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कम से कम 1 किलो मीटर भागने के बाद वो रुका और जोर जोर से सांस लेने लगा और कमर पर...
जि स दिन सूबेदार राजिंदर सिंह की पेंशन मुकर्रर हुई तो वो बहुत परेशान थे। ऐसा लगत...
47गुल जब घर लौटी तो उसने देखा कि उसके आँगन में अनेक लोगों की भीड़ जमी हुई थी। भीड़...
किसी गांव में दो जिगरी दोस्त रहते थे—रामू और श्यामू। दोनों की दोस्ती बचपन से थी,...
कोशिकीपुर के बच्चे पूरे दिन जोहरा को पागल समझ कर परेशान करते जोहरा भी पागल का कि...
कहते हुए इशांक ने गुस्से से अपने दांत पीसे और कनिषा के होंठो से अलग उसके गले पर...
48 बारिश इससे पहले निर्मला अपने बापू की बात का ज़वाब देती, उससे पहले ही उसक...
अब आगे, रूही की सौतेली बहन रीना और मां कुसुम कांच के गिलास के टुकड़े उठा ही रही...
अनन्या के मुँह से ऐसी अश्लील बातें सुनकर दिग्विजय के माता पिता, भानु प्रताप और प...
और वहीं दूसरी तरफ अंजलि ,,,,,दाई मां की तरफ देखते हुए,,,,,यह आंटी मुझे इतना सजा...
शाम के ७.०० बज रहे थे और ट्राफिक बढ़ रहा था । गाड़ियों और ऑटो की आवाज से शोर बढ़ा जा रहा था । तभी वहा पे एक साथ एक ही रंग की गाड़ियां आके खड़ी हो गई , सभी गाड़ियां महंगी लग रही थी...
दोपहर के दो बजे। तेज धूप और उमस भरी गर्मी। आग की भांति तपता दिल्ली रेलवे स्टेशन का वह प्लेटफॉर्म, जहाँ मुसाफिरो की निगाहें ट्रेन के इंतज़ार में सूने पडे ट्रैक पर टिकी थी। तभी पटरियो...
एक बार की बात है एक पेड़ पर दो पंछी रहते थे। कोयल "कोकिला" और सफेद कबूतर "गौरे" कोकिला बहोत परोपकारी और दयालु पक्षी थी वह बहोत सुरीला गाती थी और सबकी मदद करने को तैय...
नहीं नहीं!ऐसा नहीं था कि जंगल हमेशा चुपचाप रहता हो। बहुत आवाज़ें थीं वहां।सुबह होते ही जब सूरज निकलता तो पंछी चहचहाते। कोई कहता कि ये कलरव है, कोई कहता गुंजन है, कोई कहता कोलाहल है...
सुबह से तेज बारिश हो रही थी | अमन ने कई बार जतिन और ईशान को फ़ोन मिलाने की कोशिश की लेकिन फ़ोन मिलते ही कट रहा था | अमन परेशान हो कर दोनों को मेसेज भेज कुछ देर इन्तजार करता है | काफी...
नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे...
मेरा जन्म कृषक परिवार में हुआ था।पुश्तेनी पेशा खेती था।लेकिन बाद में सर्विस में भी आने लगे थे।मेरे बड़े ताऊजी रेलवे में ड्राइवर थे।उनसे छोटे खेती सम्हालते थे।उनसे छोटे हेड मास्टर...
बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे कम परिवार थे जहां पर दो समय की रोटी आराम से मिलती हो । अधिकतर गरीबी से जूझ रहे थे। मैं ऐसी ही परिस्थितियो...
तांत्रिक रुद्रनाथ अघोरी व पिशाच आत्मा - 1रविवार को दैनिक जागरण खोलकर चाय की चुस्की लेते हुए आराम से बैठा हूँ I दो - तीन पेज पलटते ही एक खबर पर नजर टिक गई I खबर था ' ढोंगी...
मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं | मै...
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