लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • प्यार का फलसफा

    कहानी - प्यार का फलसफा गर्मियों की शुरुआत थी .एक दिन शाम हम अपनी पत्नी...

  • लिखी हुई इबारत - 7

    श्वान चरित आज अरसे बाद पंचायत बैठी थी और कई वर्षों बाद ऐसी कोई घटना हुई...

  • ना उम्र की सीमा हो - 2

    भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की...

भगवान पे उजाला By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या सच में, उस दिन, मैंने भगवान पे उजाला कर दिया था ??हमारे शहर ग्वालियर और गुना के बीच एक जिला और पड़ता है, जिसे शिवपुरी के नाम से जानते हैं, शिवपुरी में प्रसिद्ध माधव रा...

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बैल-हैं-बैल By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- बैल-हैं-बैल...

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ग़लतफ़हमी भाग-2 By रामानुज दरिया

आज चार दिन हो गये, आशी ने बात नहीं की। ओ बहुत जिद्दी है ,हो सकता है कि ओ फिर कभी भी बात न करे क्योंकि उसकी कथनी और करनी में बहुत फर्क नहीं रहता है। पता नहीं कैसे रहती होगी। इतना आस...

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प्यार का फलसफा By S Sinha

कहानी - प्यार का फलसफा गर्मियों की शुरुआत थी .एक दिन शाम हम अपनी पत्नी के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे . मौसम कोई भी हो , चाहे गर्मी भी कितनी पड़ रही हो ,शाम के पांच और...

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रघुवन की कहानियां - आसमान से गिरे By Sandeep Shrivastava

रघुवन में पक्षियों के झुण्ड आसमान में कलरव करते हुए उड़ान भरते रहते थे| एक दूसरे को देखऐसे उड़ते जैसे कि कोई प्रतियोगिता चल रही हो| अलग अलग प्रजाति के पक्षी एक दूसरे को देख कर ऊँची ऊ...

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आजाद परिंदा – आत्मनिर्भर By Mens HUB

नमिता सुबह 7 बजे ही ब्यूटी पार्लर पहुँच गयी थी | ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला उसकी सहेली थी और विशेष तौर पर नमिता के अनुरोध पर ही ब्यूटी पार्लर इतनी सुबह खुला था | ब्यूटी पार्लर...

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अनचाहा रिस्ता By Sunil Gupta

अनचाहा रिस्ता अपने पुराने मोबाइल पर वह कांपते हुए हाथों से टाइप कर रही थी, ' मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ लेकिन...आप की बेरुखी ने मुझे ये कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया बस अब औ...

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पंखेवाला (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

अप्रैल का महीना था चिलचिलाती धूप निकली थी बाहर गर्म हवाएं चल रही थी कही-कही कोई दूर यात्री छाता लेकर आते-जाते दिखाई दे रहे थे,तो कही वृक्षों की छाया में बैठे हुए राहगीर दिखाई दे जा...

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मास्टर जी की धोती By Geeta Kaushik Ratan

माँ रोज़ सुबह सवेरे ही रतन को नहला-धुला कर तैयार करके बिठा देती। एक स्टील की डिबिया में चूरमा भरकर और साथ में घी में डूबी दो रोटी भी बाँधकर बस्ते में रख देती। साथ ही रतन के गले में...

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अनामिका By Sudheer Maurya

अनामिका ने शशांक का फोन कट करके मोबाईल बेड के सिरहाने तिपाई पर रख दिया और अपनी देह को बिस्तर पर ढीला छोड़ कर उसने अपनी आँखें मूँद ली। शशांक की अपन्तव से लबरेज बातो ने अनामिका के बिख...

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लिखी हुई इबारत - 7 By Jyotsana Kapil

श्वान चरित आज अरसे बाद पंचायत बैठी थी और कई वर्षों बाद ऐसी कोई घटना हुई थी, जिस पर, सभी के बीच व्याप्त आक्रोश को महसूस किया जा सकता था। कोलाहल के बीच मुखिया के पदार्पण के स...

