प्रेरक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Motivational Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations a...Read More


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  • किसान

    हमारे देश कृषिप्रधान देश है, लगभग 60% समाज कृषि पर जीवनयापन करता है। कहते है 17व...

  • प्रयत्न

    जिंदगी वहां से शुरू करने में ज्यादा मज़ा है जहां पर लगे की अब मुझसे जिंदगी नहीं...

  • जीवन सलामती के तीन पहेलु

    कोरोना वायरस महामारी अपने भारत देश में ही नहीं किन्तु प...

वे बहत्तर घण्टे By Rajesh Maheshwari

वे बहत्तर घण्टे गुजरात भीषण अकाल से पीड़ित था। रहे थे। फसलें सूख चुकी थीं। खेत दरक गये थे। इन्सानों के लिये अनाज की व्यवस्थाएं तो सरकार...

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मैं टूटकर नहीं बिखरूंगा By Saroj Prajapati

रात को धड़ाम की आवाज से सुषमा की आंख खुली। उसनेे लाइट जला कर देखा तो उसके पति तो वहीं सो रहे थे लेकिन बेटा वहां नहीं था। रात को वह उनके साथ ही तो सोया था। अनजानी आशंकाओं से उसका मन...

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किसान By Rajesh Kumar

हमारे देश कृषिप्रधान देश है, लगभग 60% समाज कृषि पर जीवनयापन करता है। कहते है 17वीं शताब्दी तक भारत की कृषि व्यवस्था बहुत दुरूस्त थी जिससे किसान स्वावलंबी थे और वैश्विक अर्थव्यवस्था...

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प्रयत्न By Arjuna Bunty

जिंदगी वहां से शुरू करने में ज्यादा मज़ा है जहां पर लगे की अब मुझसे जिंदगी नहीं जी जा सकती है। क्योंकि, यही वो मौका होता है , जब हमें अपने कौशल को दिखाने का मौका मिलता है, कठिनाइयो...

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जिंदगी By shama parveen

जिंदगी ईश्वर का अनमोल तोहफा है. जिसे हर किसी को अच्छे से जीना चाहिए. किसी भी इंसान की जिंदगी बहुमूल्य होती है. हर इंसान को अपनी जिंदगी का मूल्य समझना चाहिए. किसी के कहने से अपनी जि...

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जीवन सलामती के तीन पहेलु By Green Man

कोरोना वायरस महामारी अपने भारत देश में ही नहीं किन्तु पूरी दुनिया में फैली हुई है। दिन प्रति दिन दुनिया में कोरोना के दर्दी बढ़ते ही जा रहे हैं लेकिन अभी त...

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गुरु By Pranava Bharti

गुरु ------ भोर की सुनहरी रूपाली किरणें अनु के मन में एक नया संदेश प्रसरित करती हैं।बड़ा भला लगता है उसे ब्रह्म मुहूर्त के सूरज से कानाफूसी करना ।बचपन से ही माँ-पापा सूरज के नम...

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स्वाधीन वल्लभा By Geeta Shri

स्वाधीन वल्लभा गीताश्री प्रेम के आस्वाद के लिये शब्दों की भला क्या जरूरत? शायद दुनिया की तमाम भाषायें, प्रेम के किसी हिमनद से निकली होंगी। एक दुभाषिये के तौर पर नीलंती की जिस अस्फु...

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एक गलत कदम By VANDANA VANI SINGH

अगर उस दिन ममता को रोक लिया गया होता तो उसके घर से पुलिस स्टेशन तक जाना एक गलत कदम साबित ना होता। कहते है सादी ब्याह की जोडिया उपर से बन के आती है, फिर जमीन पे रहने वाले लोग ये क्य...

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ध्वनि By Sarika Saxena

तरंग हॉस्पिटल के वेटिंग एरिया की एक चेयर पर बैठी हुई थी| उसका हाथ अपने उभरे हुए पेट को प्यार से सहला रहा था, और उसका दूसरा हाथ अपने पति अनंत की उँगलियों में उलझा हुआ था| वो दोनों ए...

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घृणा का फल By Deepankar Sikder

भारत के एक ग्राम में एक परिवार रहता था, छोटा परिवार था जिसमें एक बेटा और उसके मां और पापा रहते थे।उनका अपना तो कोइ घर नहीं था लेकिन वो कीराए के घर रहते थे।बेटे का नाम गोपाल था और...

