प्रेरक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Motivational Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations a...Read More


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  • मैनेजर साहब - 2

    मैनेजर साहब नए ऑफिस मैं आये तो उनकी मुलाकात रीना नाम की कर्मचारी से हुई | समय के...

  • सच्चा सैल्यूट

    सर्दी का एक शांत दिन। इस मौसम में तापमान और अपराध काफी कम हो गये थे। वार्सा जंगल...

  • शक्तिला

    आज पूरी रात ठीक से सो नहीं पाई शक्तिला, नींद आती भी कैसे ! हंसती खिलखिलाती, जीवन...

आज से वो स्वतंत्र हैं By Aromatic Saurabh

"आज से वो स्वतंत्र हैं" अभिनव बचपन से ही प्रकृति की सुन्दरता से प्रेम करता है।उसे पशु- पक्षियों और पेड़-पौधों से बहुत अधिक लगाव है।उसके लगाव का एक कारण उसके पापा का चिड़ियाघर...

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आउटसाइडर्स By Amita Joshi

"आउटसाइडर्स आर नाॅट अलाउड " मैडम ये पट्टिकाएं कितनी बनानी है ?", वर्मा जी के इस प्रश्न से सरिता कुछ दुविधा में पड़ गई ।कल ही उसने इस महाविद्यालय में प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया ह...

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मैनेजर साहब - 2 By The Real Ghost

मैनेजर साहब नए ऑफिस मैं आये तो उनकी मुलाकात रीना नाम की कर्मचारी से हुई | समय के साथ दोनों के बीच घनिष्टता बढ़ती गयी | परन्तु किसी कारणवश विवाह नहीं हो सका | रीना ने ऑफिस के ही एक अ...

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प्रेरणा By जगदीप सिंह मान दीप

मैं जब बूढ़े बैल(भाई) को याद करता हूँ तो उसकी गाड़ी में बैठने का चाव,गाड़ी में बैठने के बाद मन में हवाई जहाज में बैठने जैसे भाव और वो कागज की नाव मुझे आज भी याद आतीं हैं।बचपन लौटकर...

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एलएस स्ट्रोन की भारत यात्रा By Omprakash Kshatriya

एलएस स्ट्रोन की भारत यात्रा ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ वुहान से हवाईजहाज में सवार हुआ एस स्ट्रोन कोरोना वायरस ने कहा, '' एल स्ट्रोन ! क्यों न भारत की सैर की जाए ?''...

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लॉक डाउन By Deepti Khanna

इस जमीन से इश्क था मुझे,यह चहल-पहल की दुनिया लुभाती थी मुझे । पुरवइया के साथ आंचल उड़ाती थी मैं कभी ,फिर अपने मुख से उसे ओढ़ मुस्कुराती थी मैं कभी ।हर वक्त घर से बाहर रहना ,सारे शह...

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आत्मविश्वास By guru Krupa

"आत्मविश्वास से मिली जीत"जापान में कोई सो वर्ष पहले छोटे से राज्य पर पड़ोस के बड़े राजा ने हमला बोल दिया। हमलावर राजा बड़ा है। आक्रमक बहुत शक्तिशाली है। कोई दस गुनी ताकत है उसके पा...

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कच्ची उम्र की समझदारी By Monika kakodia

जरूरी नहीं कि बड़प्पन एक उम्र के बाद ही आये ,समय और परिस्थिति व्यक्ति को समय से पहले ही परिपक्व कर देते हैं

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कर्तव्य By Rajesh Maheshwari

कर्तव्य एक गरीब महिला अपने बेटे के साथ नदी से लगी हुई रेल्वे लाइन के ब्रिज के पास झोपड़े में रहती थी। एक दिन रात में दो बजे के आसपास तेज आवाज हुई जिससे उसकी नींद खुल गई वह देखने क...

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चापलूसी By Rajesh Maheshwari

चापलूसी सेठ पुरूषोत्तमदास शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति थे। जिन्होने कड़ी मेहनत एवं परिश्रम से अपने उद्योग का निर्माण किया था। उनका एकमात्र पुत्र राकेश अ...

