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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • सोई तकदीर की मलिकाएँ - 57

      सोई तकदीर की मलिकाएँ    57 चाँद अपना दामन समेटता हुआ गायब हो गया । तारे पहले ह...

  • समय छुटता साथ

    समय "छुटता साथ"आज मैं और मेरी पत्नी की शादी कि 43वीं सालगिरह है और हमारा परिवार...

  • हर्जाना - भाग 3

    लिव इन रिलेशनशिप के बारे में गीता मैडम की बात सुनते ही माया ने कहा, “हाँ मैडम आप...

सोई तकदीर की मलिकाएँ - 57 By Sneh Goswami

  सोई तकदीर की मलिकाएँ    57 चाँद अपना दामन समेटता हुआ गायब हो गया । तारे पहले ही सोने चल पङे थे । सूर्य देव ने अपना सात घोङों वाला रथ निकाला और जग भ्रमण के लिए चले । देर से सोने क...

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पथ से गन्तव्य तक By Neerja Hemendra

मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस दिन। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है जैसे अभी कल ही नौकरी ज्वाइन क...

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समय छुटता साथ By Rishabh Narayan

समय "छुटता साथ"आज मैं और मेरी पत्नी की शादी कि 43वीं सालगिरह है और हमारा परिवार साथ में है। हमारे परिवार में हमारी बेटी नीरंजना और हमारा जंवाई नीरज और इन दोनों का बेटा मारुति जो अभ...

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हर्जाना - भाग 3 By Ratna Pandey

लिव इन रिलेशनशिप के बारे में गीता मैडम की बात सुनते ही माया ने कहा, “हाँ मैडम आप सही कह रही हैं। अरे मैडम अब तो ऐसी माँ भी हैं, जो भगवान का दिया आँचल में छुपा हुआ उपहार स्तन, उसे भ...

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वेरोनिका का विश्वास By Yogesh Kanava

वेरोनिका का विश्वास  रोज़ाना की तरह आज भी आई विटनेस होम में सभी बच्चे अपने नियत समय पर उठकर अपनी दिनचर्या से निवृत हो कर दैनिक पूजा पाठ के लिए एकत्रित हो रहे थे । गायत्री मंत्र के स...

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त्रियाची - 1 By prashant sharma ashk

भाग 1 अंतरिक्ष में सबसे सुंदर ग्रह अगर कोई है तो शायद पृथ्वी ही है। यहां जीवन है और कई रंग भी है। अंतरिक्ष के कई रहस्य भी है। अभी यह पता नहीं है कि पृथ्वी के अलावा किसी ग्रह पर जीव...

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वो निगाहे.....!! - 12 By Madhu

निगाहे बेचैन हो गई उनकी एक झलक पाने को!! शाम वक़्त वो जल्दबाजी में प्रोग्राम का सामान ला रही थी कि रोड क्रास करते वक़्त राँग साइड से आ रहे ट्रक से टक्कर इतनी जोरो कि हुई उसके हाथ का...

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अग्निजा - 145 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-145 सुबह अहमदाबाद में उतरते साथ प्रसन्न स्टेशन से सीधे केतकी के घर पहुंचा। ट्रेन लेट होने के कारण जब वह पहुंचा तो साढ़े आठ बज चुके थे। भावना जाग रही थी। प्र...

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लहरों की बाांसुरी - 6 By Suraj Prakash

6 - एक दिन उसने मुझे एक रेस्‍तरां में चाय पीने के लिए बुलाया था। ये पहला मौका था कि हम इस तरह से चाय पर मिल रहे थे। उसने मेरे सामने एक पैंफलेट रखा था। पूछा था मैंने-क्‍या ह...

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फिल्हाल विचाराधीन है - 2 By F. S

सुबह 7 बजे का वक़्त है। जावेद साहब, बरामदे में बैठ कर पेपर पढ़ रहे हैं, बेगम से भी गपशप चल रहा है। गाहे- ब-गाहे दरवाज़े पर भी निग़ाह डाल लेते हैं। गोया उन्हें किसी का इंतज़ार हो। आ...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 22 By Vaidehi Vaishnav

(22) हॉल में सत्यनारायण भगवान की कथा की तैयारियां हो चुकी थी। पण्डितजी भी आ गए थे। देवयानी ने फोन करके पायल, मनोरमा व मधुमती को भी कथा में बुलवा लिया था। अर्नव के ऑफिस से जरूरी काम...

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दुर्गी By Neerja Hemendra

उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। हाथ-पैर ही नही, पूरा शरीर काँप रहा था...... । स्वर तीव्र होते-होते गले में रूँध गये थे। तेज बोलना उसका स्वभाव नही था। आज सहसा चिल्लाने से उसका गला रूंध गय...

