प्रेरक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Motivational Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations a...Read More


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  • माँ की पूर्ति

    सरद बाबू को विद्यालय की ओर से माँ के ऊपर कुछ पंक्तिया लिखी मिली जिसको उनके बेटे...

  • डाक्टर मित्र (फेसबुक)

    डाक्टर मित्र(फेसबुक) : फेसबुक पर मुझे एक मित्र अनुरोध मिला,अटलांटा, संयुक्त रा...

  • आदमी और कुत्ता

    वह बस से उतर कर उस आदमी से कुछ कदम की दूरी पर पीछे-पीछे चल पड़ी जिस आदमी का चेहरा...

इंद्रधनुष सतरंगा - 12 By Mohd Arshad Khan

दोपहर को मौलाना साहब जब लौटकर आए तो धरमू उनके तख़त पर पाँव पसारे सो रहा था। यह तख़त मौलाना साहब की यह ख़ास आरामगाह थी। जाड़ा छोड़कर वह बाक़ी दिनों में यहीं लेटते थे। दो कमरों की सं...

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माँ की पूर्ति By Sohail Saifi

सरद बाबू को विद्यालय की ओर से माँ के ऊपर कुछ पंक्तिया लिखी मिली जिसको उनके बेटे ने लिखा था पुत्र द्वारा लिखी पत्रिका पड़ पिता के भीतर संवेदना की धारा उमड़ आई पुत्र प्रेम की भावना उ...

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दीवाली By Rajesh Bhatnagar

आज सरला मुंह अंध्ंारे ही उठ बैठी थी । उसने पौ फअने तक तो आंगन की झाड़ू लगाकर हैण्डपम्प से पानी भी भर लिया था । पानी भरते-भरते उसका दम फूल गया था । चाहती थी थोड़ा बैठकर सुस्ता ले, मगर...

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डाक्टर मित्र (फेसबुक) By महेश रौतेला

डाक्टर मित्र(फेसबुक) : फेसबुक पर मुझे एक मित्र अनुरोध मिला,अटलांटा, संयुक्त राज्य अमेरिका से। नाम है सोरेल। मैंने अनुरोध स्वीकार करने का मन बनाया। इससे पहले मैं सरला देवी जी(गाँ...

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सब का दाता है भगवान   By Rajesh Maheshwari

सब का दाता है भगवान जबलपुर शहर में एक धनाढ्य व्यापारी पोपटमल रहता था। वह कर्म प्रधान व्यक्तित्व का धनी था और गरीबों को दान धर्म, जरूरतमं...

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एक अच्छा-भला दिन By Pritpal Kaur

अशोका रोड पर ठीक बीजेपी मुख्यालय के सामने से वह गुज़र रही थी. उसको लग ही रहा था कि ट्रैफिक सिग्नल की लाइट हरी से पीली में बदलने वाली है. उसके आगे गाड़ियों का एक लम्बा सा रेला हरी बत्...

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आदमी और कुत्ता By Rajesh Bhatnagar

वह बस से उतर कर उस आदमी से कुछ कदम की दूरी पर पीछे-पीछे चल पड़ी जिस आदमी का चेहरा वह घूंघट के कारण अभी तक ठीक से देख भी नहीं पाई थी । उसने थोड़-सा घूंघट उठाकर नज़रें चारों ओर दौड़ाई ।...

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अंशकथा By कवि अंकित द्विवेदी

कथा 01- मिथ्या की सच्चाई आज कल के परिवेश में ये शब्द ही मिथ्या स्वरुप लगता है। सच्चाई नामक शब्द उसी प्रकार विलुप्त हो रहा है जैसे कि डायनासोर । हाँ और ये तो वैज्ञानिक रुप से प्रमाण...

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आओ घर लौट चलो By Rajesh Bhatnagar

आज अचानक रष्मि की असामयिक मृत्यु का समाचार सुनकर वह हतप्रभ रह गया था । एक बार तो उसे अपने कानों पर विष्वास भी न हुआ था । रष्मि जो उसी के ऑफिस में उसके साथ काम करती थी । अभी कल ही त...

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कुछ जीनेका तारिक हमेंभी आता हे। By Jensil Kankotiya

केहते हे हर कोई किताब की शरुआत प्रस्तावना से होती हे ओर लेखक का परिचयभीवो कहते हे ना “कहना तो बहुत कुछ हे आपसे , मगर ये कम्बकत वक्त रुकता ही नहीं”...

