लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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नागिन - की अंतिम कहाणी By Datta Jaunjat

हम काहाणी शुरु करते हे. एक train पुणा जारही थी तब बारीश के कारण train रूक जाती हे तब एक लडकी आती है और नाचती हे cham cham इस गाणे पे तब एक लडका आता हे और उसके साथ नाचता हे डान्स ख...

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वैलेंटाइन डे- प्यार का पंचनामा By Suvidha Gupta

भारत में वेलेंटाइन डे का उत्सव इकोनोमिक लिब्रेलाईजेशन यानी आर्थिक उदारीकरण के बाद लोकप्रिय होने लगा। हमारे जमाने में यह सब परंपराएं नहीं थी। तब तो...

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तू है पतंग मैं डोर - 1 By S Sinha

भाग - 1 यह कहानी है ऐसे दो बच्चों की जो बचपन के वर्षों बाद मिलने पर फिर दोस्त बने और फिर जीवनसाथी भी … कहानी - तू है पतंग मैं डोर मान्यता...

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वो आह किसकी थी By मनिष कुमार मित्र"

सुबह करीब 4:00 बजे के आसपास अचानक मेरी आंख खुल गई, क्योंकि मुझे किसी की सिसकारियां किया सुनाई दे रही थी। और कोई लंबी आहें भर रहा हूं ऐसा महसूस हो रहा था। उठकर देखा आसपास...

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वसंत ऋतु By Sunita Bishnolia

वसंत ऋतु "अपनी आभा से धरती को करने को गुलजार सुमन धरा पर खिले संग ले, सतरंगी संसार, पहन हरित वसन बसंत ने,जीवन दिया धरा को मंद पवन संग उड़ -उड़कर,भर देती घर द्वार ।।" कह...

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गली में आज चाँद निकला By S Sinha

कहानी - गली में आज चाँद निकला मैं इंजीनियर डॉक्टर तो नहीं बन सका , हमारी हैसियत ही नहीं थी ....

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भनक By Deepak sharma

नहीं, बीणा को नहीं मालूम रहा..... जब भी उसकी बायीं दिशा से कोई कर्णभेदी कोलाहल उसके पास ठकठकाता और वह अपने बाएँ कान को ढँक लेती तो उसके दाएँ कान के परदे पर एक साँय-साँय क्यों चक्कर...

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नागिन - के कुछ अनोखे रंग By Datta Jaunjat

ये काहाणी एक प्यार से भरी हे और इंतकाम की हे तो काहाणी शुरु करते हे ...?️ अब होने वाला है बडा फैसला जब नागिन लेगी अपणे दो रुप तो चलो देखते हे राधा ने मंदिर मे बच्चे को जन्म दिया थ...

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दुख भरे दिन बीते रे भइया By Sneh Goswami

दुख भरे दिन बीते रे भइया आँखों में आँसू और हाथ में अखबार लिए अचिंत कौर काफी देर तक यूं ही खङी रही । अखबार में अचिंत कौर के बारहवीं बोर्ड में मैरिट में तीसरा स्थान पाने और जिले...

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उल्लू - 001 By Mens HUB

उल्लू - 001R.Singhशहर के बेहतरीन 5 स्टार होटल ‘आकाश’ के एक प्राइवेट केबिन में रमा अपने बॉयफ्रैंड राजेश के साथ मौजूद थी और थोड़ी देर पहले दोनों ने एक साथ जीने मरने और एक दूसरे के प्र...

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बरखा, ब्यार और बगीचा By Suvidha Gupta

गांव में ज्येष्ठ के मौसम में कहां कभी बारिश होती है? वहां तो आषाढ़ और सावन में रिमझिम की फुहारें पड़ती हैं। हम, जब से उत्तर भारत से, यहां पश्चिमी भारत में आए हैं,...

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प्यार उम्र का लिहाज़ नहीं करता By Sweety Sharma

कभी उनके इस अकेलेपन को समझ नहीं पाई थी । जब भी उन्हें देखती तो लगता कैसे लोग है यार कोई मान मर्यादा नाम की चीज नहीं है । कहां , कैसे रहना चाहिए , इसका तो लिहाज़ करना चाईए । पर्सनल...