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अनजान देवदूत By pratibha singh

रहस्मयी सेंटामैं मरना चाहती हूँ। कुछ भी तो नही बचा जीने के लिए।गरीबी में पैदा हुई। माँ बाप बेहद गरीब थे। मैं उनकी इकलौती सन्तान थी। घर की हालत बेहद खस्ता थी।...

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पढ़ाई By VANDANA VANI SINGH

ये माना जाता है की पढने का हुनर सबमे नही आता , ये तो कुछ लोगो में ही होता है । ऐसे हुनर से कौन नही निखरेगा , कौन नही चाहेगा की वह पढ़ लिखकर अपने को उज्ज्वल बना सके । लेकिन अपने समाज...

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हर मुश्किलों का अंत By Karan Somani

कैसे है? आप सब, चलो ये बात तो बहुत अच्छी है की आप अच्छे है, अपनी ज़िन्दगी को जी रहे है या काट रहे है ये हमारी सोच है क्या आपको पता है की आप कितने अच्छे है, या आप बहुत समझदार औरईमानद...

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विश्वास By Prem Nhr

विश्वाश सेठ रामानंद जी भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त हैं। उनका व्यापर का काम बहुत अच्छा चल रहा था लेकिन पिछले कई दिनों से उनको कारोबार में हानि उठानी पड़ रही है...। वे सज्जन स्वभाव क...

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कैसी मैकलिस्टर - अन्तर्द्वन्द और जीत By Abhishek Sharma - Instant ABS

प्रिय पाठकों, होंसला मन से उत्तपन्न वह भाव है जिसके बूते व्यक्ति समुद्र की अन्नत गहराइयों में खोई गयी सुई ढूंढने का भी माद्दा रखता है। होंसला वह इच्छा शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति क...

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जिंदगी लॉकडाउन By Atul Kumar Sharma ” Kumar ”

""""अरे काजल बेटा अभी तू तैयार ही नही हुई , देख कितना समय हो गया । लड़के वाले आते ही होंगे । अच्छे से तैयार होकर उनके सामने आना । वैसे तो मेरी बिटिया रानी को भगवान ने वैसे...

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Tik Tok Hua Ban By Ankit Chaudhary શિવ

लोगो की आदत बन गया था एक चाइना का फचरा , जिसे हम सब लोग टिक टोक के नामसे जानते थे। आज हमारी भारतीय गवर्नमेंट चाइना से आए हुए कचरे को आज कचरे में मिला दिया पर क्या आप ने गवर्न...

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पेंसिल और रबड़ By Pragya Chandna

यह कहानी है दो दोस्तों की। यह दो दोस्त कोई भी दो आम दोस्त हो सकते है ‌। पर हमारी कहानी के ये दो दोस्त हैं पेंसिल और रबड़। हां-हां हमारे ज्यामेट्री बॉक्स वाले पेंसिल और रबड़।...

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निस्वार्थ सेवा By RAJESH MAHESHWARI

निस्वार्थ सेवा कुछ वर्ष पूर्व गुजरात राज्य में भीषण अकाल पड़ा था जिसमें मानव के साथ साथ जानवर भी भोजन के अभाव में काल कलवित हो रहे थे। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गो वंश पर हो र...

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साझी जिम्मेदारी By Saroj Prajapati

शाम को सुरभि जब ऑफिस से घर लौटी तो उसकी बुआ सास आई हुई थी। उसने अपना सामान रख, अपनी सास व बुआ सास के पैर छूकर उनका हालचाल पूछा । फिर वह कपड़े बदलने अंदर चली गई। बाहर आई, तो उसकी स...

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इमरजेंसी वार्ड में एक दिन By Pragya Chandna

इमरजेंसी वार्ड में एक दिन वरूण जो कि एक डाॅक्टर है इमरजेंसी वार्ड में एक लड़के श्रेयांश के सामने खड़ा है, जिसने अभी-अभी कीटनाशक दवा पीकर अपनी जिंदगी की इस पतंग को काटने का...

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ममता माँ की By Prem Nhr

रमा देवी अपने बेटे नारंग, बहु सुरीली और पोते विवेक के साथ जयपुर मैं रहती हैं। बेटे नारंग का जब से विवाह हुआ तब से उसके रंग बहू के कारण बदल गए हैं। बहू का नाम सुरीली है लेकिन सास की...

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अंतिम इच्छा By Rajesh Maheshwari

अंतिम इच्छा राजा विक्रम सिंह की सेना में अजय सिंह व विजय सिंह नाम के दो बहादुर सैनिक थे। उनमें से अजय सिंह, विजय सिंह से 10 वर्ष प...

