लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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शिवानी का टुनटुनवा By Upasna Siag

शिवानी आज सुबह से मन ही मन बहुत खुश थी। रात को अच्छे से नींद भी नहीं आयी फिर भी एक दम तरो-ताज़ा लग रही थी। पूजा पाठ में भी मन नहीं लग रहा था। बार -बार ध्यान अपने कमरे में रखे हुए ब...

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बिग बैंग By Pritpal Kaur

फाइल पर आख़िरी टिप्पणी कर के अपने हस्ताक्षर चिपकाये, झटके से फाइल बंद की और अपनी झुकी हुयी गर्दन सीधी की. सामने दीवार पर लगी घड़ी पर नज़र डाली तो देखा साढ़े छह बज चुके थे. खुद पर गुस्स...

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ख़्वाब....जो बता न सके By Satender_tiwari_brokenwordS

नैना की नौकरी विदेश में लग गयी थी। घर वाले खुश तो थे लेकिन वही बात है ना कि लड़की है कैसे रह पाएगी ? वही समाज के चार ताने और वो चार लोग, न जाने कौन ??लेकिन फिर भी नैना के माता पिता...

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हुस्न कि तख़लीक़ By Saadat Hasan Manto

कॉलिज में शाहिदा हसीन-तरीन लड़की थी। उस को अपने हुस्न का एहसास था। इसी लिए वो किसी से सीधे मुँह बात न करती और ख़ुद को मुग़्लिया ख़ानदान की कोई शहज़ादी समझती। Gस के ख़द्द-ओ-ख़ाल वाक़ई मुग...

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सबूत By Dr Narendra Shukl

सबूत सुच्चा सिंह , ये तू किन्हें उठा लाया है ? सामने खड़े , दुबले-पतले से दिखने वाले ग्रामीण युवक तथा पास खड़ी , सांवले - मंझोले कद - काठी वाली युवती की ओर इशारा करते हुये इंस्पैक्ट...

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हारता चला गया By Saadat Hasan Manto

लोगों को सिर्फ़ जीतने में मज़ा आता है। लेकिन उसे जीत कर हार देने में लुत्फ़ आता है।
जीतने में उसे कभी इतनी दिक़्क़त महसूस नहीं हुई। लेकिन हारने में अलबत्ता उसे कई दफ़ा काफ़ी तग-ओ-द...

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ऐक लड़की की कहानी By Savu Baleviya

मे ऐक छोटे से गांव में रहती हूं . मेरे गांव का नाम विरपुर है मुझे बसपन से कुछ बड़ा बनने का सपना है मेरे गांव के लिए कुछ करना है पर सपना तो सपना होता है .मे ५ कछातक गांव में ही अभ्...

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बाबा मेरे बच्चे कैसे हैं ? By Upasna Siag

बाबा, मेरे बच्चे कैसे हैं ?
.............
बोलो बाबा ! हर बार मेरी कही अनसुनी कर देते हो ...., अब तो बोलो !
................
बाबा !
................
मैं क्य...

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मुश्किल घड़ी न देखन दई By Swati

पंचायत का फ़ैसला आ चुका था। स्कूल की ज़मीन को पंचायत ने ख़रीद लिया। और इस ज़मीन पर मंदिर, मस्ज़िद और गुरुद्वारा बनेगा ईसाई की संख्या गॉंव में न के बराबर थीं । स्कूल की हालत बड़...

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इंतक़ाम By S Sinha

कहानी - इंतक़ाम गर्मी की एक दोपहर में अर्चना के फ्लैट का कॉल बेल बजा . वह अपनी विधवा बूढी माँ के साथ उस छोटे से फ्लैट में बहुत दिनों से रह रही थी . कुछ ही देर पहले उसे न...

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हामिद का बच्चा By Saadat Hasan Manto

लाहौर से बाबू हरगोपाल आए तो हामिद घर का रहा ना घाट का। उन्हों ने आते ही हामिद से कहा। “लो भई फ़ौरन एक टैक्सी का बंद-ओ-बस्त करो।”
हामिद ने कहा। “आप ज़रा तो आराम कर लीजिए। इतना लंबा स...

