लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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एक दिन चौबीस घंटे By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अपने आँखों के ऊपर बांए हाथ से आड बनाते हुए उसने पूछा ‘‘कौन है?’’ जैसे ही वे बोली वैसे ही ‘‘तुम अन्दर...

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नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं, मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निह By Asha Saraswat

नवरात्रि स्टोरी — नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं , मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निहारती रही। सुंदर छवि देख कर मुझे जीती जागती मॉं दिखाई दी तभी पीछे से किसी ने मेरे क...

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कूलर के साथ वो दिन By Nilesh Dahiya

कहने को ठीक है पर यह गर्मी हालत ख़राब कर देती है जब यह अपनी औकात पर होती है , और हमे अपनी औकात याद दिला देती है |कुछ ऐसा ही था मेरे साथ , तीन मंजिला मकान में सबसे ऊपर...

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इश्क. - 3 By om prakash Jain

शेखर -सिम्मी से भाभी मत आना तुम ।अब सेचुवेसन बदल गया है ।मैं तुम्हें लेने आधे रस्ते तक लेने पहुँच गया हूँ ।तुम घर वापस चले जाइये ।अब फ़िल्म की गति बदलने लगी है ।वेदांत दीवाना हो गया...

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स्याह रातों की सुबह By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

स्याह रातों की सुबह काॅफी हाउस के एक टेबल पर वे दोनों आमने-सामने बैठे हुए थे। ध्यान से देखा तो मासूम बच्चे जैसे चेहरे पर ढेर सारी गम्भीरता लिये वह लड़की अमित को पसंद आ गई थी। "आप...

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एक छोटी सी इच्छा By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी के लेखक कुमार (सीताराम) है  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा विघ्नेश, सिर के ऊपर भारी बस्ते को लटका कर बस से उतर कर घर की ओर दौड़ता है। ये उसके पंसद के कामों में से एक है। कु...

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अपने घर का बेटा By S Bhagyam Sharma

लेखक मीनासुन्दर तमिल कहानी  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अम्मा सुबह से ही बहुत व्यस्त है क्योंकि करीब तीन साल बाद रवि आज आ रहा है। रवि, मेरे साथ पढ़ा हुआ है। मेरा करीबी दोस्त है। ऐस...

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काला धन By vidya,s world

काला धन धर्मपुर गांव में बिमला नाम की एक बूढ़ी औरत रहती थी।उसे दो बच्चे थे एक बेटा और एक बेटी।बिमला के पति के गुजर जाने के बाद बड़ी मेहनत से उस ने अपने बच्चो को पाल पोसकर बड़ा किया...

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नीम का पेड़ (पार्ट 3) By Kishanlal Sharma

10--डिलीवरी"दो तीन घण्टे में डिलिवरी नही हुई तो सिजेरियन करना पड़ेगा।"डॉक्टर दीपा, रुचि का चेकअप करने के बाद कार में बैठकर कहीं चली गई थी।मेरी बहू रुचि गर्भवती थी।दिन पूरे हो चुके थ...

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बरसो रे मेघा-मेघा - 3 - अंतिम भाग By sangeeta sethi

भाग तीन बरसो रे मेघा-मेघा मरुस्थल की तपती रेत को बरसात का बेसब्री से इंतज़ार रहता है | धरती की तिड़की हुई देह आसमान को निरीह नज़रों से ताकती है कि कब बादल आयें और इस प्यासी धरती की प्...

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वो अंधेरी सी गली By Krishna Kaveri K.K.

उस दिन मुझे घर लौटने में बहुत देर हो गई थी और ट्रैफिक भी ज्यादा था। काफी देर वेट करने के बाद भी जब ट्रैफिक नहीं हटा तो मुझे बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने अपनी स्कूटी को ट्रैफिक के ब...

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लव यू - 1 By Dr Anita

#लव यू#ये शब्द उसने पहली बार सुना था जब वो 18 साल की थी और इसके पहले भी कई दफ़ा ठरकी क़िस्म के अंकल ये बताते रहते थे।ये वो शरीफ़ वाले बदमाश थे जो घरवालों के सामने बेटा और उनके सामने ह...

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असली गरीब By Varun Sharma

घर की जिमेदारियो से जूझता हुआ लेखक को अंत पर सफलता मिलती है पर जब वो अपने आप को अमानवीय की ओर जाता हुआ देखता है तो केसे उसका हृदय परिवर्तन हुआ इस कहानी में जरूर पड़े

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पुत्र शोक By S Bhagyam Sharma

उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा केलिफोर्निया की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, चुभने वाली ठण्ड़ व यहां के लोग सभी बातें शामा शास्त्री को चकित कर रहीं...

