सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Categories
Featured Books
  • वसूली

    वसूली “मालूम है?” मेरी मौसी की देवरानी मेरी दादी के कान में फुसफुसाई...

  • तीसरे लोग - 9

    9. नीला आकाश शयमवर्णी मेघों का आवरण ओढ़े, ललचाई दृष्टि से अपनी ओर ताकती प्यास धरा...

  • इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 8

    भाग-8 मौसम अपनी रफ्तार से बदलने लगा। किरण अब स्कूल जाती थी और मम्मा का इंतज़ार कर...

वसूली By Deepak sharma

वसूली “मालूम है?” मेरी मौसी की देवरानी मेरी दादी के कान में फुसफुसाई, “तुम्हारी बहू अब कस्बापुर वापस न आएगी.” मेरे कान खड़े हो लिए. “मखौल न कर,”...

Read Free

तीसरे लोग - 9 By Geetanjali Chatterjee

9. नीला आकाश शयमवर्णी मेघों का आवरण ओढ़े, ललचाई दृष्टि से अपनी ओर ताकती प्यास धरा को आज तृप्त करने के लिए उमड़-घुमड़ आगमन का संदेशा दे रहा था। उनकी सिंह गर्जना को सुनकर फाल्गुनी कालिद...

Read Free

इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 8 By Shivani Jaipur

भाग-8 मौसम अपनी रफ्तार से बदलने लगा। किरण अब स्कूल जाती थी और मम्मा का इंतज़ार करती थी। हर कोई परिवार को शालिनी जैसी बहू के लिए बधाई देता था पर शालिनी अपनी किस्मत के लिए क्या कहे? ह...

Read Free

बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 13 By Pradeep Shrivastava

भाग - १३ उस रात को मैंने अम्मी से खाना खाने के बाद बातचीत की। उन्हें विस्तार से सारी बातें समझाईं। मेरी बातों को सुनकर अम्मी एकदम से चिंता में पड़ गईं। लेकिन मेरे काम को देख कर उन्ह...

Read Free

मिशन सिफर - 16 By Ramakant Sharma

16. इस्लामी कैलेंडर का नवां महीना शुरू हो रहा था। यह महीना पवित्र रमजान का महीना था। अगले दिन से एक माह के रोजे शुरू होने वाले थे। राशिद ऑफिस से घर आ चुका था। उसका इंतजार कर रही नु...

Read Free

सुलझे...अनसुलझे - 20 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे मान-सम्मान ----------------- आज से कुछ सालों पहले तक अपने ब्लड टेस्ट करवाने के लिए डॉक्टर की पर्ची आवश्यक तो होती थी| पर कई बार पर्ची न होने पर भी कई लैब मरीज़ के बत...

Read Free

लहराता चाँद - 31 By Lata Tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 31 जब ड्राइवर अमर क्लिनिक पहुँचा अनुराधा ने डॉ.संजय से उसकी आने की खबर दी। वे उसे अंदर बुलाकर बिठाए। - बोलो अमर कैसे आना हुआ? सब ठीक तो है...

Read Free

एक दुनिया अजनबी - 14 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 14- उसके गले तक आकर कुछ ठहर गया था, अटक गया था भीतर ही जैसे गले में किसी कठोर ग्रास को उसने ज़बरदस्ती भीतर धकेला था | विभा और भी असहज हो उठी, चाय के इंतज़ार में गैस र...

Read Free

सीमारेखा By Dr. Vandana Gupta

हर व्यक्ति की ज़िंदगी में एक मकसद होता है. बिना मकसद के ज़िन्दगी बेमानी है. ज़िन्दगी को जीना और उसे काटना दोनों अलग बातें हैं. ज़िन्दगी जब बोझ लगने लगे तो उसे अधिक देर तक ढोया नहीं जा...

Read Free

पुण्‍य By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- पुण्‍य आर.एन. सुनगरया, मुझे...

Read Free

आज़ाद परिंदा - मिस्ड कॉल By Mens HUB

नरेश एक सरकारी संस्थान में उच्च पद पर कार्यरत है और उसे इस पद पर काम करते हुए तकरीबन 9 वर्ष हो चुके है | उसका अभी तक का कार्य बेहतरीन रहा है लिहाज़ा प्रमोशन एवं कुछ अन्य अवार्ड्स भी...

