लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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Featured Books

आई. सी. यू. By Shwet Kumar Sinha

रात्रि के तकरीबन ग्यारह बजे थे जब अस्पताल में उद्घोषणा हुई और मुझे आई सी यू में बुलाया गया। दरअसल पिताजी के सांस लेने में काफी तकलीफ होने की वजह से डॉक्टर ने उन्हें आई सी यू में भर...

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तेरी महिमा अपरम्पार …. By Piyush Goel

एक मध्यवर्गीय सेठ जी अपनी दुकान पर जा रहे थे, रास्ते में सड़क पर पड़े कागज को सेठ जी ने पता नहीं क्या सोच कर उठा लिया, सेठ जी ने कागज पढ़ा, सेठ जी दंग रह गए एक दम वापिस घर आए और सि...

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ब्लाइंड डेट- अंतिम भाग By Jitin Tyagi

आने वाला शनिवार तक विकास ने जो ज़िन्दगी जी वो बेमतलब सी थी। पहले प्यार में मिले धोखे जैसी उसे कुछ होश नहीं था। कि वो क्या कर रहा हैं। वो घर पर होने के वक़्त सड़क पर होता और सड़क पर होन...

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हीरे की अंगूठी…. By Piyush Goel

एक ३४-३५ साल के एक सज्जन बड़े ही सीधे साधे,लेकिन अपने सिद्धांत के पक्के थे, नौकरी की तलाश में शहर के बीच से गुज़रे जा रहे थे. रास्ते में एक मंदिर पड़ा, मत्था टेक कर जैसे ही आगे बढ़...

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गोरा और काला By S Sinha

                                                कहानी  - गोरा और काला    “ बेटे अब तो तेरी नौकरी भी लग गयी है और कम्पनी ने तुम्हें अच्छा फ्लैट भी दिया है  . तुम शहर में अकेले रह रह...

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आमजन से सत्ता के गलियारों तक By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ      मन में उबलते गुबार को, किसी ग़लत या सही बात की प्रतिक्रिया स्वरूप कागजों पर उतार देने के लिये गद्ध में सबसे छोटी विधा है 'लघु कथा. 'कोई...

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मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. By Piyush Goel

मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. एक दिन अचानक एक भिखारी सेठ जी की दुकान पर आया, सेठ ने जैसे ही भिखारी को पैसे दिए, भिखारी ने पैसे लेने से माना कर दिया नहीं साहेब मुझे पैसे नहीं मुझे ख...

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प्यार लफ्जों में कहां - 2 By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ा villa जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम नहीं ले...

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ईश्क में दर्द - 2 - अथर्व के घर आने की खुशी By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ी हवेली टाइप घर जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम...

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एक मृत पत्नी कि विडंबना । By Rubi Shukla

एक मृत पत्नी ने अपने पति को दिए हुए कुछ सलाह जो कठिन हृदय रख के हर एक पति पत्नी को पढ़ना और समझना चाहिए।नमस्कार दोस्तों, कहा जाता हैं कि एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता...

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डिलीट इट By Sushma Tiwari

माही की नजर बार - बार घड़ी की ओर जाती और उसे लगता जैसे समय वहीं थम सा गया है। ये बीस मिनट का ऑफिस लंच ब्रेक उसे सदियों सा लगता जब अपने अंतर्द्वंद से निकल सबके सामने खुद को साझा करन...

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खड़ूस By Veena Vij

"जब देखो तुम फोन पर चिपकी रहती हो!" वैष्णवी के पास से गुजरते हुए मनोज खिजे हुए से बाहर वराण्डे की ओर चले गए। उसे लगा शायद वे उससे कुछ बात करने आए थे। वह व्हाट्सएप पर आज के कुछ मैसे...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 18) By Kishanlal Sharma

57--संस्कार"इंडियन ड्रेस और कल्चर यहां नही चलेगा।"कम्पनी जॉइन करने के बाद कम्पनी का सी ई ओ, मधु से बोला,"तुम्हे वेस्टर्न ड्रेस और कल्चर अपनाना पड़ेगा।""मेरा कम्पनी में सलेक्शन मेरी...

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रोशनी.... By Lotus

2006 की ये कहानी है... रोशनी.. नागपूर के पास एक छोटा सा टाऊन बुटी बोरी ...रौशनी एक सहकारी स्कूल में पढती थी छोटी सी फेमिली थी रौशनी की मेरी मुलाकात रोशनी से स्कूल के पास हुई थी जब...