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सुनवाई By Alka Pramod

सुनवाईकनिका ने घड़ी देखा रात के ग्यारह बज गये थे पर नितिन अभी तक नही आया था ,कनिका को चिन्ता होने लगी ।नितिन उसकी आँखों का तारा था क्षण भर भी उसे उदास देखना उन्हे गवारा न था।तभी द्व...

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अंतिम इच्छा By Dr.Ranjana Jaiswal

सुबह से यह चौथा फोन था। फोन उठाने का बिल्कुल मन नहीं था ।...पर माँ... माँ समझने को तैयार ही नहीं थी। फोन की घंटियां उसके मन-मस्तिष्क पर हथौड़े की तरह पड़ रही थी। अंततः नेहा ने फोन...

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Motivational Shayari for students In Hindi By hardik Demo

Motivational Shayari In Hindi मैं तो मुसाफिर हूं चलता रहता हूं|मैं तो मुसाफिर हूं रास्ता ढूंढता रहता हूंमैं तो मुसाफिर हूं मंजिल ढूंढता रहता हूं लिखते लिखते पूरी किताब लिख डाली।पढ़...

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ना उम्र की सीमा हो - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की बातें कर रही थी , अब आगे पढ़ें क्या उम्र के अंतर के बावजूद दोनों मिल पाते हैं ........

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लघुकथाएँ - 3 By Abha Dave

लघुकथाएँ /आभा दवे ----------------- 1)खुशी ----------दीपेश ने अपने पिताजी से फोन पर तुरंत शहर आने के लिए कहा ।आने का कोई कारण नहीं बताया और फोन रख दिया। दीपेश के पिताजी दीपेश क...

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प्रेम की गति By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या उस दिन मैंने, प्रेम से प्रेम को, लिखवा दिया था ??उस दिन मेरे पास एक फ़ोन आया, उधर से वीरेंद्र सिंह भदौरिया जी बोल रहे थे, मैं उसे प्यार से वीरू कहता हूँ, मेरा भाई जैसा...

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बेचारा By Rajesh Kumar

#बेचारा एक वार बादशाह ने अपने राज्य के किसानों से बड़े जोर से किसानों की आय दोगुनी करने का विगुल क्या फूंका। किसानों में अच्छे भविष्य की लहर दौड़ पड़ी। राजनैतिक गलियारों सहित गांव के...

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बेटी का अधिकार By Bhavna Patkar

बेटी का अधिकारसात सात बेटे हैं ,हमारे सातों के पास सर्वसुविधा युक्त घर हैं ,कारें हैं ,जमीनें हैं हम निश्चिंत हैं उनकी तरफ से ,बेटी भी आत्मनिर्भर है, ससुराल में सुख से है।पत्नी -हा...

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समाधीशाला By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- समाधीशाला...

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School Trip स्कूल टूर ख्वाहिश By navita

वो बचपन के दिन , स्कूल की वो यादे , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। वो दोस्तो से बातें, हर रोज की मुलाकाते , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। गांव का मेरा स्कूल, जहा लगती थी क्लास , वो प...

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क्या ठीक है? By Abha Yadav

एक ही इंसान से एक ही समय में प्यार और नफरत करना कितना हास्यास्पद है!लेकिन, ऐसा होता है-एक ही समय में एक ही इंसान से प्यार और नफरत. सच ही तो है-जब बाबू गलतफहमियों में घिरे हुए म...

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फुलस्टॉप-ब्रेकअप डे By S Choudhary

उसने कहा-तुम्हे याद है हम पहले कितनी बाते करते थे,कितना टाइम एकसाथ गुजारते थे,कितना खुश रहते थे? मैं- हाँ याद है। वो-तो अब क्यों नही हम ऐसे रह सकते ? मैं-सब दिन एक जैसे नही रहते,पर...

