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Chapter - 12कुछ पुरानी यादेंअब तकनील बिना किसी एक्सप्रेशन के,"मैं नहीं आ सकता मु...
जंगल के बाद की छायाअधूरे जंगल और सपनों की पुस्तक की रहस्यमयी यात्राओं के बाद, अर...
ज़ेबा अभी थोड़ी ही संभली थी के उसे यासीन का फोन आया और उसने कहा, " हेलो ज़ेबा, क...
-नीलम कुलश्रेष्ठ [ साहित्यिक चेतावनीः यह संस्मरणनुमा कथा कोई रोमांटिक कहानी नहीं...
की हमारी हॉस्टल की सबसे खास बात मुझे यहाँ की प्राथना सभा लगी। हमारे जिवन मे जब ह...
37==== अपने अतीत में विचरते हुए पूरी घटना को चित्रित करते हुए आश...
"मुझे अभी पता चल रहा है.. वो कमीना बड़ौदा जा रहा है। वो भी गरबा खेलने। उसने मुझे...
अब आगे,जब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने कहा कि चेंजिंग रूम में उस की सब से अच्छी...
आज की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए जो अपने परिवार के बीच होते हुए भी अकेली है। ऐ...
Rathore's club ( काल्पनिक नाम )यह एक बहुत बड़ा क्लब था जो चारों तरफ से लाइटो...
रसोई से सुबह सुबह आती कचोरी और हलवे के घी की खुशबू किसी खास अवसर के होने की गवाही दे रही थी. चटोरों के शहर इंदौर के वैशाली नगर का ये घर जिसके बाहर नेमप्लेट पर ऊपर बड़े बड़े अक्षर में...
जो घर फूंके अपना 1 चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास उन्नीस सौ बासठ में भारत पर चीनी आक्रमण के लिए भारतीय सेनायें कतई तैयार नहीं थीं. चीनी थलसेना ने भारतीय थलसेना पर एक-एक...
अखबार आते ही रोज़ की तरह दिन भर का भविष्य जानने के लिए,पेज पलटा।राशिफ़ल वाले कालम में अपनी राशि पर नज़र पड़ते ही आंखे फ़टी सी रह गई।कंही गलती से दूसरी राशि तो नही देख गए।यह भरम होते ही...
बस नमक ज़्यादा हो गया प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 उसके पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि वह स्कूल-कॉलेज या कहीं भी खेल में हिस्सा ले। लेकिन वह हिस्सा लेती, अच्छा परफॉर्म करके ट्रॉफी भी जीत...
आज जहाँ लोग-बाग बुलेट ट्रेन पर सफर करने का सपना लिये फिरते हैं। हवाई जहाज पर सफ़र करने का ख़्वाब देखते हैं । अब तो रॉकेट-यात्रा की बात भी की जाने लगी है । वहां ये, हमारे शौकीलाल जी,...
किस्सा उन दिनो का है जब बिल्ली के भाग से सिकहर टूटा था। कम्पनी के एक कर्मचारी को लम्बी अवधि के लिए अवकाश जाने के कारण रिक्त हुए स्थान पर छह महीने की अस्थायी नौकरी पर हमारे शौकीलाल...
शौकीलाल जी के बढ़ते कदम में मैंने बेड़ी डाल दी। ज्योंही वे मेरे क्वाटर के सामने से गुजरने लगे, मैं उन्हें घेर कर खड़ा हो गया। शाम के आठ बजने वाले थे। मैं फुर्सत में था...
सर्व गुण संपन्न, सर्व शक्तिवान श्री श्री 108 श्री चोर जी महाराज ! चरण युगल में अकिंचन शौकीलाल का साष्टांग दण्डवत। मैंने कई कई रातें जाग कर, अपने नालेज को ठोक-पीट कर , सब...
नाम के पीछे आई ए एस के गरिमामय दुमछल्ले को जोड़ने वाले मेरे छोटे भाई की कार मेरे घर के सामने उन्होंने कई बार खड़ी देखी तो अपने कौतूहल को वे रोक नहीं पाए. भाई को अपने रुतबे से जलने वा...
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