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अनमोल तोहफा By Rama Sharma Manavi

मित्रता इक ऐसा रिश्ता है जिसे हम अपनी इच्छा से चुनते हैं।सबसे प्रथम एवं अहम मित्र तो मेरी माँ हैं मेरे जीवन की, एवं अब मेरा बेटा भी जो रक्त सम्बन्धी हैं।मित्रों की संख्या कभी भी...

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जाने कहां गए वो दिन By Suvidha Gupta

ज़्यादातर परिवारों में यह तो हम प्रायः सभी से सुनते ही रहते हैं कि आजकल रिश्तों में, वह पहले वाली मिठास कहां रह गई। लोग एक दूसरे के घर आना जाना पसंद ही नहीं करते। एक...

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भजन लाल स्वर्ग मैं By Arvind Singh

भजन लाल मरने के बाद स्वर्ग पहुँचा, परमेश्वर के साथ उसकी अपॉइन्मेंट होने ही वाली थी कि दफ्तर के बाहर बैठी रेसेप्निस्ट अप्सरा ने उसे वेटिंग रूम में इंतज़ार करने को कहा। अचानक कुर्सी...

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जुगाड़ By Lajpat Rai Garg

दिन ढला। सूरज छिपा। रात का साया गहराने लगा। सोनू का बापू अभी तक खेत से नहीं लौटा। सोनू की मां रामदेई सोचने लगी - माना धान की रोपाई चल रही है, लेकिन इस वक्त तक सोनू के बापू का न आना...

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जीवनसाथी By Kumar Kishan Kirti

"मैं शादी करना नहीं चाहता हूँ इस बात को आपलोग समझते क्यो नहीं है?"आनंद गुस्से से अपनी बात रखते हुए बोला आनंद की बातें सुनकर उसकी माँ सविता देवी बोली"लेकिन बेटा, आखिर इसक...

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हिमशिला By Sneh Goswami

हिम शिला मैं प्लेटफार्म पर खड़ी अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी । गाड़ी करीब दो घंटे लेट थी और हमे यहाँ खड़े डेढ़ घंटा तो हो ही गया था सो इन्तजार करते करते बुरी तरह से थकावट महसूस हो...

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दिल से रिशता By Datta Jaunjat

ये काहाणी एक प्यार पे आधारित हे तो हम काहाणी शुरु करते हे . मैं अपनी काहाणी बताने जारी हुं मेरा नाम शुभांगी हे तो दो सास बात कर रहे थे उनमे एक का नाम चंद्रीका था दोसरी का चंद्रकला...

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वैलेंटाइन डे की टीस By S Sinha

कहानी - वैलेंटाइन डे की टीस बिंदु ने अपनी पुरानी सहेली को फोन कर कहा “ कौन , आरजू ? “ “ हाँ , मैं आरजू ही बोल रह...

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जिंदगी - 1 By Jay Khavada

जीवन की परिभाषा प्रत्येक व्यक्ति की दृष्टि में भिन्न होती है। आज के परिवेश में हम दौड़भाग में इतने व्यस्त हैं की स्वयं के लिए समय ही नहीं है। अर्थात हम स्वयं से कभी ये भी नहीं पूछ प...

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स्वर्ग का वीसा By Prabodh Kumar Govil

दो दिन पहले की ही तो बात है जब घर में धूमधाम से बेटे आर्यन का जन्मदिन मनाया गया था। हॉस्टल में रह कर पढ़ने वाले पंद्रह वर्षीय बेटे का जन्मोत्सव मनाने के लिए मम्मी- पापा ने दिन रात...

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मेरे भाई की शहादत By Manju Mahima

एक दिन की बात है, मैं अपने आँगन में चहलकदमी कर रहा था कि मेरा बेटा आया और कहने लगा, “ पापा आँगन में लगा यह नीम काफी बेतरतीबी से फ़ैल रहा है, इसके नीचे भी कितना कचरा इकट्ठा होगया है,...

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मां का पटरा By Suvidha Gupta

8"/10" की छोटी सी रसोई में मां की सारी दुनिया सिमटी हुई थी। एक तरफ की बड़ी अलमारी में निचले फट्टे पर छोटे-बड़े दालों और मसालों के ढ़ेर सारे डिब्बे थे और उसके ऊप...