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अमृतसर रेल दुर्घटना विभीषिका 2018 पर 5 लघुकथाएं By Chandresh Kumar Chhatlani

19 अक्टूबर 2018 का दशहरा, भुलाये नहीं भुलता, जब अमृतसर में दशहरा मेला चल रहा था और रेल की पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देखने वालों के ऊपर ट्रेन चढ़ गयी जिसमें कई घायल हुए और लगभग 60 ल...

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एक था लकड़बग्घा By Siraj Ansari

एक जंगल में सभी पशु-पक्षी बड़े प्रेम से रहते थे। सभी खुश थे और एक दूसरे के दुःख दर्द में भी काम आते थे। कभी कभी हल्की आंधी तूफान या कोई आपदा आती तो सब मिलकर उससे निपट लेते थे। आसपास...

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ड्राईवर की दवाई By Ajay Amitabh Suman

भुवन का मेरठ में दवाई की दुकान चलाता था। रात को दुकान से आते आते काफी देर हो जाती थी।लिहाजा सुबह दुकान देर से जाता था। आज भी लगभग 9 बजे सोकर उठा। खाना पीना कहकर अपनी।श्रीमती के पास...

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हाफ़िज़ हुसैन दीन By Saadat Hasan Manto

हाफ़िज़ हुसैन दीन जो दोनों आँखों से अंधा था, ज़फ़र शाह के घर में आया। पटियाले का एक दोस्त रमज़ान अली था, जिस ने ज़फ़र शाह से उस का तआरुफ़ कराया। वो हाफ़िज़ साहिब से मिल कर बहुत मुतअ...

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पहला प्यार By Swati

पहली बार ईशा को कॉलेज के फ्रेशर्स पर गाते हुए देखकर उसके चेहरे को तो कम ही देखा पर उसके गाने को सुनकर लगा कि इस आवाज़ को हमेशा ज़िन्दगी भर सुनना चाहता है। फर्स्ट ईयर की अं...

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हरनाम कौर By Saadat Hasan Manto

निहाल सिंह को बहुत ही उलझन हो रही थी। स्याह-व-सफ़ैद और पत्ली मूंछों का एक गुच्छा अपने मुँह में चूसते हुए वो बराबर दो ढाई घंटे से अपने जवान बेटे बहादुर की बाबत सोच रहा था।
निहाल सि...

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चाट By Pritpal Kaur

बात सीधी सी थी, लेकिन उसकी गंध बेहद तीखी थी. तभी तो जया की ही नहीं पूरे मोहल्ले की नाकें अपने अपने ढंग से सुगबुगा गयी थी.
नयी-नयी अकाउन्ट्स अफसर की प्रमोशन पाए रामलाल ने कहा था, “...

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हतक By Saadat Hasan Manto

दिन भर की थकी माँदी वो अभी अभी अपने बिस्तर पर लेटी थी और लेटते ही सो गई। म्युनिसिपल कमेटी का दारोगा सफ़ाई, जिसे वो सेठ जी के नाम से पुकारा करती थी। अभी अभी उस की हड्डियां पसलियां झ...

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अवलंब By Dr Narendra Shukl

‘तू आने दे ललूआ को . . . सारी बात बताउंगी । एक टेढ़ी सी लकड़ी के सहारे चलती हुई बुढ़िया ने बहू से कहा । ‘ ‘ हां हां देख लूंगी । काम तो करती नहीं . . . उपर से चाहिये साबूदाने की खीर...

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उजरिया By ALOK SHARMA

शहर से दूर एक जंगल के बीच मे कुछ अनुसूचित जनजाती के लोगो का एक छोटा सा कस्बा होता है उसी कस्बे में नारो नाम का व्यक्ति अपने परिवार के साथ रहता है, साथ मे उसकी एक 15 वर्षीय बेटी उ...