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किशोर अवस्था By Arun Singla

किशोर अवस्था सुबह 9 बजे हम अपनी कार से श्रीनगर के लिए निकल लिए थे. रशिम की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, वो रात भर सो भी ना सकी थी, वह सपनो में भी काश्मीर की सैर कर रही थी. देर सुबह उ...

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दोस्ती बचपन की By Sakshi Pandey

दोस्तों ,इस दोस्ती शब्द के कई पर्यायवाची होते जैसे सखा,मित्र,यार आदि। दोस्ती एक एहसास होता है। इस पृथ्वी पर एक दोस्ती एसी भी है जिसमें न किसी प्रकार की लालच,ईस्या होता है ,ओर वो है...

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परजीवी By Deepak sharma

बंगले के बोर्ड पर चार नाम अंकित थे : पति, बृजमोहन नारंग का; पत्नी, श्यामा नारंग का; बड़े बेटे, विजयमोहन नारंग का; और छोटे बेटे इन्द्रमोहन नारंग का। एजेंसी के कर्मचारी ने अपना पत्र ब...

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दो चिट्ठी By Ansh Sisodia

कहा जाता है कि अगर आप किसी से दूर जाओ तो प्यार बढ़ता है। अब यह बात कितनी सही है यह नही पता पर दूर जाना ही क्यों है......जैसा तुमने कहा था, वैसे ही यहाँ आकर तुम्हें यह एक और चिट्ठी ल...

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मार्ग-श्रान्त By Deepak sharma

विद्यावती निझावन किस विभं्रश घाटी में विचर रही थी? कहाँ थी वह? ये पर्दे उसने पहले कहाँ देखे रहे? कब देखे रहे? बयालीस साल पहले? या फिर पैंतालीस साल पहले? वह दरवाजा ढूँढ़ने लगी। सामने...

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बाल हठ By Deepak sharma

उन दिनों मेरे पिता एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक ड्राइवर थे और उस दिन मालिक का सोफा-सेट उसके मकान में पहुँचाने के लिए उनके ट्रक पर लादा गया था । मकान में उसे पहुँचाते समय उन्होंने...

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अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का By Piyush Goel

अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का … शाहगढ के तेजस्वी युवा ज्ञानी राजा घने जंगलों में घूमने के लिए निकल पड़े थकान बहुत हो गई थी अचानक उनकी नज़र एक सुंदर तलैया पर पड़ी राजा का मन तलैय...

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पैदल सेना By Deepak sharma

सितम्बर का दूसरा शनिवार है। माँ और बाबूजी के कमरे में बिस्तर के बगल में बैठी बहन माँ से कह रही है, ’’इस मालिश और व्यायाम से आप बहुत जल्दी फिर से पहले की तरह नहाने लगेंग...

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पंख फैलाये उकाब By Deepak sharma

’’मदर सुपीरियर ने जीवणी हरेन्द्रनाथ को बुलाया है।’’ पाँचवी जमात को को हिन्दी पढ़ा रही सिस्टर सीमोर से मैंने कहा। हमारे कान्वेन्ट में लड़कियों के नाम उनके पिता...

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पत्थर के हो गये…. By Piyush Goel

दो दोस्त कुछ खोजते हुए जंगल में आगे बढ़ते जा रहे थे. अचानक जंगल में चार चोरों ने उन दोनो दोस्तों को घेर लिया , सब कुछ देने के लिए कहा उनमें से एक दोस्त चालाक था, तुरंत बोला भाइयों...

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नून-तेल By Deepak sharma

हमारे मुहल्ले वाले दूसरे जन कुन्ती का उसके इसी नाम से जानते हैं मगर वहाँ रहने वाली हम लड़कियाँ उसे एक-एक करके तीन नाम तो दिए ही दिए रहीं: नून-तेल, लिली ओ’ ग्रेडी और इच्च-इच्च।...

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दो अज़नबी By Surbhi Goli

"दो अजनबी!" आज बारिश इतनी तेज थी कि रास्ते भी नजर नहीं आ रहे थे, मगर एक परेशान सा पच्चीस- छब्बीस साल का लड़का जो एक पुराना सा स्कूटर लुढ़काते हुए बारिश के पानी में बुरी तरह भीगा हुआ...

