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  • बसंत के फूल - 9

    आखिरकार, जिस ट्रेन में मैं दिल्ली लाइन पर था, वह मेरे गंतव्य के रास्ते में पूरी...

  • नक़ल या अक्ल - 69

    69 बहू कहाँ है?     डॉक्टर ने किशोर और राधा के माँ-बापू का मायूस का चेहरा देखा व...

  • बेजुबान - 4

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  • खौफनाक हकीकत

    अध्याय 1: अनजान गांव की दहलीज  राजेश ने जैसे ही गांव की ओर कदम बढ़ाया, उसे महसूस...

  • डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 58

    अब आगे,अराध्या की बात सुन कर, अब अर्जुन ने उस की आंखो में देखते हुए उस से कहा, "...

  • अनंता - पार्ट 4

    शिव वहां से खड़े होकर चल जाता है ... उसके जाते ही अनंता उसको देखते ही रहती है .....

  • तमस ज्योति - 46

    प्रकरण - ४६मैं दिन की अपनी आखिरी रिकॉर्डिंग ख़त्म करके अभी-अभी घर पहुँचा था। मैं...

  • अलौकिक प्रेम कथायें - 7

    रात का सन्नाटा गहराता जा रहा था, और शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक पुरानी हवेल...

  • बेटी का यथार्थ- वेदराम प्रजापति

    खण्ड काव्य बेटी का यथार्थ                    राम गोपाल भावुक वेदराम राम प्रजापति...

  • साथिया - 113

    शालू के हाथ पाँव  ठंडा पड़ रहे थे। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें? एक पल...

सत्यजीत सेन (एक सत्यान्वेषक) By Aastha Rawat

सत्यजीत सेन एक सत्यान्वेशकभाग - 1 -सत्यन्वेशक का पहला सत्यान्वेषण ( सुर्दशन बाबू की हत्या )यह मेरा पहला उपन्यास हैं। आशा है आपको पसंद आए।यह एक जासूसी उपन्यास है...

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खत वाला PYAAR By Ek_Gunjati_AAWAZ

मे आज आपके सामने एक कहानी लेकर आई हुँ । आशा करती हुँ की, आपको मेरी यह कहानी पसंद आयेगी । तो शुरु करती हुँ । में कभी भी इतनी सुबह उठती नही हुँ पर पता नही क्यो आज इतनी सुबह नीन्द उ...

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हम गरीब है साहेब By DINESH DIVAKAR

एक खौफनाक सायाएक बड़े से फाइव स्टार होटल से म्यूजिक की तेज आवाजें आ रही थी DJ में फुल आवाज में गाना चला रहा था। पुरा होटल रौशनी और जगमगाते लाइटों से जगमगा रहा था। बड़ी बड़ी बीएमडब्...

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अभिव्यक्ति.. By ADRIL

इज़ाज़त... आज मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दोदिल-ओ-जान तुम पर लुटानेकी इज़ाज़त दे दोमिले जो दर्द या मिले सुकून - कुबूल है हमेंकभी रिहा ना हो पाए वैसे क़ैद होनेकी इज़ाज़त दे दो क...

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अपंग By Pranava Bharti

समर्पित – ‘सुशीला’ की शीलवती प्रकृति और ‘सरला’ की सरलता को अपनी दो माँ सी ननदों को जो एक ही माह में इस दुनिया को छोड़कर परम तत्व में विलीन हो गईं |&nbs...

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खाली कमरा By Ratna Pandey

मुरली संघर्ष की उस राह पर चल रहा था, जिस राह पर हर रोज़ उसके सामने यह चुनौती होती कि आज कितना सामान वह बेच पाया। इस राह पर मेहनत के साथ ही बहुत धैर्य की भी ज़रूरत थी क्योंकि यहाँ क...

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मुक्ति - अनचाहे सम्बन्ध से By Kishanlal Sharma

पूरे एक महीने के बाद वह वापस लौटा था।पिछले कई वर्षों से वह इस स्टेशन से आता जाता रहा था।लेकिन इस बार यह स्टेशन बदला बदला अजीब सा नजर आ रहा था।स्टेशन से बाहर निकल कर वह पैदल ही घर क...

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गोलू भागा घर से By Prakash Manu

आखिर जिस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, वही हुई। गोलू घर से भाग गया।

गोलू के मम्मी-पापा, बड़ा भाई आशीष और दोनों दीदियाँ ढूँढ़-ढूँढ़कर हैरान हो गईं। रोते-रोते उसकी मम्मी का बुरा...

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बेवकूफ By Ashwajit Patil

‘औरत’ दिमाग से पूरी तरह पैदल होती हैं, उन्हें आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है, ऐसी ही सोच हमारे समाज की और खास कर पुरुषों की हैं. उनकी यह धारना इसलिए है कि हम औरतें हमेशा दिल से स...

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मैरीड या अनमैरिड By Vaidehi Vaishnav

दफ्तर की खिड़की से झाँकता हुआ सूरज ठीक मेरे सामने कुछ इस तरह आ गया मानों कह रहा हो अलविदा ! कल फिर आऊँगा । मैं टकटकी लगाए हुए डूबते सूरज को देखती रहीं । अस्त होता सूरज दिल में सूनाप...

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