सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • सुलझे...अनसुलझे - 16

    सुलझे...अनसुलझे बहुत मुश्किल नहीं ----------------------- मैं उस रोज बहुत सवेर-स...

  • एक दुनिया अजनबी - 10

    एक दुनिया अजनबी 10- पिता के न रहने से प्रखर को जीवन की वास्तविकता आँखें खोलकर दे...

  • रईसज़ादा

    रईसज़ादा --------- पता नहीं रविवारीय सूरज की रोशनी दिखाई देते ही वह...

उजालों की बारिश By Akhilesh Srivastava

कहानी उजालों की बारिश...

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सुलझे...अनसुलझे - 16 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे बहुत मुश्किल नहीं ----------------------- मैं उस रोज बहुत सवेर-सवेरे अपने सेंटर पर आ गई थी| मुझे अंदाजा था कि सेंटर पर मरीजों की संख्या, और दिनों के अपेक्षा कहीं अध...

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लहराता चाँद - 27 By Lata Tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 27 अनन्या की जिंदगी खौफ से निकल कर साधारण होने लगी थी। संजय और अवन्तिका का जन्मदिन एक ही महीने में आता है। इसलिए दोनों का जन्मदिवस एक ही द...

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एक दुनिया अजनबी - 10 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 10- पिता के न रहने से प्रखर को जीवन की वास्तविकता आँखें खोलकर देखनी पड़ी |दो युवा होते बच्चों का पिता अहं में पहले ही ज़मीन से बहुत दूर जा चुका था, पत्नी ने जब देखा,...

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आपकी आराधना - 15 By Pushpendra Kumar Patel

भाग -15 " अरे! आराधना जी, कहाँ खोयी हो आप? मनीष जी आपको बात करने के लिये तड़प रहे हैं। अपना मोबाइल कहाँ भूल आयी आप? बाहर से आते हुए अमित ने कहा। उसकी...

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शुरूआत By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- शुरूआत आर. एन. सुनगरया, रवि के मस्ति...

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रईसज़ादा By Pranava Bharti

रईसज़ादा --------- पता नहीं रविवारीय सूरज की रोशनी दिखाई देते ही वह चौकन्नी सी क्यों हो जाती थी जैसे कोई कुछ छीनने आ रहा हो उससे ।खिड़की के अधखुले पल्ले से छनती ताज़ी...

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अपने-अपने कारागृह - 6 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह -5 इसी बीच अजय का प्रिंसिपल सेक्रेटरी पद पर रांची स्थानांतरण हो गया । ' किंग ऑफ स्मॉल किंगडम' वाला दर्जा उनसे छिन गया था । अब उषा भी दूसरी लाइफ में है स...

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मिशन सिफर - 6 By Ramakant Sharma

6. एक महीने तक उसे अलग-अलग तरह के हथियार चलाने समेत दुश्मन पर टूट पड़ने और उससे बचाव के तरीकों की ट्रेनिंग दी जाती रही। उसके उस्ताद उसके समझने और सीखने के माद्दे से बहुत खुश थे। जुम...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -३ अम्मी के बहुत दबाव पर जब आगे बढे तो कुछ इस तरह कि, कई जगह रिश्ते बनते-बनते ऐसे टूटे कि अम्मी आपा खो बैठीं। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि, 'तुम जानबूझकर लड़कियों का निकाह नह...

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समाज के गद्दार By Prem Nhr

┈┉┅━❀꧁ω❍ω꧂❀━┅┉ आज मैं अपने विचारों और आशा के सहयोग से एक कहानी लिख रहा हूँ जो कि लॉक डाउन की विभीषिका पर केंद्रित है। आशा है कि आपको मेरा लेखन पसन्द आये और आप मेरी कहानी को पढ़कर अप...

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हड़ताल By रामगोपाल तिवारी

कहानी हड़ताल रामगोपाल भावुक भारत बन्द की घोशणा...

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बात बस इतनी सी थी - 36 - अंतिम भाग By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 36. मंजरी के जाते ही मधुर मुझसे बोला - "चंदन डियर ! आज की तेरी रात बदरंग हो चुकी है ! लेकिन इसके लिए तू मुझे गाली मत देना ! मैं पहले ही सॉरी बोल देता हूँ !" "क्या...