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बंद घोड़ागाड़ी By Deepak sharma

अपनी दसवीं जमात के बोर्ड का सोशल स्टडीज का पर्चा खत्म करते ही मैं अपने कदम परीक्षा केंद्र के साइकिल स्टैंड की ओर बढ़ाती हूँ । तभी देखती हूँ दूर खड़ी मेरी एक सहपाठिनी एक अजनबी को मेरी...

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तल-घर By Deepak sharma

’’पुत्तू को लौटाना पड़ेगा,’’ उस दोपहर डॉ. बृजलाल बिस्तर पर ऊँघने जा रहे थे जब उनकी पत्नी, कमला, न आन घोषणा की, ’’उसके हाथ में आज सुबह मैंने अपनी...

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दो मुँह हँसी By Deepak sharma

दो मुँह हँसी ’’ऊँ ऊँ,’’ सुनयन जगा है ।  बिजली की फुर्ती से मैं उसके पास जा पहुँचता हूँ । रात में उसे कई बार सू-सू करने की जरूरत महसूस होती है ।  ज...

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तलाकशुदा बहू By पूर्णिमा राज

" अरे भइया सोहन , इहाँ गाँव मे सब कहाँ है कौउनो नजर नहीं आय रहा है। "" उ का बतई भई गाँव मा पंचायत लगी है। अपने बड़के काका के बेटवा ने शादी कर ली है। "" अरे भइया ई तो खुशी की बात है...

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मरा मरा …. से राम राम ….. मोह मोह से ….ॐ ॐ…. By Piyush Goel

एक सेठ जी बड़े ही दयालु पूजा पाठ वाले इंसान थे. दूसरों की सेवा करना उनका जैसे अपना काम था सेठ जी का व्यापार भी बहुत बढ़िया था एक दिन जैसे ही सुबह सेठ जी पूजा के लिए तैयार हो रहे थे...

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भाभी जी घर पर हैं By S Sinha

कहानी - भाभी जी घर पर हैं “ अरे यार , इस खूसट मकान मालिक को डिपाजिट की रकम तीन दिन के अंदर न मिली तो हमलोगों को यह फ्लैट खाली करने के अलावा और भी कितना घाटा होगा सोचा है तुमलोगों न...

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पाँच रुपये ने ज़िंदगी बदल दी……. By Piyush Goel

दोस्त,ज़िंदगी में जब भी सुनहरा मौक़ा मिले उस अवसर को हाथ से जाने ना दो , इस कहानी के माध्यम से ये ही बताना की कोशिश की गई . एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे बड़े ही परोपकारी व प...

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दुख में ही भगवान को……… By Piyush Goel

दुख में ही भगवान को………बहुत पुरानी बात हैं,किशनगढ़ के राजा ने अपनी प्रजा की नियत के बारे में पता लगाने के लिए सेनापति को बुलाया और एक आदेश पारित किया की सुखो व दुखो की पोटलिया बनाकर...

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ईमानदारी का ईनाम….. By Piyush Goel

एक राहजन रहजनी करने के लिए दूर जंगल में रास्ता भटक गया. रास्ते में उस दूर एक व्यक्ति दिखाई दिया राहजन मन ही मन सोचने लगा चलो इस को लूटते हैं जैसे ही उसके पास पहुँचा जो भी तेरे पास...

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नवसृजन By praveen bhargava

"पूर्वी मुझे उम्मीद नहीं है कि, स्थिति जल्दी ठीक होने वाली है। क्यों न तुम कुछ दिन के लिए अपने घर चली जाओ? मैं भी गाँव चला जाता हूं, वहां खेती..." पूर्वी ने बात काट दी "वहां खेती क...

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दोस्त,जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना… By Piyush Goel

दोस्त जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना….सच्चा दोस्त- दोस्त ही होता हैं.दो दोस्त रोहित और दिव्य आपस में १०वी कक्षा तक कब पहुँच गए पता ही नहीं चला, दिव्य ने १०वी की परीक्षा प्रथम...

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सोने की दस अँगूठियाँ …. By Piyush Goel

कुशागढ़ के राजा तेजस्वी अपनी प्रजा का बड़ा ही ख़याल रखते थे. समय समय पर अपनी प्रजा से मिलना और महीने में एक बार अपने दरबार में विशिष्ट नागरिकों को आमंत्रित करते थे प्रजा के उन लोगो...