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व्यवस्था By Neerja Hemendra

’’ उफ््फ कितनी व्यस्तता ! घर के सारे काम बाकी हैं और मैं अभी से थक गयी। ’’ घर में प्रवेश करते हुए अनीता मन ही मन बुदबुदाते हुए जीना चढ़ रही थी। दोनों बच्चे उ...

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रेहाना By Yogesh Kanava

रेहाना संदेश अपने कार्यालय में बैठा कुछ विचारमग्न था कि अचानक ही रेहाना ने आकर दरवाजा खटखटाया। दरवाजे पर दस्तक से संदेश का ध्यान टूटा और दरवाजे की तरफ देखा। रेहाना खड़ी थी। आँखे एकद...

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कुछ भी न कहो By Neerja Hemendra

शाम गहराने लगी थी। वह दुपट्टे से सिर को ढ़के हुए तीव्र गति से अपने कदम बढ़ा रही थी। शाम ढलती जा रही है, इसलिए वह शीघ्र घर पहुँचना चाह रही है। घर पहुँच कर दरवाजे की घंटी बजाते कर वह द...

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तमाचा - 37 (शरद ) By नन्दलाल सुथार राही

"आओ आओ विक्रम जी। आज हमारी कैसे याद आ गयी।" विक्रम के पड़ोसी शर्मा जी ने उनका स्वागत करते हुए कहा। "अब क्या बताये आपको शर्मा जी?" कहकर विक्रम की आँखों में आँसू निकल आए। उसके जीने का...

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रेत की दीवारें By Neerja Hemendra

आज भी मैं प्रातः सबसे पहले उठना चाह रही थी, किन्तु न जाने कैसे आँखें लगी रह गयी। अक्सर तो समय से उठ जाती हूँ। किन्तु आज न जाने कैसे देर हो गयी। हड़बड़ाई -सी मैं बाथरूम में चली गयी। व...

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ताश का आशियाना - भाग 26 By Rajshree

सिद्धार्थ का उस दिन जंगी स्वागत हुआ। घर आते ही नारायण जी ने सिद्धार्थ के गाल पर बिना कुछ खरी खोटी सुनाएं तमाचा लगा दिया। सिद्धार्थ की आंखों में कुछ देर के लिए आंसू की बूंदे भर गई क...

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ममता की परीक्षा - 137 By राज कुमार कांदु

कुछ देर बाद जमनादास और वकील धर्मदास दरोगा विजय के सामने कुर्सी पर बैठे हुए थे। उन्हें देखते हुए विजय चेहरे पर हैरानी के भाव लिए हुए बीच बीच में सामने की मेज पर पड़े हुए कागज पर भी न...

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खाली हाथ - भाग 9 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अरुण एक दिन पहले ही टूर से वापस लौटा था और आज अपने लोकल ऑफिस से लौट कर आने के बाद नताशा और सूरज से मिलने वृद्धाश्रम जाने वाला था। अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी माँ से यह सब क...

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खोल दो खिड़कियाँ By Neerja Hemendra

कोलेज कैंपस में प्रथम दिन। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण करने के पश्चात् मन में एक नयी उमंग नये कोलेज में जाने का। इस छोटे-से शहर में जहाँ मैं रहती हूँ, यहाँ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए...

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My Love Is My Passion My Love Is My Life - 1 By CHANCHAL PAREEK

रात के अँधेरे में एक कार मुंबई कि सुनसान सडको पर बड़ी तेजी से दौड़े जा रही थी | उस कार मे एक आदमी, एक औरत और उस औरत कि गोद में एक छोटी सी बच्ची थी | जिसे उस औरत ने अपने हाथो में कसकर...

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अतीत के पन्ने - भाग 34 By RACHNA ROY

अतीत के पन्ने कुछ ऐसे होते हैं जो सदियां बीत जाने पर भी निशान जाती नहीं है।बाबू ओ बाबू उठ ना ।आलेख उठ बैठा और अपने सिरहाने राधा मासी को देखते ही खुश हो गया।आलेख ने कहा क्या मासी सप...

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.......और एक दिन By Neerja Hemendra

आज वह अत्यन्त प्रसन्न थी। प्रातः समय से पूर्व उठ गयी। दैनिक कार्यों को कर समय से काफी पहले तैयार होकर बाहर निकल गयी। सड़क पर आॅटो वाले को हाथ देकर रोका और कार्यालय पहुँच गयी। कार्या...