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मानवीयता श्रेष्ठ धर्म By Rajesh Maheshwari

मानवीयता श्रेष्ठ धर्म जबलपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष और भारत सरकार में अस्सिटेंट सालिसिटर जनरल के पद पर अपनी सेवाएँ दे चुके श्री राशिद सुहैल सिद्दीकी ने जन्म और मृत्यु क...

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सच्चा सैल्यूट By Mohit Trendster

सर्दी का एक शांत दिन। इस मौसम में तापमान और अपराध काफी कम हो गये थे। वार्सा जंगली देहात में नियुक्त हुए नये थानेदार बिमलेश शर्मा ने फाइलों में गुम दीवान से कहा – “इस बार सरकार सख्त...

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धैर्य By Seema Jain

मीनाक्षी अपनी तीसरी मंजिल के फ्लैट की बालकनी में कुर्सी पर बैठी नीचे पार्क को देख रही थी। एक भी बच्चा या बड़ा नजर नहीं आ रहा था। उसे अकेलेपन और बेबसी के कारण चिड़चिड़ाहट हो रही थी।...

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कर्मफल By Rajesh Maheshwari

कर्मफल डा. श्याम शुक्ल 75 वर्ष, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे है। वे अभी भी भारतीय बाल कल्याण परिषद, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश बाल...

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आत्मा अमरधर्मा By Rajesh Maheshwari

आत्मा अमरधर्मा श्री आर. आर सिंघई 85 वर्ष वन विभाग से सेवानिवृत्त है। उन्होंने जैन धर्म, सनातन धर्म, भक्ति साहित्य के साथ, अंग्रेजी साहित्य का भी गहन अध्ययन किया है। उनका व्यक्ति,...

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कैंसर – निराशा से बचें By Rajesh Maheshwari

कैंसर – निराशा से बचें डा. ईश्वरमुखी को मई 2018 में 85 वर्ष की अवस्था में कैंसर हो गया। जब रोग का पता लगा वह थर्ड स्टेज पर पहुँच चुका था परंतु अब वे पूर्ण स्वस्थ्य है। रोग होने स...

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शक्तिला By Meenakshi Singh

आज पूरी रात ठीक से सो नहीं पाई शक्तिला, नींद आती भी कैसे ! हंसती खिलखिलाती, जीवन के उमंगों से भरपूर, वह मासूम सी लड़की कब बचपन की दहलीज लांघ कर, यौवन की सपनीली दुनिया में प्रवेश कर...

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विवेक By Sunil N Shah

जिंदगी का वह पल जिसे हम देख चुके हैं, महसूस कर चुके हैं, हमारे मन स्मृति में हमेशा जिंदा रहता है। ऐसे ही बात मैं आपको बताना चाहता हूं।आज से कुछ ९ साल पहले सर्व शिक्षा अभियान के अंत...

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निर्जीव सजीव By Rajesh Maheshwari

निर्जीव सजीव जबलपुर के पास नर्मदा किनारे बसे रामपुर नामक गाँव में एक संपन्न किसान एवं मालगुजार ठाकुर हरिसिंह रहते थे। उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों एवं प्रकृति से बड़ा प्रेम था।...

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समाधान By Rajesh Maheshwari

समाधान रागिनी एक संभ्रांत परिवार की पढी लिखी, सुंदर एवं सुशील लडकी थी। उसका विवाह एक कुलीन परिवार के लडके राजीव के साथ संपन्न ह...

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चेहरे पर चेहरा By Rajesh Maheshwari

चेहरे पर चेहरा रामसिंह नाम का एक व्यक्ति था, वह पेशे से डाक्टर था। वह बहुत से लोगों को नौकरी पर रखे था। उसने यह प्रचारित किया था कि वह जनता के हित में एक सर्वसुविधा युक्त आधुनिक...

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जहाँ चाह वहाँ राह By Rajesh Maheshwari

जहाँ चाह वहाँ राह डा. अंजली शुक्ला (61 वर्ष) अर्थशास्त्र की प्राध्यापक है। वे दुर्भाग्य से 2014 में कैंसर से पीडित हो गई थी परंतु अपने आत्मबल, परिजनों के सह...