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पति को सीखाऊंगी By Jitendra Shivhare

एक कहानी रोज़--50 *पति को सीखाऊंगी* *'पढ़ी-लिखी* हो तो क्या अपने पति को समझाओगी!' डिटर्जेंट पावडर विज्ञापन का यह संवाद घर-घर में सुनाई दे रहा था। मगर आशा की सास ने...

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विवाद By Jyoti Prakash Rai

बात चाहे जो भी हो बहस उसे विवाद तक लाकर खड़ा कर देती है। और विवाद का परिणाम हमेशा बुरा ही साबित हुआ है, विवाद अपनों को ही निगल जाने का या अपनों से दूर करने का बहुत बड़ा और गलत रास्...

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पहला कदम By Saaz

एक किस्सा आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगी।तो बात कुछ ऐसी है, कि काफ़ी कठिनाइयों और एक लंबे समय के इंतज़ार के बाद मेरी बड़ी बहन ने एक अतुल्य ख़ुशी से हम सभी को अवगत करवाया।एक...

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सनकी राही By Nagendra Singh Sombansi

कभी कभी बिना कुछ किए ही महानता मिल जाती हैं।या यूं कहें कभी कभी बिना परिश्रम के ही, सब कुछ मिल जाता है।जिसे हम लॉक कहते है.....और कभी कभी कुछ पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता हैं।ये...

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एक कटु सत्य By Sudha Adesh

एक कटु सत्य बारह बज गए हैं, अभी तक काम करने वाले नौकरानी नहीं आई । सारा काम पड़ा है ,नीला को समझ में नहीं आ रहा है कि वह कहाँ से काम शुरू करे । पता नहीं कैसे ये लोग इतना सारा काम...

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आत्महत्या क्यो? By Arjuna Bunty

आत्महत्या क्यो? ये नीला ग्रह कितनी खूबसूरत है न, ये प्रकृति, ये जंगल, ये जीव, ये कायनात,और हम मानुष। कुदरत ने हर खूबसूरती दी है हमें, आपको भी रब ने कितना खूबसूरत बनाया है। जितनी भी...

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उजाले की ओर ---संस्मरण - मैं कहाँ कवि हूँ ?(SANSMARAN) By Pranava Bharti

मैं कहाँ कवि हूँ ? --------------------- उम्र के ऊपर-नीचे गुज़रते मोड़ों पर कब ? किसने ?रोक लगा दी है साहब ! वो तो बस जैसे समय आता है ,गुज़र ही तो जाती है | न कोई पता,न ठिकाना...

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कुदरत से पंगा By Dewashish Upadhyay

‘कुदरत से पंगा'देवाशीष उपाध्याय ‘कितने आदमी थे, छोटे?’ कोरोना सरदार ने अपने सिपहसालार से पूछा।‘सरदार, बाहर तो कोई आदमी नहीं दिखाई दे रहा था! सब डरपोक हैं, हमारे खौंफ...

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नाम में क्या रखा है ! By Sudhir Kamal

नाम में क्या रखा है ! --“मैं छोड़ूंगा नहीं उस बदमाश को, जेल भिजवाऊंगा, रोको मत मुझे।“ गुप्ताजी भारी गुस्से में थे। --“छोड़िये न बाबूजी, गुस्सा न करें, फिर बीपी बढ़ जायेगा आपका।“ बेटे...

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महर्षि दुर्वासा और सती अनुसुइया की कथा By Hindi Kavita Shayari

महर्षि दुर्वासा ऋषि अत्री और सती अनुसुइया के पुत्र थे. वे स्वाभाव से बहुत ही क्रोधी थे. वे सतयुग, द्वापर और त्रेता तीनों ही युगों में रहे. ऋषि दुर्वासा एक महान तपस्वी थे और तपोब...

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दो सवाल? By Arjuna Bunty

दो सवाल?प्रिय मित्रों,मै कोई बहुत प्रतिष्ठित प्राणी तो नहीं हूं इस कायनात का पर यहां जो भी मैंने आपको बताया है वो मेरा गहन अध्ययन ही है अगर कोई बात अंदर तक लगती है तो लगने देना जब...

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वो रिक्शा वाला By इंदर भोले नाथ

वो रिक्शा वाला "साहेब मुझे छोड़ दो साहेब""साहेब मुझे छोड़ दो साहेब" बार-बार यही फरियाद करता रहा, वो रिक्शा वाला थानेदार "साहेब" से....."साहेब मुझे छोड़ दो साहेब" मैं बहुत ही ग़रीब...