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बंधन प्रेम के - भाग 19 - समापन भाग By Dr Yogendra Kumar Pandey

शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 से सम्मानित एक देशभक्तिपूर्ण प्रेम गाथा

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तुम्हारे लिए By Neerja Hemendra

हमारे जीवन में गति हो या न हो, कोई परिवर्तन हो या न हो, हम चलें या न चलें, समय का पहिया सदा अपनी गति से चलता रहता है। समय चक्र के साथ ऋतुएँ परिवर्तित होती रहती हैं। अनीता के जीवन म...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 57 By Sneh Goswami

  सोई तकदीर की मलिकाएँ    57 चाँद अपना दामन समेटता हुआ गायब हो गया । तारे पहले ही सोने चल पङे थे । सूर्य देव ने अपना सात घोङों वाला रथ निकाला और जग भ्रमण के लिए चले । देर से सोने क...

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पथ से गन्तव्य तक By Neerja Hemendra

मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस दिन। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है जैसे अभी कल ही नौकरी ज्वाइन क...

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समय छुटता साथ By Rishabh Narayan

समय "छुटता साथ"आज मैं और मेरी पत्नी की शादी कि 43वीं सालगिरह है और हमारा परिवार साथ में है। हमारे परिवार में हमारी बेटी नीरंजना और हमारा जंवाई नीरज और इन दोनों का बेटा मारुति जो अभ...

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हर्जाना - भाग 3 By Ratna Pandey

लिव इन रिलेशनशिप के बारे में गीता मैडम की बात सुनते ही माया ने कहा, “हाँ मैडम आप सही कह रही हैं। अरे मैडम अब तो ऐसी माँ भी हैं, जो भगवान का दिया आँचल में छुपा हुआ उपहार स्तन, उसे भ...

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वेरोनिका का विश्वास By Yogesh Kanava

वेरोनिका का विश्वास  रोज़ाना की तरह आज भी आई विटनेस होम में सभी बच्चे अपने नियत समय पर उठकर अपनी दिनचर्या से निवृत हो कर दैनिक पूजा पाठ के लिए एकत्रित हो रहे थे । गायत्री मंत्र के स...

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त्रियाची - 1 By prashant sharma ashk

भाग 1 अंतरिक्ष में सबसे सुंदर ग्रह अगर कोई है तो शायद पृथ्वी ही है। यहां जीवन है और कई रंग भी है। अंतरिक्ष के कई रहस्य भी है। अभी यह पता नहीं है कि पृथ्वी के अलावा किसी ग्रह पर जीव...

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वो निगाहे.....!! - 12 By Madhu

निगाहे बेचैन हो गई उनकी एक झलक पाने को!! शाम वक़्त वो जल्दबाजी में प्रोग्राम का सामान ला रही थी कि रोड क्रास करते वक़्त राँग साइड से आ रहे ट्रक से टक्कर इतनी जोरो कि हुई उसके हाथ का...

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अग्निजा - 145 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-145 सुबह अहमदाबाद में उतरते साथ प्रसन्न स्टेशन से सीधे केतकी के घर पहुंचा। ट्रेन लेट होने के कारण जब वह पहुंचा तो साढ़े आठ बज चुके थे। भावना जाग रही थी। प्र...

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लहरों की बाांसुरी - 6 By Suraj Prakash

6 - एक दिन उसने मुझे एक रेस्‍तरां में चाय पीने के लिए बुलाया था। ये पहला मौका था कि हम इस तरह से चाय पर मिल रहे थे। उसने मेरे सामने एक पैंफलेट रखा था। पूछा था मैंने-क्‍या ह...

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फिल्हाल विचाराधीन है - 2 By F. S

सुबह 7 बजे का वक़्त है। जावेद साहब, बरामदे में बैठ कर पेपर पढ़ रहे हैं, बेगम से भी गपशप चल रहा है। गाहे- ब-गाहे दरवाज़े पर भी निग़ाह डाल लेते हैं। गोया उन्हें किसी का इंतज़ार हो। आ...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 22 By Vaidehi Vaishnav

(22) हॉल में सत्यनारायण भगवान की कथा की तैयारियां हो चुकी थी। पण्डितजी भी आ गए थे। देवयानी ने फोन करके पायल, मनोरमा व मधुमती को भी कथा में बुलवा लिया था। अर्नव के ऑफिस से जरूरी काम...

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दुर्गी By Neerja Hemendra

उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। हाथ-पैर ही नही, पूरा शरीर काँप रहा था...... । स्वर तीव्र होते-होते गले में रूँध गये थे। तेज बोलना उसका स्वभाव नही था। आज सहसा चिल्लाने से उसका गला रूंध गय...

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व्यवस्था By Neerja Hemendra

’’ उफ््फ कितनी व्यस्तता ! घर के सारे काम बाकी हैं और मैं अभी से थक गयी। ’’ घर में प्रवेश करते हुए अनीता मन ही मन बुदबुदाते हुए जीना चढ़ रही थी। दोनों बच्चे उ...

