सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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चमड़े का अहाता By Deepak sharma

चमड़े का अहाता शहर की सबसे पुरानी हाइड-मारकिट हमारी थी. हमारा अहाता बहुत बड़ा था. हम चमड़े का व्यापार करते थे. मरे हुए जानवरों की खालें हम खरीदते और उन्हें चमड़ा बनाकर बेचते. हमारा काम...

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बच्चों का डर By रामगोपाल तिवारी

इन कहानियों की कहानी कहानी को समझने के लिए जीवन को समझना आवश्यक है। जीवन जितना कोमल और सख्त होता है, कहानी का रूप-स्वरूप भी करीब-करीब ऐसा ही होता है। कहानी पाठक को अपने से...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 5 By Shivani Jaipur

भाग-5 कठिन तपस्या के बाद वो भी आई ए एस अफसर बन गई। रवि की जगह पोस्टिंग का आदेश पाकर बेहद खुश थी। पहली-पहली नौकरी थी। शालिनी सब सीख रही थी धीरे धीरे। जो जो लोग रवि को जानते थे रवि क...

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द्वन्‍द्व By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- द्वन्‍द्व...

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तीन शराबी. By Shiv Shanker Gahlot

तीन शराबी लेखक - जी शिवशंकर दिल्ली के सरकारी दफ्तरों के बहुत सारे कमरे शाम 6 बजे के बाद मेकशिफ्ट बार में बदल जाते हैं । चपरासी पांच साढ़े पांच बजते-बजते अद्धा,...

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लता सांध्य-गृह - 7 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। सातवां अध्याय----------------- गतांक से आगे…. --------------- सात नम्बर कमरे में रहती हैं शोभिता एवं विमलेश जी। शोभिता ए...

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मिशन सिफर - 11 By Ramakant Sharma

11. वह गहरी नींद सोता रहा था। सुबह-सवेरे पास की मस्जिद से आती अजान की आवाज से उसकी नींद खुली तो वह हड़बड़ा कर उठ बैठा। जल्दी से तैयार हुआ और नमाज़ के लिए मस्जिद जा पहुंचा। गली में थो...

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तीसरे लोग - 4 By Geetanjali Chatterjee

4. पूर्णिमा का चांद अपने यौवन की पामीर पर था और समस्त अवनि एवं व्योम उसकी दूधिया आभा से नहा उठे थे, किंतु अपार रूप को स्वामिनी, नववधू के समक्ष चंद्रमा भी स्वयं को हीन महसूस करता दि...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 8 By Pradeep Shrivastava

भाग - ८ उनकी तकलीफ देखकर मेरे मन में आया कि, आग लगा दूं टीवी को, जिसके कारण अम्मी को इतना दुख मिल रहा है। एकदम अफनाहट में मैंने झटके में बोल दिया कि, 'अम्मी किराएदार से बोलो कि...

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अपने-अपने कारागृह - 9 By Sudha Adesh

अपने - अपने कारागृह -8 ऐसी ही न जाने कितनी बातें हैं जो उषा के जेहन में उमड़ घुमड़ कर उसे परेशान कर रही थीं । उन्होंने अपना घर लखनऊ में बनवाया था पर अपने स्वभाव के कारण वह आस-पास...

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आपकी आराधना - 19 By Pushpendra Kumar Patel

अमित ने आराधना को गले से लगा लिया और मुस्कुराते हुए कहा- " ये हुई न बात आराधना, अब कमला आंटी का जिक्र भी मत करना। चलो अब अच्छी सी चाय मिल जाये तो क्या बात हो? " " आज आपके हाथों से...

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मुरमुरा के लड्डू By रामगोपाल तिवारी

इन कहानियों की कहानी कहानी को समझने के लिए जीवन को समझना आवश्यक है। जीवन जितना कोमल और सख्त होता है, कहानी का रूप-स्वरूप भी करीब-करीब ऐसा ही होता है। कहानी पाठक को अपने...