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राम बिना रावण दहन By Siraj Ansari

मैं मग़रिब की नमाज़ पढ़ के बैठा ही था कि शर्मा जी का फोन आ गया। शर्मा जी हमारे साथी अध्यापक हैं सर्वोदय बाल विद्यालय में। कहने लगे क्या कर रहे हो। मैंने कहा कुछ नहीं बस रूम पे पड़ा हूँ...

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इन्तज़ार By Kalyan Singh

दोपहर का समय था मैं और अनूप अपनी फील्ड ट्रेनिंग पर चेन्नई जा रहे थे , तभी हमारी ट्रेन नागपुर पहुंची और हमें अपनी सामने वाली नीचे की सीट का बलिदान करने का समय आ गया था क्योक...

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हज्ज-ए-अकबर By Saadat Hasan Manto

इम्तियाज़ और सग़ीर की शादी हुई तो शहर भर में धूम मच गई। आतिश बाज़ियों का रिवाज बाक़ी नहीं रहा था मगर दूल्हे के बाप ने इस पुरानी अय्याशी पर बे-दरेग़ रुपया सर्फ़ किया।
जब सग़ीर ज़ेवरों से...

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हजामत By Saadat Hasan Manto

“मेरी तो आप ने ज़िंदगी हराम कर रखी है…. ख़ुदा करे मैं मर जाऊं।”
“अपने मरने की दुआएं क्यों मांगती हो। मैं मर जाऊं तो सारा क़िस्सा पाक हो जाएगा...... कहो तो मैं अभी ख़ुदकुशी करने के ल...

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कोलाहल By Pritpal Kaur

एक अनजान सी चुप्पी मेरी जुबान पर रखी दिन रात मुझे उलाहने देती रहती है. अक्सर सोचता हूँ कि इस चुप्पी को ढहा कर एक इमारत खडी कर दूँ, जिसका नाम मेरे अपने नाम पर हो. दुनिया में जब कोई...

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क्यूंकि वह आतंकी की माँ थी ! By Upasna Siag

अँधेरा गहरा होता जा रहा था। वह अब भी डरती -कांपती सी झाड़ियों के पीछे छुपी बैठी थी। तूफान तो आना ही था। चला गया आकर ! वह अभी भी छुपी थी। गर्दन घुटनों में दबा रखी थी । कानों में जीप...

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प्रेरणा By Rajesh Bhatnagar

पूरा टाउन हॉल लोगों की भीड़ से खचाखच भरा था । हॉल के मुख्य द्वार से स्टेज तक आने वाले रास्ते को छोड़कर दोनों ओर करीने से कुर्सियां लगीं थीं । सबसे आगे की पंक्ति में शहर के गणमान्य व्...

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टिफिन By Satender_tiwari_brokenwordS

इस कहानी एक काल्पनिक रचना है। इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है।। **********************************************रोहन की टिफ़िन में दाल चावल होता था जिसे वो बिरयानी बोलता था। और अमन...

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श्रेया-विस्तार By Sultan Singh

सूरज दाहिनी ओर से निकल कर माथे पर चढ़ रहा था। लेकिन श्रेया को इसका शायद ही अहसास हो, आज वह पता नही अपने ही विचारो में खोई खोई सी बैठी थी। शायद सिल्वेस्टर गार्डन के डेस्क पर आज वो कि...

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अंशकथा - 2 By कवि अंकित द्विवेदी

कथा 01- पुराना बरगद का पेड़अरे सुनो ! सुनो तो !आखिर मैं भी इसी समाज का सदस्य हूँ । फिर सबने मुझे यूँ अकेला क्यों छोड़ दिया । क्या मैंने किसी का कुछ बिगाड़ा था या फिर किसी को कुछ कह...

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विश्वास By राजनारायण बोहरे

कहानी- विश्वास राजनारायण...

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HELMET - 3 By Vismay

उस फोटो को बडी सी frame में अपने घर में लगायेगा और जितने हो सके उतने लोगो को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करेगा. कबीर हेलमेट पहन कर आसमान की तरफ देखता हुआ, ये जो घटना हुइ...

