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  • दरिंदा - भाग - 2

    प्रिया अपने सामने वाले खाली घर में किसी के आ जाने से बहुत खुश थी। अब तक भी वह उस...

  • संघर्ष

    एक बहुत छोटा शब्द है संघर्ष लेकिन इस शब्द का मतलब केवल वह जानता है जिसमें कुछ कर...

  • बारिश की बूंदें और वो - भाग 4

    भावनाओं का जाल जैसे-जैसे समय बीतता गया, आदित्य और स्नेहा की दोस्ती और गहरी होती...

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  • The Devils Journalist Wife - 5

    पंडित जी  शादी शुरू करवाते हैं । पंडित जी कन्या दान करने के  लिए  कहते है ।राजीव...

  • बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 21

       शाम का समय,   सिद्धांत का घर,   शांतनु ने देखा कि माहौल कुछ ज्यादा ही भारी हो...

  • पंकज एस शॉर्ट स्टोरीज

    मेरा नाम पंकज मोदक है। में एक लघु कहानीकार हुं।‌ मेरा जन्म इंडिया देश के एक गांव...

  • My Wife is Student ? - 15

    स्वाति को इस तरह से घबराते हुए देख मानुषी और माया एक दूसरे के सामने देखने लगते ह...

  • बैरी पिया.... - 45

    शिविका ने देखा तो सामने वही लड़के थे जो उसके परिवार की मौत के जिम्मेदार थे । शिव...

  • साजिशें और इश्क़

    अध्याय 1: पहली मुलाकात कहानी की शुरुआत एक हलचल भरे शहर से होती है, जहाँ लोग भागद...

The real game By Needhi Patel

Behind the warमुँह बंदsss रखो अपना !! तुम अच्छी तरह जानते हो कि ये सब करने का अंजाम क्या हो सकता है फिर भी तुम अपनी गलती को मानने की बजाय मुझसे इस तरह ज़ुबान लडा़ रहे हो ,वो तो शुक...

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पके फलों का बाग़ By Prabodh Kumar Govil

बाग़ के फल अब पकने लगे थे। लेकिन माली भी बूढ़ा होने लगा। माली तो अब भी मज़े में था, क्योंकि बूढ़ा होने की घटना कोई एक अकेले उसी के साथ नहीं घटी थी। जो उसके सामने पैदा हुए वो भी बूढ...

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छूना है आसमान By Goodwin Masih

“छूना है आसमान“, बाल उपन्यास कल्पना कम, हकीकत अधिक है। चेतना से मेरा परिचय किसी और नाम से हुआ था। चेतना उम्र में छोटी जरूर थी, लेकिन उसकी समझ, उसकी बातें और उसकी सोच बड़ों से कम नही...

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शेष रही यादे By Kishanlal Sharma

"राकेश नहीं रहा।""क्या?"राकेश की मौत का समाचार काजोल को अपने पिता से मिला था।इस समाचार को सुनकर वह हतप्रद रह गईं।उसे सहसा इस बात पर विश्वास नही हुआ था।इसलिए उसने अपने पापा से पूछा...

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मेरे घर आना ज़िंदगी By Santosh Srivastav

मेरे घर आना ज़िंदगी आत्मकथा संतोष श्रीवास्तव (1) ज़िंदगी यूँ हुई बसर तनहा काफिला साथ और सफर तनहा जो घर फूँके आपनो कबीर मेरे जीवन में रचे बसे थे। खाली वक्त कभी रहा नहीं। रहा भी तो कबी...

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सुरतिया By vandana A dubey

’नमस्ते बाउजी. कैसे हैं?’बाहर बरामदे में बैठे बाउजी यानी रामस्वरूप शर्मा जी, सुधीर के दोस्त आलोक के इस सम्बोधन और उसके पैर छूने के उपक्रम से गदगद हो गये. ’ठीक ही हूं बेटा. अब बुढ़ाप...

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आखा तीज का ब्याह By Ankita Bhargava

सपनों को पूरा करने निकली वासंती अपने रिश्तों को ही खो बैठी। जब फिर से अतीत की गलियों ने उसे पुकारा तो वह अनिष्ट की आशंका से घबरा गई। मगर प्रतीक ने आश्वासन दिया कि कोई है वहां उसकी...

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महाकवि भवभूति By रामगोपाल तिवारी

महाकवि भवभूति भारतीय साहित्य एवं संस्कृति की अमर विभूति हैं। उनका साहित्यिक अवदान न केवल एक कवि एवं नाटकार के रूप में वरन् एक महान प्रेरक के रूप में भी हमारे स्वर्णिम इतिहास का अवि...

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राम रचि राखा By Pratap Narayan Singh

दोपहर हो चुकी थी। ध्रुव को सुलाकर मैं आफिस के लिए तैयार होने लगी थी। शान्ति खाना बना रही थी। तभी कालबेल बजा। कौन आ गया इस समय...सोचते हुए मैने दरवाजा खोला।

तीन साल बाद अचानक अनु...

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सड़क पार की खिड़कियाँ By Nidhi agrawal

ज्यों दुनिया के अधिकतर देशों में सेकंड स्ट्रीट होती है, ज्यों हर हिल स्टेशन पर मॉल रोड, वैसे ही यह एक चमचमाती नई सड़क है जो लगभग हर गाँव, हर शहर, हर देश में उपस्थित है। अनजानी राहों...

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