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  • वो डरावनी चुड़ैल - 2

    कम से कम 1 किलो मीटर भागने के बाद वो रुका और जोर जोर से सांस लेने लगा और कमर पर...

  • सूबेदार

    जि स दिन सूबेदार राजिंदर सिंह की पेंशन मुकर्रर हुई तो वो बहुत परेशान थे। ऐसा लगत...

  • द्वारावती - 47

    47गुल जब घर लौटी तो उसने देखा कि उसके आँगन में अनेक लोगों की भीड़ जमी हुई थी। भीड़...

  • टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 2

    किसी गांव में दो जिगरी दोस्त रहते थे—रामू और श्यामू। दोनों की दोस्ती बचपन से थी,...

  • सावन का फोड़ - 18

    कोशिकीपुर के बच्चे पूरे दिन जोहरा को पागल समझ कर परेशान करते जोहरा भी पागल का कि...

  • बेखबर इश्क! - भाग 7

    कहते हुए इशांक ने गुस्से से अपने दांत पीसे और कनिषा के होंठो से अलग उसके गले पर...

  • नक़ल या अक्ल - 48

    48 बारिश   इससे पहले  निर्मला अपने बापू  की बात का ज़वाब  देती,  उससे पहले ही उसक...

  • डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 39

    अब आगे, रूही की सौतेली बहन रीना और मां कुसुम कांच के गिलास के टुकड़े उठा ही रही...

  • सूनी हवेली - भाग - 13

    अनन्या के मुँह से ऐसी अश्लील बातें सुनकर दिग्विजय के माता पिता, भानु प्रताप और प...

  • Devil se Mohhabat - 14

    और वहीं दूसरी तरफ अंजलि ,,,,,दाई मां की तरफ देखते हुए,,,,,यह आंटी मुझे इतना सजा...

YOU ARE MINE By Nidhi Parmar

शाम के ७.०० बज रहे थे और ट्राफिक बढ़ रहा था । गाड़ियों और ऑटो की आवाज से शोर बढ़ा जा रहा था । तभी वहा पे एक साथ एक ही रंग की गाड़ियां आके खड़ी हो गई , सभी गाड़ियां महंगी लग रही थी...

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मूलपूंजी By Shwet Kumar Sinha

दोपहर के दो बजे। तेज धूप और उमस भरी गर्मी। आग की भांति तपता दिल्ली रेलवे स्टेशन का वह प्लेटफॉर्म, जहाँ मुसाफिरो की निगाहें ट्रेन के इंतज़ार में सूने पडे ट्रैक पर टिकी थी। तभी पटरियो...

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बाल कथाएं By Akshika Aggarwal

एक बार की बात है एक पेड़ पर दो पंछी रहते थे। कोयल "कोकिला" और सफेद कबूतर "गौरे" कोकिला बहोत परोपकारी और दयालु पक्षी थी वह बहोत सुरीला गाती थी और सबकी मदद करने को तैय...

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जंगल चला शहर होने By Prabodh Kumar Govil

नहीं नहीं!ऐसा नहीं था कि जंगल हमेशा चुपचाप रहता हो। बहुत आवाज़ें थीं वहां।सुबह होते ही जब सूरज निकलता तो पंछी चहचहाते। कोई कहता कि ये कलरव है, कोई कहता गुंजन है, कोई कहता कोलाहल है...

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भानगढ़ By Anil Sainger

सुबह से तेज बारिश हो रही थी | अमन ने कई बार जतिन और ईशान को फ़ोन मिलाने की कोशिश की लेकिन फ़ोन मिलते ही कट रहा था | अमन परेशान हो कर दोनों को मेसेज भेज कुछ देर इन्तजार करता है | काफी...

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Real Incidents By Anil Patel_Bunny

नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे...

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मेरी लेखन यात्रा By Kishanlal Sharma

मेरा जन्म कृषक परिवार में हुआ था।पुश्तेनी पेशा खेती था।लेकिन बाद में सर्विस में भी आने लगे थे।मेरे बड़े ताऊजी रेलवे में ड्राइवर थे।उनसे छोटे खेती सम्हालते थे।उनसे छोटे हेड मास्टर...

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आंसू सूख गए By LM Sharma

बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे कम परिवार थे जहां पर दो समय की रोटी आराम से मिलती हो । अधिकतर गरीबी से जूझ रहे थे। मैं ऐसी ही परिस्थितियो...

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तांत्रिक रुद्रनाथ अघोरी By Rahul Haldhar

तांत्रिक रुद्रनाथ अघोरी व पिशाच आत्मा - 1रविवार को दैनिक जागरण खोलकर चाय की चुस्की लेते हुए आराम से बैठा हूँ I दो - तीन पेज पलटते ही एक खबर पर नजर टिक गई I खबर था ' ढोंगी...

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भक्ति माधुर्य By Brijmohan sharma

मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं |

मै...

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