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परंतु लोगों के दिल छोटे हो गए By रेखा पविया

"घर तो बड़ा है परन्तु लोगों के दिल छोटे है"मैं चाय पी रही थी तभी मोबाइल की घण्टी सुनाई दी । उठाया तो यह संजीव का फोन या उसने मुझसे पूछा "क्या तुम्हारे आस-पास किराये पर कोई मकान मिल...

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कोरोना की तीखी मीठी यादें By S Sinha

कहानी - कोरोना की तीखी मीठी यादें “ सिया , मेरा टूर वाला ट्राली तैयार रखना , जितना तुमसे हो...

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मिडिल बर्थ - 4 By Ajay Kumar Awasthi

मिडिल बर्थ पार्ट 4 आज मैं उसके घर पर था । उनका घर बहुत सुंदर था । सामने आंगन में हरियाली थी आम का पेड़ था और बहुत से गमलों से आंगन सजा था । मैंने बेल बजाई उसने ही दरवाजा खोला, उसे द...

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5 Gifts By Anil Patel_Bunny

सारे स्टूडेंट्स जिनका इंतज़ार कर रहे थे आखिर वो आ ही गए। सभी ने तालियाँ बजा कर उनका स्वागत किया। आप सब उन्हें जानते है, पर शायद अच्छे से नहीं जानते। वो स्टेज पर आए और उन्ह...

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लेडीज़ टेलर - The Customer By Ashok Kalra

“आपने ‘स्त्री’ देखी है, न-न गलत न समझें, मेरा मतलब नई पिक्चर से है, अभी अभी लगी है न,” उस नये ग्राहक ने मेरे नाप लेने के तरीके पर आश्चर्य जताते हुए पूछा। “नहीं तो। सुना है डरावनी प...

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कभी ना भूल पाने वाला सफर ! By Sweety Sharma

मैं अंकल को देख रही थी , अंकल काफी परेशान थे ,, देख कर लग रहा था अंकल को कुछ परेशानी हो रही है । मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पूछ ही लिया , अंकल आप ठीक हैं ??? .... कोई जवाब नहीं आय...

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भला मानस - Virtue Of Help By Ashok Kalra

“पापा, आपके लिए क्या लाएं हम?” बेटी ने पूछा। “कुछ नहीं, बस आप दोनों ज़रा जल्दी आ जाएं,” मैंने एक कॉल रिसीव करने से पहले कहा। त्यौहार का दिन था और बाज़ार में बहुत भीड़ थी। मैं आमतौर पर...

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यादों के साये में.... By Jyoti Prajapati

अपनी शादी की एल्बम में फ़ोटो देखते हुए दिव्या ने अपने पति की फोटोफ्रेम को हाथ मे उठाया और बोली, "सूनो..!याद है तुम्हे अपनी वो पहली मुलाकात जब तुम मुझे देखने मेरे घर आये थे..!!तुम्हे...

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तूफान के बाद By Rama Sharma Manavi

इंसान की फितरत होती है जब तक चोट नहीं खाता, तब तक वह न समझना चाहता है, न सम्भलना।और जब समझ आता है तो सब कुछ बर्बाद हो हाथ से निकल चुका होता है। यही हुआ था अमित के साथ।अच्छा प्य...

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केले वाली अलमारी By Suvidha Gupta

नींद अभी पूरी तरह खुली नहीं थी। फिर खेस से ज़रा सा झांककर देखा तो कमरे में कोई नहीं था। मैं भी यूं ही लेटी रही। तभी गली में केला बेचने वाले की आवाज आई, "केले ले...

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कार्निवाल By Akshata alias shubhadaTirodkar

फरवरी महीना शुरू हो गया था गोवा में कार्निवाल की तयारी जोरो से चल रही थी इस बार संतान ने भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर कार्निवाल में भाग लेने की ठान लियी एक सुन्दर ऐसा उन्होंने चित्...

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कुर्सी By Rekha k

बरामदे में एक पुरानी कुर्सी पर एक बुढ़ी अम्मा बैठती थी ,कुछ दिन बाद उस बुढ़ी अम्मा की मृत्यु हो जाती है।...