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अधूरा खत By Sneh Goswami

अधूरा ख़त बन्ते का इंतजार करती करती सन्तो कोअब नींद आने लगी थी । उसका दिल किया कि चादर ओढ कर सो जाये पर कैसे सो सकती है । अभी तो बन्ते को आना था फिर उन्होंने रोटी खानी थी । उसके...

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छल... ! By Deepak Bundela AryMoulik

छल... !ज़िन्दगी तो एक धोखा है जी लो इसे यहीं मौका है.. !उदय अपने चेंबर से फ़ोन पर बात करते हुए निकला था.. चेंबर से निकलते ही एक बड़ा लंबा हॉल है जिसकी 20×60 की चौड़ाई और लम्बाई है ज...

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कुछ खफ़ा सा हूँ खुद से जुदा सा हूँ By शुभेन्द्र सिंह संन्यासी

जब कभी हम को खुद पर गुस्सा आता है या खुद से ही नफरत हो जाती है तो हम फावड़ा उठाकर खेतो की तरफ चल देते है और तब तक काम करते है जब तक शरीर खुद न बोल पड़े अब तो रहने दे भाई क्या अब आज ह...

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पीली साड़ी By Abha Yadav

"मां,इस बर्ष आपने मेरा अट्ठारहवां जन्मदिन मनाया था न?""अरे,तुमने केक काटा तुम्हें नहीं पता."रोशनी हँसकर बोली."मुझे तो याद है.बस,यह जानना चाहती थी कि आपको पता है कि मैं बालिग हो ग...

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गिरगिट By Anil jaiswal

मेट्रो स्टेशन पहुँचने पर गाना सुनने में तल्लीन अधेड़ उम्र के राकेश का ध्यान भंग किया ऑटो वाले ने, "सर जी, मेट्रो स्टेशन आ गया।" राकेश ने कुछ नहीं कहा। गुनगुनाते हुए जेब से पचास का...

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बालमजदूरी (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

जनवरी का महीना तथा चारों तरफ कुहासा घिर चुकी थी ठंढी हवा चल रही थी, मानो रक्त जमा देती और इसी बीच नौ-दस साल की एक गरीब लड़की फटी चादर ओढ़कर हाथ में कुछ किताबें लेकर जल्दी-...

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गोलगप्पे By Geeta Kaushik Ratan

ग्यारह वर्षीय शैली अपनी सभी सहेलियों में क़द-काठी में सबसे लम्बी थी। खेलकूद प्रतियोगिताओं और पढ़ाई में सबसे होशियार परन्तु साथ ही सबसे अधिक शरारती भी। चित्रकारी और शायरी का इतना...

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सबसे बड़ा पाप क्या है ? By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या कभी मैं, भारत की आजादी को, पूरी तरह से जी पाया हूँ ??उस दिन 14 अगस्त था, और मैंने अंग्रेजी में स्कूल में सबके सामने बोलने के लिए एक स्पीच लिखी थी, बहुत खुश था क्योंकि...

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दिव्यांग By Anil Patel_Bunny

बहुत ही बड़े शिवजी के मंदिर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। सब लोग कुतूहलवश जानने की कोशिश में थे कि आखिर वहां हुआ क्या था।“आप को गलतफहमी हुई है बहन जी!”“तू खुद गलत काम कर रहा है और मुझे...

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अपना - अपना संघर्ष By amit sonu

हथेली पर चीनी के दाने छन - छन करते.... कितने अच्छे लगते है न, लेकिन थोड़ी सी नमी आ जाए तो अपनी चिपचिपाहट छोड़ने में देरी भी नहीं करती।देव का जीवन भी ऐसा ही था।वो दूसरो की मदद करने...

