लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • एहसास

    एहसास __?1?__पापा…!... मेरे सारे डॉक्युमें...

  • इलाज़

    इलाज़ राजनारायण बोहरे- आज आपके झोलाझाप डॉक्टर फकीरचन्द ने एक और...

  • अधूरे संवाद भाग -2 (कथनिकाऐं )

    1प्रश्‍नों के चक्रव्‍युहवो कौन थी ?वो कैसे मरी ?उसके साथ क्‍या हुआ ?क्‍या...

दोषी कौन By Shraddha

शिखा की शादी अठरह वर्ष की आयु में ही हो गयी थी। इससे पहले कि वो समझ पाती शादी क्या है ? दूसरे परिवार में सामंजस्य कैसे बनाना है वो गर्भवती हो गयी। सबने सुना तो दंग रह गए अरे !ऐसे...

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एहसास By रमेश पाली

एहसास __?1?__पापा…!... मेरे सारे डॉक्युमेंट्स क्लियर हो गए हैं.. सब ठीक रहा तो अगले महीने अमेरिका जाना पक्का हो गया। बेटे के स्वर में चहक थी ....

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इलाज़ By राज बोहरे

इलाज़ राजनारायण बोहरे- आज आपके झोलाझाप डॉक्टर फकीरचन्द ने एक और आदमी मार डाला ’ मिश्रा जी कोई विलक्षण जुमला बोलकर इंट्री करते हैं। मैंने पूछा-‘किसे मार दिया यार !’...

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दीपक बनाम झालर By Ratna Raidani

कुछ दशकों पूर्व तक दीपक तथा झालर की अनन्य मित्रता थी। दोनों में अभूतपूर्व तारतम्य था। दोनों का अपने अपने क्षेत्र में वर्चस्व था। दोनों के मध्य कोई व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा नहीं थी। क...

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अस्मत By राज बोहरे

लघुकथा अस्मत राजनारायण बोहरे सब ठीक है न खेताsss नौनीता दादा हाट से लौटते...

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अधूरे संवाद भाग -2 (कथनिकाऐं ) By Alok Mishra

1प्रश्‍नों के चक्रव्‍युहवो कौन थी ?वो कैसे मरी ?उसके साथ क्‍या हुआ ?क्‍या ऐसा रोज होता है ?ऐसा कब तक होता रहेगा ?ये लोग कौन है ?क्‍या उस लड़की के रिश्‍तेदार है ?ये क्‍यों नार...

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यादगार दिवाली By Ratna Raidani

राघव आज बहुत उदास था। वह अपने फ़ोन में अपने ऑफिस और कॉलेज के दोस्तों की अपने माता पिता, अपने परिवार के साथ दिवाली की तस्वीरें देख रहा था जो उन लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी। वह...

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कंप्यूटर क्लास By Shubham Rawat

सूरज कंप्यूटर क्लास जाने लगा था। आज उसका पहला दिन था। वह क्लास में गया, सर ने उसे पहले दिन टाईपिंग करना सिखाया। और वह टाईपिंग करने लगा। सर ने उससे पूछा, "बेटा! हो रहा है ना, धीरे-ध...

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स्त्री स्वयं ब्रह्म है, गुरु हैं By हरिराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

स्त्री स्वयं ब्रह्म है, गुरु हैं(लघु कथा) एक बार की बात है, एक प्यासा किसी कुएं के पास गया जहाँ एक स्त्री पानी भर रही थी, उसने स्त्री से पानी मांगा और पीया, उस पुरुष ने उस स्त्री स...

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समझौता नहीं समर्पण By Dr Vinita Rahurikar

समझौता नहीं समर्पण   “ रिश्ते बनते तो प्यार से है लेकिन निभाए समझौते से ही जाते है. जो जितना ज्यादा समझौता करेगा उसका जीवन और रिश्ता उतना ही सुखी दिखेगा लोगो को. “...

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पुनर्जन्म By Mamta

पुनर्जन्म गुरुद्वारे की ठंडी ठंडी सीढ़ियों पर कदम रखती हरदीप आँखो में नमी और हृदय में आशा लिए वाहे गुरु का जप करती जा रही थी ।रोज़ की तरह आज फिर वाहेगुरु से अरदास करेगी अप...

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सात समंदर पार से बिन माँगे मदद By S Sinha

कहानी - सात समंदर पार से बिन माँगे मदद -----------------------------------------------------------...

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पहाड़ों में कैद रूह By आशा झा Sakhi

ये जीवन भी अजब दास्तां है। कब क्या किसके साथ हो जाये क्या पता। साथ चलता साथी कब फिसल कर दूर हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता । ये जीवन भी एक पहाड़ की तरह है ,जिस पर चढ़ कर शिखर तक पहुंचन...