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रेहाना By Yogesh Kanava

रेहाना संदेश अपने कार्यालय में बैठा कुछ विचारमग्न था कि अचानक ही रेहाना ने आकर दरवाजा खटखटाया। दरवाजे पर दस्तक से संदेश का ध्यान टूटा और दरवाजे की तरफ देखा। रेहाना खड़ी थी। आँखे एकद...

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कुछ भी न कहो By Neerja Hemendra

शाम गहराने लगी थी। वह दुपट्टे से सिर को ढ़के हुए तीव्र गति से अपने कदम बढ़ा रही थी। शाम ढलती जा रही है, इसलिए वह शीघ्र घर पहुँचना चाह रही है। घर पहुँच कर दरवाजे की घंटी बजाते कर वह द...

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तमाचा - 37 (शरद ) By नन्दलाल सुथार राही

"आओ आओ विक्रम जी। आज हमारी कैसे याद आ गयी।" विक्रम के पड़ोसी शर्मा जी ने उनका स्वागत करते हुए कहा। "अब क्या बताये आपको शर्मा जी?" कहकर विक्रम की आँखों में आँसू निकल आए। उसके जीने का...

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रेत की दीवारें By Neerja Hemendra

आज भी मैं प्रातः सबसे पहले उठना चाह रही थी, किन्तु न जाने कैसे आँखें लगी रह गयी। अक्सर तो समय से उठ जाती हूँ। किन्तु आज न जाने कैसे देर हो गयी। हड़बड़ाई -सी मैं बाथरूम में चली गयी। व...

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ताश का आशियाना - भाग 26 By Rajshree

सिद्धार्थ का उस दिन जंगी स्वागत हुआ। घर आते ही नारायण जी ने सिद्धार्थ के गाल पर बिना कुछ खरी खोटी सुनाएं तमाचा लगा दिया। सिद्धार्थ की आंखों में कुछ देर के लिए आंसू की बूंदे भर गई क...

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ममता की परीक्षा - 137 By राज कुमार कांदु

कुछ देर बाद जमनादास और वकील धर्मदास दरोगा विजय के सामने कुर्सी पर बैठे हुए थे। उन्हें देखते हुए विजय चेहरे पर हैरानी के भाव लिए हुए बीच बीच में सामने की मेज पर पड़े हुए कागज पर भी न...

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खाली हाथ - भाग 9 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अरुण एक दिन पहले ही टूर से वापस लौटा था और आज अपने लोकल ऑफिस से लौट कर आने के बाद नताशा और सूरज से मिलने वृद्धाश्रम जाने वाला था। अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी माँ से यह सब क...

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खोल दो खिड़कियाँ By Neerja Hemendra

कोलेज कैंपस में प्रथम दिन। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण करने के पश्चात् मन में एक नयी उमंग नये कोलेज में जाने का। इस छोटे-से शहर में जहाँ मैं रहती हूँ, यहाँ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए...

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My Love Is My Passion My Love Is My Life - 1 By CHANCHAL PAREEK

रात के अँधेरे में एक कार मुंबई कि सुनसान सडको पर बड़ी तेजी से दौड़े जा रही थी | उस कार मे एक आदमी, एक औरत और उस औरत कि गोद में एक छोटी सी बच्ची थी | जिसे उस औरत ने अपने हाथो में कसकर...

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अतीत के पन्ने - भाग 34 By RACHNA ROY

अतीत के पन्ने कुछ ऐसे होते हैं जो सदियां बीत जाने पर भी निशान जाती नहीं है।बाबू ओ बाबू उठ ना ।आलेख उठ बैठा और अपने सिरहाने राधा मासी को देखते ही खुश हो गया।आलेख ने कहा क्या मासी सप...

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.......और एक दिन By Neerja Hemendra

आज वह अत्यन्त प्रसन्न थी। प्रातः समय से पूर्व उठ गयी। दैनिक कार्यों को कर समय से काफी पहले तैयार होकर बाहर निकल गयी। सड़क पर आॅटो वाले को हाथ देकर रोका और कार्यालय पहुँच गयी। कार्या...

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बंधन प्रेम के - भाग 19 - समापन भाग By Dr Yogendra Kumar Pandey

शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 से सम्मानित एक देशभक्तिपूर्ण प्रेम गाथा

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तुम्हारे लिए By Neerja Hemendra

हमारे जीवन में गति हो या न हो, कोई परिवर्तन हो या न हो, हम चलें या न चलें, समय का पहिया सदा अपनी गति से चलता रहता है। समय चक्र के साथ ऋतुएँ परिवर्तित होती रहती हैं। अनीता के जीवन म...

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