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मनोज धीमान की चार लघुकथाएं By Manoj Dhiman

लघुकथा/पार्टी टिकटचुनाव का समय था। बंद कमरे में टिकट बंटवारे पर निर्णय लिया जा रहा था। लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्याशियों को टिकटें बांटने संबंधी निर्णय ले लिया गया। मात्र...

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क्यों By Anni Anita

छोटी सी नेहा उसे शार्ट पैंट पहनना बहुत पसंद है ,गर्मी भी इतनी होती है मुम्बई में कि बस जाती ही नहीँ।दिसंबर भी तो यहाँ मार्च के समान।उसने जिद किया और पापा ने अब मना कर दिया । वो रो...

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कैसे मिल गए हम By Bhumesh Kamdi

अहमदाबाद से मुंबई आज का ये सफर कुछ अलग था। मुझे याद नहीं मेने आखरी बार विंडो सीट के ल...

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यार तुणे क्या किया - 2 - अंतिम भाग By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हे पिछले अध्याय मे हमणे देखा की दिपक को समज आता हैं आकाश गलत नहीं था श्रावणी गलत थी तो अब हम देखेगे आगे क्या होवा दो महिने गणपती आगए थे तब मानसी बोलती हे दिपाली दि...

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काँटा By S Bhagyam Sharma

उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा मठ की गली से साग-सब्जी लेकर आते समय गली के कोने में मैंने वासु को देखा। अचानक उसके आमने-सामने पड़ते ही उससे क्या बात करूं ए...

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तलाक़ By R.KapOOr

आज तड़के ही उठ बैठी थी राधा, उथ बैठी क्या पूरी रात सोई ही नहीं थी, मन में एक अजीब किस्म की बेचैनी थी और आंखें बार बार भर आती थीं। उठ कर उसने अपने पति की तरफ़ देखा, जो शायद बड़ी गहरी न...

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बूँद भर शब्द By Neelima Sharrma Nivia

लघु कथा लघु कथा 'सारी उम्र बीत गयी रे छोर्री!' "नू ही साड़ी पहनते हुए, इब इस उम्र में क्या सूट पहरूँगी ! यह सुथ्हन वाले सूट ब्याह के बाद कोणी पहरे जावे म्हारी बिरादरी में...

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वह जो नहीं कहा - 1 By Sneh Goswami

वह जो नहीं कहा जनवरी 5 सुबह 6 बजे सुनो जानू ! आज तुम टूर पर हो तो लग रहा है आज यह घर पूरा का पूरा मेरा है . लग रहा है मैं आज सच्चे अर्थो में घरवाली हूँ वर्ना तो शाम के समय पूरे घ...

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अतीत... प्यार की एक कहानी - 2 By PRATIK PATHAK

सागर और मानसी की कहानी का सफर अब आगे.... चेप्टर 3: अधूरा सा प्यार मानसी सागरके ग्रुपकि अब अहम सभ्य हो गई थी।सब लोग साथमे फिल्म देखने तो कई बाहर घूमने जाते थे।दोनों एक दुसरेको प्य...

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सम्मान और अपमान By Rudra S. Sharma

सभी के मध्य एक बार किसी ने मुझे कुछ कहा, मैंने उस समय उसे ज़रा सी भी गंभीरता से नहीं लिया, दरअसल उस समय उसमें मुझे गंभीरता से लेने योग्य कुछ भी नहीं लगा। कुछ समय पश्चात वहाँ से जब म...

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एक मुलाक़ात By R.KapOOr

दरवाज़े पर दस्तक से वो चौंकी, जैसे किसी के ध्यान में बैठे व्यक्ति को झकझोर दिया हो, वो कुछ सोचतीं इससे पहले दरवाज़े पर फ़िर एक दस्तक हुई, अबकी बार पहले से भी थोड़ा और ज़ोर से दरवाज़े पर...

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अंतिम इच्छा By Kalpana Bhatt

अंतिम इच्छा _______एक शव को गिद्ध कौओं द्वारा नोचते खसोटते देख करीब पड़े एक बूढ़े बीमार कुत्ते से न रहा गया और उसने उनसे कहा ,"अरे!अरे! इतनी बेदर्दी से इसको क्यों नोच-खसोट रहे हो।...