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निम्मो (भाग-4 अंतिम) By Deepak Bundela AryMoulik

कंटीन्यू पार्ट -4अपनी नाकामियों का कसुरबार अपनों को ही बना देना कहां तक सही है.. आज कल नहीं ये तो ज़माने से चला आ रहा है जिस तरह शाहिद ने और उसकी अम्मी ने अपनी खुद की नाकामी का कसूर...

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दहेज (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

विनायक बाबू के घर शादी की तैयारी बड़े ही धूमधाम से हो रही थी धीरे-धीरे मेहमान आ रहे थे कई प्रकार की उपहार से कमरा भरा दिखाई दे रहा था, लेकिन इस खुशी की माहौल में कभी-कभी विनायक ब...

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झूठी शान By Shubham Rawat

सन 1998, जहां भारत एक परमाणु देश बन चुका था। वहीं दूसरी तरफ निहारिका, 16 साल की लड़की, जिसकी शादी तय कर दी गई थी। निहारिका ने अभी-अभी आठवीं की परीक्षा पास करी थी और वह आगे की पढ़ाई...

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चुभन By Surbhi Singh

ये कहानी है अमृत नाम के लड़के की जिसको सभी प्यार से गुड्डा कहा करते थे| उसके परिवार में उसके अलावा उसके पिता, माँ और एक बड़ा भाई थे|उसके पिता नामी दवा कंपनी में काम करते थे और माँ...

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जितना ‘जतन’ उतना ‘पतन’ By Anil Patel_Bunny

“तो तू आ रही है ना इस संडे?” संजना ने पूछा।“ये में अभी से कैसे फाइनल कह सकती हूं?” कामिनी ने कहा।संजना और कामिनी कॉलेज के समय से पुरानी सहेलियां थी, वर्तमान समय मे दोनों एक कुशल गृ...

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दूसरा आखिरी पन्ना। By रामानुज दरिया

अब बात नहीं होती, न ही fb पर रात - रात भर चैट होती है। काफी दिन गुजर जाता है, न ही कोई मैसेज न ही कोई call। सब बन्द पड़ा है अगर एक तरफ से hello आ भी जाता है तो दूसरी तरफ से रिप्लाई...

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आज की द्रौपदी और सुभद्रा - 3 By आशा झा Sakhi

शुभी ने कुछ शंकाओं के साथ धवल का प्रेम स्वीकार कर लिया । धवल ने भी शुभी से वादा किया कि वो शुभी और अंशिका दोनों को खुश रखेगा। अब गतांक से आगे------- दो दिनों की खुमारी में शुभी के...

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सुनहरे भविष्य की कल्पना By Dev Borana

प्रो - देवाराम पटेलयह कहानी लेखक खुद सुना रहा है , लेखक कहता है कि गया था मैं शहर से गांव कुछ दिन बिताने । बहुत अच्छा भी लग रहा था...

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लाकेट By Mamta

लाकेट सामने पड़ी किताबों के ढेर में आँखे गड़ाए ,अपने गले के लाकेट को उँगलियो से नचाती सी ना जाने कब से खोयी थी कि अचानक सामने प्रिन्सिपल महोदया को सामने देखकर वह अचकचा कर उ...

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मुखौटा By Ratna Raidani

मुखौटा आज राजस्थान के एक छोटे से शहर में एक विशाल मंदिर का उदघाटन था। शहर के विख्यात उद्योगपति श्री हीराचंद जी की तरफ से इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। संगमरमर से बना नक्काशीदार...

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कागज By Shubham Rawat

मोहित को अपनी पढाई पूरी करे पाच साल हो चुके है और आज तक वो बेरोजगार है। वो हमेसा से पढाई में ठीक-ठाक रहा है ना ज्यादा होशियार ना ही कमजोर। उसके पास पहले डिवीजन की डिग्री है फिर भी...

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यादों की बारात By S Sinha

कहानी - यादों की बारात एक लम्बे अंतराल के बाद राज पटना आया था . लगभग बीस साल पहले पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर वह अम...

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360 डिग्री का कोण By Sneh Goswami

360 डिग्री का कोण मैं प्लेटफार्म पर खड़ी अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी । गाड़ी करीब दो घंटे लेट थी और हमे यहाँ खड़े डेढ़ घंटा तो हो ही गया था सो इन्तजार करते करते बुरी तरह से थका...

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ज़िन्दगी का नाम दोस्ती By Vijay Raval

सोमवारसप्ताह का पहला दिन, बैसाख महीने की त्राहिमाम जैसी भीषण गरमी के प्रकोप से पसीने से लथपथ ऑफिस टाईम के पीक अवर्स की भीड़ को चीरते महात्मा सर्किल के पास सिटी बस के पीक-अप प्वाइंट...