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अग्नि का भर्म - ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम By Yuvraj Singh

यह कुछ समय पहले की बात है। एक छोटे से गांव में अग्नि नाम का लड़का रहता था। अग्नि पढाई में बहुत होशियार और मेहनती था। अग्नि ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम को अपनी प्रेणना मानता था और उनकी तरह ह...

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गुरुकुल की मस्तीया By Monty Khandelwal

आज तो सक्ती जी गणित की कॉपी जाचने वाले हैं | आगे से किसी की आवाज़ सुनाई दी अरे ये क्या होग्या मैने तो काम किया ही नहीं मैने मेरे दोस्तों को पूछा तुमने गणित में दिया हुआ कल का ग...

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जिंदगी के रंग खुशियों के संग By Dr. Vandana Gupta

प्राची ने टिफ़िन पैक किया, बैग उठाया और ऑफिस के लिए निकल पड़ी। आजकल वैसे भी घर में उसका मन नहीं लगता है। दस महीने पहले तक वह बहुत व्यस्त रहती थी। सुबह से चक्करघिन्नी बनी घूमती,...

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ब्राह्मण By Ajay Kumar Awasthi

मैं ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर अपने भाग्य सराहता हूँ क्यों ???1. हिंसा से दूर-- बचपन से मांस, मछली का भक्षण और क्रूरतापूर्वक पशुवध का मंजर देखने से दूर रहा,,, 2. सात्विक भोजन का सं...

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भविष्य एक विनाशक अंत हैं By Sohail Saifi

प्राचीन काल में वर्तमान की तरह ना तो सुख सुवींधा थी ना ही आज के समान प्रगती और उपलब्धी किन्तु इन सब के बिना भी वो लोग हमारी तुलना में अत्या अधिक आनंदमय जीवन यापन किया करते थे वही द...

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भय और आडम्बर का प्रचार - मर गया वह पत्थरदिल इंशान - 2 - 6 By Lakshmi Narayan Panna

Part-6पत्थर न पूजने से शायद ही हमारा कोई नुकसान हो लेकिन अगर प्रकृति नष्ट हुई तो हमारा अस्तित्व ही नही रहेगा । मतलब कि ईश्वर का अस्तित्व भी तब तक ही है जब तक मनुष्य का । ईश्वर अपने...

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छोटी सी कोशिश By Saroj Prajapati

मैडम, मैं इस बच्चे का एडमिशन अपनी क्लास में नहीं कर सकती । तिमाही परीक्षा भी हो चुकी है । चौथी कक्षा में पिछला सिलेबस कवर करवाना कितना मुश्किल होता है समझ सकती हैं आप और इसे तो स्क...

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मायका और ससुराल By Roopanjali singh parmar

रीना की शादी को चार साल हो गए थे, उसका एक बेटा भी था अभय, जो एक साल का था। पति हर्ष और सास करुणा उसे बहुत प्यार करते थे, और ससुर महेंद्र सिंह भी कभी उसके साथ ससुर की तरह पेश नहीं आ...

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डॉ दिवाकर By Ajay Kumar Awasthi

डॉक्टर दिवाकर अब 80 साल के हो गए हैं पर आज भी अपनी क्लिनिक में 4 घण्टे बैठते हैं। वे बच्चों के डॉक्टर हैं ,उनके स्नेह और ममता भरे हाथों ने न जाने कितने नॉनिहालो की जान बचाई है । उन...

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कोरा कागज़ By Manjeet Singh Gauhar

ये ज़िन्दगी है साहब , इम्तहान तो लेती ही है। और ना सिर्फ़ इंसानो का इम्तहान लेती है, बल्कि संसार में जितना भी कुछ है सब ही का इम्तहान लेती है।यहाँ इस संसार कोई किसी का हो या ना हो,...

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मुर्गे की तीसरी टांग By r k lal

“मुर्गे की तीसरी टांग” आर 0 के 0 लाल शहर में कल्लन भाई की दुकान की बड़ी चर्चा है जहां पर चिकन निहारी, लाहौरी मुर्ग छोले, चिकन कीमा, पंजाबी चिकन और चिकन बुखारा खरीदने के लिए लोग...