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मृत्यु-बोध By Bhupendra Kumar Dave

मृत्यु-बोध मैं पहली बार श्मशान गया था। अन्त्येष्ठि मेरे मित्र की थी इसलिये खालीपन का कसैला स्वाद रह-रहकर मस्तिष्क अनुभव कर रहा था। मेरे इर्द-गिर्द सभी चेहरे मुझे सहमे हुए लगे। कुछ...

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अचानक By Pranava Bharti

अचानक -------------- उसने सीढ़ियां चढ़ते हुए एक लंबी साँस खींची थी ,पता नहीं ---शायद थक गई थी या फिर आदत पड़ गई थी उसे बार-बार लंबी साँस लेने की | ये लायब्रेरी की सीढ़...

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जन्म या मृत्यु By Chaya Agarwal

कहानी - जन्म या मृत्युउस रात कड़ाके की ठंड थी। दूर-दूर तक कोहरा पसरा हुआ था।वाचमैन भी कंम्बल में दुबका था। एक तो ठंड की हद उस पर अमावस की रात, सोने पर सुहागा। हाथ को हाथ सुझाई नही द...

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19 साल का वो हैकर और कंप्यूटर प्रोग्रामर By Mrityunjay Singh

यूपी के चंदौली जिले के औरैया गांव में 21 साल पहले किसान योगेंद्र सिंह के घर पैदा हुए बेटे मृत्युंजय सिंह के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि वो एक दिन दुनियाभर की सुर्खियों में...

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प्रगति की आधारशिला - संघर्ष By Rajesh Maheshwari

प्रगति की आधारषिला - संघर्ष म.प्र. के महाधिवक्ता श्री राजेंद्र तिवारी (83 वर्ष) विधि के क्षेत्र में एक चिरपरिचित व्यक्तित्व तो हैं ही...

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अकल्पित By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

अाने को तो वह गाँव आ गये थे, पर मन बिल्कुल झल्लाया हुआ था । अक्सर वो इस बात का लेखा जोखा करते रहे हैं कि माँ बाप का विरोध करके, जवानी में, ये पढ़ी लिखी पत्नी लाने का निर्णय कर के उ...

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मन के हारे हार - मन के जीते जीत  By Jyoti Prakash Rai

ईश्वर की कृपा से अगर आपका शरीर क्रियाशील है तो फिर आपको यह कभी नहीं सोचना चाहिए की यह कार्य बहुत कठिन है अथवा यह मुझसे नहीं होगा। आधुनिक युग में मनुष्य ही मात्र वह प्राणी है जो संस...

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इंसानियत By Rajesh Kumar

यह प्रसंग मेरे बाल्यकाल की एक सच्ची घटना पर आधारित है। मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता था। मैंने उत्तरप्रदेश पॉलिटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन किया था। मैं घर से बाहर रहकर पढ़र...

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अंदाज By Vinay Panwar

अंदाज ******* "अपनी उम्र देखो बहू , दूसरा पड़ाव खत्म होने को है, लेकिन समझ नाम की चीज नही है तुम्हारे पास। अरे हम भी तो हैं म...

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प्रभु कृपा By Rajesh Maheshwari

प्रभु कृपा म.प्र. के जाने माने शल्य चिकित्सक डा. ओ.पी. मिश्रा (94 वर्...

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विद्यादान By Rajesh Maheshwari

विद्यादान परिधि एक संभ्रांत परिवार की पुत्रवधू थी। वह प्रतिदिन अपने आस-पास के गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाती थी। उसकी कक्षा में तीन चार दिन पहले ही एक बालक बब्लू आया था...

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उड़ान By Dr. Vandana Gupta

"मैडम...! लीजिए मिठाई खाइए" मेरे सामने नसरीन खड़ी थी.. गर्वित चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक लिए.."अरे बेटा..तुम! आओ कैसी हो? कहाँ हो आजकल?" उसे इतना खुश देखकर मैं पाँच साल पीछे चली गई...

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फ़ितरत मासूम सी By Bhavna Jadav

हररोज की तरह रोजमरा की जिंदगी चल रही थी । एक दिन कुछ हल्की सी चिलचिलाहत सुनाई द मेरे आँगन के पास सुबह उठकर मने देखा तो मेरे घर के पास कुते ने 6 बच्चों को जन्म दिया बहुत ही मासूम सी...