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अंजाना इश्क़ (प्रकरण-२) By Suresh Pawar

पहले प्रकरण में आपने पढ़ा कि कैसे एक अंजाना शख़्स रिधिमा के कमरे घुस जाता है। जिस कारण रिधिमा को अपने मकान मालिक से बहुत डाट खानी पड़ती है। उसी कारण के चलते रिधिमा को उसका मकान छोड...

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प्रेमम पिंजरम - 3 By Srishtichouhan

12 जनवरी 1946,पॉलंपल्लाईं मद्रास, 9:00 बजे, रात का समयप्रिय डायरी, क्या मेरे कान सुन्न हो गए है? या मेरा भ्रम है कि तुम सच मूूच में आ रहे हो? सच में! मतलब क्या यह बात सच है कि माधव...

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अमर शहीद By शक्ति

सुबह 5:00 बजे रेलवे स्टेशन पर - "मैं जानता हूँ बरखा इस बार बहुत रिस्क है , लेकिन ये रास्ता मैंने खुद ही चुना है । मैं एक सोल्जर हूँ , और अपने परिवार के साथ - साथ मुझे इस देश की भी...

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दोस्ती इंसानियत की By Ambika Jha

अपने परिवार में खुल कर बात करते हैं जैसे:- अपने मम्मी-पापा से, भाई अपनी बहन से... एक दोस्त की तरह होते हैं ।जो बचपन से साथ खेलते हैं पढ़ते और खाते हैं।बचपन की दोस्ती।हम साथ ही बिजन...

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अबोध By प्रीति कर्ण

उसकी आँखो में अजीब सी उदासी थी, मानों सब कुछ खो चुकी हो। उसकी उम्र मुश्किल से सोलह या सतरह साल की होगी। मेरी बुढ़ी आँखे उसकी मासूम-सलोने मुखड़े से लग गयी थी। मुझे घबराहट होने लगी थ...

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मेरा वित्तीय कैरियर By Tanu Kadri

स्टीफन बटलर लेकोक (दिसंबर 1869 - मार्च 1944) का जन्म इंग्लैंड में हुआ था और जब वे छह साल के थे तब कनाडा चले गए। वह एक कनाडाई शिक्षक, राजनीतिक वैज्ञानिक, लेखक और हास्यकार बने।यद्यपि...

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जरा सी बेवफ़ाई By S Sinha

कहानी - जरा सी बेवफ़ाई अनिता पुलिस अफसर निखिल की इकलौती संतान थी .जब वह आठ साल की थी उसकी माँ का देहांत हो गया था . उस समय तो उसके पापा इं...

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दूर नीड के पक्षी By Jai Prakash Pandey

एयरपोर्ट के लांज में अखबार के पलटने के साथ आनन्द प्रकाश की आँखे सामने लगी स्क्रीन पर थी | जिस पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आने और जाने वाली फ्लाइट्स के बारे में दिखाया जा रहा था | वाशिंग...

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नागिन का आखरी इंतकाम - भाग -४ - अंतिम भाग By Appa Jaunjat

हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि शिवकन्या की काहाणी खतम हो जाती है खतम मतलब शिवकन्या मर जाती हे ओर उसके साथ शिव और शुभांगी भी लेकिन कैसे चलो देखे एक शहर में शुभांगी का पुनर्जन्म हो जा...

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दोस्ती के उसूल By Ambika Jha

एक आम का पेड़ था उस पर एक मैना रहती थी, उसी पेड़ के नीचे एक नाग-नागिन का जोड़ा था ।नागिन गर्भवती थी। जंगल के पास एक गाँव था उस गाँव में मंगलू नाम का एक किसान था। उसकी धर्मपत्नी माय...

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अंतिम संबोधन By आदित्य अभिनव

अंतिम संबोधन सी. सी. ए. इंचार्ज डॉ. सुमन परिहार ने विद्यालय के अंग्रेजी अध्यापक श्री पुष्पेंद्र सिंह का नाम बच्चों की अंतिम संबोधन के लिए मंच से उद्घोषित किया...

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मां का प्यार जिंदगी By Ambika Jha

यह कहानी है मुस्कान की। मुस्कान दस साल की उसकी छोटी बहन सात साल की। भरा पूरा परिवार है। दादा-दादी, माता-पिता, चाचा चाची । हंसता खेलता बहुत ही प्यारा परिवार। सुमन की मां सारे गा...