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ट्रेन वाली बच्ची By Sarvesh Saxena

जैसे तैसे मैं धीरे धीरे चलती ट्रेन मे भागते भागते एक सज्जन की मदद से चढ़ गया लेकिन ट्रेन मे घुसते ही ये एहसास हुआ कि एक जंग अभी और बाकी है जो सीट के लिए करनी है, जी हां पहली जंग तो...

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अजातशत्रु By Ajay Amitabh Suman

अचानक एक कठोर आवाज ने उसको अंदर तक हिला दिया। अरे मुर्ख अजय , अजातशत्रु बनने पर क्यों तुला है ? अजय को अपने मास्टरजी की बात समझ नहीं आई। वो जामुन के छोटे से पेड़ को अपने हाथों से उख...

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ईश्वर तू महान है By Abhishek Hada

गाँव की कच्ची सड़क। तेज धूप। दोपहर का समय। तन को झुलसाती गर्म लू। दूर दूर तक किसी छायादार पेड़ का नामोनिशान नही। सड़क के दोनो तरफ कुछ हरी कुछ सूखी झाड़िया थी, जो मार्ग में हरे पीलेपन क...

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सफलता के 30 सूत्र By Rajesh Kumar

पहला सूत्र - सफलता किस के लिए? ◆आप के लिएसफलता आपकी है आपके लिए ही हैं पर सफलता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण हैं।सफलता पाने की प्रबल इच्छा।सफलता प...

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गाँव वापसी By Dr pradeep Upadhyay

परसाई महाराज ने अभी कुछ समय पहले ही तो गांव छोड़ा था।मैंने स्वयं उन्हें बहुत समझाया था कि - “महाराज पूरी जिन्दगी तो गाँव में ही गुजार दी है।वैसे भी सभी लोग आपको कितना मान देते हैं...

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हाईवे पर सुरक्षा हेतु कुछ उपाय By Surya Pratap Ball Ji

नमस्कार मेरा नाम सूर्य प्रताप राजपूत आज मैं हमारे मातृभारती एप्स के जरिए हमारे भारत में बनी सड़कें हाईवे पर बने पुलों पर अचानक होने वाले हादसों को रोकने के लिए कुछ न्यू फार्मूले एव...

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गंगा एवं नहर के पुलों पर हादसा ओं को रोकने के लिए कुछ फार्मूले By Surya Pratap Ball Ji

आज हम मातृभूमि ऐप के जरिए हमारे भारत में नंदी के सेतु फूलों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए सबसे अलग सबसे सटीक कुछ ऐसे फॉर्मूले ओ के बारे में बताते हैं जिनसे हमारे देश में किस...

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आत्महत्या By r k lal

आत्महत्या आर 0 के 0 लाल शहर के कस्बे में एक मॉर्निंग वॉकर क्लब में रोज सुबह दस बारह लोग मॉर्निंग वॉक के पश्चात इकट्ठा होकर योग एवं थोड़ी देर किसी सामाजिक वि...

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हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय By Surya Pratap Ball Ji

नमस्कार आज हम अपने भारत के प्रसिद्ध राज्य उत्तर प्रदेश बेरोजगारी करने के कुछ नई उपाय कुछ नई तकनीकी के बारे में बताएंगे जिससे हमारे देश में बेरोजगारी को दूर किया जा सकता है हमने कई...

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सगे-सम्बंधी By Manjeet Singh Gauhar

किसी समय में सभी को अपना समझने वाले इस पूरे संसार के लोग अब इतने ज़्यादा मतलबी हो गये हैं कि कुछ कहा नही जा सकता।अब ऐसा समय आ गया है कि, अगर कोई मर रहा हो, कोई डूब रहा हो, तो लोग उ...

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मीठी जुबान अलादीन का चिराग By Ajay Kumar Awasthi

अपने बर्ताव से किसी का दिन खराब न करें,,,, अक्सर देखा गया है कि बहुत से काम सिर्फ इसलिए सफल नहीं हो पाते कि टीम के सद्स्यो के बीच सही संवाद स्थापित नहीं था . उनका आपस में...

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बाल श्रम अपराध को रोकने के कुछ उपाय By Surya Pratap Ball Ji

हमारे स्वच्छ भारत आज के समय बाल अपराध को बहुत ज्यादा मात्रा में देखा जाता है हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चे अपने घर की परेशानियों के कारण खुद अपने आप छोटे-छोटे जैसे रोजगार ढूंढने लगत...