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अंतिम डगर By Nikunj Patel

अंतिम डगर मुश्केली सभी को होती है पर हस्ते मुश्कुराते इससे लड़ने की हिम्मत सबके पास नहीं होती. कुछ लोग हार मान लेते है और खुद को अकेला और कमजोर समज के जीवन छोड़नेकी कोशिश करने लगते ह...

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आगे बढ़ो और बढ़ते ही जाओ By Rajesh Maheshwari

आगे बढ़ो और बढ़ते ही जाओ सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सतीशचंद्र दत्त (85 वर्ष) फौजदारी मामलों के विशेषज्ञ है। उन्होंने सन् 1953 में वकालत का पेशा अपनाया था एवं वे अभी भी वकालत क...

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देस बिराना - 31 By Suraj Prakash

देस बिराना किस्सा इकतीस मेरा वहां यह तीसरा दिन था। ये तीनों दिन वहां मैंने एक मेहमान की तरह काटे थे। जब घर के मालिक की हालत ही मेहमान जैसी हो तो मैं भला कैसे सहज रह सकती थी। हम आम...

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एक जिंदगी - दो चाहतें - 49 - अंतिम भाग By Dr Vinita Rahurikar

एक जिंदगी - दो चाहतें विनीता राहुरीकर अध्याय-49 परम ने तनु को बताया नहीं था कि वह आ रहा है। वहाँ पहुँचकर वह उसे सरप्राईज देना चाहता था। तभी जब भरत विला पहुँचकर वह टैक्सी से उतरा तो...

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मृत्यु - जीवन का अंतिम और परम सखा By Rajesh Maheshwari

मृत्यु - जीवन का अंतिम और परम सखा आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी (81 वर्ष ) हिंदी एवं संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान तथा साहित्य के क्षेत्र में दैदीप्यमान नक्षत्र है। उन्होंने जबलपुर,...

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रहस्य - 2 By अमिता वात्य

तभी गुस्से मे पापा की कही बात अचानक दिमाग मे आकर अटक गई "15साल से इसे अपनी आँखों के सामने झेल रहा था , तुमसे बरदाश्त नही हुआ जो उस हराम की इस दूसरी निशानी को भी सम्भाल कर रखा है।...

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गुरु की चालाकी By Monty Khandelwal

ये एक वास्तविक घटना हे? आज सुबह से ही क्लास में मस्ती हो रही थी| क्यूंकि आज सिर्फ पूरी स्कूल में 2 ही टीचर थे | तो क्लास में से कुछ लड़के स्कूल से भाग गये थे | मै भी क्लास से भाग के...

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कौन था वो By DINESH DIVAKAR

दिन भर के थकान से मैं उस रेस्टोरेंट के बाहर बने चबूतरे पर बैठ गया मेरे आंखों में मुझे आज दिन भर के दृश्य याद आने लगे सुबह उठ कर मैं अपनी पत्नी सुरभि से बोला- अरे यार एक कप चाय पिला...

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आज से वो स्वतंत्र हैं By Aromatic Saurabh

"आज से वो स्वतंत्र हैं" अभिनव बचपन से ही प्रकृति की सुन्दरता से प्रेम करता है।उसे पशु- पक्षियों और पेड़-पौधों से बहुत अधिक लगाव है।उसके लगाव का एक कारण उसके पापा का चिड़ियाघर...

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आउटसाइडर्स By Amita Joshi

"आउटसाइडर्स आर नाॅट अलाउड " मैडम ये पट्टिकाएं कितनी बनानी है ?", वर्मा जी के इस प्रश्न से सरिता कुछ दुविधा में पड़ गई ।कल ही उसने इस महाविद्यालय में प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया ह...

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मैनेजर साहब - 2 By The Real Ghost

मैनेजर साहब नए ऑफिस मैं आये तो उनकी मुलाकात रीना नाम की कर्मचारी से हुई | समय के साथ दोनों के बीच घनिष्टता बढ़ती गयी | परन्तु किसी कारणवश विवाह नहीं हो सका | रीना ने ऑफिस के ही एक अ...