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वी केन By Jitendra Shivhare

एक कहानी रोज़--40*वी केन -- कहानी* *दु* कान मालिक की प्रतिक्षा करते-करते तीनों कर्मचारी घर चले गये थे। अब बबलू और सुनिल ही उनकी प्रतिक्षा में दुकान पर रूके हुये थे। बबलू क...

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हमारी नयी कार By Kalyan Singh

हेलो ऑटो ! खाली नहीं है lदूसरा ऑटो ! इतनी रात को वहां नहीं जाऊंगा lयह कहकर न जाने कितने ऑटो वाले अपने - अपने रास्ते चले गए l" भाई साहब , अब इस समय तो ऑटो मिलना बहुत मुश्किल है l" प...

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ज़िन्दगी की ताकतवर और महत्वपूर्ण चीज By Karan Somani

"ज़िन्दगी की ताकतवर or महत्वपूर्ण चीज "क्या हमने कभी सोचा है की हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और ताकतवर चीज कौन सी है? ऐसी चीज जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और ताकतवर हो हमारे जीव...

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मस्ताने बुजुर्ग दंपति क्वॉरेंटाइन में By r k lal

मस्ताने बुजुर्ग दंपति क्वॉरेंटाइन में आर० के० लाल मिसेज सरला और शर्माजी ने बुढ़ापे में अपने जीने का नजरिया ही बदल डाला था। वह दोनों एक अलग घर में रहते और एक दू...

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कवीपर्ण की समझदारी By Ptm

एक गांव में जब एक परिवार खुशी से रह रहा था। उस परिवार में छह सदस्य थे। एक दिन इस परिवार द्वारा सभी प्रियजनों और रिश्तेदारों के लिए हवन और भगवान कृष्ण की पूजा की गई। लोगों ने परिवार...

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जींदगी By Vipul Borisa

बात थोड़ी सी लंबी है,लेकिन पढ़ना जरूर अभी तो वैसे भी सब के पास वक़्त है ही।अभी पिछले दो दिनों में दो दिग्गज अभिनेताओ का निधन हो गया।सारे social media पे बस एक ही शब्द दिखाई दे रहा है,...

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मैं गणेश बोल रहा हूँ ... By राज कुमार कांदु

सड़क किनारे बैंड बाजे और डी जे के शोरगुल के बीच गणपति विसर्जन के बाद थके हारे लोग अपने अपने घर पर सुहाने सपनों की दुनिया में खोये हुए थे ।नाचना गाना तो मेरे बस का नहीं था लेकिन देर...

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वो बूढ़ी औरत By इंदर भोले नाथ

वो बुढी़ औरतरोज सुबह ड्यूटी पे जाना रोज शाम लौट के रूम पे आना, ये रूटीन सा बन गया था, मोहन के लिये।हालाँकि रूम से फैक्ट्री ज़्यादा दूर नहीं था, तकरीबन१०-१५ मिनट का रास्ता है। मोहन...

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बाबा - पार्ट 2 By Junaid Chaudhary

अम्मी इद्दत में बैठी थी।।बड़ी मान मनोव्वल ओर इलतेजाओ के बाद वो कुछ दिन की मोहलत देकर चले गए। इद्दत पूरी होते ही अम्मी ने कुछ जमा पेसो से लेडीज सूट्स का काम कर लिया।।तपती दोपहरों में...

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माँ और मिट्टी By Ajay Kumar Awasthi

मातृ दिवस पर..... माँ और मिट्टी एक बरगद का पेड़ पिछले दस सालों से मेरी छत में एक गमले में फल फूल रहा है । पहले वह एक छोटे गमले में था, पर जड़ें फैलने लगीं तो मैंने उसे थोड़ी बड़ी जगह द...

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जीवन की कहानी By Karan Somani

ग्रीष्म काल की बात है एक राहुल नाम का लड़का जो कि एक सवेरा गांव में रहता था | राहुल मानसिक रूप से काफी नकारात्मक था, राहुल का एक छोटा सा परिवार था जिसमें उसकी मां, उसकी छोटी बहन...

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M C S By इंदर भोले नाथ

M C S
Middle Class Student

ये कहानी एक मध्यवर्गीय छात्र के जीवन के ऊपर है, जो जॉब के लिए चाहे वो प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी डिप...

