनारे कुंडलपुर नामक कस्बे में एक प्रसिद्ध महात्मा जी अपने आश्रम में निवास करते थे। वे स्वभाव से बहुत मृदु, सरल और सबके प्रति परोपकार की...

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हजबां By Prabodh Kumar Govil

"हजबां" - प्रबोध कुमार गोविल तेज़ धूप थी। हेलमेट सुहा रहा था। क्या करें, कोई सरकारी नौकरी होती तो अभी आराम से सरकारी बिल पर चलते एसी में उनींदे से बैठे होते। या फ़िर घर का कोई व्या...

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स्वप्नशास्त्र - अंगूठी की चमक By गायत्री शर्मा गुँजन

गर्मियों का मौसम है और धरती अंगारों की तरह तप रही है , पवन की गति भी आड़ी तिरछी यानी एक तरफ ना बहकर हवाएँ भी रुख बदल रही है ना जाने किस ओर से लू के थपेड़े पड़ जाए नहीं मालूम !अब शरद ठ...

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आंसू सूख गए - 2 By LM Sharma

जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । । जीवन में बहुत सारी त्रासदी होती हैं परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि जीवन में प्रसन्नता का भी कोई अ...

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प्रकृति से सीखे सेहत का राज By Jatin Tyagi

अच्छे स्वास्थ्य की कामना सभी को होती है। हम सभी चाहते हैं कि स्वस्थ जीवन जिएं, कोई बिमारी न हो, किसी प्रकार के दवा खाने की जरुरत न पड़े। परंतु ऐसा होता नहीं है। अक्सर हम सभी बीमार...

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यहां पतली गली भी है By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “डिमॉनीटाइज़ेशन से देश का कितना फ़ायदा हुआ है,कितना ब्लैक मनी बर्बाद हो गया। “ भारत में सब जगह,अख़बारों में तो हल्ला है कि सरकार की डिमॉनीटाइज़ेशन स्कीम बिल...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 12) By Kishanlal Sharma

36--ममतारंजना की शादी नरेन से हुई थी।नरेन सरकारी विभाग में अफसर था।वह अपने माता पिता से बहुत प्यार करता था और वे उसके साथ ही रहते थे।कान्वेंट में पढ़ी आजाद ख्यालो की मॉडर्न पत्नी को...

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नीम का पेड़ (भाग 19) By Kishanlal Sharma

" सुंदर है।किसकी है?"फोटो देखकर रमेश बोला।"दूर के रिश्ते की मौसी की भतीजी की लड़की रेखा है।"रेखा के बारे में बताते हुए कमला बोली,"इससे तेरी शादी की बात चल रही है।""मेरी शादी,"मा की...

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पुकार By falguni doshi

पुकार - फाल्गुनी दोशी - 9 /04 /2022 धरती आज बहुत बेचैन थी | उसे तरह तरह की धीमी धीमी आवाज़े कानो में पड़ रही थी | उसने पुरे घर में घूम कर सब जगह देख लिया , कुछ समज नहीं आ रहा था | आव...

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अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम By राज कुमार कांदु

शहर में दंगा चरम पर था। कहीं से 'अल्लाहो अकबर ' का समवेत शोर उभरता तो कहीं से जोर जोर से ' जय श्री राम 'का गगनभेदी घोष वातावरण में गूँज उठता।टोलियों में घूमते दंगाइ...

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एक अनोखा रिस्ता। - 7 - अनजान व्यक्ति By Lalit Raj

कॉलेज में जब रिया राज को न पाकर वो परेशान होने लगी थी काफी टाइम राज का इंतजार किया लेकिन राज नहीं आया,वैसे तो राज हर वार रिया को पिकअप करता और वो चारों एक साथ कॉलेज आते थे,लेकिन आज...

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MISERABLE NIGHT By Darshita Babubhai Shah

It would have been better if that one night had not come in my life. Only good until you know the truth. Sometimes the truth comes to life with storms and hurricanes and in one fel...

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काली रात By Darshita Babubhai Shah

एक रात जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। रात हर दिन की तरह थी लेकिन आज भयानक साबित हुई। भगवान को  भी आज गुस्से में महसूस किया। बार-बार माफी मांग रहा था। इसमें मेरा कोई दोष नहीं था। नि...

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एक मुलाक़ात ऐसी भी By Samriti

चारों तरफ़ बर्फ़ से ढकी दुकाने थी...उन दुकानो में एक दुकान किताबों की भी थी... जिसका दरवाज़ा हमेशा खुला रहता... और दुकान मे सामने ही एक लड़की हिजाब पहने बैठी दिखायी देती... जो दुका...