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जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक - भाग 3 By vani

पिछले दो दिनो से हम अस्पताल जा रहे थे, लेकिन कुछ वजह से हमे भाई को नही मिलने दिया जा रहा था।आज तीसरा दिन था जब मे अस्पताल जाने वाली थी ,लेकिन आज मे अकेली जाने वाली थी,सुबह सात बजे...

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सांवलापन By रामानुज दरिया

ऐसा नहीं कि ओ खूबसूरत नहीं थी लेकिन किसकी नज़र में थी इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल था शायद उसके लिए जो उसी की तरह बदसूरत हों या फिर उसके लिये जो उससे भी ज्यादा हों।हालांकि किसी...

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वो अजनबी By Alok Mishra

कहानी एक दिन सड़क पर यूं ही वो मिल गया । साधारण सी वेशभूषा में छोटी सी मूंछ , बिखरे बाल और पैन्ट शर्ट में उम्र का अंदाज लगा सकना सम्भव नही था । म...

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अनोखी मित्रता - 10 By Payal Sakariya

हमने देखा था कि दिशा आकाश को orphanage ( अनाथ आश्रम ) में लेकर जाती है ... अब आगे .... ~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°° अंदर जाकर अब रुक गई । दिशा :- अब अपन...

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बैंगनी दुपट्टा By Apoorva Singh

अमर एक स्मार्ट और गुड लुकिंग लड़का है जो एक प्राइवेट बैंक मे मैनेजर के पद पर न्यू दिल्ली में कार्यरत हैं।दो दिन बाद अमर का जन्मदिवस है। है।हर साल की तरह इस बार भी अमर ये जन्मदिन...

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सुर्खियां... By Deepak Bundela AryMoulik

सुर्खियां.. !ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़.... टीवी की स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज़ के ट्रांजेक्शन तीन बार म्यूजिक स्ट्रोक के साथ आते है.. एकता होटल में बैठे...

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बीजांकुर By Ratna Raidani

एडवोकेट बंसल के मोबाइल पर किसी अज्ञात नंबर से कॉल आ रही थी। निर्मला ने देखा तो समझ आया कि कोई अंतर्राष्ट्रीय कॉल है। वैसे वह कभी भी उनका फ़ोन नहीं उठाती थी। मि. बंसल अगर जरूरी समझते...

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कहानी - माय डिअरेस्ट पापा - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) आगे पढ़िए - क्या रिधान अपनी पत्नी विद्या से मिल पाता है , क्या आद्या अपनी माँ से मिल पाती है ?...

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अंधकूप By Rama Sharma Manavi

प्रेम, प्यार, इश्क, मुहब्बत सब हृदय के एक अनुपम भाव के नाम हैं।बिना इसके जीवन तपते मरुस्थल की मानिंद होता है।प्रेम जीवन को अत्यंत सुंदर बना देता है, परन्तु कभी कभी घृणित वासना प...

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ग्रामीण व्यक्ति का हिसाब By mim Patel

एक ग्रामीण आदमी एक शहरी के यहां मेहमान बना जिसके यहां बहुत सारी मुर्गियां थी , उस शहरी के घर वालों में, उसकी पत्नी ,दो लड़के और दो लड़कियां थी; शहरी का कहना है कि मैंने अपनी बीवी स...

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रिक्शावाला By Kalyan Singh

आज बहुत दिनों बाद अपने परममित्र से मिलने जाने का उत्साह मुझे मन ही मन बहुत व्याकुल किये जा रहा था। कब जल्दी पहुँचू ... कब उससे गले मिलू और अपने दिल की किताब उसके सामने खोलूँ।...

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Nepotism: एक अलग पहलू By Anil Patel_Bunny

मुंबई, सुबह 6.45 बजे वैसे तो मुंबई शहर कभी नहीं सोता, हां मगर कुछ सड़कें जरूर सुनसान होती है। ऐसी ही एक सुनसान सड़क पर वहां की शांति को भंग करते हुए एक एम्बुलेंस जा रही थी, भारत...