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छोटे दिल वाला बड़ा आदमी By Ajay Amitabh Suman

राजेश दिल्ली में एक वकील के पास ड्राईवर की नौकरी करता था। रोज सुबह समय से साहब के पास पहुंचकर उनकी मर्सिडीज बेंज की सफाई करता और साहब जहाँ कहते ,उनको ले जाता। अपने काम में पूरी...

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अनोखी मुस्कान - छोटी कहानी By Ramesh Desai

' डेडी ! वोट ए सरप्राइज ! आप के जन्म दिन को ही मेरी शादी होने जा रही हैं . यह दिन हम भला भूलना चाहे तो भी कभी नहीं भूल पायेंगे ! यह दिन हमारे लिए एक यादगार बन जायेगा ! ' &#...

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मेरी कलम से - इन्द्र सभा By Kalpana Bhatt

इंद्र सभाइंद्र सभा में आज सभी देव आमंत्रित थे| देवों के मनोरंजन के लिए अप्सराएँ नृत्य कर रही थी| सभी देवगण हर्षित थे और नृत्य और मदिरा का आनंद उठा रहे थे| ब्रह्मा ,विष्णु, महेश भी...

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सीख़..! By Dipti Methe

सीख़..!Description : स्वाभिमान की परिभाषा आखिर कैसे एक कुत्ता सिखा देता हैं | ईसपर एक लघुकथा. सरिता के गुज़र जाने के बाद मानो मैं अकेलासा पड़ गया | और ढलती उम्र का एहसा...

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दुनिया की सबसे बड़ी ताकत दोस्ती By Smit Makvana

भगवान श्री कृष्णा ने गीता में कहा था कि, "दोस्ती इस दुनिया सबसे बड़ी ताकतवर चीज है, जिससे सच्ची मित्रता प्राप्त हो उससे दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकती!"खामोशियां छूट गयी, बेचैनिया...

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जीवनसाथी By Dr. Vandana Gupta

"सुनो! मैं तुम्हारा अपराधी हूँ। मैं जानता हूँ कि मैंने तुम्हारे साथ अन्याय किया है। जीवन के तीस बसंत तुमने मेरे इंतज़ार में गुजार दिए, उनको तो मैं नहीं लौटा सकता, किन्तु जीवन...

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शिवानी का टुनटुनवा By Upasna Siag

शिवानी आज सुबह से मन ही मन बहुत खुश थी। रात को अच्छे से नींद भी नहीं आयी फिर भी एक दम तरो-ताज़ा लग रही थी। पूजा पाठ में भी मन नहीं लग रहा था। बार -बार ध्यान अपने कमरे में रखे हुए ब...

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बिग बैंग By Pritpal Kaur

फाइल पर आख़िरी टिप्पणी कर के अपने हस्ताक्षर चिपकाये, झटके से फाइल बंद की और अपनी झुकी हुयी गर्दन सीधी की. सामने दीवार पर लगी घड़ी पर नज़र डाली तो देखा साढ़े छह बज चुके थे. खुद पर गुस्स...

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ख़्वाब....जो बता न सके By Satender_tiwari_brokenwordS

नैना की नौकरी विदेश में लग गयी थी। घर वाले खुश तो थे लेकिन वही बात है ना कि लड़की है कैसे रह पाएगी ? वही समाज के चार ताने और वो चार लोग, न जाने कौन ??लेकिन फिर भी नैना के माता पिता...

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हुस्न कि तख़लीक़ By Saadat Hasan Manto

कॉलिज में शाहिदा हसीन-तरीन लड़की थी। उस को अपने हुस्न का एहसास था। इसी लिए वो किसी से सीधे मुँह बात न करती और ख़ुद को मुग़्लिया ख़ानदान की कोई शहज़ादी समझती। Gस के ख़द्द-ओ-ख़ाल वाक़ई मुग...

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सबूत By Dr Narendra Shukl

सबूत सुच्चा सिंह , ये तू किन्हें उठा लाया है ? सामने खड़े , दुबले-पतले से दिखने वाले ग्रामीण युवक तथा पास खड़ी , सांवले - मंझोले कद - काठी वाली युवती की ओर इशारा करते हुये इंस्पैक्ट...