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सौगात By Deepak sharma

’सअ !’ रेलवे प्लेटफॉर्म एक पर अभी में पहुँचा ही था कि एक परिचित आवाज ने मुझे पुकारा। आयकर विभाग की केंद्रीय सेवा के अन्तर्गत चार साल मेरी जूनियर रोहिणी, मुझे ’सर&...

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सख़्तजान By Deepak sharma

दीपक शर्मा “आप की मां का फोन आया है,’’ सुबह के आठ बजने में पन्द्रह मिनट बाकी थे जब जौहरी परिवार की नौकरानी ने उनके वैवाहिक कक्ष पर दस्तक दी । उषा का मोबाइल मां के...

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MY DEAR TOILET - 1 By Suresh Pawar

MY DEAR TOILETWRITTEN BY SURESH PAWAR“लगे तो लगे भले किसी की बद्दुआ लगे लेकिन किसी की हमे आदत ना लगे।“इंसान अक्सर इस लिए नहि टूटता कि उसे किसी से मोहब्बत हो गई और किसी ने उसका दिल...

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एक रात ---जिसने मेरा जीवन बदल दिया By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव मन सदैव से ही सुख-दु:ख के झंझावातों से घिरा रहता है। अनेक प्रकार के संकल्प विकल्प उसे विचलित करते रहते हैं। विचारों की श्रंखला सदैव ही उसे जकड़े रहती है । अनेकों बार इस जकड़न...

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कल तो गोविंद के गुण गाएंगे.. By SUNIL ANJARIA

कल तो गोविंद के गुण गाएगे…एक गाँव था। लहराते खेतों से हरा भरा, अपनी तरह से समृद्ध और आपस में मिलजुलकर रहने वाले गाम लोग।श्रावण के धार्मिक महीनेमें गांव में एक कथा रखी गई। कथाकार लो...

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जेन ऑस्टिन - 4 By Jitin Tyagi

चैप्टर- 4प्रकृति गर्मियों की विदाई की तैयारी कर रही थी और सर्दियों के आगमन की प्रतीक्षारत थी। कैलेंडर की भाषा में अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका था। बाज़ार धीरे-धीरे खुद को सजाने को...

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बाबुली चिड़िया का दोस्त। By Akshika Aggarwal

बाबुली चिड़िया का सच्चा दोस्त।एक गांव में एक छोटा सा लडका राजू रहता था। वह अपने माँ बाबुजी के साथ एक बडे से घर मे रहता था। उसके घर मे सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध थी पर उसका कोई दोस्त न...

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नैनी  By Ratna Pandey

अलका प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका थी उसके पति सौरभ सरकारी कार्यालय में कार्यरत थे । उनका चार वर्ष का बेटा था, जो सीनियर के जी में जाता था । दोपहर बारह बजे उनका बेटा निवान स्कूल स...

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पंखा By Deepak sharma

दीपक शर्मा ’’कहो भई आलोक ?... कहो भई प्रकाश ? कहाँ हो ?’’ फूफाजी ने सीढ़ियों से हमें पुकारा है । बिजली की तार के थोकदार व्यापारी, हमारे बाबूजी की दुकान के ऐन...

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आखिर क्यों? - पापा क्यों नही कर सकते? By Ragini Pathak

"राशि !तुम किचन के काम निपटा लो। मैं अनाया को नहला कर तैयार कर देता हूं। वरना लेट हो जाएगा, मम्मी पापा आते ही होंगे" शोभित ने अपनी पत्नी से कहा "शोभित! लेकिन एक बात मेरी ध्यान रखना...

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तुलसी By kirti chaturvedi

इस सत्य प्रसंग की चर्चा यहां करने का उदृेश्य यह कतई नहीं है कि मेरे द्वारा किसी की मदद की गई बल्कि यह बताना है कि यदि आपके आसपास किसी दुखी व्यक्ति के साथ आप मदद और सहानुभूति का रवै...

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अच्छे हाथों में By Deepak sharma

दीपक शर्मा ‘धुआं ।’ क्या मेरे मुंह ने धुआं उगला था ? हे बजरंगबली ! मैं कांप गया । नहीं यह सच नहीं था । यह सच नहीं हो सकता था । मेरी भक्ति में खोट? वह जरूर सपना रहा होगा...

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नेक लड़की By Shiv Shanker Gahlot

नेक लड़की पुराने शहर की गलियां बड़ी संकरी थीं । गलियों मे इटों के ऊबड़ खाबड़ खड़ंजे डले थे जिन पर कहीं भी पांव ऊपर नीचे पड़ जाता था । दोनो ओर ऊँची ऊंची हवेलियां थी जो लखौरी ईंटों स...