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विश्वास By Rajesh Maheshwari

विश्वास मुम्बई की एक बहुमंजिला इमारत में मोहनलाल जी नाम के एक बहुत ही सज्जन व दयालु स्वभाव के व्यक्ति रहते थे। उसी इमारत के पास एक महात्मा जी दिन भर ईष्वर की आराधना में व्यस्त रह...

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एक मोहब्बत ऐसी भी By Shubham Prajapati

उस शाम उसे पहली बार देखा जब वो हमारे सामने वाले घर में अपने घर वालों के साथ रहने आया। मैं बालकनी पर खड़ी थी और वो नीचे ।उससे जब नजरें मिलीं तो बक्त जैसे धीमा सा हो गया था, हवाओं के...

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इंद्रधनुष सतरंगा - 12 By Mohd Arshad Khan

दोपहर को मौलाना साहब जब लौटकर आए तो धरमू उनके तख़त पर पाँव पसारे सो रहा था। यह तख़त मौलाना साहब की यह ख़ास आरामगाह थी। जाड़ा छोड़कर वह बाक़ी दिनों में यहीं लेटते थे। दो कमरों की सं...

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माँ की पूर्ति By Sohail Saifi

सरद बाबू को विद्यालय की ओर से माँ के ऊपर कुछ पंक्तिया लिखी मिली जिसको उनके बेटे ने लिखा था पुत्र द्वारा लिखी पत्रिका पड़ पिता के भीतर संवेदना की धारा उमड़ आई पुत्र प्रेम की भावना उ...

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दीवाली By Rajesh Bhatnagar

आज सरला मुंह अंध्ंारे ही उठ बैठी थी । उसने पौ फअने तक तो आंगन की झाड़ू लगाकर हैण्डपम्प से पानी भी भर लिया था । पानी भरते-भरते उसका दम फूल गया था । चाहती थी थोड़ा बैठकर सुस्ता ले, मगर...

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डाक्टर मित्र (फेसबुक) By महेश रौतेला

डाक्टर मित्र(फेसबुक) : फेसबुक पर मुझे एक मित्र अनुरोध मिला,अटलांटा, संयुक्त राज्य अमेरिका से। नाम है सोरेल। मैंने अनुरोध स्वीकार करने का मन बनाया। इससे पहले मैं सरला देवी जी(गाँ...

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सब का दाता है भगवान   By Rajesh Maheshwari

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एक अच्छा-भला दिन By Pritpal Kaur

अशोका रोड पर ठीक बीजेपी मुख्यालय के सामने से वह गुज़र रही थी. उसको लग ही रहा था कि ट्रैफिक सिग्नल की लाइट हरी से पीली में बदलने वाली है. उसके आगे गाड़ियों का एक लम्बा सा रेला हरी बत्...

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आदमी और कुत्ता By Rajesh Bhatnagar

वह बस से उतर कर उस आदमी से कुछ कदम की दूरी पर पीछे-पीछे चल पड़ी जिस आदमी का चेहरा वह घूंघट के कारण अभी तक ठीक से देख भी नहीं पाई थी । उसने थोड़-सा घूंघट उठाकर नज़रें चारों ओर दौड़ाई ।...

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अंशकथा By कवि अंकित द्विवेदी

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आओ घर लौट चलो By Rajesh Bhatnagar

आज अचानक रष्मि की असामयिक मृत्यु का समाचार सुनकर वह हतप्रभ रह गया था । एक बार तो उसे अपने कानों पर विष्वास भी न हुआ था । रष्मि जो उसी के ऑफिस में उसके साथ काम करती थी । अभी कल ही त...

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कुछ जीनेका तारिक हमेंभी आता हे। By Jensil Kankotiya

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अग्नि का भर्म - ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम By Yuvraj Singh

यह कुछ समय पहले की बात है। एक छोटे से गांव में अग्नि नाम का लड़का रहता था। अग्नि पढाई में बहुत होशियार और मेहनती था। अग्नि ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम को अपनी प्रेणना मानता था और उनकी तरह ह...

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जिंदगी के रंग खुशियों के संग By Dr. Vandana Gupta

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ब्राह्मण By Ajay Kumar Awasthi

मैं ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर अपने भाग्य सराहता हूँ क्यों ???1. हिंसा से दूर-- बचपन से मांस, मछली का भक्षण और क्रूरतापूर्वक पशुवध का मंजर देखने से दूर रहा,,, 2. सात्विक भोजन का सं...