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लड़की एक बोझ या लक्ष्मी भाग-1 By Adroja Mital

एस सदी में कुछ लोग लड़की को एक बोज मानते हैं तो कुछ लोग घरकि लक्षमी मानते हैं| ये कहानी हैं, दो लड़कियों कि, जो दोनो दोस्त थि। जिंनके परिवार ऊँचे घराने ओर निचे...

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भगवान पे उजाला By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या सच में, उस दिन, मैंने भगवान पे उजाला कर दिया था ??हमारे शहर ग्वालियर और गुना के बीच एक जिला और पड़ता है, जिसे शिवपुरी के नाम से जानते हैं, शिवपुरी में प्रसिद्ध माधव रा...

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बैल-हैं-बैल By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- बैल-हैं-बैल...

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ग़लतफ़हमी भाग-2 By रामानुज दरिया

आज चार दिन हो गये, आशी ने बात नहीं की। ओ बहुत जिद्दी है ,हो सकता है कि ओ फिर कभी भी बात न करे क्योंकि उसकी कथनी और करनी में बहुत फर्क नहीं रहता है। पता नहीं कैसे रहती होगी। इतना आस...

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प्यार का फलसफा By S Sinha

कहानी - प्यार का फलसफा गर्मियों की शुरुआत थी .एक दिन शाम हम अपनी पत्नी के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे . मौसम कोई भी हो , चाहे गर्मी भी कितनी पड़ रही हो ,शाम के पांच और...

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रघुवन की कहानियां - आसमान से गिरे By Sandeep Shrivastava

रघुवन में पक्षियों के झुण्ड आसमान में कलरव करते हुए उड़ान भरते रहते थे| एक दूसरे को देखऐसे उड़ते जैसे कि कोई प्रतियोगिता चल रही हो| अलग अलग प्रजाति के पक्षी एक दूसरे को देख कर ऊँची ऊ...

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आजाद परिंदा – आत्मनिर्भर By Mens HUB

नमिता सुबह 7 बजे ही ब्यूटी पार्लर पहुँच गयी थी | ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला उसकी सहेली थी और विशेष तौर पर नमिता के अनुरोध पर ही ब्यूटी पार्लर इतनी सुबह खुला था | ब्यूटी पार्लर...

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अनचाहा रिस्ता By Sunil Gupta

अनचाहा रिस्ता अपने पुराने मोबाइल पर वह कांपते हुए हाथों से टाइप कर रही थी, ' मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ लेकिन...आप की बेरुखी ने मुझे ये कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया बस अब औ...

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पंखेवाला (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

अप्रैल का महीना था चिलचिलाती धूप निकली थी बाहर गर्म हवाएं चल रही थी कही-कही कोई दूर यात्री छाता लेकर आते-जाते दिखाई दे रहे थे,तो कही वृक्षों की छाया में बैठे हुए राहगीर दिखाई दे जा...

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मास्टर जी की धोती By Geeta Kaushik Ratan

माँ रोज़ सुबह सवेरे ही रतन को नहला-धुला कर तैयार करके बिठा देती। एक स्टील की डिबिया में चूरमा भरकर और साथ में घी में डूबी दो रोटी भी बाँधकर बस्ते में रख देती। साथ ही रतन के गले में...

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अनामिका By Sudheer Maurya

अनामिका ने शशांक का फोन कट करके मोबाईल बेड के सिरहाने तिपाई पर रख दिया और अपनी देह को बिस्तर पर ढीला छोड़ कर उसने अपनी आँखें मूँद ली। शशांक की अपन्तव से लबरेज बातो ने अनामिका के बिख...

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लिखी हुई इबारत - 7 By Jyotsana Kapil

श्वान चरित आज अरसे बाद पंचायत बैठी थी और कई वर्षों बाद ऐसी कोई घटना हुई थी, जिस पर, सभी के बीच व्याप्त आक्रोश को महसूस किया जा सकता था। कोलाहल के बीच मुखिया के पदार्पण के स...