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पहली मुलाक़ात By Samriti

दोपहर के २ बज रहे थे...दरवाज़ा खुला...- ओ सिया...तुम अकेले ही आयी हो???वो कॉलेज से घर आयी ही थी कि माँ ने सवाल शुरू कर दिए...पसीने की बूँदे माथे से लुढ़कती हुई ज़मीन पर गिर रही थी....

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राहगीर By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी उमा जानकीरामण द्वारा लिखी व एस.भाग्यम शर्मा द्वारा अनूदित वेंकटशन मदुराई में उतर कर, दो घण्टे बस में सफर कर तूतूकुडी में आकर उतरे। उनका मन व शरीर दोनों इस शहर की मिट्टी...

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इस्तीफ़ा By अशोक असफल

इजलास में ज्योंही दाखिल हुआ, मुलाजिम उठकर खड़े हो गए। आसंदी पर बैठा तो रीडर ने पेश होने वाले मुकद्दमों की फाइलें डाइज पर लाकर रख दीं। सबसे ऊपर ट्रेफिक मैन द्वारा काटे गए एक चालान क...

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सब गलत तो नहीं By Prabodh Kumar Govil

मैंने नाश्ता करने के बाद निमंत्रण- पत्र एक बार फ़िर देखा। कार्यक्रम ग्यारह बजे से था। ग्यारह बजे स्वागत, ग्यारह दस पर सरस्वती वंदना,ग्यारह पंद्रह से अतिथि परिचय, ... आदि -आदि। - चा...

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प्रिय नारायणन .... By S Bhagyam Sharma

उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा नारायणन जल्दी दफ्तर जाने के लिये तैयार हो रहा था तब ही उसके अम्मा की चिट्टी आई। नीले रंग के इन्लैंड बहुत छाटे-छोटे अक्षरों मे...

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अवधारणा By राज कुमार कांदु

सविता बड़ी देर से निर्धारित जगह पर उसका इंतजार कर रही थी और बेचैनी से बार बार मोबाईल में समय देख रही थी। इस बेचैनी के आलम में भी पिछले दिनों घटित घटनाओं को याद कर उसके चेहरे पर बरबस...

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अम्मा ! मैंने झूठ बोल दिया By S Bhagyam Sharma

उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अलार्म जोर से बजा तो उसे बंद कर, ज्योति करवट लेकर लेट गई। पता नहीं क्यों आज बिस्तर से उठने का मन नहीं हो रहा था। कल रात अनु ब...

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जहाज By S Bhagyam Sharma

उमा जानकीरामन के तमिल कहानी का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा दिवाकर फैक्टरी की बस आते ही आराम से चढ़ गया। बस में तीसरी लाइन की खिड़की के पास जहां हमेशा बैठता है वहीं बैठ गया। प्राइवेट बस म...

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वह जो नहीं कहा समीक्षा - उठो नीलांजन समीक्षा By sneh goswami

हिंदी और पंजाबी के वरिष्ठ लेखक श्री ओम प्रकाश गासो के आशीर्वचन उठो नीलांजन के लिए जो आज से दो साल पहले उनवान प्रकाशन से छपी मधुर स्पर्श को प्रस्तुत करती रचनाएं -शुभकामना ओम प्रकाश...

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धागा By S Bhagyam Sharma

मइंलापुर का सप्ताहिक हाट जहाँ लगता है वहीं एक तरफ कोने के घर में ही गणेश रहता है। आज गणेश विशेष परेशान था। अपने अंगोछे को झटका कर कंधे पर डाल, यहां वहां घूम रहा था। सुबह साढ़े दस बज...

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सचमुच की लघुकथाएं By Prabodh Kumar Govil

"अंगारे और सितारे"जब दुनिया अच्छी तरह बन गई तो सब काम सलीके से शुरू हो गए।घर घर रोटी बनने लगी।जहां घर नहीं थे, वहां भी रोटी बनती। पेड़ के नीचे, सड़क के किनारे,दो ईंट पत्थर जोड़ कर...

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चूक (लघुकथा) By Prabodh Kumar Govil

पूरी धरती पर तहलका सा मचा हुआ था। एक विषाणु और इंसानों के बीच जंग छिड़ी हुई थी। एक ओर एक विषाणु के रूप में ख़तरनाक रक्तबीज था और दूसरी ओर मनुष्य जाति। विषाणु चप्पे- चप्पे पर फ़ैल क...

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वन्या (जंगल राजकुमारी) - 1 By Pooja Singh

ये कहानी है जंगल राजकुमारी वन्या की .....वन्या वनराजा और वनरानी की सबसे लाड़ली थी लेकिन उससे भी ज्यादा वो पूरे वनलत्तिका राज्य की धड़कन है उसके रोने से पूरे राज्य में हलचल मच जाती...

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