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टूटा कप By Sudha Adesh

टूटा कप ‘‘विनी, दिव्या का विवाह पास आ गया है, पहले सोच रही थी सब काम समय से निबट जाएंगे पर ऐसा नहीं हो पा रहा है । थोड़ा जल्दी आ सको तो अच्छा है. बहुत काम है, समझ नहीं पा रही हूँ क...

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करवा चौथ By Anil jaiswal

‘नाम बताओ।’‘जी, राम रूप शाह।’‘उम्र क्या है?’‘चालीस साल।’‘पहले क्या करते थे?’‘जी, फौज में था।’कंवल सिक्यरिटीज की रिसेप्सनिस्ट रीना ने सिर उठाकर उसे फिर से ध्यान से देखा, कुछ-कुछ नजर...

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एक कदम आगे By Akhilesh Srivastava

कहानी एक कदम आगे...

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मृगचर्म By रामगोपाल तिवारी

कहानी मृगचर्म विपिन के पिता रामनाथ वर्मा ऑफिस से लौटते समय एक कलेन्डर लेकर आये। विपिन ने चित्र देखने की उत्सुकता में वह उनके हाथ से ल...

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कल के रक्षक By Ramnarayan Sungariya

कहानी कल के रक्षक आर. एन. सुनगरया,...

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मिश्री धोबी फागों में By रामगोपाल तिवारी

कहानी , मिश्री धोबी फागों में राम गोपाल भावुक...

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सौतेली मां By राजनारायण बोहरे

क्हानी- छप्पर में से पड़ रहे टपके से एक बूंद और शरीर पर गिरी। उसके सारे शरीर में सिहरन आ गई। कमरे में नजर फेंकी तो सारा कमरा टप टप के शोर से भरा हुआ था, तिल रखने को भी जगह न थी। अ...

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BOYS school WASHROOM - 9 By Akash Saxena "Ansh"

"ओ! हो! यश!....ये क्या शोर मचा रखा है।" प्रज्ञा दरवाज़े खोलते ही यश पर चिल्ला पडती है। लेकिन यश अपना हाथ फिर भी डोर बैल से नहीं हटाता... .शायद प्रज्ञा की आवाज़ को वो सुन ही नहीं पात...

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सुलझे...अनसुलझे - 18 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे भावनात्मक स्पर्श ------------------ आज मेरी मुलाक़ात एक अरसे बाद अपनी बचपन की मित्र लेखा से हुई। सुना था कि उसकी शादी एक बहुत ही धनाढ्य परिवार में हुई थी। उसके विवाह...

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लहराता चाँद - 29 By Lata Tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 29 महुआ की स्टेटमेंट से गैंग के कई बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोहे के कुछ बदमाश लोग भाग निकले। महुआ को कई दिन तक पुलिस प्रोटे...

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एक दुनिया अजनबी - 12 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 12 - मृदुला को विभा तबसे जानती है जब से प्रखर का जन्म हुआ था | उन दिनों शर्मा-परिवार किराए पर रहता था | प्रखर के जन्म पर वह उससे एक हज़ार रूपये व सिल्क की ज़री के बॉर...

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राजकाज By रामगोपाल तिवारी

कहानी राजकाज रामगोपाल भावुक ग्रीश्म अवकाश के बाद विद्यालय खुल गए हैं। विद्यालय में भर्ती चालू हो गई है। पिछली वर्श पढ़ाई सेन्...

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उजालों की बारिश By Akhilesh Srivastava

कहानी उजालों की बारिश...

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Broken with you... - 2 By Alone Soul

एक सन्नाटा छा जाता है चुप चाप सब हो जाता है ये सड़क तक ना थरतगराती है चुप चाप सब हो जाता है कई जिश्मो में मुर्दे दफनाता है चुप चाप सब हो जाता है ...........एक सन्नाटा सा छा गया था...