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सुनवाई By Alka Pramod

सुनवाईकनिका ने घड़ी देखा रात के ग्यारह बज गये थे पर नितिन अभी तक नही आया था ,कनिका को चिन्ता होने लगी ।नितिन उसकी आँखों का तारा था क्षण भर भी उसे उदास देखना उन्हे गवारा न था।तभी द्व...

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अंतिम इच्छा By Dr.Ranjana Jaiswal

सुबह से यह चौथा फोन था। फोन उठाने का बिल्कुल मन नहीं था ।...पर माँ... माँ समझने को तैयार ही नहीं थी। फोन की घंटियां उसके मन-मस्तिष्क पर हथौड़े की तरह पड़ रही थी। अंततः नेहा ने फोन...

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Motivational Shayari for students In Hindi By hardik Demo

Motivational Shayari In Hindi मैं तो मुसाफिर हूं चलता रहता हूं|मैं तो मुसाफिर हूं रास्ता ढूंढता रहता हूंमैं तो मुसाफिर हूं मंजिल ढूंढता रहता हूं लिखते लिखते पूरी किताब लिख डाली।पढ़...

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ना उम्र की सीमा हो - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की बातें कर रही थी , अब आगे पढ़ें क्या उम्र के अंतर के बावजूद दोनों मिल पाते हैं ........

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लघुकथाएँ - 3 By Abha Dave

लघुकथाएँ /आभा दवे ----------------- 1)खुशी ----------दीपेश ने अपने पिताजी से फोन पर तुरंत शहर आने के लिए कहा ।आने का कोई कारण नहीं बताया और फोन रख दिया। दीपेश के पिताजी दीपेश क...

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प्रेम की गति By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या उस दिन मैंने, प्रेम से प्रेम को, लिखवा दिया था ??उस दिन मेरे पास एक फ़ोन आया, उधर से वीरेंद्र सिंह भदौरिया जी बोल रहे थे, मैं उसे प्यार से वीरू कहता हूँ, मेरा भाई जैसा...

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बेचारा By Rajesh Kumar

#बेचारा एक वार बादशाह ने अपने राज्य के किसानों से बड़े जोर से किसानों की आय दोगुनी करने का विगुल क्या फूंका। किसानों में अच्छे भविष्य की लहर दौड़ पड़ी। राजनैतिक गलियारों सहित गांव के...

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बेटी का अधिकार By Bhavna Patkar

बेटी का अधिकारसात सात बेटे हैं ,हमारे सातों के पास सर्वसुविधा युक्त घर हैं ,कारें हैं ,जमीनें हैं हम निश्चिंत हैं उनकी तरफ से ,बेटी भी आत्मनिर्भर है, ससुराल में सुख से है।पत्नी -हा...

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समाधीशाला By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- समाधीशाला...

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School Trip स्कूल टूर ख्वाहिश By navita

वो बचपन के दिन , स्कूल की वो यादे , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। वो दोस्तो से बातें, हर रोज की मुलाकाते , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। गांव का मेरा स्कूल, जहा लगती थी क्लास , वो प...

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क्या ठीक है? By Abha Yadav

एक ही इंसान से एक ही समय में प्यार और नफरत करना कितना हास्यास्पद है!लेकिन, ऐसा होता है-एक ही समय में एक ही इंसान से प्यार और नफरत. सच ही तो है-जब बाबू गलतफहमियों में घिरे हुए म...

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फुलस्टॉप-ब्रेकअप डे By S Choudhary

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अधूरा खत By Sneh Goswami

अधूरा ख़त बन्ते का इंतजार करती करती सन्तो कोअब नींद आने लगी थी । उसका दिल किया कि चादर ओढ कर सो जाये पर कैसे सो सकती है । अभी तो बन्ते को आना था फिर उन्होंने रोटी खानी थी । उसके...