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आदत By R.KapOOr

सूचना : ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है व इसका जीवित यां मृत किसी भी व्यक्ति से कोई सम्बंध नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक इत्तेफाक है ।ये कहानी केवल पाठकों के मनोरंजन के लि...

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जेन ऑस्टिन - अंतिम भाग By Jitin Tyagi

घर में हुए इस कारनामे को एक महीना गुज़र चुका था। लेकिन बिगड़ी हुई व्यवस्था अभी तक ठीक नहीं हुईं थी। और इस बिगड़ी हुई व्यवस्था की उथल-पुथल में निशा बड़ी शांत रहने लगी थी। उसका कॉलेज तक...

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अस्तित्व By Piya

रात के 3 बजे थे फिर भी मुझे नींद नहीं आ रही थी बस यही बत मुझे खाये जा रही थी की कल क्या होगा? ऐसे अनगिनत सवाल मेरे दिमाग़ मे अपना घर बनाये बैठे थे,वैसे देखा जाये तो हम घर मे सिर्फ 3...

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रोटी By Neelam Kulshreshtha

रोटी से रोटी तक जिन्दगी की दौड़ डॉ. लता अग्रवाल लघुकथा आज की समृध्द होती विधा है, जिसने अधिकांश लेखकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है | अपनी लघुता के साथ लघुकथा ने अपनी उपस्थिति द...

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आई. सी. यू. By Shwet Kumar Sinha

रात्रि के तकरीबन ग्यारह बजे थे जब अस्पताल में उद्घोषणा हुई और मुझे आई सी यू में बुलाया गया। दरअसल पिताजी के सांस लेने में काफी तकलीफ होने की वजह से डॉक्टर ने उन्हें आई सी यू में भर...

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तेरी महिमा अपरम्पार …. By Piyush Goel

एक मध्यवर्गीय सेठ जी अपनी दुकान पर जा रहे थे, रास्ते में सड़क पर पड़े कागज को सेठ जी ने पता नहीं क्या सोच कर उठा लिया, सेठ जी ने कागज पढ़ा, सेठ जी दंग रह गए एक दम वापिस घर आए और सि...

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ब्लाइंड डेट- अंतिम भाग By Jitin Tyagi

आने वाला शनिवार तक विकास ने जो ज़िन्दगी जी वो बेमतलब सी थी। पहले प्यार में मिले धोखे जैसी उसे कुछ होश नहीं था। कि वो क्या कर रहा हैं। वो घर पर होने के वक़्त सड़क पर होता और सड़क पर होन...

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हीरे की अंगूठी…. By Piyush Goel

एक ३४-३५ साल के एक सज्जन बड़े ही सीधे साधे,लेकिन अपने सिद्धांत के पक्के थे, नौकरी की तलाश में शहर के बीच से गुज़रे जा रहे थे. रास्ते में एक मंदिर पड़ा, मत्था टेक कर जैसे ही आगे बढ़...

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गोरा और काला By S Sinha

                                                कहानी  - गोरा और काला    “ बेटे अब तो तेरी नौकरी भी लग गयी है और कम्पनी ने तुम्हें अच्छा फ्लैट भी दिया है  . तुम शहर में अकेले रह रह...

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आमजन से सत्ता के गलियारों तक By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ      मन में उबलते गुबार को, किसी ग़लत या सही बात की प्रतिक्रिया स्वरूप कागजों पर उतार देने के लिये गद्ध में सबसे छोटी विधा है 'लघु कथा. 'कोई...

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मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. By Piyush Goel

मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. एक दिन अचानक एक भिखारी सेठ जी की दुकान पर आया, सेठ ने जैसे ही भिखारी को पैसे दिए, भिखारी ने पैसे लेने से माना कर दिया नहीं साहेब मुझे पैसे नहीं मुझे ख...

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प्यार लफ्जों में कहां - 2 By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ा villa जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम नहीं ले...

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ईश्क में दर्द - 2 - अथर्व के घर आने की खुशी By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ी हवेली टाइप घर जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम...

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एक मृत पत्नी कि विडंबना । By Rubi Shukla

एक मृत पत्नी ने अपने पति को दिए हुए कुछ सलाह जो कठिन हृदय रख के हर एक पति पत्नी को पढ़ना और समझना चाहिए।नमस्कार दोस्तों, कहा जाता हैं कि एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता...