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खिलते पत्थर By Prabodh Kumar Govil

"खिलते पत्थर!" उन्हें इस अपार्टमेंट में आए ज़्यादा समय नहीं हुआ था। ज़्यादा समय कहां से होता। ये तो कॉलोनी ही नई थी। फ़िर ये इमारत तो और भी नई। शहर से कुछ दूर भी थी ये बस्ती। सब कु...

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अपेक्षाएं By Dr Sonika Sharma

मेहरोत्रा जी को रिटायर हुए अभी कुछ ही साल हुए है पर अभी भी वह अपने को पूरे दिन किसी न किसी काम में व्यस्त रखते है और अपनी लाइफ को भी नियमित रखते है वह पहले की तरह सुबह उठते है, समय...

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मतलबी दुनिया By Ganesh

दुनिया का क्या है दोस्त, आज तेरे साथ है, कल किसी और के साथ। वो बोलते है ना कि दुनिया गोल है, गोल नहीं, दुनिया मतलबी है। आज हर इंसान एक दूसरे को हराने में लगा है, हर द...

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हार जीत - 2 By S Sinha

अंतिम भाग 2 - पहले अंक में आपने निर्मला और गरिमा के शर्त के बारे में और उनके साथ हुई दुर्घटना के बारे में पढ़ा . अब आगे पढ़ें इस शर्त का अंजाम क्या हुआ ....

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दरार By Monty Khandelwal

नरेंद्र के पिता ने नरेंद्र के फ्रेंड मोहित को बोलते हुए कहा आज तो नरेंद्र की शादी की बात करने के लिए लड़की वाले आ रहे हैं | मोहित इस बात को सुनकर बहुत ही खुश हुआ क्योंकि कुछ...

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मठोली By Rajesh Kumar

"मठोली" एक गरीब 12 वर्ष का लड़का जिसके माँ-बाप 4 वर्ष पहले उसे दुनिया में बेसहारा छोड़ गए। माँ-बाप की बीमारी ने एक सामान्य घर को तोड़ कर रख दिया बाद में वो भी नही रहे। रहने के लिए कोई...

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भगवान बेचने वाला By Alok Mishra

भगवान ले लो .....भगवान, रंग-बिरंगे भगवान...., फैंसी भगवान..... ,भगवान ले लो...। हाथठेले वाला हाथठेले पर मूर्तियां सजा कर और जोर जोर से आवाज लगाता है। उसके भगवान बहुत...

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ग़लतफ़हमी भाग-3 (विरह के दिन) By रामानुज दरिया

देखो न , हर कोई आ गया मिलने, कौन रूठता नहीं है पर इसका मतलब ये थोड़ी होता है कि बीच राह में साथ छोड़ कर चला जाये ओ भी सिर्फ़ ग़लतफ़हमी की वजह से। रात भी आई और मिलकर चली गयी, आंखों से आँ...

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करवा चौथ की मेहंदी.. By Mahira Choudhary

(((सिंगल होना मुश्किल नहीं सिंगल होके सबको ये यकीन करवाना की हम सिंगल हैं बहुत मुश्किल है! हमारे साथ कुछ ऐसा होता है फॅमिली और जिगरी दोस्तों को ख़ुद भी बोल दे हमे इश्क़ है यकीन नही...

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पागल – बंदूक सिंह By Mens HUB

पागल एक छोटे शहर और उसके दरोगा का किस्सा है जिससे 3 भागों में लिखा गया है इस किस्से का वास्तविक नाम ‘रामनगर’ या ‘दरोगा बन्दूक सिंह’ होना चाहिए था | परन्तु बहुत सोच विचार करने के पश...

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नन्हा फ़रिश्ता By zeba Praveen

सलमा आज के दिन का इंतज़ार कई सालो से कर रही थी, एक ऐसी ख़ुशी जिसने उसके घर को उजड़ने से बचा लिया, कई सालो से सूनी पड़ी...

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सम्पादक By राजेश ओझा

नीलेश अपने प्रथम लघुकथा संग्रह के कवर पेज को लेकर द्वन्द में था..तीन चार स्केच सामने विखरे पड़े थे..एक से बढ़कर एक..इसी में से एक फाइनल करना था.....

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एक शायराना सफ़र By Aksha

नजरो से नजर मिला कर जान ना सके,हाथ से हाथ मिलाकर नियति अपना ना सके,लफ्ज़ से लफ्ज़ प्यासे सागर का इरादा ना समझ सके,जिस्म से जिस्म का ये इत्तेफाक कभी दोहरा ना सके,रूह से रूह जोड़ कर...