Read Free

फेस बुक-फेक बुक By Dr Sandip Awasthi

डॉ सन्दीप अवस्थी वह बस से उतरी । रात के दो बजे थे और इस अनजान शहर में वह किसी को नही जानती थी। बस एक नाम था आयुष और जगह थी बड़ा बाजार। यही का उसने जिक्र किया था। वह उसका फेस बुक फ्र...

Read Free

बर्फीली रातों के गुलदस्ते By Jayanti Ranganathan

शीला शाम को जब लंबी सैर से वापस आई, सामने ही उसे राबर्ट नजर आ गया अपने कुत्ते जीरो के साथ। राबर्ट उसे देख ठिठक गया। शीला ने उसे अनदेखा करने की कोशिश की, आज जरा भी मन नहीं है उसका र...

Read Free

अपने-अपने कारागृह - 12 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह-11 हम सामान लेकर अभी बाहर निकले ही थे कि शैलेश और नंदिता 'वेलकम दीदी एवं जीजा जी 'का फ्लैग लेकर खड़े नजर आए । उन्हें देखते ही शैलेश और नंदिता ने एक साथ क...

Read Free

काला धन By राज कुमार कांदु

मैं घर से दूकान की तरफ जा रहा था । सुबह का खुशनुमा मौसम था । सडकों पर शोर शराबा लगभग नहीं होता है । अपनी धुन में चलते हुए मुझे किसी की बड़ी ही महीन सी आवाज सुनाई पड़ी ” अरे जनाब ! सु...

Read Free

चिराग़-गुल By Deepak sharma

चिराग़-गुल बहन की मृत्यु का समाचार मुझे टेलीफोन पर मिला. पत्नी और मैं उस समय एक विशेष पार्टी के लिए निकल रहे थे. पत्नी शीशे के सामने अपना अन्तिम निरीक्षण कर रही थी और मैं तैयार कबाब...

Read Free

कालचक्र By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

कालचक्र उस दिन अचानक आशीष का फोन आया। न जाने कितने समय बाद उसकी आवाज़ कान में पड़ी थी। ये मेरे इकलौते बेटे की आवाज़ थी... उस बेटे की, जिसे बनाने में हमने अपना पूरा जीवन ही लगा दिया...

Read Free

बिटवा आ गवा... लॉकडाउन By Sunita Bishnolia

पूनम की रात में जवान होने को आतुर चाँद को एकटक देखती रजनी के देखते ही देखते चाँद आसमान में अपनी आभा बिखरे चुका था। लंबे समय से पैदल चलने की वज़ह से रजनी का गौर वर्ण भी कांतिहीन...

Read Free

कच्ची डगर.... By Dr Vinita Rahurikar

आज खाना बनाते हुए सीमा के मन में विचारों की तरंगे उठ रही थी रह-रहकर। पिछले कई दिनों से वह देख रही थी उसकी किशोर वय बेटी श्वेता उसके कमरे में पैर रखते ही चौक पड़ती है। श्वेता का स्ट...

Read Free

लता सांध्य-गृह - 8 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। आठवां अध्याय----------------- गतांक से आगे…. --------------- शोभिता की कक्ष साथी थीं विमलेश जी,पैंसठ वर्षीया, रिटायर्ड प...

Read Free

जगत बा By Neelam Kulshreshtha

जगत बा [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] कुछ बरस पहले मैंने अपने सरकारी घर के पीछे के कम्पाउंड में खुलने वाला दरवाज़ा खोला था, देखा वे हैं -बा, दो कपडों के लम्बे थैलों में वे अपनी कपड़े ठूंसे खड़ी...

Read Free

आ अब लौट चलें By Abdul Gaffar

आ अब लौट चलें। (कहानी)लेखक - अब्दुल ग़फ़्फ़ार उस समय मैं दिल्ली में पढ़ाई कर रहा था जब धर्मा के मरने की ख़बर मिली। उसे गेहुअन सांप ने डंस लिया था। धर्मा कोई मेरा सगा संबंधी तो नही...

Read Free

पत्थर की मूरत By राज कुमार कांदु

छमाही इम्तिहान के नतीजे घोषित हो चुके थे । कमल को सत्तर प्रतिशत अंक मिले थे । अपने इस प्रदर्शन से वह स्वयं ही काफी निराश था । लेकिन वह इससे भी ज्यादा परेशान था परिचित लोगों के अफ़सो...