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एक और मदर इंडिया By S Sinha

कहानी - एक और मदर इंडिया वीरपुर गाँव की आबादी एक हजार से कुछ कम रही होगी .इस गाँव के दर्जनों लोग अंग्...

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नागिन - की अंतिम कहाणी By Datta Jaunjat

हम काहाणी शुरु करते हे. एक train पुणा जारही थी तब बारीश के कारण train रूक जाती हे तब एक लडकी आती है और नाचती हे cham cham इस गाणे पे तब एक लडका आता हे और उसके साथ नाचता हे डान्स ख...

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वैलेंटाइन डे- प्यार का पंचनामा By Suvidha Gupta

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तू है पतंग मैं डोर - 1 By S Sinha

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वो आह किसकी थी By मनिष कुमार मित्र"

सुबह करीब 4:00 बजे के आसपास अचानक मेरी आंख खुल गई, क्योंकि मुझे किसी की सिसकारियां किया सुनाई दे रही थी। और कोई लंबी आहें भर रहा हूं ऐसा महसूस हो रहा था। उठकर देखा आसपास...

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वसंत ऋतु By Sunita Bishnolia

वसंत ऋतु "अपनी आभा से धरती को करने को गुलजार सुमन धरा पर खिले संग ले, सतरंगी संसार, पहन हरित वसन बसंत ने,जीवन दिया धरा को मंद पवन संग उड़ -उड़कर,भर देती घर द्वार ।।" कह...

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भनक By Deepak sharma

नहीं, बीणा को नहीं मालूम रहा..... जब भी उसकी बायीं दिशा से कोई कर्णभेदी कोलाहल उसके पास ठकठकाता और वह अपने बाएँ कान को ढँक लेती तो उसके दाएँ कान के परदे पर एक साँय-साँय क्यों चक्कर...

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नागिन - के कुछ अनोखे रंग By Datta Jaunjat

ये काहाणी एक प्यार से भरी हे और इंतकाम की हे तो काहाणी शुरु करते हे ...?️ अब होने वाला है बडा फैसला जब नागिन लेगी अपणे दो रुप तो चलो देखते हे राधा ने मंदिर मे बच्चे को जन्म दिया थ...

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दुख भरे दिन बीते रे भइया आँखों में आँसू और हाथ में अखबार लिए अचिंत कौर काफी देर तक यूं ही खङी रही । अखबार में अचिंत कौर के बारहवीं बोर्ड में मैरिट में तीसरा स्थान पाने और जिले...

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प्यार उम्र का लिहाज़ नहीं करता By Sweety Sharma

कभी उनके इस अकेलेपन को समझ नहीं पाई थी । जब भी उन्हें देखती तो लगता कैसे लोग है यार कोई मान मर्यादा नाम की चीज नहीं है । कहां , कैसे रहना चाहिए , इसका तो लिहाज़ करना चाईए । पर्सनल...

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अनमोल तोहफा By Rama Sharma Manavi

मित्रता इक ऐसा रिश्ता है जिसे हम अपनी इच्छा से चुनते हैं।सबसे प्रथम एवं अहम मित्र तो मेरी माँ हैं मेरे जीवन की, एवं अब मेरा बेटा भी जो रक्त सम्बन्धी हैं।मित्रों की संख्या कभी भी...

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ज़्यादातर परिवारों में यह तो हम प्रायः सभी से सुनते ही रहते हैं कि आजकल रिश्तों में, वह पहले वाली मिठास कहां रह गई। लोग एक दूसरे के घर आना जाना पसंद ही नहीं करते। एक...

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भजन लाल मरने के बाद स्वर्ग पहुँचा, परमेश्वर के साथ उसकी अपॉइन्मेंट होने ही वाली थी कि दफ्तर के बाहर बैठी रेसेप्निस्ट अप्सरा ने उसे वेटिंग रूम में इंतज़ार करने को कहा। अचानक कुर्सी...

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"मैं शादी करना नहीं चाहता हूँ इस बात को आपलोग समझते क्यो नहीं है?"आनंद गुस्से से अपनी बात रखते हुए बोला आनंद की बातें सुनकर उसकी माँ सविता देवी बोली"लेकिन बेटा, आखिर इसक...