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होड़ By Deepak sharma

होड़ किशोर का दुर्भाव और अपना अभाव बार-बार मेरे सामने आ खड़ा होता है| मेरा उस से ज़्यादा पॉइंट हासिल करना क्यों गलत था? किशोर क्यों सोचता था मैं अपने को मनफ़ी कर दूँ? घटा लूँ? उससे कमत...

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BOYS school WASHROOM - 7 By Akash Saxena "Ansh"

यश भी अपनी क्लास मे पहुँचता है.... क्लास शुरू होती है पर यश मानो क्लास मे होकर भी वहां नहीं होता... उसकी एक आंख घड़ी पर और एक आँख उन तीनो पर गढ़ी होती है... वो बस इंतज़ार कर रहा होता...

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रिक्तता By Goodwin Masih

रिक्तता लिफ्ट से निकल कर आर्यन कार पार्किंग की तरफ मुड़ा ही था कि गुलाबी रंग की साड़ी में लिपटी नीलिमा को देखकर ठिठक गया। ‘‘नीलिमा और यहां...?’’ उसने मन में कहा और नीलिमा के सामने जा...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 1 By Shivani Jaipur

भाग-1 बहुत देर से शालिनी छत पर खड़ी बारिश में भीग रही थी! कहने को तो बूंदें तन पर पड़ रही थीं पर भीग उसका मन भी रहा था जहां एक अनजानी सी ज्वाला लपलपाते हुए उसके मन को अनजाने ही झुल...

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पलुआ By रामगोपाल तिवारी

कहानी पलुआ रामगोपाल भावुक चौधरी रामनाथ ने किसी तरह पलुआ क...

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सिस्टर्ज़ मैचिन्ग सेन्टर By Deepak sharma

सिस्टर्ज़ मैचिन्ग सेन्टर कस्बापुर के कपड़ा बाज़ार का ‘सिस्टर्ज़ मैचिन्ग सेन्टर’ बाबूजी का है| सन्तान के नाम पर बाबूजी के पास हमीं दो बहनें हैं : जीजी और मैं| जीजी मुझ से पाँच साल बड़ी ह...

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बर्फ के अंगारे By Goodwin Masih

बर्फ के अंगारे खून को जला देने वाली जून की तपती दुपहरी। लोगों के शरीर से पसीना चूह रहा था। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बैठी लाजो अपने गांव जाने वाली गाड़ी की प्रतीक्षा कर रही थी। उसके मु...

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लता सांध्य-गृह - 5 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। पंचम अध्याय-----------------गतांक से आगे….--------------- पांचवें कमरे में रहते हैं पचपन वर्षीय अविवाहित नीलेश,मस्तमौला, ब...

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मंगत पहलवान By Deepak sharma

मंगत पहलवान ‘कुत्ता बँधा है क्या?’ एक अजनबी ने बंद फाटक की सलाखों के आर-पार पूछा| फाटक के बाहर एक बोर्ड टंगा रहा- कुत्ते से सावधान! ड्योढ़ी के चक्कर लगा रही मेरी बाइक रुक ली| बाइक म...

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उजालों की बारिश By Akhilesh Srivastava

कहानी उजालों की बारिश...

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सुलझे...अनसुलझे - 16 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे बहुत मुश्किल नहीं ----------------------- मैं उस रोज बहुत सवेर-सवेरे अपने सेंटर पर आ गई थी| मुझे अंदाजा था कि सेंटर पर मरीजों की संख्या, और दिनों के अपेक्षा कहीं अध...

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लहराता चाँद - 27 By Lata Tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 27 अनन्या की जिंदगी खौफ से निकल कर साधारण होने लगी थी। संजय और अवन्तिका का जन्मदिन एक ही महीने में आता है। इसलिए दोनों का जन्मदिवस एक ही द...

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एक दुनिया अजनबी - 10 By Pranava Bharti

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आपकी आराधना - 15 By Pushpendra Kumar Patel

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अपने-अपने कारागृह - 6 By Sudha Adesh

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 3 By Pradeep Shrivastava

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होड़ By Deepak sharma

होड़ किशोर का दुर्भाव और अपना अभाव बार-बार मेरे सामने आ खड़ा होता है| मेरा उस से ज़्यादा पॉइंट हासिल करना क्यों गलत था? किशोर क्यों सोचता था मैं अपने को मनफ़ी कर दूँ? घटा लूँ? उससे कमत...

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लता सांध्य-गृह - 5 By Rama Sharma Manavi

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