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भविष्य एक विनाशक अंत हैं By Sohail Saifi

प्राचीन काल में वर्तमान की तरह ना तो सुख सुवींधा थी ना ही आज के समान प्रगती और उपलब्धी किन्तु इन सब के बिना भी वो लोग हमारी तुलना में अत्या अधिक आनंदमय जीवन यापन किया करते थे वही द...

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भय और आडम्बर का प्रचार - मर गया वह पत्थरदिल इंशान - 2 - 6 By Lakshmi Narayan Panna

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मैडम, मैं इस बच्चे का एडमिशन अपनी क्लास में नहीं कर सकती । तिमाही परीक्षा भी हो चुकी है । चौथी कक्षा में पिछला सिलेबस कवर करवाना कितना मुश्किल होता है समझ सकती हैं आप और इसे तो स्क...

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मायका और ससुराल By Roopanjali singh parmar

रीना की शादी को चार साल हो गए थे, उसका एक बेटा भी था अभय, जो एक साल का था। पति हर्ष और सास करुणा उसे बहुत प्यार करते थे, और ससुर महेंद्र सिंह भी कभी उसके साथ ससुर की तरह पेश नहीं आ...

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मुर्गे की तीसरी टांग By r k lal

“मुर्गे की तीसरी टांग” आर 0 के 0 लाल शहर में कल्लन भाई की दुकान की बड़ी चर्चा है जहां पर चिकन निहारी, लाहौरी मुर्ग छोले, चिकन कीमा, पंजाबी चिकन और चिकन बुखारा खरीदने के लिए लोग...

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अजातशत्रु By Ajay Amitabh Suman

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सफलता के 30 सूत्र By Rajesh Kumar

पहला सूत्र - सफलता किस के लिए? ◆आप के लिएसफलता आपकी है आपके लिए ही हैं पर सफलता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण हैं।सफलता पाने की प्रबल इच्छा।सफलता प...

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हाईवे पर सुरक्षा हेतु कुछ उपाय By Surya Pratap Ball Ji

नमस्कार मेरा नाम सूर्य प्रताप राजपूत आज मैं हमारे मातृभारती एप्स के जरिए हमारे भारत में बनी सड़कें हाईवे पर बने पुलों पर अचानक होने वाले हादसों को रोकने के लिए कुछ न्यू फार्मूले एव...

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गंगा एवं नहर के पुलों पर हादसा ओं को रोकने के लिए कुछ फार्मूले By Surya Pratap Ball Ji

आज हम मातृभूमि ऐप के जरिए हमारे भारत में नंदी के सेतु फूलों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए सबसे अलग सबसे सटीक कुछ ऐसे फॉर्मूले ओ के बारे में बताते हैं जिनसे हमारे देश में किस...

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आत्महत्या By r k lal

आत्महत्या आर 0 के 0 लाल शहर के कस्बे में एक मॉर्निंग वॉकर क्लब में रोज सुबह दस बारह लोग मॉर्निंग वॉक के पश्चात इकट्ठा होकर योग एवं थोड़ी देर किसी सामाजिक वि...

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हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय By Surya Pratap Ball Ji

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किसी समय में सभी को अपना समझने वाले इस पूरे संसार के लोग अब इतने ज़्यादा मतलबी हो गये हैं कि कुछ कहा नही जा सकता।अब ऐसा समय आ गया है कि, अगर कोई मर रहा हो, कोई डूब रहा हो, तो लोग उ...

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मीठी जुबान अलादीन का चिराग By Ajay Kumar Awasthi

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विश्वास By Rajesh Maheshwari

विश्वास मुम्बई की एक बहुमंजिला इमारत में मोहनलाल जी नाम के एक बहुत ही सज्जन व दयालु स्वभाव के व्यक्ति रहते थे। उसी इमारत के पास एक महात्मा जी दिन भर ईष्वर की आराधना में व्यस्त रह...

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एक मोहब्बत ऐसी भी By Shubham Prajapati

उस शाम उसे पहली बार देखा जब वो हमारे सामने वाले घर में अपने घर वालों के साथ रहने आया। मैं बालकनी पर खड़ी थी और वो नीचे ।उससे जब नजरें मिलीं तो बक्त जैसे धीमा सा हो गया था, हवाओं के...

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