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प्रेरणा By जगदीप सिंह मान दीप

मैं जब बूढ़े बैल(भाई) को याद करता हूँ तो उसकी गाड़ी में बैठने का चाव,गाड़ी में बैठने के बाद मन में हवाई जहाज में बैठने जैसे भाव और वो कागज की नाव मुझे आज भी याद आतीं हैं।बचपन लौटकर...

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एलएस स्ट्रोन की भारत यात्रा By Omprakash Kshatriya

एलएस स्ट्रोन की भारत यात्रा ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ वुहान से हवाईजहाज में सवार हुआ एस स्ट्रोन कोरोना वायरस ने कहा, '' एल स्ट्रोन ! क्यों न भारत की सैर की जाए ?''...

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लॉक डाउन By Deepti Khanna

इस जमीन से इश्क था मुझे,यह चहल-पहल की दुनिया लुभाती थी मुझे । पुरवइया के साथ आंचल उड़ाती थी मैं कभी ,फिर अपने मुख से उसे ओढ़ मुस्कुराती थी मैं कभी ।हर वक्त घर से बाहर रहना ,सारे शह...

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आत्मविश्वास By guru Krupa

"आत्मविश्वास से मिली जीत"जापान में कोई सो वर्ष पहले छोटे से राज्य पर पड़ोस के बड़े राजा ने हमला बोल दिया। हमलावर राजा बड़ा है। आक्रमक बहुत शक्तिशाली है। कोई दस गुनी ताकत है उसके पा...

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कच्ची उम्र की समझदारी By Monika kakodia

जरूरी नहीं कि बड़प्पन एक उम्र के बाद ही आये ,समय और परिस्थिति व्यक्ति को समय से पहले ही परिपक्व कर देते हैं

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कर्तव्य By Rajesh Maheshwari

कर्तव्य एक गरीब महिला अपने बेटे के साथ नदी से लगी हुई रेल्वे लाइन के ब्रिज के पास झोपड़े में रहती थी। एक दिन रात में दो बजे के आसपास तेज आवाज हुई जिससे उसकी नींद खुल गई वह देखने क...

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चापलूसी By Rajesh Maheshwari

चापलूसी सेठ पुरूषोत्तमदास शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति थे। जिन्होने कड़ी मेहनत एवं परिश्रम से अपने उद्योग का निर्माण किया था। उनका एकमात्र पुत्र राकेश अ...

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मानवीयता श्रेष्ठ धर्म By Rajesh Maheshwari

मानवीयता श्रेष्ठ धर्म जबलपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष और भारत सरकार में अस्सिटेंट सालिसिटर जनरल के पद पर अपनी सेवाएँ दे चुके श्री राशिद सुहैल सिद्दीकी ने जन्म और मृत्यु क...

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सच्चा सैल्यूट By Mohit Trendster

सर्दी का एक शांत दिन। इस मौसम में तापमान और अपराध काफी कम हो गये थे। वार्सा जंगली देहात में नियुक्त हुए नये थानेदार बिमलेश शर्मा ने फाइलों में गुम दीवान से कहा – “इस बार सरकार सख्त...

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धैर्य By Seema Jain

मीनाक्षी अपनी तीसरी मंजिल के फ्लैट की बालकनी में कुर्सी पर बैठी नीचे पार्क को देख रही थी। एक भी बच्चा या बड़ा नजर नहीं आ रहा था। उसे अकेलेपन और बेबसी के कारण चिड़चिड़ाहट हो रही थी।...

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कर्मफल By Rajesh Maheshwari

कर्मफल डा. श्याम शुक्ल 75 वर्ष, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे है। वे अभी भी भारतीय बाल कल्याण परिषद, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश बाल...

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आत्मा अमरधर्मा By Rajesh Maheshwari

आत्मा अमरधर्मा श्री आर. आर सिंघई 85 वर्ष वन विभाग से सेवानिवृत्त है। उन्होंने जैन धर्म, सनातन धर्म, भक्ति साहित्य के साथ, अंग्रेजी साहित्य का भी गहन अध्ययन किया है। उनका व्यक्ति,...