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हारता चला गया By Saadat Hasan Manto

लोगों को सिर्फ़ जीतने में मज़ा आता है। लेकिन उसे जीत कर हार देने में लुत्फ़ आता है।
जीतने में उसे कभी इतनी दिक़्क़त महसूस नहीं हुई। लेकिन हारने में अलबत्ता उसे कई दफ़ा काफ़ी तग-ओ-द...

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ऐक लड़की की कहानी By Savu Baleviya

मे ऐक छोटे से गांव में रहती हूं . मेरे गांव का नाम विरपुर है मुझे बसपन से कुछ बड़ा बनने का सपना है मेरे गांव के लिए कुछ करना है पर सपना तो सपना होता है .मे ५ कछातक गांव में ही अभ्...

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बाबा मेरे बच्चे कैसे हैं ? By Upasna Siag

बाबा, मेरे बच्चे कैसे हैं ?
.............
बोलो बाबा ! हर बार मेरी कही अनसुनी कर देते हो ...., अब तो बोलो !
................
बाबा !
................
मैं क्य...

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मुश्किल घड़ी न देखन दई By Swati

पंचायत का फ़ैसला आ चुका था। स्कूल की ज़मीन को पंचायत ने ख़रीद लिया। और इस ज़मीन पर मंदिर, मस्ज़िद और गुरुद्वारा बनेगा ईसाई की संख्या गॉंव में न के बराबर थीं । स्कूल की हालत बड़...

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इंतक़ाम By S Sinha

कहानी - इंतक़ाम गर्मी की एक दोपहर में अर्चना के फ्लैट का कॉल बेल बजा . वह अपनी विधवा बूढी माँ के साथ उस छोटे से फ्लैट में बहुत दिनों से रह रही थी . कुछ ही देर पहले उसे न...

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हामिद का बच्चा By Saadat Hasan Manto

लाहौर से बाबू हरगोपाल आए तो हामिद घर का रहा ना घाट का। उन्हों ने आते ही हामिद से कहा। “लो भई फ़ौरन एक टैक्सी का बंद-ओ-बस्त करो।”
हामिद ने कहा। “आप ज़रा तो आराम कर लीजिए। इतना लंबा स...

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अमृतसर रेल दुर्घटना विभीषिका 2018 पर 5 लघुकथाएं By Chandresh Kumar Chhatlani

19 अक्टूबर 2018 का दशहरा, भुलाये नहीं भुलता, जब अमृतसर में दशहरा मेला चल रहा था और रेल की पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देखने वालों के ऊपर ट्रेन चढ़ गयी जिसमें कई घायल हुए और लगभग 60 ल...

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एक था लकड़बग्घा By Siraj Ansari

एक जंगल में सभी पशु-पक्षी बड़े प्रेम से रहते थे। सभी खुश थे और एक दूसरे के दुःख दर्द में भी काम आते थे। कभी कभी हल्की आंधी तूफान या कोई आपदा आती तो सब मिलकर उससे निपट लेते थे। आसपास...

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ड्राईवर की दवाई By Ajay Amitabh Suman

भुवन का मेरठ में दवाई की दुकान चलाता था। रात को दुकान से आते आते काफी देर हो जाती थी।लिहाजा सुबह दुकान देर से जाता था। आज भी लगभग 9 बजे सोकर उठा। खाना पीना कहकर अपनी।श्रीमती के पास...

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हाफ़िज़ हुसैन दीन By Saadat Hasan Manto

हाफ़िज़ हुसैन दीन जो दोनों आँखों से अंधा था, ज़फ़र शाह के घर में आया। पटियाले का एक दोस्त रमज़ान अली था, जिस ने ज़फ़र शाह से उस का तआरुफ़ कराया। वो हाफ़िज़ साहिब से मिल कर बहुत मुतअ...

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पहला प्यार By Swati

पहली बार ईशा को कॉलेज के फ्रेशर्स पर गाते हुए देखकर उसके चेहरे को तो कम ही देखा पर उसके गाने को सुनकर लगा कि इस आवाज़ को हमेशा ज़िन्दगी भर सुनना चाहता है। फर्स्ट ईयर की अं...