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जीवन ऊट पटाँगा - 14 - जीवन की डेटा एन्ट्री - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

अंतिम एपीसोड - 14 जीवन की डेटा एन्ट्री नीलम कुलश्रेष्ठ श्री देसाई ने अपनी नजरें इधर-उधर घुमाकर इस ऑफ़िस का मुआयना किया । शहर के सबसे बड़े पॉश इलाके में ये स्थित था । इन्होंने आज ही...

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उनका प्यार बर्फ में जम गया By S Sinha

कहानी - उनका प्यार बर्फ में जम गया टेक्सास अमेरिका का एक प्रान्त है जो लैंड मास क्षेत्रफल में पहले स्थान पर और आबादी में दूसरे स्थान पर है . यूँ तो टेक्सास अमेरिका में अपने ग...

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चरम सुख By Anni Anita

28 वर्ष की निशा की आँखों मे अश्रु भरे हुए है वो डॉक्टर के पास आयी है Pap's Smear के लिए ।अविवाहित है और संकोच भी हो रहा है ,ये सोच कर कि डायग्नोस्टिक सेन्टर वाले उसके बारे में...

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चुप्पी By Lalit Rathod

लगभग सप्ताह भर से चुप हूं। मस्ती, मजाक, फालतू की बाते करना बिलकुल छोड़ दिया है। तय कार्य के अलावा दूसरा कोई काम नहीं अब पंसद नहीं। दफ्तर से रुम और किताब पढ़ने तक खुद को समेट कर रख...

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पालना By S Sinha

पालना पामेला को पति का फोन आया “ डार्लिंग मैं अगले सप्ताह घर आ रहा हूँ . मेरी छुट्टी मंजूर हो गयी है . मुझे पता है शादी के तीन दिन बाद ही मेरा चला आना तुम्हें अच्छा नहीं लगा होग...

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कर्म फल By Ravi maharshi

यह कहानी है दो दोस्तों अजय सिंह और विजय शर्मा की जो दोनों आपस में दोस्त तो थे लेकिन उनमें एक भी बात कोमन नहीं थी उनकी पसंद -नापसंद , इच्छा - अनिच्छा एक दूसरे के विपरीत थे। अजय सिंह...

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जानबूझ कर मूर्ख बनना By Anand M Mishra

कभी-कभी जानबूझ कर मूर्ख बन जाना अच्छी बात होती है। लोगों को पता नहीं चलता है। यदि तेजी दिखाने का प्रयास किए तो हानि की संभावना अधिक रहती है। कितने संस्थानों में देखा गया है कि जो...

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चंद्रिका एक नन्ही जादूगरनी - 4 By Pooja Singh

"निलेश !तुम अपने साथ में मौहानी को लेकर जाओ ""पर !..क्यु मां ?" संकोचत हुऐ निलेश ने कहा "क्युकि तुम्हारा वहां अकेले जाना मौत के पास जाना है इसलिए मौहानी तुम्हारी पूरी सहायता करेगी...

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ये आवाज कैसी - 2 By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हे पिछले अध्याय मैं हमणे देखा की राजनंदिनी की आत्मा उसकी काहाणी बताती हैं तब बोहत हवा चलती हैं तब वाहा पे एक लडका आता हैं और वो बोलता हैं नंदिनी तुम नहीं बचोगी तब...

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अपनी सभी चिंताओं तथा समस्याओं से मुक्ति कैसे हो ? By Rudra S. Sharma

अपनी चिंताओं तथा समस्याओं से मुक्ति कैसे सुनिश्चित हो?हमसें संबंधित सभी पर अपना नियंत्रण नहीं होने के कारण असंतुलन सभी में होता है, जिससे परिणाम स्वरूप समस्याओं और चिंताओं का जन्म...

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होली की एक शाम By Arjun Allahabadi

""""""""होली की एक शाम"""""""""मार्च का महीना था रोज़ की तरह रघु अपने परिवार के साथ जमींदार के खेत में बैलों के साथ आलू के खेत की जुताई कर रहा था,हल के पीछे -पीछे रघु के दोनों बच्च...

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क्षीर सागर से रुदन सागर तक का सफर By Anant Dhish Aman

आज संसार में चारों तरफ विलाप या रोनें का आंडबर है जिसे जहाँ मौका मिलता है वो अपना विलाप राग गाने लगता है आखिर यह कौन सा समाधान हम सबने ढूंढा है यह तो हम नहीं कह सकते है किंतु खुशिय...