Read Free

BOYS school WASHROOM - 10 By Akash Saxena "Ansh"

""सुनो प्रज्ञा मै समझता हूँ तुम्हे क्या महसूस हो रहा है और मै भी वही महसूस कर रहा हूँ जो तुम महसूस कर रही हो, लेकिन मेरी तरह तुम्हें भी ये समझना होगा की यश अब बच्चा नहीं रहा, वो जा...

Read Free

नई दिशा By Sudha Adesh

नई दिशा ‘ मेरी मृत्यु के पश्चात् मेरा शरीर दान कर दिया जाये ।’ अमित शंकर की इस कथन को सुनकर जहाँ सचिन तथा चेतना अवाक् रह गये वहीं उनकी पत्नी अमला ने रोना प्रारंभ कर दिया । उस स...

Read Free

मुझे पंख दे दो By Ila Singh

मुझे पंख दे दो।*************घड़ी की तरफ नजर गई तो चौंक उठी ,अरे साढ़े दस बज गए ;आशा नहीं आई अभी तक ,आसमान तो एकदम साफ है ,बारिश के कोई आसार भी नजर नहीं आ रहे ,हालांकि मौसम बारिश का...

Read Free

मिरगी By Deepak sharma

मिरगी उस निजी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग का चार्ज लेने के कुछ ही दिनों बाद कुन्ती का केस मेरे पास आया था| “यह पर्ची यहीं के एक वार्ड बॉय की भतीजी की है, मैम|” उस दिन क...

Read Free

ठुल कुड़ी (बड़ा घर) By डा.कुसुम जोशी

#ठुल_कुड़ी (बड़ा घर) फिर उसने हमेशा कि तरह आमा से चिरौरी की "ठुल कुड़ी" दिखा दो आमा..परसों कॉलेज खुल जायेगा और वो शहर चली जायेगी", कितने सालों से वो चाहती थी कि पहाड़ी गांव...

Read Free

जर्जर आधार By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- जर्जर आधार...

Read Free

आपकी आराधना - 21 - अंतिम भाग By Pushpendra Kumar Patel

कमला ने एक बार फिर आराधना के पैर पकड़ लिये और रो -रो कर माफी माँगती रही। आराधना तो पत्थर की तरह कठोर हो चुकी थी, उसका मन अंकल और मनीष की यादों मे ही खो गया। वह कुछ बोलने की स्थिति म...

Read Free

वसूली By Deepak sharma

वसूली “मालूम है?” मेरी मौसी की देवरानी मेरी दादी के कान में फुसफुसाई, “तुम्हारी बहू अब कस्बापुर वापस न आएगी.” मेरे कान खड़े हो लिए. “मखौल न कर,”...

Read Free

तीसरे लोग - 9 By Geetanjali Chatterjee

9. नीला आकाश शयमवर्णी मेघों का आवरण ओढ़े, ललचाई दृष्टि से अपनी ओर ताकती प्यास धरा को आज तृप्त करने के लिए उमड़-घुमड़ आगमन का संदेशा दे रहा था। उनकी सिंह गर्जना को सुनकर फाल्गुनी कालिद...

Read Free

इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 8 By Shivani Jaipur

भाग-8 मौसम अपनी रफ्तार से बदलने लगा। किरण अब स्कूल जाती थी और मम्मा का इंतज़ार करती थी। हर कोई परिवार को शालिनी जैसी बहू के लिए बधाई देता था पर शालिनी अपनी किस्मत के लिए क्या कहे? ह...

Read Free

बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 13 By Pradeep Shrivastava

भाग - १३ उस रात को मैंने अम्मी से खाना खाने के बाद बातचीत की। उन्हें विस्तार से सारी बातें समझाईं। मेरी बातों को सुनकर अम्मी एकदम से चिंता में पड़ गईं। लेकिन मेरे काम को देख कर उन्ह...

Read Free

मिशन सिफर - 16 By Ramakant Sharma

16. इस्लामी कैलेंडर का नवां महीना शुरू हो रहा था। यह महीना पवित्र रमजान का महीना था। अगले दिन से एक माह के रोजे शुरू होने वाले थे। राशिद ऑफिस से घर आ चुका था। उसका इंतजार कर रही नु...