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कैंसर – निराशा से बचें By Rajesh Maheshwari

कैंसर – निराशा से बचें डा. ईश्वरमुखी को मई 2018 में 85 वर्ष की अवस्था में कैंसर हो गया। जब रोग का पता लगा वह थर्ड स्टेज पर पहुँच चुका था परंतु अब वे पूर्ण स्वस्थ्य है। रोग होने स...

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शक्तिला By Meenakshi Singh

आज पूरी रात ठीक से सो नहीं पाई शक्तिला, नींद आती भी कैसे ! हंसती खिलखिलाती, जीवन के उमंगों से भरपूर, वह मासूम सी लड़की कब बचपन की दहलीज लांघ कर, यौवन की सपनीली दुनिया में प्रवेश कर...

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विवेक By Sunil N Shah

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निर्जीव सजीव By Rajesh Maheshwari

निर्जीव सजीव जबलपुर के पास नर्मदा किनारे बसे रामपुर नामक गाँव में एक संपन्न किसान एवं मालगुजार ठाकुर हरिसिंह रहते थे। उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों एवं प्रकृति से बड़ा प्रेम था।...

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समाधान By Rajesh Maheshwari

समाधान रागिनी एक संभ्रांत परिवार की पढी लिखी, सुंदर एवं सुशील लडकी थी। उसका विवाह एक कुलीन परिवार के लडके राजीव के साथ संपन्न ह...

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चेहरे पर चेहरा By Rajesh Maheshwari

चेहरे पर चेहरा रामसिंह नाम का एक व्यक्ति था, वह पेशे से डाक्टर था। वह बहुत से लोगों को नौकरी पर रखे था। उसने यह प्रचारित किया था कि वह जनता के हित में एक सर्वसुविधा युक्त आधुनिक...

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जहाँ चाह वहाँ राह By Rajesh Maheshwari

जहाँ चाह वहाँ राह डा. अंजली शुक्ला (61 वर्ष) अर्थशास्त्र की प्राध्यापक है। वे दुर्भाग्य से 2014 में कैंसर से पीडित हो गई थी परंतु अपने आत्मबल, परिजनों के सह...

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मृत्यु-बोध By Bhupendra Kumar Dave

मृत्यु-बोध मैं पहली बार श्मशान गया था। अन्त्येष्ठि मेरे मित्र की थी इसलिये खालीपन का कसैला स्वाद रह-रहकर मस्तिष्क अनुभव कर रहा था। मेरे इर्द-गिर्द सभी चेहरे मुझे सहमे हुए लगे। कुछ...

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अचानक By Pranava Bharti

अचानक -------------- उसने सीढ़ियां चढ़ते हुए एक लंबी साँस खींची थी ,पता नहीं ---शायद थक गई थी या फिर आदत पड़ गई थी उसे बार-बार लंबी साँस लेने की | ये लायब्रेरी की सीढ़...

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जन्म या मृत्यु By Chaya Agarwal

कहानी - जन्म या मृत्युउस रात कड़ाके की ठंड थी। दूर-दूर तक कोहरा पसरा हुआ था।वाचमैन भी कंम्बल में दुबका था। एक तो ठंड की हद उस पर अमावस की रात, सोने पर सुहागा। हाथ को हाथ सुझाई नही द...

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19 साल का वो हैकर और कंप्यूटर प्रोग्रामर By Mrityunjay Singh

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प्रगति की आधारशिला - संघर्ष By Rajesh Maheshwari

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अकल्पित By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

अाने को तो वह गाँव आ गये थे, पर मन बिल्कुल झल्लाया हुआ था । अक्सर वो इस बात का लेखा जोखा करते रहे हैं कि माँ बाप का विरोध करके, जवानी में, ये पढ़ी लिखी पत्नी लाने का निर्णय कर के उ...

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मन के हारे हार - मन के जीते जीत  By Jyoti Prakash Rai

ईश्वर की कृपा से अगर आपका शरीर क्रियाशील है तो फिर आपको यह कभी नहीं सोचना चाहिए की यह कार्य बहुत कठिन है अथवा यह मुझसे नहीं होगा। आधुनिक युग में मनुष्य ही मात्र वह प्राणी है जो संस...