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यशोदा माँ By Sushma Tiwari

उसका आना मेरे लिए जिंदगी की एक नई शुरुआत थी। "खुशी".. खुशी नाम दिया था मैंने उसे, पता नहीं उसका असली नाम क्या था.. पर जब वो मुझे मिली तो जो एहसास पनपा मन में मैंने उसे वो नाम दे दि...

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वे बहत्तर घण्टे By Rajesh Maheshwari

वे बहत्तर घण्टे गुजरात भीषण अकाल से पीड़ित था। रहे थे। फसलें सूख चुकी थीं। खेत दरक गये थे। इन्सानों के लिये अनाज की व्यवस्थाएं तो सरकार...

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मैं टूटकर नहीं बिखरूंगा By Saroj Prajapati

रात को धड़ाम की आवाज से सुषमा की आंख खुली। उसनेे लाइट जला कर देखा तो उसके पति तो वहीं सो रहे थे लेकिन बेटा वहां नहीं था। रात को वह उनके साथ ही तो सोया था। अनजानी आशंकाओं से उसका मन...

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किसान By Rajesh Kumar

हमारे देश कृषिप्रधान देश है, लगभग 60% समाज कृषि पर जीवनयापन करता है। कहते है 17वीं शताब्दी तक भारत की कृषि व्यवस्था बहुत दुरूस्त थी जिससे किसान स्वावलंबी थे और वैश्विक अर्थव्यवस्था...

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प्रयत्न By Arjuna Bunty

जिंदगी वहां से शुरू करने में ज्यादा मज़ा है जहां पर लगे की अब मुझसे जिंदगी नहीं जी जा सकती है। क्योंकि, यही वो मौका होता है , जब हमें अपने कौशल को दिखाने का मौका मिलता है, कठिनाइयो...

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जिंदगी By shama parveen

जिंदगी ईश्वर का अनमोल तोहफा है. जिसे हर किसी को अच्छे से जीना चाहिए. किसी भी इंसान की जिंदगी बहुमूल्य होती है. हर इंसान को अपनी जिंदगी का मूल्य समझना चाहिए. किसी के कहने से अपनी जि...

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जीवन सलामती के तीन पहेलु By Green Man

कोरोना वायरस महामारी अपने भारत देश में ही नहीं किन्तु पूरी दुनिया में फैली हुई है। दिन प्रति दिन दुनिया में कोरोना के दर्दी बढ़ते ही जा रहे हैं लेकिन अभी त...

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गुरु By Pranava Bharti

गुरु ------ भोर की सुनहरी रूपाली किरणें अनु के मन में एक नया संदेश प्रसरित करती हैं।बड़ा भला लगता है उसे ब्रह्म मुहूर्त के सूरज से कानाफूसी करना ।बचपन से ही माँ-पापा सूरज के नम...

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स्वाधीन वल्लभा By Geeta Shri

स्वाधीन वल्लभा गीताश्री प्रेम के आस्वाद के लिये शब्दों की भला क्या जरूरत? शायद दुनिया की तमाम भाषायें, प्रेम के किसी हिमनद से निकली होंगी। एक दुभाषिये के तौर पर नीलंती की जिस अस्फु...

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एक गलत कदम By VANDANA VANI SINGH

अगर उस दिन ममता को रोक लिया गया होता तो उसके घर से पुलिस स्टेशन तक जाना एक गलत कदम साबित ना होता। कहते है सादी ब्याह की जोडिया उपर से बन के आती है, फिर जमीन पे रहने वाले लोग ये क्य...

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ध्वनि By Sarika Saxena

तरंग हॉस्पिटल के वेटिंग एरिया की एक चेयर पर बैठी हुई थी| उसका हाथ अपने उभरे हुए पेट को प्यार से सहला रहा था, और उसका दूसरा हाथ अपने पति अनंत की उँगलियों में उलझा हुआ था| वो दोनों ए...

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घृणा का फल By Deepankar Sikder

भारत के एक ग्राम में एक परिवार रहता था, छोटा परिवार था जिसमें एक बेटा और उसके मां और पापा रहते थे।उनका अपना तो कोइ घर नहीं था लेकिन वो कीराए के घर रहते थे।बेटे का नाम गोपाल था और...

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अनजान देवदूत By pratibha singh

रहस्मयी सेंटामैं मरना चाहती हूँ। कुछ भी तो नही बचा जीने के लिए।गरीबी में पैदा हुई। माँ बाप बेहद गरीब थे। मैं उनकी इकलौती सन्तान थी। घर की हालत बेहद खस्ता थी।...