Read Free

सुलझे...अनसुलझे - 20 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे मान-सम्मान ----------------- आज से कुछ सालों पहले तक अपने ब्लड टेस्ट करवाने के लिए डॉक्टर की पर्ची आवश्यक तो होती थी| पर कई बार पर्ची न होने पर भी कई लैब मरीज़ के बत...

Read Free

लहराता चाँद - 31 By Lata Tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 31 जब ड्राइवर अमर क्लिनिक पहुँचा अनुराधा ने डॉ.संजय से उसकी आने की खबर दी। वे उसे अंदर बुलाकर बिठाए। - बोलो अमर कैसे आना हुआ? सब ठीक तो है...

Read Free

एक दुनिया अजनबी - 14 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 14- उसके गले तक आकर कुछ ठहर गया था, अटक गया था भीतर ही जैसे गले में किसी कठोर ग्रास को उसने ज़बरदस्ती भीतर धकेला था | विभा और भी असहज हो उठी, चाय के इंतज़ार में गैस र...

Read Free

सीमारेखा By Dr. Vandana Gupta

हर व्यक्ति की ज़िंदगी में एक मकसद होता है. बिना मकसद के ज़िन्दगी बेमानी है. ज़िन्दगी को जीना और उसे काटना दोनों अलग बातें हैं. ज़िन्दगी जब बोझ लगने लगे तो उसे अधिक देर तक ढोया नहीं जा...

Read Free

पुण्‍य By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- पुण्‍य आर.एन. सुनगरया, मुझे...

Read Free

आज़ाद परिंदा - मिस्ड कॉल By Mens HUB

नरेश एक सरकारी संस्थान में उच्च पद पर कार्यरत है और उसे इस पद पर काम करते हुए तकरीबन 9 वर्ष हो चुके है | उसका अभी तक का कार्य बेहतरीन रहा है लिहाज़ा प्रमोशन एवं कुछ अन्य अवार्ड्स भी...

Read Free

फेस बुक-फेक बुक By Dr Sandip Awasthi

डॉ सन्दीप अवस्थी वह बस से उतरी । रात के दो बजे थे और इस अनजान शहर में वह किसी को नही जानती थी। बस एक नाम था आयुष और जगह थी बड़ा बाजार। यही का उसने जिक्र किया था। वह उसका फेस बुक फ्र...

Read Free

बर्फीली रातों के गुलदस्ते By Jayanti Ranganathan

शीला शाम को जब लंबी सैर से वापस आई, सामने ही उसे राबर्ट नजर आ गया अपने कुत्ते जीरो के साथ। राबर्ट उसे देख ठिठक गया। शीला ने उसे अनदेखा करने की कोशिश की, आज जरा भी मन नहीं है उसका र...

Read Free

अपने-अपने कारागृह - 12 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह-11 हम सामान लेकर अभी बाहर निकले ही थे कि शैलेश और नंदिता 'वेलकम दीदी एवं जीजा जी 'का फ्लैग लेकर खड़े नजर आए । उन्हें देखते ही शैलेश और नंदिता ने एक साथ क...

Read Free

काला धन By राज कुमार कांदु

मैं घर से दूकान की तरफ जा रहा था । सुबह का खुशनुमा मौसम था । सडकों पर शोर शराबा लगभग नहीं होता है । अपनी धुन में चलते हुए मुझे किसी की बड़ी ही महीन सी आवाज सुनाई पड़ी ” अरे जनाब ! सु...

Read Free

चिराग़-गुल By Deepak sharma

चिराग़-गुल बहन की मृत्यु का समाचार मुझे टेलीफोन पर मिला. पत्नी और मैं उस समय एक विशेष पार्टी के लिए निकल रहे थे. पत्नी शीशे के सामने अपना अन्तिम निरीक्षण कर रही थी और मैं तैयार कबाब...

Read Free

कालचक्र By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

कालचक्र उस दिन अचानक आशीष का फोन आया। न जाने कितने समय बाद उसकी आवाज़ कान में पड़ी थी। ये मेरे इकलौते बेटे की आवाज़ थी... उस बेटे की, जिसे बनाने में हमने अपना पूरा जीवन ही लगा दिया...

Read Free

बिटवा आ गवा... लॉकडाउन By Sunita Bishnolia

पूनम की रात में जवान होने को आतुर चाँद को एकटक देखती रजनी के देखते ही देखते चाँद आसमान में अपनी आभा बिखरे चुका था। लंबे समय से पैदल चलने की वज़ह से रजनी का गौर वर्ण भी कांतिहीन...