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छल... ! By Deepak Bundela AryMoulik

छल... !ज़िन्दगी तो एक धोखा है जी लो इसे यहीं मौका है.. !उदय अपने चेंबर से फ़ोन पर बात करते हुए निकला था.. चेंबर से निकलते ही एक बड़ा लंबा हॉल है जिसकी 20×60 की चौड़ाई और लम्बाई है ज...

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कुछ खफ़ा सा हूँ खुद से जुदा सा हूँ By शुभेन्द्र सिंह संन्यासी

जब कभी हम को खुद पर गुस्सा आता है या खुद से ही नफरत हो जाती है तो हम फावड़ा उठाकर खेतो की तरफ चल देते है और तब तक काम करते है जब तक शरीर खुद न बोल पड़े अब तो रहने दे भाई क्या अब आज ह...

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पीली साड़ी By Abha Yadav

"मां,इस बर्ष आपने मेरा अट्ठारहवां जन्मदिन मनाया था न?""अरे,तुमने केक काटा तुम्हें नहीं पता."रोशनी हँसकर बोली."मुझे तो याद है.बस,यह जानना चाहती थी कि आपको पता है कि मैं बालिग हो ग...

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गिरगिट By Anil jaiswal

मेट्रो स्टेशन पहुँचने पर गाना सुनने में तल्लीन अधेड़ उम्र के राकेश का ध्यान भंग किया ऑटो वाले ने, "सर जी, मेट्रो स्टेशन आ गया।" राकेश ने कुछ नहीं कहा। गुनगुनाते हुए जेब से पचास का...

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बालमजदूरी (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

जनवरी का महीना तथा चारों तरफ कुहासा घिर चुकी थी ठंढी हवा चल रही थी, मानो रक्त जमा देती और इसी बीच नौ-दस साल की एक गरीब लड़की फटी चादर ओढ़कर हाथ में कुछ किताबें लेकर जल्दी-...

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गोलगप्पे By Geeta Kaushik Ratan

ग्यारह वर्षीय शैली अपनी सभी सहेलियों में क़द-काठी में सबसे लम्बी थी। खेलकूद प्रतियोगिताओं और पढ़ाई में सबसे होशियार परन्तु साथ ही सबसे अधिक शरारती भी। चित्रकारी और शायरी का इतना...

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सबसे बड़ा पाप क्या है ? By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या कभी मैं, भारत की आजादी को, पूरी तरह से जी पाया हूँ ??उस दिन 14 अगस्त था, और मैंने अंग्रेजी में स्कूल में सबके सामने बोलने के लिए एक स्पीच लिखी थी, बहुत खुश था क्योंकि...

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दिव्यांग By Anil Patel_Bunny

बहुत ही बड़े शिवजी के मंदिर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। सब लोग कुतूहलवश जानने की कोशिश में थे कि आखिर वहां हुआ क्या था।“आप को गलतफहमी हुई है बहन जी!”“तू खुद गलत काम कर रहा है और मुझे...

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अपना - अपना संघर्ष By amit sonu

हथेली पर चीनी के दाने छन - छन करते.... कितने अच्छे लगते है न, लेकिन थोड़ी सी नमी आ जाए तो अपनी चिपचिपाहट छोड़ने में देरी भी नहीं करती।देव का जीवन भी ऐसा ही था।वो दूसरो की मदद करने...

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जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक - भाग 3 By vani

पिछले दो दिनो से हम अस्पताल जा रहे थे, लेकिन कुछ वजह से हमे भाई को नही मिलने दिया जा रहा था।आज तीसरा दिन था जब मे अस्पताल जाने वाली थी ,लेकिन आज मे अकेली जाने वाली थी,सुबह सात बजे...

