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शादी का मंडप सजा हुआ है, और हॉल फूलों की खुशबू से महक रहा है। चारों ओर रिश्तेदार...
Chapter - 10 I hate youअब तकनील चाहत को देखता है...,तो चाहत चली जाती है और नील भ...
पढ़ लेती,"वह बोला ,"मा का है"किसी दूसरे के नाम की चिट्ठी नही पढ़नी चाहिए।"उसकी बात...
33==== अब दीना जी समय पर ऑफ़िस जाने लगे थे | कर्मचारियों को समझने...
पुरुषों का ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट क...
ज़िंदा रहा तो मिली गालियाँमरने के बाद मिली तालियाँदोस्तों... जाने क्या सोचकर यह...
अब आगे,जब खुशी ने कहा था कि उस ने यानी इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर के साथ अपनी...
"वह रेड्डी परिवार के प्रति भी कुछ गुस्सा थी कि वह चाहती थी कि मैं तुम्हें और तुम...
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव के किनारे एक चरवाहा अपने झुंड की भेड़ों को ल...
जया अपने घर में थी , अपने रूम में में अपने छोटे भाई बहन को पढ़ा रही थी।उसके भाई...
"सुनिए..!!! मुझे आपके नोट्स मिल जाएंगे क्या?" - रेवती (बहुत हिचकिचाते हुए )"नोट्स किसके?" - रमन (थोड़ा आश्चर्य के साथ)"एम० एस० सी० के"- रेवती"अरे मेरा मतलब किस पेपर के" - रमन (हल्क...
बागी आत्मा 1 रचना काल-1970-71 उपन्यास रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलो...
एक पाँव रेल में: यात्रा वृत्तान्त 1 देशाटन रामगोपाल भावुक सम्पर्क -कमलेश्वर कालोनी (डबरा) भवभूति नगर जि0 ग्वालियर, म0 प्र0 475110 मो0 9425715707 , 8770554097...
?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म भी भरेंगेअब हम भी इश्क...
(दृश्य - एक घर की लॉबी का दृश्य है जहां पर हवन किया जा रहा है । छोटा सा हवन कुंड है, उसके आसपास सीमा , राजन और परी खड़े हुए हैं ; एक तरफ चार कुर्सियां पड़ी हुई है । ) पर्दा खुलता ह...
बहुत रात हो चुकी थी, पर अभी भी मीरां को नींद नहीं आ रही थी। उसने सोचा मोबाइल में कुछ देखु, पर फिर उसे लगा कि पूरा दिन तो वही करती हूं। फिर सोचा लेपटॉप पर कोई अच्छी मूवी देखु, पर उस...
रसोई से सुबह सुबह आती कचोरी और हलवे के घी की खुशबू किसी खास अवसर के होने की गवाही दे रही थी. चटोरों के शहर इंदौर के वैशाली नगर का ये घर जिसके बाहर नेमप्लेट पर ऊपर बड़े बड़े अक्षर में...
दो दिनों की लगातार बारिश के बाद चैंधियाती धूप निखरी थी. सफेद कमीज और लाल स्कर्ट में सजी बच्चियों की चहचहाहट से मैंदान गूंज रहा था। नेहा को अपने केबिन में बैठे इन सबकी प्यारी-प्यारी...
यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (1) आज प्रह्लाद को मन मारकर कार्यालय आना पड़ा था। उसके बॉस का सख़्त आदेश न होता तो इस समय वह आने वाली मीटिंग की फाइल तैयार करने की बजाय अपनी पत्नी रेण...
उलझन डॉ. अमिता दुबे एक नीचे के फ्लैट में जब से अंशी यानि अंशिका रहने आयी है तब से सोमू यानि सौमित्र का जीवन ही बदल गया है। इससे पहले सोमू तो केवल ‘बोर’ होता था। घनी आबादी के बड़े से...
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