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जिंदगी रुकती नहीं By Alka Agrawal

मुनिया ने सुबह उठकर देखा, उसके दादाजी बालकनी में बैठे अकेले चाय पी रहे हैं। उनको देखने से लग रहा था कि वे बहुत उदास और दु:खी है । मम्मी रसोई में काम कर रही थी, पापा भी अपने काम में...

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चमड़े का अहाता By Deepak sharma

चमड़े का अहाता शहर की सबसे पुरानी हाइड-मारकिट हमारी थी. हमारा अहाता बहुत बड़ा था. हम चमड़े का व्यापार करते थे. मरे हुए जानवरों की खालें हम खरीदते और उन्हें चमड़ा बनाकर बेचते. हमारा काम...

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बच्चों का डर By रामगोपाल तिवारी

इन कहानियों की कहानी कहानी को समझने के लिए जीवन को समझना आवश्यक है। जीवन जितना कोमल और सख्त होता है, कहानी का रूप-स्वरूप भी करीब-करीब ऐसा ही होता है। कहानी पाठक को अपने से...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 5 By Shivani Jaipur

भाग-5 कठिन तपस्या के बाद वो भी आई ए एस अफसर बन गई। रवि की जगह पोस्टिंग का आदेश पाकर बेहद खुश थी। पहली-पहली नौकरी थी। शालिनी सब सीख रही थी धीरे धीरे। जो जो लोग रवि को जानते थे रवि क...

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द्वन्‍द्व By Ramnarayan Sungariya

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तीन शराबी. By Shiv Shanker Gahlot

तीन शराबी लेखक - जी शिवशंकर दिल्ली के सरकारी दफ्तरों के बहुत सारे कमरे शाम 6 बजे के बाद मेकशिफ्ट बार में बदल जाते हैं । चपरासी पांच साढ़े पांच बजते-बजते अद्धा,...

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लता सांध्य-गृह - 7 By Rama Sharma Manavi

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मिशन सिफर - 11 By Ramakant Sharma

11. वह गहरी नींद सोता रहा था। सुबह-सवेरे पास की मस्जिद से आती अजान की आवाज से उसकी नींद खुली तो वह हड़बड़ा कर उठ बैठा। जल्दी से तैयार हुआ और नमाज़ के लिए मस्जिद जा पहुंचा। गली में थो...

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तीसरे लोग - 4 By Geetanjali Chatterjee

4. पूर्णिमा का चांद अपने यौवन की पामीर पर था और समस्त अवनि एवं व्योम उसकी दूधिया आभा से नहा उठे थे, किंतु अपार रूप को स्वामिनी, नववधू के समक्ष चंद्रमा भी स्वयं को हीन महसूस करता दि...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 8 By Pradeep Shrivastava

भाग - ८ उनकी तकलीफ देखकर मेरे मन में आया कि, आग लगा दूं टीवी को, जिसके कारण अम्मी को इतना दुख मिल रहा है। एकदम अफनाहट में मैंने झटके में बोल दिया कि, 'अम्मी किराएदार से बोलो कि...

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अपने-अपने कारागृह - 9 By Sudha Adesh

अपने - अपने कारागृह -8 ऐसी ही न जाने कितनी बातें हैं जो उषा के जेहन में उमड़ घुमड़ कर उसे परेशान कर रही थीं । उन्होंने अपना घर लखनऊ में बनवाया था पर अपने स्वभाव के कारण वह आस-पास...

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आपकी आराधना - 19 By Pushpendra Kumar Patel

अमित ने आराधना को गले से लगा लिया और मुस्कुराते हुए कहा- " ये हुई न बात आराधना, अब कमला आंटी का जिक्र भी मत करना। चलो अब अच्छी सी चाय मिल जाये तो क्या बात हो? " " आज आपके हाथों से...

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मुरमुरा के लड्डू By रामगोपाल तिवारी

इन कहानियों की कहानी कहानी को समझने के लिए जीवन को समझना आवश्यक है। जीवन जितना कोमल और सख्त होता है, कहानी का रूप-स्वरूप भी करीब-करीब ऐसा ही होता है। कहानी पाठक को अपने...