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इंसानियत By Rajesh Kumar

यह प्रसंग मेरे बाल्यकाल की एक सच्ची घटना पर आधारित है। मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता था। मैंने उत्तरप्रदेश पॉलिटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन किया था। मैं घर से बाहर रहकर पढ़र...

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अंदाज By Vinay Panwar

अंदाज ******* "अपनी उम्र देखो बहू , दूसरा पड़ाव खत्म होने को है, लेकिन समझ नाम की चीज नही है तुम्हारे पास। अरे हम भी तो हैं म...

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प्रभु कृपा By Rajesh Maheshwari

प्रभु कृपा म.प्र. के जाने माने शल्य चिकित्सक डा. ओ.पी. मिश्रा (94 वर्...

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विद्यादान By Rajesh Maheshwari

विद्यादान परिधि एक संभ्रांत परिवार की पुत्रवधू थी। वह प्रतिदिन अपने आस-पास के गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाती थी। उसकी कक्षा में तीन चार दिन पहले ही एक बालक बब्लू आया था...

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उड़ान By Dr. Vandana Gupta

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फ़ितरत मासूम सी By Bhavna Jadav

हररोज की तरह रोजमरा की जिंदगी चल रही थी । एक दिन कुछ हल्की सी चिलचिलाहत सुनाई द मेरे आँगन के पास सुबह उठकर मने देखा तो मेरे घर के पास कुते ने 6 बच्चों को जन्म दिया बहुत ही मासूम सी...

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अंतिम डगर By Nikunj Patel

अंतिम डगर मुश्केली सभी को होती है पर हस्ते मुश्कुराते इससे लड़ने की हिम्मत सबके पास नहीं होती. कुछ लोग हार मान लेते है और खुद को अकेला और कमजोर समज के जीवन छोड़नेकी कोशिश करने लगते ह...

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आगे बढ़ो और बढ़ते ही जाओ By Rajesh Maheshwari

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देस बिराना - 31 By Suraj Prakash

देस बिराना किस्सा इकतीस मेरा वहां यह तीसरा दिन था। ये तीनों दिन वहां मैंने एक मेहमान की तरह काटे थे। जब घर के मालिक की हालत ही मेहमान जैसी हो तो मैं भला कैसे सहज रह सकती थी। हम आम...

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एक जिंदगी - दो चाहतें - 49 - अंतिम भाग By Dr Vinita Rahurikar

एक जिंदगी - दो चाहतें विनीता राहुरीकर अध्याय-49 परम ने तनु को बताया नहीं था कि वह आ रहा है। वहाँ पहुँचकर वह उसे सरप्राईज देना चाहता था। तभी जब भरत विला पहुँचकर वह टैक्सी से उतरा तो...

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मृत्यु - जीवन का अंतिम और परम सखा By Rajesh Maheshwari

मृत्यु - जीवन का अंतिम और परम सखा आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी (81 वर्ष ) हिंदी एवं संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान तथा साहित्य के क्षेत्र में दैदीप्यमान नक्षत्र है। उन्होंने जबलपुर,...

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रहस्य - 2 By अमिता वात्य

तभी गुस्से मे पापा की कही बात अचानक दिमाग मे आकर अटक गई "15साल से इसे अपनी आँखों के सामने झेल रहा था , तुमसे बरदाश्त नही हुआ जो उस हराम की इस दूसरी निशानी को भी सम्भाल कर रखा है।...

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गुरु की चालाकी By Monty Khandelwal

ये एक वास्तविक घटना हे? आज सुबह से ही क्लास में मस्ती हो रही थी| क्यूंकि आज सिर्फ पूरी स्कूल में 2 ही टीचर थे | तो क्लास में से कुछ लड़के स्कूल से भाग गये थे | मै भी क्लास से भाग के...

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कौन था वो By DINESH DIVAKAR

दिन भर के थकान से मैं उस रेस्टोरेंट के बाहर बने चबूतरे पर बैठ गया मेरे आंखों में मुझे आज दिन भर के दृश्य याद आने लगे सुबह उठ कर मैं अपनी पत्नी सुरभि से बोला- अरे यार एक कप चाय पिला...

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