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हिमशिला By Sneh Goswami

हिम शिला मैं प्लेटफार्म पर खड़ी अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी । गाड़ी करीब दो घंटे लेट थी और हमे यहाँ खड़े डेढ़ घंटा तो हो ही गया था सो इन्तजार करते करते बुरी तरह से थकावट महसूस हो...

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दिल से रिशता By Datta Jaunjat

ये काहाणी एक प्यार पे आधारित हे तो हम काहाणी शुरु करते हे . मैं अपनी काहाणी बताने जारी हुं मेरा नाम शुभांगी हे तो दो सास बात कर रहे थे उनमे एक का नाम चंद्रीका था दोसरी का चंद्रकला...

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कहानी - वैलेंटाइन डे की टीस बिंदु ने अपनी पुरानी सहेली को फोन कर कहा “ कौन , आरजू ? “ “ हाँ , मैं आरजू ही बोल रह...

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जिंदगी - 1 By Jay Khavada

जीवन की परिभाषा प्रत्येक व्यक्ति की दृष्टि में भिन्न होती है। आज के परिवेश में हम दौड़भाग में इतने व्यस्त हैं की स्वयं के लिए समय ही नहीं है। अर्थात हम स्वयं से कभी ये भी नहीं पूछ प...

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दो दिन पहले की ही तो बात है जब घर में धूमधाम से बेटे आर्यन का जन्मदिन मनाया गया था। हॉस्टल में रह कर पढ़ने वाले पंद्रह वर्षीय बेटे का जन्मोत्सव मनाने के लिए मम्मी- पापा ने दिन रात...

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मेरे भाई की शहादत By Manju Mahima

एक दिन की बात है, मैं अपने आँगन में चहलकदमी कर रहा था कि मेरा बेटा आया और कहने लगा, “ पापा आँगन में लगा यह नीम काफी बेतरतीबी से फ़ैल रहा है, इसके नीचे भी कितना कचरा इकट्ठा होगया है,...

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मां का पटरा By Suvidha Gupta

8"/10" की छोटी सी रसोई में मां की सारी दुनिया सिमटी हुई थी। एक तरफ की बड़ी अलमारी में निचले फट्टे पर छोटे-बड़े दालों और मसालों के ढ़ेर सारे डिब्बे थे और उसके ऊप...

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परंतु लोगों के दिल छोटे हो गए By रेखा पविया

"घर तो बड़ा है परन्तु लोगों के दिल छोटे है"मैं चाय पी रही थी तभी मोबाइल की घण्टी सुनाई दी । उठाया तो यह संजीव का फोन या उसने मुझसे पूछा "क्या तुम्हारे आस-पास किराये पर कोई मकान मिल...

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मिडिल बर्थ - 4 By Ajay Kumar Awasthi

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लेडीज़ टेलर - The Customer By Ashok Kalra

“आपने ‘स्त्री’ देखी है, न-न गलत न समझें, मेरा मतलब नई पिक्चर से है, अभी अभी लगी है न,” उस नये ग्राहक ने मेरे नाप लेने के तरीके पर आश्चर्य जताते हुए पूछा। “नहीं तो। सुना है डरावनी प...

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मैं अंकल को देख रही थी , अंकल काफी परेशान थे ,, देख कर लग रहा था अंकल को कुछ परेशानी हो रही है । मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पूछ ही लिया , अंकल आप ठीक हैं ??? .... कोई जवाब नहीं आय...

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भला मानस - Virtue Of Help By Ashok Kalra

“पापा, आपके लिए क्या लाएं हम?” बेटी ने पूछा। “कुछ नहीं, बस आप दोनों ज़रा जल्दी आ जाएं,” मैंने एक कॉल रिसीव करने से पहले कहा। त्यौहार का दिन था और बाज़ार में बहुत भीड़ थी। मैं आमतौर पर...

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यादों के साये में.... By Jyoti Prajapati

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तूफान के बाद By Rama Sharma Manavi

इंसान की फितरत होती है जब तक चोट नहीं खाता, तब तक वह न समझना चाहता है, न सम्भलना।और जब समझ आता है तो सब कुछ बर्बाद हो हाथ से निकल चुका होता है। यही हुआ था अमित के साथ।अच्छा प्य...