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टूटा कप By Sudha Adesh

टूटा कप ‘‘विनी, दिव्या का विवाह पास आ गया है, पहले सोच रही थी सब काम समय से निबट जाएंगे पर ऐसा नहीं हो पा रहा है । थोड़ा जल्दी आ सको तो अच्छा है. बहुत काम है, समझ नहीं पा रही हूँ क...

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करवा चौथ By Anil jaiswal

‘नाम बताओ।’‘जी, राम रूप शाह।’‘उम्र क्या है?’‘चालीस साल।’‘पहले क्या करते थे?’‘जी, फौज में था।’कंवल सिक्यरिटीज की रिसेप्सनिस्ट रीना ने सिर उठाकर उसे फिर से ध्यान से देखा, कुछ-कुछ नजर...

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मृगचर्म By रामगोपाल तिवारी

कहानी मृगचर्म विपिन के पिता रामनाथ वर्मा ऑफिस से लौटते समय एक कलेन्डर लेकर आये। विपिन ने चित्र देखने की उत्सुकता में वह उनके हाथ से ल...

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मिश्री धोबी फागों में By रामगोपाल तिवारी

कहानी , मिश्री धोबी फागों में राम गोपाल भावुक...

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सौतेली मां By राजनारायण बोहरे

क्हानी- छप्पर में से पड़ रहे टपके से एक बूंद और शरीर पर गिरी। उसके सारे शरीर में सिहरन आ गई। कमरे में नजर फेंकी तो सारा कमरा टप टप के शोर से भरा हुआ था, तिल रखने को भी जगह न थी। अ...

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"ओ! हो! यश!....ये क्या शोर मचा रखा है।" प्रज्ञा दरवाज़े खोलते ही यश पर चिल्ला पडती है। लेकिन यश अपना हाथ फिर भी डोर बैल से नहीं हटाता... .शायद प्रज्ञा की आवाज़ को वो सुन ही नहीं पात...

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सुलझे...अनसुलझे - 18 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे भावनात्मक स्पर्श ------------------ आज मेरी मुलाक़ात एक अरसे बाद अपनी बचपन की मित्र लेखा से हुई। सुना था कि उसकी शादी एक बहुत ही धनाढ्य परिवार में हुई थी। उसके विवाह...

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लहराता चाँद - 29 By Lata Tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 29 महुआ की स्टेटमेंट से गैंग के कई बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोहे के कुछ बदमाश लोग भाग निकले। महुआ को कई दिन तक पुलिस प्रोटे...

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एक दुनिया अजनबी 12 - मृदुला को विभा तबसे जानती है जब से प्रखर का जन्म हुआ था | उन दिनों शर्मा-परिवार किराए पर रहता था | प्रखर के जन्म पर वह उससे एक हज़ार रूपये व सिल्क की ज़री के बॉर...

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राजकाज By रामगोपाल तिवारी

कहानी राजकाज रामगोपाल भावुक ग्रीश्म अवकाश के बाद विद्यालय खुल गए हैं। विद्यालय में भर्ती चालू हो गई है। पिछली वर्श पढ़ाई सेन्...

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उजालों की बारिश By Akhilesh Srivastava

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Broken with you... - 2 By Alone Soul

एक सन्नाटा छा जाता है चुप चाप सब हो जाता है ये सड़क तक ना थरतगराती है चुप चाप सब हो जाता है कई जिश्मो में मुर्दे दफनाता है चुप चाप सब हो जाता है ...........एक सन्नाटा सा छा गया था...

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जिंदगी रुकती नहीं By Alka Agrawal

मुनिया ने सुबह उठकर देखा, उसके दादाजी बालकनी में बैठे अकेले चाय पी रहे हैं। उनको देखने से लग रहा था कि वे बहुत उदास और दु:खी है । मम्मी रसोई में काम कर रही थी, पापा भी अपने काम में...

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