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पढ़ाई By VANDANA VANI SINGH

ये माना जाता है की पढने का हुनर सबमे नही आता , ये तो कुछ लोगो में ही होता है । ऐसे हुनर से कौन नही निखरेगा , कौन नही चाहेगा की वह पढ़ लिखकर अपने को उज्ज्वल बना सके । लेकिन अपने समाज...

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हर मुश्किलों का अंत By Karan Somani

कैसे है? आप सब, चलो ये बात तो बहुत अच्छी है की आप अच्छे है, अपनी ज़िन्दगी को जी रहे है या काट रहे है ये हमारी सोच है क्या आपको पता है की आप कितने अच्छे है, या आप बहुत समझदार औरईमानद...

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विश्वास By Prem Nhr

विश्वाश सेठ रामानंद जी भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त हैं। उनका व्यापर का काम बहुत अच्छा चल रहा था लेकिन पिछले कई दिनों से उनको कारोबार में हानि उठानी पड़ रही है...। वे सज्जन स्वभाव क...

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कैसी मैकलिस्टर - अन्तर्द्वन्द और जीत By Abhishek Sharma - Instant ABS

प्रिय पाठकों, होंसला मन से उत्तपन्न वह भाव है जिसके बूते व्यक्ति समुद्र की अन्नत गहराइयों में खोई गयी सुई ढूंढने का भी माद्दा रखता है। होंसला वह इच्छा शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति क...

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जिंदगी लॉकडाउन By Atul Kumar Sharma ” Kumar ”

""""अरे काजल बेटा अभी तू तैयार ही नही हुई , देख कितना समय हो गया । लड़के वाले आते ही होंगे । अच्छे से तैयार होकर उनके सामने आना । वैसे तो मेरी बिटिया रानी को भगवान ने वैसे...

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Tik Tok Hua Ban By Ankit Chaudhary શિવ

लोगो की आदत बन गया था एक चाइना का फचरा , जिसे हम सब लोग टिक टोक के नामसे जानते थे। आज हमारी भारतीय गवर्नमेंट चाइना से आए हुए कचरे को आज कचरे में मिला दिया पर क्या आप ने गवर्न...

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पेंसिल और रबड़ By Pragya Chandna

यह कहानी है दो दोस्तों की। यह दो दोस्त कोई भी दो आम दोस्त हो सकते है ‌। पर हमारी कहानी के ये दो दोस्त हैं पेंसिल और रबड़। हां-हां हमारे ज्यामेट्री बॉक्स वाले पेंसिल और रबड़।...

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निस्वार्थ सेवा By RAJESH MAHESHWARI

निस्वार्थ सेवा कुछ वर्ष पूर्व गुजरात राज्य में भीषण अकाल पड़ा था जिसमें मानव के साथ साथ जानवर भी भोजन के अभाव में काल कलवित हो रहे थे। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गो वंश पर हो र...

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साझी जिम्मेदारी By Saroj Prajapati

शाम को सुरभि जब ऑफिस से घर लौटी तो उसकी बुआ सास आई हुई थी। उसने अपना सामान रख, अपनी सास व बुआ सास के पैर छूकर उनका हालचाल पूछा । फिर वह कपड़े बदलने अंदर चली गई। बाहर आई, तो उसकी स...

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इमरजेंसी वार्ड में एक दिन By Pragya Chandna

इमरजेंसी वार्ड में एक दिन वरूण जो कि एक डाॅक्टर है इमरजेंसी वार्ड में एक लड़के श्रेयांश के सामने खड़ा है, जिसने अभी-अभी कीटनाशक दवा पीकर अपनी जिंदगी की इस पतंग को काटने का...

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ममता माँ की By Prem Nhr

रमा देवी अपने बेटे नारंग, बहु सुरीली और पोते विवेक के साथ जयपुर मैं रहती हैं। बेटे नारंग का जब से विवाह हुआ तब से उसके रंग बहू के कारण बदल गए हैं। बहू का नाम सुरीली है लेकिन सास की...

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अंतिम इच्छा By Rajesh Maheshwari

अंतिम इच्छा राजा विक्रम सिंह की सेना में अजय सिंह व विजय सिंह नाम के दो बहादुर सैनिक थे। उनमें से अजय सिंह, विजय सिंह से 10 वर्ष प...

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पति को सीखाऊंगी By Jitendra Shivhare

एक कहानी रोज़--50 *पति को सीखाऊंगी* *'पढ़ी-लिखी* हो तो क्या अपने पति को समझाओगी!' डिटर्जेंट पावडर विज्ञापन का यह संवाद घर-घर में सुनाई दे रहा था। मगर आशा की सास ने...