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केले वाली अलमारी By Suvidha Gupta

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कार्निवाल By Akshata alias shubhadaTirodkar

फरवरी महीना शुरू हो गया था गोवा में कार्निवाल की तयारी जोरो से चल रही थी इस बार संतान ने भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर कार्निवाल में भाग लेने की ठान लियी एक सुन्दर ऐसा उन्होंने चित्...

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कुर्सी By Rekha k

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पहले प्रकरण में आपने पढ़ा कि कैसे एक अंजाना शख़्स रिधिमा के कमरे घुस जाता है। जिस कारण रिधिमा को अपने मकान मालिक से बहुत डाट खानी पड़ती है। उसी कारण के चलते रिधिमा को उसका मकान छोड...

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प्रेमम पिंजरम - 3 By Srishtichouhan

12 जनवरी 1946,पॉलंपल्लाईं मद्रास, 9:00 बजे, रात का समयप्रिय डायरी, क्या मेरे कान सुन्न हो गए है? या मेरा भ्रम है कि तुम सच मूूच में आ रहे हो? सच में! मतलब क्या यह बात सच है कि माधव...

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अमर शहीद By शक्ति

सुबह 5:00 बजे रेलवे स्टेशन पर - "मैं जानता हूँ बरखा इस बार बहुत रिस्क है , लेकिन ये रास्ता मैंने खुद ही चुना है । मैं एक सोल्जर हूँ , और अपने परिवार के साथ - साथ मुझे इस देश की भी...

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दोस्ती इंसानियत की By Ambika Jha

अपने परिवार में खुल कर बात करते हैं जैसे:- अपने मम्मी-पापा से, भाई अपनी बहन से... एक दोस्त की तरह होते हैं ।जो बचपन से साथ खेलते हैं पढ़ते और खाते हैं।बचपन की दोस्ती।हम साथ ही बिजन...

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अबोध By प्रीति कर्ण

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मेरा वित्तीय कैरियर By Tanu Kadri

स्टीफन बटलर लेकोक (दिसंबर 1869 - मार्च 1944) का जन्म इंग्लैंड में हुआ था और जब वे छह साल के थे तब कनाडा चले गए। वह एक कनाडाई शिक्षक, राजनीतिक वैज्ञानिक, लेखक और हास्यकार बने।यद्यपि...

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जरा सी बेवफ़ाई By S Sinha

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दूर नीड के पक्षी By Jai Prakash Pandey

एयरपोर्ट के लांज में अखबार के पलटने के साथ आनन्द प्रकाश की आँखे सामने लगी स्क्रीन पर थी | जिस पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आने और जाने वाली फ्लाइट्स के बारे में दिखाया जा रहा था | वाशिंग...

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नागिन का आखरी इंतकाम - भाग -४ - अंतिम भाग By Appa Jaunjat

हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि शिवकन्या की काहाणी खतम हो जाती है खतम मतलब शिवकन्या मर जाती हे ओर उसके साथ शिव और शुभांगी भी लेकिन कैसे चलो देखे एक शहर में शुभांगी का पुनर्जन्म हो जा...

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दोस्ती के उसूल By Ambika Jha

एक आम का पेड़ था उस पर एक मैना रहती थी, उसी पेड़ के नीचे एक नाग-नागिन का जोड़ा था ।नागिन गर्भवती थी। जंगल के पास एक गाँव था उस गाँव में मंगलू नाम का एक किसान था। उसकी धर्मपत्नी माय...

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अंतिम संबोधन By आदित्य अभिनव

अंतिम संबोधन सी. सी. ए. इंचार्ज डॉ. सुमन परिहार ने विद्यालय के अंग्रेजी अध्यापक श्री पुष्पेंद्र सिंह का नाम बच्चों की अंतिम संबोधन के लिए मंच से उद्घोषित किया...

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मां का प्यार जिंदगी By Ambika Jha

यह कहानी है मुस्कान की। मुस्कान दस साल की उसकी छोटी बहन सात साल की। भरा पूरा परिवार है। दादा-दादी, माता-पिता, चाचा चाची । हंसता खेलता बहुत ही प्यारा परिवार। सुमन की मां सारे गा...

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एक और मदर इंडिया By S Sinha

कहानी - एक और मदर इंडिया वीरपुर गाँव की आबादी एक हजार से कुछ कम रही होगी .इस गाँव के दर्जनों लोग अंग्...

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