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मोहब्बत By अनामिका

रात का घना अंधेरा छाया हुआ था UP के किसी रास्तें पर फुल्ल स्पीड से बाईक भागे जा रही थी वो बाईक एक शानदार घर के सामने खड़ी रहीबाईक लॉक कर के वो लड़का उतारा घर के भीतर जाते वक़्त उसक...

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कार अलाउएंस से एक्स्ट्रा कमाई By S Sinha

कहानी - कार अलाउएंस से एक्स्ट्रा कमाई गौतम और नरेश दोनों अच्छे मित्र थे .दोनों एक ही सरकारी कारखाने में अफसर पद थे . संयोगवश दोनों की स...

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घर है कहाॅं ? By Archana Singh

घर है कहाॅं ? माघ का महीना सुबह की धूप,...

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लिखी हुई इबारत - 8 By Jyotsana Kapil

दंश बाबूजी ने बहुत उमंग व आतुरता से दरवाजे पर लगा घण्टी का बटन दबाया। सोच रहे थे, उन्हें अचानक सामने देखकर बिटिया कितनी खुश होगी। कितना समय हो गया उस...

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दोषी कौन By Shraddha

शिखा की शादी अठरह वर्ष की आयु में ही हो गयी थी। इससे पहले कि वो समझ पाती शादी क्या है ? दूसरे परिवार में सामंजस्य कैसे बनाना है वो गर्भवती हो गयी। सबने सुना तो दंग रह गए अरे !ऐसे...

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एहसास By रमेश पाली

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इलाज़ By राज बोहरे

इलाज़ राजनारायण बोहरे- आज आपके झोलाझाप डॉक्टर फकीरचन्द ने एक और आदमी मार डाला ’ मिश्रा जी कोई विलक्षण जुमला बोलकर इंट्री करते हैं। मैंने पूछा-‘किसे मार दिया यार !’...

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अस्मत By राज बोहरे

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पुनर्जन्म By Mamta

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पहाड़ों में कैद रूह By आशा झा Sakhi

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दूसरा आखिरी पन्ना। By रामानुज दरिया

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लाकेट By Mamta

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मुखौटा By Ratna Raidani

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कागज By Shubham Rawat

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खिलते पत्थर By Prabodh Kumar Govil

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दरार By Monty Khandelwal

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मठोली By Rajesh Kumar

"मठोली" एक गरीब 12 वर्ष का लड़का जिसके माँ-बाप 4 वर्ष पहले उसे दुनिया में बेसहारा छोड़ गए। माँ-बाप की बीमारी ने एक सामान्य घर को तोड़ कर रख दिया बाद में वो भी नही रहे। रहने के लिए कोई...

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भगवान बेचने वाला By Alok Mishra

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ग़लतफ़हमी भाग-3 (विरह के दिन) By रामानुज दरिया

देखो न , हर कोई आ गया मिलने, कौन रूठता नहीं है पर इसका मतलब ये थोड़ी होता है कि बीच राह में साथ छोड़ कर चला जाये ओ भी सिर्फ़ ग़लतफ़हमी की वजह से। रात भी आई और मिलकर चली गयी, आंखों से आँ...

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पागल – बंदूक सिंह By Mens HUB

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नन्हा फ़रिश्ता By zeba Praveen

सलमा आज के दिन का इंतज़ार कई सालो से कर रही थी, एक ऐसी ख़ुशी जिसने उसके घर को उजड़ने से बचा लिया, कई सालो से सूनी पड़ी...

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एक शायराना सफ़र By Aksha

नजरो से नजर मिला कर जान ना सके,हाथ से हाथ मिलाकर नियति अपना ना सके,लफ्ज़ से लफ्ज़ प्यासे सागर का इरादा ना समझ सके,जिस्म से जिस्म का ये इत्तेफाक कभी दोहरा ना सके,रूह से रूह जोड़ कर...

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मोहब्बत By अनामिका

रात का घना अंधेरा छाया हुआ था UP के किसी रास्तें पर फुल्ल स्पीड से बाईक भागे जा रही थी वो बाईक एक शानदार घर के सामने खड़ी रहीबाईक लॉक कर के वो लड़का उतारा घर के भीतर जाते वक़्त उसक...

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कार अलाउएंस से एक्स्ट्रा कमाई By S Sinha

कहानी - कार अलाउएंस से एक्स्ट्रा कमाई गौतम और नरेश दोनों अच्छे मित्र थे .दोनों एक ही सरकारी कारखाने में अफसर पद थे . संयोगवश दोनों की स...

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घर है कहाॅं ? By Archana Singh

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लिखी हुई इबारत - 8 By Jyotsana Kapil

दंश बाबूजी ने बहुत उमंग व आतुरता से दरवाजे पर लगा घण्टी का बटन दबाया। सोच रहे थे, उन्हें अचानक सामने देखकर बिटिया कितनी खुश होगी। कितना समय हो गया उस...

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