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डिलीट इट By Sushma Tiwari

माही की नजर बार - बार घड़ी की ओर जाती और उसे लगता जैसे समय वहीं थम सा गया है। ये बीस मिनट का ऑफिस लंच ब्रेक उसे सदियों सा लगता जब अपने अंतर्द्वंद से निकल सबके सामने खुद को साझा करन...

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खड़ूस By Veena Vij

"जब देखो तुम फोन पर चिपकी रहती हो!" वैष्णवी के पास से गुजरते हुए मनोज खिजे हुए से बाहर वराण्डे की ओर चले गए। उसे लगा शायद वे उससे कुछ बात करने आए थे। वह व्हाट्सएप पर आज के कुछ मैसे...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 18) By Kishanlal Sharma

57--संस्कार"इंडियन ड्रेस और कल्चर यहां नही चलेगा।"कम्पनी जॉइन करने के बाद कम्पनी का सी ई ओ, मधु से बोला,"तुम्हे वेस्टर्न ड्रेस और कल्चर अपनाना पड़ेगा।""मेरा कम्पनी में सलेक्शन मेरी...

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रोशनी.... By Lotus

2006 की ये कहानी है... रोशनी.. नागपूर के पास एक छोटा सा टाऊन बुटी बोरी ...रौशनी एक सहकारी स्कूल में पढती थी छोटी सी फेमिली थी रौशनी की मेरी मुलाकात रोशनी से स्कूल के पास हुई थी जब...

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किशोर अवस्था सुबह 9 बजे हम अपनी कार से श्रीनगर के लिए निकल लिए थे. रशिम की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, वो रात भर सो भी ना सकी थी, वह सपनो में भी काश्मीर की सैर कर रही थी. देर सुबह उ...

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दोस्ती बचपन की By Sakshi Pandey

दोस्तों ,इस दोस्ती शब्द के कई पर्यायवाची होते जैसे सखा,मित्र,यार आदि। दोस्ती एक एहसास होता है। इस पृथ्वी पर एक दोस्ती एसी भी है जिसमें न किसी प्रकार की लालच,ईस्या होता है ,ओर वो है...

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परजीवी By Deepak sharma

बंगले के बोर्ड पर चार नाम अंकित थे : पति, बृजमोहन नारंग का; पत्नी, श्यामा नारंग का; बड़े बेटे, विजयमोहन नारंग का; और छोटे बेटे इन्द्रमोहन नारंग का। एजेंसी के कर्मचारी ने अपना पत्र ब...

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दो चिट्ठी By Ansh Sisodia

कहा जाता है कि अगर आप किसी से दूर जाओ तो प्यार बढ़ता है। अब यह बात कितनी सही है यह नही पता पर दूर जाना ही क्यों है......जैसा तुमने कहा था, वैसे ही यहाँ आकर तुम्हें यह एक और चिट्ठी ल...

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विद्यावती निझावन किस विभं्रश घाटी में विचर रही थी? कहाँ थी वह? ये पर्दे उसने पहले कहाँ देखे रहे? कब देखे रहे? बयालीस साल पहले? या फिर पैंतालीस साल पहले? वह दरवाजा ढूँढ़ने लगी। सामने...

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बाल हठ By Deepak sharma

उन दिनों मेरे पिता एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक ड्राइवर थे और उस दिन मालिक का सोफा-सेट उसके मकान में पहुँचाने के लिए उनके ट्रक पर लादा गया था । मकान में उसे पहुँचाते समय उन्होंने...

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अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का … शाहगढ के तेजस्वी युवा ज्ञानी राजा घने जंगलों में घूमने के लिए निकल पड़े थकान बहुत हो गई थी अचानक उनकी नज़र एक सुंदर तलैया पर पड़ी राजा का मन तलैय...

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सितम्बर का दूसरा शनिवार है। माँ और बाबूजी के कमरे में बिस्तर के बगल में बैठी बहन माँ से कह रही है, ’’इस मालिश और व्यायाम से आप बहुत जल्दी फिर से पहले की तरह नहाने लगेंग...

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’’मदर सुपीरियर ने जीवणी हरेन्द्रनाथ को बुलाया है।’’ पाँचवी जमात को को हिन्दी पढ़ा रही सिस्टर सीमोर से मैंने कहा। हमारे कान्वेन्ट में लड़कियों के नाम उनके पिता...

