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Part : 15 रुद्रांगी का बदला ...
बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में राघव नाम का एक लड़का रहता था। राघव होशियार और...
67 बीमार अब इंस्पेक्टर ने निहाल को घूरते हुए कहा कि “क्यों रे !! तुझे ज़्यादा ...
कल हमने पढ़ा था कि अंश गुस्से में उसे कर में बैठा उसे घर की तरफ ले जाता है और फि...
तेरहपंछी और पिंजरा शुक्रवार, दस फरवरी 2006 बहादुर...
30=== शोफ़र ने गाड़ी के पीछे का दरवाज़ा खोलकर सेठ जी को बैठाकर दरवाज़ा ब...
अब तक हम ने पढ़ा के मां लूसी को एक रिश्ते के लिए राज़ी करने में लगी थी लेकिन उसे...
अब आगे,अराध्या के चेहरे से खुशी गायब हो चुकी थी क्योंकि जहा उस के सामने उस की पस...
नही ये नही होगा"अम्मी क्या सोच रही होबेटी की बात सुनकर वह अतीत से वर्तमान में लौ...
रात में चांद अपने पूरे आकार में चमक रहा था, और आज की ये रात अमावस की काली अंधेरी रात थी! मिर्ज़ा पुर रेलवे फाटक के उस पार एक स्टेशन है, और उस स्टेशन से कुछ एक दो घंटे की दूरी पे कब...
भाग- 1 विद्या सदन आज फूलों व सजा था और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था।। द्वार पर सजा वंदनवार व घर के अंदर बाहर लगा सुंदर सा शामियाना विद्या सदन में हर आने वाले मेहमान का स्वागत क...
कंपनी में हड़बड़ी मची हुई थी, अकाउंट को जमा करने के लिए केवल दो दिन शेष थे। करण, साक्षी, राज, आकाश, देव और राधिका सभी काम में व्यस्त थे और उनके चेहरे पर चिंता थी। ऊपर की मंजिल से स...
पूरे आठ साल बाद लौटा था वह, वापस अपने शहर, अपने देश में! फिर से उन्हीं हवाओं उन्हीं गलियों में जहां वापस ना आने की कसम खाई थी उसने। लेकिन जिंदगी हमारे हिसाब से कहां चलती है! मजबूरी...
एक सड़क दुर्घटना होती है गलती इस व्यक्ति की थी जो गाड़ी चला रहा होता है क्योंकि उसने लाल बत्ती पर गाड़ी चालू रखी और वक्त से पहले सड़क पार करने की कोशिश की तो किसी लोरी वाले ने उसे...
1 भरोसा यानि विश्वास! विश्वास रिश्तों को जोडती हुई वो कडी है जो रिश्तों में मजबूती बनाए रखती है। अगर रिश्तों में भरोसा न रहे तो विश्वास नाम की ये कडी तूटने लगती है और रिश्तों में द...
"तो क्या हमें मिलना चाहिए?" "क्यों नहीं जरूर।" "कल सुबह 10 बजे उसी रेस्टोरेंट पर।" "तय रहा।" अगले दिन राजेश सुबह जल्दी उठ कर तैयार होकर रेस्टोरे...
(1) सुज़ैन की कैब अपार्टमेंट में दाखिल हुई। उसने सीट पर पड़ा अपना बैग निकाला। पेमेंट करके लिफ्ट की तरफ बढ़ गई। लिफ्ट से अपने फ्लोर पर पहुँच कर उसने फ्लैट का दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा ख...
रात के लगभग ढाईं बजे...... कमरे की खिड़की खुली थी जिससे ठंडी हवा का झोंका बार बार कमरे के अन्दर आकर कानों में अजीब सी खुसफुसाहट पैदा कर रहा था कि तभी बड़ी तेज कैलेंडर के फड़फड़ाने क...
देखने में अच्छा ही लगता था। चेहरे पे प्रतिक्रिया कम ही रहती थी जैसे पता नहीं क्या सोचता रहता था हरवक्त, परन्तु आँखें बोलती थी उसकी। कुल मिलाकर एक सीधा सादा भोला भाला लड़का लगता था।...
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