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सांवलापन By रामानुज दरिया

ऐसा नहीं कि ओ खूबसूरत नहीं थी लेकिन किसकी नज़र में थी इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल था शायद उसके लिए जो उसी की तरह बदसूरत हों या फिर उसके लिये जो उससे भी ज्यादा हों।हालांकि किसी...

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वो अजनबी By Alok Mishra

कहानी एक दिन सड़क पर यूं ही वो मिल गया । साधारण सी वेशभूषा में छोटी सी मूंछ , बिखरे बाल और पैन्ट शर्ट में उम्र का अंदाज लगा सकना सम्भव नही था । म...

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अनोखी मित्रता - 10 By Payal Sakariya

हमने देखा था कि दिशा आकाश को orphanage ( अनाथ आश्रम ) में लेकर जाती है ... अब आगे .... ~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°° अंदर जाकर अब रुक गई । दिशा :- अब अपन...

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बैंगनी दुपट्टा By Apoorva Singh

अमर एक स्मार्ट और गुड लुकिंग लड़का है जो एक प्राइवेट बैंक मे मैनेजर के पद पर न्यू दिल्ली में कार्यरत हैं।दो दिन बाद अमर का जन्मदिवस है। है।हर साल की तरह इस बार भी अमर ये जन्मदिन...

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सुर्खियां... By Deepak Bundela AryMoulik

सुर्खियां.. !ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़.... टीवी की स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज़ के ट्रांजेक्शन तीन बार म्यूजिक स्ट्रोक के साथ आते है.. एकता होटल में बैठे...

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बीजांकुर By Ratna Raidani

एडवोकेट बंसल के मोबाइल पर किसी अज्ञात नंबर से कॉल आ रही थी। निर्मला ने देखा तो समझ आया कि कोई अंतर्राष्ट्रीय कॉल है। वैसे वह कभी भी उनका फ़ोन नहीं उठाती थी। मि. बंसल अगर जरूरी समझते...

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कहानी - माय डिअरेस्ट पापा - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) आगे पढ़िए - क्या रिधान अपनी पत्नी विद्या से मिल पाता है , क्या आद्या अपनी माँ से मिल पाती है ?...

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अंधकूप By Rama Sharma Manavi

प्रेम, प्यार, इश्क, मुहब्बत सब हृदय के एक अनुपम भाव के नाम हैं।बिना इसके जीवन तपते मरुस्थल की मानिंद होता है।प्रेम जीवन को अत्यंत सुंदर बना देता है, परन्तु कभी कभी घृणित वासना प...

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ग्रामीण व्यक्ति का हिसाब By mim Patel

एक ग्रामीण आदमी एक शहरी के यहां मेहमान बना जिसके यहां बहुत सारी मुर्गियां थी , उस शहरी के घर वालों में, उसकी पत्नी ,दो लड़के और दो लड़कियां थी; शहरी का कहना है कि मैंने अपनी बीवी स...

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रिक्शावाला By Kalyan Singh

आज बहुत दिनों बाद अपने परममित्र से मिलने जाने का उत्साह मुझे मन ही मन बहुत व्याकुल किये जा रहा था। कब जल्दी पहुँचू ... कब उससे गले मिलू और अपने दिल की किताब उसके सामने खोलूँ।...

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Nepotism: एक अलग पहलू By Anil Patel_Bunny

मुंबई, सुबह 6.45 बजे वैसे तो मुंबई शहर कभी नहीं सोता, हां मगर कुछ सड़कें जरूर सुनसान होती है। ऐसी ही एक सुनसान सड़क पर वहां की शांति को भंग करते हुए एक एम्बुलेंस जा रही थी, भारत...

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लड़की एक बोझ या लक्ष्मी भाग-1 By Adroja Mital

एस सदी में कुछ लोग लड़की को एक बोज मानते हैं तो कुछ लोग घरकि लक्षमी मानते हैं| ये कहानी हैं, दो लड़कियों कि, जो दोनो दोस्त थि। जिंनके परिवार ऊँचे घराने ओर निचे...

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