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सरकारी नौकरी वाला वर By ARUANDHATEE GARG मीठी

मेरा एक दोस्त इंदौर में कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा है । एक दिन वह अपने दोस्त के साथ एक मल्टीनेशनल कंपनी में गया उसके दोस्त के कहने पर । उसका दोस्त उसी कंपनी में कार्यरत है...

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एक दिन चौबीस घंटे By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अपने आँखों के ऊपर बांए हाथ से आड बनाते हुए उसने पूछा ‘‘कौन है?’’ जैसे ही वे बोली वैसे ही ‘‘तुम अन्दर...

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नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं, मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निह By Asha Saraswat

नवरात्रि स्टोरी — नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं , मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निहारती रही। सुंदर छवि देख कर मुझे जीती जागती मॉं दिखाई दी तभी पीछे से किसी ने मेरे क...

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कूलर के साथ वो दिन By Nilesh Dahiya

कहने को ठीक है पर यह गर्मी हालत ख़राब कर देती है जब यह अपनी औकात पर होती है , और हमे अपनी औकात याद दिला देती है |कुछ ऐसा ही था मेरे साथ , तीन मंजिला मकान में सबसे ऊपर...

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इश्क. - 3 By om prakash Jain

शेखर -सिम्मी से भाभी मत आना तुम ।अब सेचुवेसन बदल गया है ।मैं तुम्हें लेने आधे रस्ते तक लेने पहुँच गया हूँ ।तुम घर वापस चले जाइये ।अब फ़िल्म की गति बदलने लगी है ।वेदांत दीवाना हो गया...

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स्याह रातों की सुबह By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

स्याह रातों की सुबह काॅफी हाउस के एक टेबल पर वे दोनों आमने-सामने बैठे हुए थे। ध्यान से देखा तो मासूम बच्चे जैसे चेहरे पर ढेर सारी गम्भीरता लिये वह लड़की अमित को पसंद आ गई थी। "आप...

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एक छोटी सी इच्छा By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी के लेखक कुमार (सीताराम) है  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा विघ्नेश, सिर के ऊपर भारी बस्ते को लटका कर बस से उतर कर घर की ओर दौड़ता है। ये उसके पंसद के कामों में से एक है। कु...

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अपने घर का बेटा By S Bhagyam Sharma

लेखक मीनासुन्दर तमिल कहानी  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अम्मा सुबह से ही बहुत व्यस्त है क्योंकि करीब तीन साल बाद रवि आज आ रहा है। रवि, मेरे साथ पढ़ा हुआ है। मेरा करीबी दोस्त है। ऐस...

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काला धन By vidya,s world

काला धन धर्मपुर गांव में बिमला नाम की एक बूढ़ी औरत रहती थी।उसे दो बच्चे थे एक बेटा और एक बेटी।बिमला के पति के गुजर जाने के बाद बड़ी मेहनत से उस ने अपने बच्चो को पाल पोसकर बड़ा किया...

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नीम का पेड़ (पार्ट 3) By Kishanlal Sharma

10--डिलीवरी"दो तीन घण्टे में डिलिवरी नही हुई तो सिजेरियन करना पड़ेगा।"डॉक्टर दीपा, रुचि का चेकअप करने के बाद कार में बैठकर कहीं चली गई थी।मेरी बहू रुचि गर्भवती थी।दिन पूरे हो चुके थ...

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बरसो रे मेघा-मेघा - 3 - अंतिम भाग By sangeeta sethi

भाग तीन बरसो रे मेघा-मेघा मरुस्थल की तपती रेत को बरसात का बेसब्री से इंतज़ार रहता है | धरती की तिड़की हुई देह आसमान को निरीह नज़रों से ताकती है कि कब बादल आयें और इस प्यासी धरती की प्...

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वो अंधेरी सी गली By Krishna Kaveri K.K.

उस दिन मुझे घर लौटने में बहुत देर हो गई थी और ट्रैफिक भी ज्यादा था। काफी देर वेट करने के बाद भी जब ट्रैफिक नहीं हटा तो मुझे बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने अपनी स्कूटी को ट्रैफिक के ब...

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लव यू - 1 By Dr Anita

#लव यू#ये शब्द उसने पहली बार सुना था जब वो 18 साल की थी और इसके पहले भी कई दफ़ा ठरकी क़िस्म के अंकल ये बताते रहते थे।ये वो शरीफ़ वाले बदमाश थे जो घरवालों के सामने बेटा और उनके सामने ह...