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हरनाम कौर By Saadat Hasan Manto

निहाल सिंह को बहुत ही उलझन हो रही थी। स्याह-व-सफ़ैद और पत्ली मूंछों का एक गुच्छा अपने मुँह में चूसते हुए वो बराबर दो ढाई घंटे से अपने जवान बेटे बहादुर की बाबत सोच रहा था।
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चाट By Pritpal Kaur

बात सीधी सी थी, लेकिन उसकी गंध बेहद तीखी थी. तभी तो जया की ही नहीं पूरे मोहल्ले की नाकें अपने अपने ढंग से सुगबुगा गयी थी.
नयी-नयी अकाउन्ट्स अफसर की प्रमोशन पाए रामलाल ने कहा था, “...

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हतक By Saadat Hasan Manto

दिन भर की थकी माँदी वो अभी अभी अपने बिस्तर पर लेटी थी और लेटते ही सो गई। म्युनिसिपल कमेटी का दारोगा सफ़ाई, जिसे वो सेठ जी के नाम से पुकारा करती थी। अभी अभी उस की हड्डियां पसलियां झ...

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‘तू आने दे ललूआ को . . . सारी बात बताउंगी । एक टेढ़ी सी लकड़ी के सहारे चलती हुई बुढ़िया ने बहू से कहा । ‘ ‘ हां हां देख लूंगी । काम तो करती नहीं . . . उपर से चाहिये साबूदाने की खीर...

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उजरिया By ALOK SHARMA

शहर से दूर एक जंगल के बीच मे कुछ अनुसूचित जनजाती के लोगो का एक छोटा सा कस्बा होता है उसी कस्बे में नारो नाम का व्यक्ति अपने परिवार के साथ रहता है, साथ मे उसकी एक 15 वर्षीय बेटी उ...

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राम बिना रावण दहन By Siraj Ansari

मैं मग़रिब की नमाज़ पढ़ के बैठा ही था कि शर्मा जी का फोन आ गया। शर्मा जी हमारे साथी अध्यापक हैं सर्वोदय बाल विद्यालय में। कहने लगे क्या कर रहे हो। मैंने कहा कुछ नहीं बस रूम पे पड़ा हूँ...

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इन्तज़ार By Kalyan Singh

दोपहर का समय था मैं और अनूप अपनी फील्ड ट्रेनिंग पर चेन्नई जा रहे थे , तभी हमारी ट्रेन नागपुर पहुंची और हमें अपनी सामने वाली नीचे की सीट का बलिदान करने का समय आ गया था क्योक...

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हज्ज-ए-अकबर By Saadat Hasan Manto

इम्तियाज़ और सग़ीर की शादी हुई तो शहर भर में धूम मच गई। आतिश बाज़ियों का रिवाज बाक़ी नहीं रहा था मगर दूल्हे के बाप ने इस पुरानी अय्याशी पर बे-दरेग़ रुपया सर्फ़ किया।
जब सग़ीर ज़ेवरों से...

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हजामत By Saadat Hasan Manto

“मेरी तो आप ने ज़िंदगी हराम कर रखी है…. ख़ुदा करे मैं मर जाऊं।”
“अपने मरने की दुआएं क्यों मांगती हो। मैं मर जाऊं तो सारा क़िस्सा पाक हो जाएगा...... कहो तो मैं अभी ख़ुदकुशी करने के ल...

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कोलाहल By Pritpal Kaur

एक अनजान सी चुप्पी मेरी जुबान पर रखी दिन रात मुझे उलाहने देती रहती है. अक्सर सोचता हूँ कि इस चुप्पी को ढहा कर एक इमारत खडी कर दूँ, जिसका नाम मेरे अपने नाम पर हो. दुनिया में जब कोई...

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क्यूंकि वह आतंकी की माँ थी ! By Upasna Siag

अँधेरा गहरा होता जा रहा था। वह अब भी डरती -कांपती सी झाड़ियों के पीछे छुपी बैठी थी। तूफान तो आना ही था। चला गया आकर ! वह अभी भी छुपी थी। गर्दन घुटनों में दबा रखी थी । कानों में जीप...