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दो दोस्त कुछ खोजते हुए जंगल में आगे बढ़ते जा रहे थे. अचानक जंगल में चार चोरों ने उन दोनो दोस्तों को घेर लिया , सब कुछ देने के लिए कहा उनमें से एक दोस्त चालाक था, तुरंत बोला भाइयों...

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"दो अजनबी!" आज बारिश इतनी तेज थी कि रास्ते भी नजर नहीं आ रहे थे, मगर एक परेशान सा पच्चीस- छब्बीस साल का लड़का जो एक पुराना सा स्कूटर लुढ़काते हुए बारिश के पानी में बुरी तरह भीगा हुआ...

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अपनी दसवीं जमात के बोर्ड का सोशल स्टडीज का पर्चा खत्म करते ही मैं अपने कदम परीक्षा केंद्र के साइकिल स्टैंड की ओर बढ़ाती हूँ । तभी देखती हूँ दूर खड़ी मेरी एक सहपाठिनी एक अजनबी को मेरी...

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तल-घर By Deepak sharma

’’पुत्तू को लौटाना पड़ेगा,’’ उस दोपहर डॉ. बृजलाल बिस्तर पर ऊँघने जा रहे थे जब उनकी पत्नी, कमला, न आन घोषणा की, ’’उसके हाथ में आज सुबह मैंने अपनी...

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दो मुँह हँसी By Deepak sharma

दो मुँह हँसी ’’ऊँ ऊँ,’’ सुनयन जगा है ।  बिजली की फुर्ती से मैं उसके पास जा पहुँचता हूँ । रात में उसे कई बार सू-सू करने की जरूरत महसूस होती है ।  ज...

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तलाकशुदा बहू By पूर्णिमा राज

" अरे भइया सोहन , इहाँ गाँव मे सब कहाँ है कौउनो नजर नहीं आय रहा है। "" उ का बतई भई गाँव मा पंचायत लगी है। अपने बड़के काका के बेटवा ने शादी कर ली है। "" अरे भइया ई तो खुशी की बात है...

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मरा मरा …. से राम राम ….. मोह मोह से ….ॐ ॐ…. By Piyush Goel

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भाभी जी घर पर हैं By S Sinha

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पाँच रुपये ने ज़िंदगी बदल दी……. By Piyush Goel

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दुख में ही भगवान को……… By Piyush Goel

दुख में ही भगवान को………बहुत पुरानी बात हैं,किशनगढ़ के राजा ने अपनी प्रजा की नियत के बारे में पता लगाने के लिए सेनापति को बुलाया और एक आदेश पारित किया की सुखो व दुखो की पोटलिया बनाकर...

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नवसृजन By praveen bhargava

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दोस्त,जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना… By Piyush Goel

दोस्त जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना….सच्चा दोस्त- दोस्त ही होता हैं.दो दोस्त रोहित और दिव्य आपस में १०वी कक्षा तक कब पहुँच गए पता ही नहीं चला, दिव्य ने १०वी की परीक्षा प्रथम...

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सोने की दस अँगूठियाँ …. By Piyush Goel

कुशागढ़ के राजा तेजस्वी अपनी प्रजा का बड़ा ही ख़याल रखते थे. समय समय पर अपनी प्रजा से मिलना और महीने में एक बार अपने दरबार में विशिष्ट नागरिकों को आमंत्रित करते थे प्रजा के उन लोगो...

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आदत By R.KapOOr

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जेन ऑस्टिन - अंतिम भाग By Jitin Tyagi

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अस्तित्व By Piya

रात के 3 बजे थे फिर भी मुझे नींद नहीं आ रही थी बस यही बत मुझे खाये जा रही थी की कल क्या होगा? ऐसे अनगिनत सवाल मेरे दिमाग़ मे अपना घर बनाये बैठे थे,वैसे देखा जाये तो हम घर मे सिर्फ 3...

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रोटी By Neelam Kulshreshtha

रोटी से रोटी तक जिन्दगी की दौड़ डॉ. लता अग्रवाल लघुकथा आज की समृध्द होती विधा है, जिसने अधिकांश लेखकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है | अपनी लघुता के साथ लघुकथा ने अपनी उपस्थिति द...

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