Read Free

कच्ची डगर.... By Dr Vinita Rahurikar

आज खाना बनाते हुए सीमा के मन में विचारों की तरंगे उठ रही थी रह-रहकर। पिछले कई दिनों से वह देख रही थी उसकी किशोर वय बेटी श्वेता उसके कमरे में पैर रखते ही चौक पड़ती है। श्वेता का स्ट...

Read Free

लता सांध्य-गृह - 8 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। आठवां अध्याय----------------- गतांक से आगे…. --------------- शोभिता की कक्ष साथी थीं विमलेश जी,पैंसठ वर्षीया, रिटायर्ड प...

Read Free

जगत बा By Neelam Kulshreshtha

जगत बा [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] कुछ बरस पहले मैंने अपने सरकारी घर के पीछे के कम्पाउंड में खुलने वाला दरवाज़ा खोला था, देखा वे हैं -बा, दो कपडों के लम्बे थैलों में वे अपनी कपड़े ठूंसे खड़ी...

Read Free

आ अब लौट चलें By Abdul Gaffar

आ अब लौट चलें। (कहानी)लेखक - अब्दुल ग़फ़्फ़ार उस समय मैं दिल्ली में पढ़ाई कर रहा था जब धर्मा के मरने की ख़बर मिली। उसे गेहुअन सांप ने डंस लिया था। धर्मा कोई मेरा सगा संबंधी तो नही...

Read Free

पत्थर की मूरत By राज कुमार कांदु

छमाही इम्तिहान के नतीजे घोषित हो चुके थे । कमल को सत्तर प्रतिशत अंक मिले थे । अपने इस प्रदर्शन से वह स्वयं ही काफी निराश था । लेकिन वह इससे भी ज्यादा परेशान था परिचित लोगों के अफ़सो...

Read Free

BOYS school WASHROOM - 10 By Akash Saxena "Ansh"

""सुनो प्रज्ञा मै समझता हूँ तुम्हे क्या महसूस हो रहा है और मै भी वही महसूस कर रहा हूँ जो तुम महसूस कर रही हो, लेकिन मेरी तरह तुम्हें भी ये समझना होगा की यश अब बच्चा नहीं रहा, वो जा...

Read Free

नई दिशा By Sudha Adesh

नई दिशा ‘ मेरी मृत्यु के पश्चात् मेरा शरीर दान कर दिया जाये ।’ अमित शंकर की इस कथन को सुनकर जहाँ सचिन तथा चेतना अवाक् रह गये वहीं उनकी पत्नी अमला ने रोना प्रारंभ कर दिया । उस स...

Read Free

मुझे पंख दे दो By Ila Singh

मुझे पंख दे दो।*************घड़ी की तरफ नजर गई तो चौंक उठी ,अरे साढ़े दस बज गए ;आशा नहीं आई अभी तक ,आसमान तो एकदम साफ है ,बारिश के कोई आसार भी नजर नहीं आ रहे ,हालांकि मौसम बारिश का...

Read Free

मिरगी By Deepak sharma

मिरगी उस निजी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग का चार्ज लेने के कुछ ही दिनों बाद कुन्ती का केस मेरे पास आया था| “यह पर्ची यहीं के एक वार्ड बॉय की भतीजी की है, मैम|” उस दिन क...

Read Free

ठुल कुड़ी (बड़ा घर) By डा.कुसुम जोशी

#ठुल_कुड़ी (बड़ा घर) फिर उसने हमेशा कि तरह आमा से चिरौरी की "ठुल कुड़ी" दिखा दो आमा..परसों कॉलेज खुल जायेगा और वो शहर चली जायेगी", कितने सालों से वो चाहती थी कि पहाड़ी गांव...

Read Free

जर्जर आधार By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- जर्जर आधार...

Read Free

आपकी आराधना - 21 - अंतिम भाग By Pushpendra Kumar Patel

कमला ने एक बार फिर आराधना के पैर पकड़ लिये और रो -रो कर माफी माँगती रही। आराधना तो पत्थर की तरह कठोर हो चुकी थी, उसका मन अंकल और मनीष की यादों मे ही खो गया। वह कुछ बोलने की स्थिति म...

Read Free