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विवाद By Jyoti Prakash Rai

बात चाहे जो भी हो बहस उसे विवाद तक लाकर खड़ा कर देती है। और विवाद का परिणाम हमेशा बुरा ही साबित हुआ है, विवाद अपनों को ही निगल जाने का या अपनों से दूर करने का बहुत बड़ा और गलत रास्...

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पहला कदम By Saaz

एक किस्सा आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगी।तो बात कुछ ऐसी है, कि काफ़ी कठिनाइयों और एक लंबे समय के इंतज़ार के बाद मेरी बड़ी बहन ने एक अतुल्य ख़ुशी से हम सभी को अवगत करवाया।एक...

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सनकी राही By Nagendra Singh Sombansi

कभी कभी बिना कुछ किए ही महानता मिल जाती हैं।या यूं कहें कभी कभी बिना परिश्रम के ही, सब कुछ मिल जाता है।जिसे हम लॉक कहते है.....और कभी कभी कुछ पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता हैं।ये...

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एक कटु सत्य By Sudha Adesh

एक कटु सत्य बारह बज गए हैं, अभी तक काम करने वाले नौकरानी नहीं आई । सारा काम पड़ा है ,नीला को समझ में नहीं आ रहा है कि वह कहाँ से काम शुरू करे । पता नहीं कैसे ये लोग इतना सारा काम...

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आत्महत्या क्यो? By Arjuna Bunty

आत्महत्या क्यो? ये नीला ग्रह कितनी खूबसूरत है न, ये प्रकृति, ये जंगल, ये जीव, ये कायनात,और हम मानुष। कुदरत ने हर खूबसूरती दी है हमें, आपको भी रब ने कितना खूबसूरत बनाया है। जितनी भी...

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उजाले की ओर ---संस्मरण - मैं कहाँ कवि हूँ ?(SANSMARAN) By Pranava Bharti

मैं कहाँ कवि हूँ ? --------------------- उम्र के ऊपर-नीचे गुज़रते मोड़ों पर कब ? किसने ?रोक लगा दी है साहब ! वो तो बस जैसे समय आता है ,गुज़र ही तो जाती है | न कोई पता,न ठिकाना...

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कुदरत से पंगा By Dewashish Upadhyay

‘कुदरत से पंगा'देवाशीष उपाध्याय ‘कितने आदमी थे, छोटे?’ कोरोना सरदार ने अपने सिपहसालार से पूछा।‘सरदार, बाहर तो कोई आदमी नहीं दिखाई दे रहा था! सब डरपोक हैं, हमारे खौंफ...

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नाम में क्या रखा है ! By Sudhir Kamal

नाम में क्या रखा है ! --“मैं छोड़ूंगा नहीं उस बदमाश को, जेल भिजवाऊंगा, रोको मत मुझे।“ गुप्ताजी भारी गुस्से में थे। --“छोड़िये न बाबूजी, गुस्सा न करें, फिर बीपी बढ़ जायेगा आपका।“ बेटे...

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महर्षि दुर्वासा और सती अनुसुइया की कथा By Hindi Kavita Shayari

महर्षि दुर्वासा ऋषि अत्री और सती अनुसुइया के पुत्र थे. वे स्वाभाव से बहुत ही क्रोधी थे. वे सतयुग, द्वापर और त्रेता तीनों ही युगों में रहे. ऋषि दुर्वासा एक महान तपस्वी थे और तपोब...

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दो सवाल? By Arjuna Bunty

दो सवाल?प्रिय मित्रों,मै कोई बहुत प्रतिष्ठित प्राणी तो नहीं हूं इस कायनात का पर यहां जो भी मैंने आपको बताया है वो मेरा गहन अध्ययन ही है अगर कोई बात अंदर तक लगती है तो लगने देना जब...

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वो रिक्शा वाला By इंदर भोले नाथ

वो रिक्शा वाला "साहेब मुझे छोड़ दो साहेब""साहेब मुझे छोड़ दो साहेब" बार-बार यही फरियाद करता रहा, वो रिक्शा वाला थानेदार "साहेब" से....."साहेब मुझे छोड़ दो साहेब" मैं बहुत ही ग़रीब...