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असली गरीब By Varun Sharma

घर की जिमेदारियो से जूझता हुआ लेखक को अंत पर सफलता मिलती है पर जब वो अपने आप को अमानवीय की ओर जाता हुआ देखता है तो केसे उसका हृदय परिवर्तन हुआ इस कहानी में जरूर पड़े

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पुत्र शोक By S Bhagyam Sharma

उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा केलिफोर्निया की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, चुभने वाली ठण्ड़ व यहां के लोग सभी बातें शामा शास्त्री को चकित कर रहीं...

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मनोज धीमान की चार लघुकथाएं By Manoj Dhiman

लघुकथा/पार्टी टिकटचुनाव का समय था। बंद कमरे में टिकट बंटवारे पर निर्णय लिया जा रहा था। लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्याशियों को टिकटें बांटने संबंधी निर्णय ले लिया गया। मात्र...

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क्यों By Anni Anita

छोटी सी नेहा उसे शार्ट पैंट पहनना बहुत पसंद है ,गर्मी भी इतनी होती है मुम्बई में कि बस जाती ही नहीँ।दिसंबर भी तो यहाँ मार्च के समान।उसने जिद किया और पापा ने अब मना कर दिया । वो रो...

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कैसे मिल गए हम By Bhumesh Kamdi

अहमदाबाद से मुंबई आज का ये सफर कुछ अलग था। मुझे याद नहीं मेने आखरी बार विंडो सीट के ल...

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काहाणी शुरु करते हे पिछले अध्याय मे हमणे देखा की दिपक को समज आता हैं आकाश गलत नहीं था श्रावणी गलत थी तो अब हम देखेगे आगे क्या होवा दो महिने गणपती आगए थे तब मानसी बोलती हे दिपाली दि...

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काँटा By S Bhagyam Sharma

उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा मठ की गली से साग-सब्जी लेकर आते समय गली के कोने में मैंने वासु को देखा। अचानक उसके आमने-सामने पड़ते ही उससे क्या बात करूं ए...

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तलाक़ By R.KapOOr

आज तड़के ही उठ बैठी थी राधा, उथ बैठी क्या पूरी रात सोई ही नहीं थी, मन में एक अजीब किस्म की बेचैनी थी और आंखें बार बार भर आती थीं। उठ कर उसने अपने पति की तरफ़ देखा, जो शायद बड़ी गहरी न...

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बूँद भर शब्द By Neelima Sharrma Nivia

लघु कथा लघु कथा 'सारी उम्र बीत गयी रे छोर्री!' "नू ही साड़ी पहनते हुए, इब इस उम्र में क्या सूट पहरूँगी ! यह सुथ्हन वाले सूट ब्याह के बाद कोणी पहरे जावे म्हारी बिरादरी में...

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वह जो नहीं कहा - 1 By Sneh Goswami

वह जो नहीं कहा जनवरी 5 सुबह 6 बजे सुनो जानू ! आज तुम टूर पर हो तो लग रहा है आज यह घर पूरा का पूरा मेरा है . लग रहा है मैं आज सच्चे अर्थो में घरवाली हूँ वर्ना तो शाम के समय पूरे घ...

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अतीत... प्यार की एक कहानी - 2 By PRATIK PATHAK

सागर और मानसी की कहानी का सफर अब आगे.... चेप्टर 3: अधूरा सा प्यार मानसी सागरके ग्रुपकि अब अहम सभ्य हो गई थी।सब लोग साथमे फिल्म देखने तो कई बाहर घूमने जाते थे।दोनों एक दुसरेको प्य...

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एक मुलाक़ात By R.KapOOr

दरवाज़े पर दस्तक से वो चौंकी, जैसे किसी के ध्यान में बैठे व्यक्ति को झकझोर दिया हो, वो कुछ सोचतीं इससे पहले दरवाज़े पर फ़िर एक दस्तक हुई, अबकी बार पहले से भी थोड़ा और ज़ोर से दरवाज़े पर...

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अंतिम इच्छा _______एक शव को गिद्ध कौओं द्वारा नोचते खसोटते देख करीब पड़े एक बूढ़े बीमार कुत्ते से न रहा गया और उसने उनसे कहा ,"अरे!अरे! इतनी बेदर्दी से इसको क्यों नोच-खसोट रहे हो।...

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जीवन ऊट पटाँगा - 14 - जीवन की डेटा एन्ट्री - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

अंतिम एपीसोड - 14 जीवन की डेटा एन्ट्री नीलम कुलश्रेष्ठ श्री देसाई ने अपनी नजरें इधर-उधर घुमाकर इस ऑफ़िस का मुआयना किया । शहर के सबसे बड़े पॉश इलाके में ये स्थित था । इन्होंने आज ही...

