हिंदी Books and Novels are free to read and download

You are welcome to the world of inspiring, thrilling and motivating stories written in your own language by the young and aspiring authors on Matrubharti. You will get a life time experience of falling in love with stories.


श्रेणी
Featured Books

नीम का पेड़ By Kishanlal Sharma

"कैसी है तुम्हारी मंगेतर?"
राहुल मेरा सहकर्मी है।उसकी सगाई सुुरेेखा सेे हुई थी।दो महीने बाद उसकी शादी थी।कल सुरेखा के पििता का फोन आया था। चाय बनाते समय अचानक सिलें...

Read Free

मालगाड़ी का सफ़र By शिव प्रसाद

विनोद को फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ था । उसका बस चलता, तो रोज़ एक फ़िल्म देख लेता । लेकिन तब, यानी १९७० के दशक में तो कई फ़िल्में छोटे शहरों और कस्बों तक में भी चार-छः हफ्ते चल ही जाती...

Read Free

तुम्हारा नाम By Kishanlal Sharma

"तुम्हारा कार्ड।"
पोस्टमेन की आवाज सुनकर मनीष बाहर गया था।पोस्टमेन ने उसे लिफाफा पकड़ाया था।मनीष ने खोलकर देखा।शादी का कार्ड था।वह श्रेया के कमरे में कार्ड देने गया।श्रेया...

Read Free

एक अनोखा रिस्ता। By Lalit Raj

"प्यार वो खुशनुमा पल होता है जिसमें हर एक व्यक्ति पूरी जिंदगी जीना चाहता है।" "कुछ रिस्ते खून के होकर भी दिल के करीब नहीं होते और कुछ रिस्ते खून के न होकर भी दिल से निभ...

Read Free

Nice to meet you By Emika Ease

राशि आज उसी रेस्टोरेंट मैं बैठी थी जहाँ राशि और प्रतिक पहली बार डेट पर गये थे । आज राशि और प्रतिक को मिले तीन साल हो चुके हैं । राशि अपने बगल वाली सीट पर सलगिरा का तौफा साथ में लिए...

Read Free

मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां) By Pooja Singh

कभी सोचा नहीं था ...मैं सेना में भर्ती हो पाऊंगा बस मन में उमंग और दिल में जज्बा था कुछ कर दिखाने का ...
मैं भी भारत माता के लिए कुछ कर दिखााना चाहता हूं...
..... दु:ख होता है .....

Read Free

अंतिम सफर By Parveen Negi

अंतिम सफर,,,,,,, यह बात तब की है ,जब मैं एक बार ऊंचे पहाड़ों की तरफ घूमने निकल गया था,, मौसम एकदम खुशनुमा था,, धूप खिली हुई थी ,,महीना भी मार्च के शुरुआत का था, पहाड़ों से बहने वाल...

Read Free

फंस गया गुलशन By BRIJESH PREM GOPINATH

श्री गणेश आय नम:
वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने स...

Read Free

चौथा नक्षत्र By Kandarp

पहली एनीवर्सरी“हैलो कमल कहाँ हो ? ....ऑफिस से निकले क्या ? ”, फोन पर झुँझलाये स्वर में, लगभग डाँटते हुए सुरभि ने कहा । “निकल गया हूँ मेरी सोना ”, लाड भरी आवाज में कमल का जवाब आय...

Read Free

The Dreamer Time-Line By Bhumesh Kamdi

कभी आपके साथ ऐसा हुआ है की आप चीखते हुए रात के सन्नाटे में नींद से जाग उठे हो | आपने खुदको पसीने में तर्बदर पाया हो और आपका पूरा शरीर डर में काप रहा हो | फिर ये सोच आपने राहत की सा...

Read Free

नीम का पेड़ By Kishanlal Sharma

"कैसी है तुम्हारी मंगेतर?"
राहुल मेरा सहकर्मी है।उसकी सगाई सुुरेेखा सेे हुई थी।दो महीने बाद उसकी शादी थी।कल सुरेखा के पििता का फोन आया था। चाय बनाते समय अचानक सिलें...

Read Free

मालगाड़ी का सफ़र By शिव प्रसाद

विनोद को फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ था । उसका बस चलता, तो रोज़ एक फ़िल्म देख लेता । लेकिन तब, यानी १९७० के दशक में तो कई फ़िल्में छोटे शहरों और कस्बों तक में भी चार-छः हफ्ते चल ही जाती...

Read Free

तुम्हारा नाम By Kishanlal Sharma

"तुम्हारा कार्ड।"
पोस्टमेन की आवाज सुनकर मनीष बाहर गया था।पोस्टमेन ने उसे लिफाफा पकड़ाया था।मनीष ने खोलकर देखा।शादी का कार्ड था।वह श्रेया के कमरे में कार्ड देने गया।श्रेया...

Read Free

एक अनोखा रिस्ता। By Lalit Raj

"प्यार वो खुशनुमा पल होता है जिसमें हर एक व्यक्ति पूरी जिंदगी जीना चाहता है।" "कुछ रिस्ते खून के होकर भी दिल के करीब नहीं होते और कुछ रिस्ते खून के न होकर भी दिल से निभ...

Read Free

Nice to meet you By Emika Ease

राशि आज उसी रेस्टोरेंट मैं बैठी थी जहाँ राशि और प्रतिक पहली बार डेट पर गये थे । आज राशि और प्रतिक को मिले तीन साल हो चुके हैं । राशि अपने बगल वाली सीट पर सलगिरा का तौफा साथ में लिए...

Read Free

मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां) By Pooja Singh

कभी सोचा नहीं था ...मैं सेना में भर्ती हो पाऊंगा बस मन में उमंग और दिल में जज्बा था कुछ कर दिखाने का ...
मैं भी भारत माता के लिए कुछ कर दिखााना चाहता हूं...
..... दु:ख होता है .....

Read Free

अंतिम सफर By Parveen Negi

अंतिम सफर,,,,,,, यह बात तब की है ,जब मैं एक बार ऊंचे पहाड़ों की तरफ घूमने निकल गया था,, मौसम एकदम खुशनुमा था,, धूप खिली हुई थी ,,महीना भी मार्च के शुरुआत का था, पहाड़ों से बहने वाल...

Read Free

फंस गया गुलशन By BRIJESH PREM GOPINATH

श्री गणेश आय नम:
वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने स...

Read Free

चौथा नक्षत्र By Kandarp

पहली एनीवर्सरी“हैलो कमल कहाँ हो ? ....ऑफिस से निकले क्या ? ”, फोन पर झुँझलाये स्वर में, लगभग डाँटते हुए सुरभि ने कहा । “निकल गया हूँ मेरी सोना ”, लाड भरी आवाज में कमल का जवाब आय...

Read Free

The Dreamer Time-Line By Bhumesh Kamdi

कभी आपके साथ ऐसा हुआ है की आप चीखते हुए रात के सन्नाटे में नींद से जाग उठे हो | आपने खुदको पसीने में तर्बदर पाया हो और आपका पूरा शरीर डर में काप रहा हो | फिर ये सोच आपने राहत की सा...

Read Free