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वी केन By Jitendra Shivhare

एक कहानी रोज़--40*वी केन -- कहानी* *दु* कान मालिक की प्रतिक्षा करते-करते तीनों कर्मचारी घर चले गये थे। अब बबलू और सुनिल ही उनकी प्रतिक्षा में दुकान पर रूके हुये थे। बबलू क...

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हमारी नयी कार By Kalyan Singh

हेलो ऑटो ! खाली नहीं है lदूसरा ऑटो ! इतनी रात को वहां नहीं जाऊंगा lयह कहकर न जाने कितने ऑटो वाले अपने - अपने रास्ते चले गए l" भाई साहब , अब इस समय तो ऑटो मिलना बहुत मुश्किल है l" प...

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ज़िन्दगी की ताकतवर और महत्वपूर्ण चीज By Karan Somani

"ज़िन्दगी की ताकतवर or महत्वपूर्ण चीज "क्या हमने कभी सोचा है की हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और ताकतवर चीज कौन सी है? ऐसी चीज जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और ताकतवर हो हमारे जीव...

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मस्ताने बुजुर्ग दंपति क्वॉरेंटाइन में By r k lal

मस्ताने बुजुर्ग दंपति क्वॉरेंटाइन में आर० के० लाल मिसेज सरला और शर्माजी ने बुढ़ापे में अपने जीने का नजरिया ही बदल डाला था। वह दोनों एक अलग घर में रहते और एक दू...

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कवीपर्ण की समझदारी By Ptm

एक गांव में जब एक परिवार खुशी से रह रहा था। उस परिवार में छह सदस्य थे। एक दिन इस परिवार द्वारा सभी प्रियजनों और रिश्तेदारों के लिए हवन और भगवान कृष्ण की पूजा की गई। लोगों ने परिवार...

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जींदगी By Vipul Borisa

बात थोड़ी सी लंबी है,लेकिन पढ़ना जरूर अभी तो वैसे भी सब के पास वक़्त है ही।अभी पिछले दो दिनों में दो दिग्गज अभिनेताओ का निधन हो गया।सारे social media पे बस एक ही शब्द दिखाई दे रहा है,...

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मैं गणेश बोल रहा हूँ ... By राज कुमार कांदु

सड़क किनारे बैंड बाजे और डी जे के शोरगुल के बीच गणपति विसर्जन के बाद थके हारे लोग अपने अपने घर पर सुहाने सपनों की दुनिया में खोये हुए थे ।नाचना गाना तो मेरे बस का नहीं था लेकिन देर...

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वो बूढ़ी औरत By इंदर भोले नाथ

वो बुढी़ औरतरोज सुबह ड्यूटी पे जाना रोज शाम लौट के रूम पे आना, ये रूटीन सा बन गया था, मोहन के लिये।हालाँकि रूम से फैक्ट्री ज़्यादा दूर नहीं था, तकरीबन१०-१५ मिनट का रास्ता है। मोहन...

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बाबा - पार्ट 2 By Junaid Chaudhary

अम्मी इद्दत में बैठी थी।।बड़ी मान मनोव्वल ओर इलतेजाओ के बाद वो कुछ दिन की मोहलत देकर चले गए। इद्दत पूरी होते ही अम्मी ने कुछ जमा पेसो से लेडीज सूट्स का काम कर लिया।।तपती दोपहरों में...

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माँ और मिट्टी By Ajay Kumar Awasthi

मातृ दिवस पर..... माँ और मिट्टी एक बरगद का पेड़ पिछले दस सालों से मेरी छत में एक गमले में फल फूल रहा है । पहले वह एक छोटे गमले में था, पर जड़ें फैलने लगीं तो मैंने उसे थोड़ी बड़ी जगह द...

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जीवन की कहानी By Karan Somani

ग्रीष्म काल की बात है एक राहुल नाम का लड़का जो कि एक सवेरा गांव में रहता था | राहुल मानसिक रूप से काफी नकारात्मक था, राहुल का एक छोटा सा परिवार था जिसमें उसकी मां, उसकी छोटी बहन...

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M C S By इंदर भोले नाथ

M C S
Middle Class Student

ये कहानी एक मध्यवर्गीय छात्र के जीवन के ऊपर है, जो जॉब के लिए चाहे वो प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी डिप...

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यशोदा माँ By Sushma Tiwari

उसका आना मेरे लिए जिंदगी की एक नई शुरुआत थी। "खुशी".. खुशी नाम दिया था मैंने उसे, पता नहीं उसका असली नाम क्या था.. पर जब वो मुझे मिली तो जो एहसास पनपा मन में मैंने उसे वो नाम दे दि...

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