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प्रेरणा By Rajesh Bhatnagar

पूरा टाउन हॉल लोगों की भीड़ से खचाखच भरा था । हॉल के मुख्य द्वार से स्टेज तक आने वाले रास्ते को छोड़कर दोनों ओर करीने से कुर्सियां लगीं थीं । सबसे आगे की पंक्ति में शहर के गणमान्य व्...

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टिफिन By Satender_tiwari_brokenwordS

इस कहानी एक काल्पनिक रचना है। इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है।। **********************************************रोहन की टिफ़िन में दाल चावल होता था जिसे वो बिरयानी बोलता था। और अमन...

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श्रेया-विस्तार By Sultan Singh

सूरज दाहिनी ओर से निकल कर माथे पर चढ़ रहा था। लेकिन श्रेया को इसका शायद ही अहसास हो, आज वह पता नही अपने ही विचारो में खोई खोई सी बैठी थी। शायद सिल्वेस्टर गार्डन के डेस्क पर आज वो कि...

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अंशकथा - 2 By कवि अंकित द्विवेदी

कथा 01- पुराना बरगद का पेड़अरे सुनो ! सुनो तो !आखिर मैं भी इसी समाज का सदस्य हूँ । फिर सबने मुझे यूँ अकेला क्यों छोड़ दिया । क्या मैंने किसी का कुछ बिगाड़ा था या फिर किसी को कुछ कह...

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विश्वास By राजनारायण बोहरे

कहानी- विश्वास राजनारायण...

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उस फोटो को बडी सी frame में अपने घर में लगायेगा और जितने हो सके उतने लोगो को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करेगा. कबीर हेलमेट पहन कर आसमान की तरफ देखता हुआ, ये जो घटना हुइ...

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छोटे दिल वाला बड़ा आदमी By Ajay Amitabh Suman

राजेश दिल्ली में एक वकील के पास ड्राईवर की नौकरी करता था। रोज सुबह समय से साहब के पास पहुंचकर उनकी मर्सिडीज बेंज की सफाई करता और साहब जहाँ कहते ,उनको ले जाता। अपने काम में पूरी...

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अनोखी मुस्कान - छोटी कहानी By Ramesh Desai

' डेडी ! वोट ए सरप्राइज ! आप के जन्म दिन को ही मेरी शादी होने जा रही हैं . यह दिन हम भला भूलना चाहे तो भी कभी नहीं भूल पायेंगे ! यह दिन हमारे लिए एक यादगार बन जायेगा ! ' &#...

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मेरी कलम से - इन्द्र सभा By Kalpana Bhatt

इंद्र सभाइंद्र सभा में आज सभी देव आमंत्रित थे| देवों के मनोरंजन के लिए अप्सराएँ नृत्य कर रही थी| सभी देवगण हर्षित थे और नृत्य और मदिरा का आनंद उठा रहे थे| ब्रह्मा ,विष्णु, महेश भी...

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सीख़..! By Dipti Methe

सीख़..!Description : स्वाभिमान की परिभाषा आखिर कैसे एक कुत्ता सिखा देता हैं | ईसपर एक लघुकथा. सरिता के गुज़र जाने के बाद मानो मैं अकेलासा पड़ गया | और ढलती उम्र का एहसा...

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दुनिया की सबसे बड़ी ताकत दोस्ती By Smit Makvana

भगवान श्री कृष्णा ने गीता में कहा था कि, "दोस्ती इस दुनिया सबसे बड़ी ताकतवर चीज है, जिससे सच्ची मित्रता प्राप्त हो उससे दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकती!"खामोशियां छूट गयी, बेचैनिया...

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जीवनसाथी By Dr. Vandana Gupta

"सुनो! मैं तुम्हारा अपराधी हूँ। मैं जानता हूँ कि मैंने तुम्हारे साथ अन्याय किया है। जीवन के तीस बसंत तुमने मेरे इंतज़ार में गुजार दिए, उनको तो मैं नहीं लौटा सकता, किन्तु जीवन...

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