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उनका प्यार बर्फ में जम गया By S Sinha

कहानी - उनका प्यार बर्फ में जम गया टेक्सास अमेरिका का एक प्रान्त है जो लैंड मास क्षेत्रफल में पहले स्थान पर और आबादी में दूसरे स्थान पर है . यूँ तो टेक्सास अमेरिका में अपने ग...

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चरम सुख By Anni Anita

28 वर्ष की निशा की आँखों मे अश्रु भरे हुए है वो डॉक्टर के पास आयी है Pap's Smear के लिए ।अविवाहित है और संकोच भी हो रहा है ,ये सोच कर कि डायग्नोस्टिक सेन्टर वाले उसके बारे में...

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चुप्पी By Lalit Rathod

लगभग सप्ताह भर से चुप हूं। मस्ती, मजाक, फालतू की बाते करना बिलकुल छोड़ दिया है। तय कार्य के अलावा दूसरा कोई काम नहीं अब पंसद नहीं। दफ्तर से रुम और किताब पढ़ने तक खुद को समेट कर रख...

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पालना By S Sinha

पालना पामेला को पति का फोन आया “ डार्लिंग मैं अगले सप्ताह घर आ रहा हूँ . मेरी छुट्टी मंजूर हो गयी है . मुझे पता है शादी के तीन दिन बाद ही मेरा चला आना तुम्हें अच्छा नहीं लगा होग...

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कर्म फल By Ravi maharshi

यह कहानी है दो दोस्तों अजय सिंह और विजय शर्मा की जो दोनों आपस में दोस्त तो थे लेकिन उनमें एक भी बात कोमन नहीं थी उनकी पसंद -नापसंद , इच्छा - अनिच्छा एक दूसरे के विपरीत थे। अजय सिंह...

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जानबूझ कर मूर्ख बनना By Anand M Mishra

कभी-कभी जानबूझ कर मूर्ख बन जाना अच्छी बात होती है। लोगों को पता नहीं चलता है। यदि तेजी दिखाने का प्रयास किए तो हानि की संभावना अधिक रहती है। कितने संस्थानों में देखा गया है कि जो...

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चंद्रिका एक नन्ही जादूगरनी - 4 By Pooja Singh

"निलेश !तुम अपने साथ में मौहानी को लेकर जाओ ""पर !..क्यु मां ?" संकोचत हुऐ निलेश ने कहा "क्युकि तुम्हारा वहां अकेले जाना मौत के पास जाना है इसलिए मौहानी तुम्हारी पूरी सहायता करेगी...

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ये आवाज कैसी - 2 By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हे पिछले अध्याय मैं हमणे देखा की राजनंदिनी की आत्मा उसकी काहाणी बताती हैं तब बोहत हवा चलती हैं तब वाहा पे एक लडका आता हैं और वो बोलता हैं नंदिनी तुम नहीं बचोगी तब...

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अपनी सभी चिंताओं तथा समस्याओं से मुक्ति कैसे हो ? By Rudra S. Sharma

अपनी चिंताओं तथा समस्याओं से मुक्ति कैसे सुनिश्चित हो?हमसें संबंधित सभी पर अपना नियंत्रण नहीं होने के कारण असंतुलन सभी में होता है, जिससे परिणाम स्वरूप समस्याओं और चिंताओं का जन्म...

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होली की एक शाम By Arjun Allahabadi

""""""""होली की एक शाम"""""""""मार्च का महीना था रोज़ की तरह रघु अपने परिवार के साथ जमींदार के खेत में बैलों के साथ आलू के खेत की जुताई कर रहा था,हल के पीछे -पीछे रघु के दोनों बच्च...

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क्षीर सागर से रुदन सागर तक का सफर By Anant Dhish Aman

आज संसार में चारों तरफ विलाप या रोनें का आंडबर है जिसे जहाँ मौका मिलता है वो अपना विलाप राग गाने लगता है आखिर यह कौन सा समाधान हम सबने ढूंढा है यह तो हम नहीं कह सकते है किंतु खुशिय...

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सरकारी नौकरी वाला वर By ARUANDHATEE GARG मीठी

मेरा एक दोस्त इंदौर में कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा है । एक दिन वह अपने दोस्त के साथ एक मल्टीनेशनल कंपनी में गया उसके दोस्त के कहने पर । उसका दोस्त उसी कंपनी में कार्यरत है...

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