लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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अनसुलझा प्रश्न - लघुकथाएं(पार्ट2) By Kishanlal Sharma

3--असमंजस"रमेश लौट आया " रमेश कुछ महीने पहले हमारी कॉलोनी में आया था।उसकी पत्नी दीपा गर्भवती थी।डिलीवरी का समय नजदीक आने पर रमेश पत्नी को मा के पास गांव में छोड़ आया।एक दिन सीढ़ियो...

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सुलगता कमरा और ठिठुरती ज़िन्दगी By Manju Mahima

The story - written 50 years ago in 1971सुलगता कमरा ओ' ठिठुरती ज़िंदगी....लेखिका- मंजु महिमा 'ऊफ!! कितनी गर्मी ....''..................''लग रहा है, जैसे सार...

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परिधान By राज कुमार कांदु

पुरुष व महिलाओं के दो समूहों में जिनमें अधिकांश अधिकारी व बुद्धिजीवी वर्ग के लोग शामिल थे, बहस जोरों पर थी। मुद्दा था 'समाज में बलात्कार की बढ़ती घटनाएं- कारण व निवारण' !शह...

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झँकवैया By Deepak sharma

मैं जानती हूँ मेरी पीठ पीछे लोगों ने मुझे तीन-तीन नाम दे रखे हैं; गपिया, गौसिप और झँकवैया । आप सोचते हैं मैं दूसरों की एकांतता पर अतिक्रमण करती हूँ? उनके भेद जानने और खोलने का मुझे...

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प्यार का पहला खत By Kumar Kishan Kirti

रविवार का दिन होने के कारण मैं घर पर ही था।ऑफिस बन्द था।आज कोई काम करने का मन भी नहीं कर रहा था।ना कुछ लिखने का मन कर रहा था और ना ही कोई साहित्यिक पुुस्तक पढ़ने को मन कर रहा...

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सवारी By Deepak sharma

मानव-स्मृति, में घटनाएं कोई पदानुक्रम नहीं रखतीं । न समय का कोई सोपान-उतरान। वहाँ क्लिक नहीं, ट्रिगर काम करता है । तभी 27 नवम्बर, 2019 की तिथि में डॉ. प्रियंका रेड्डी के संग हुआ जघ...

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डबलू पंडित By કાળુજી મફાજી રાજપુત

जिन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदुत्व के लिए समर्पण कर दिया कृपया माफ करना आजकल हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म कोई अच्छा नहीं मनुष्य हमारा धर्म यह बात कहने में अच्छी लगती है वास्तविकता मे...

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माता अन्नपूर्णा की वापसी By Anand M Mishra

आदि गुरु शंकराचार्यजी के अनुसार शुद्ध मन ही सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ है। इसके अलावा कुछ और कहने-सुनने की आवश्यकता नहीं होती है। शुद्ध मन से सफलता मिलते रहती है। इस कड़ी में देश की...

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शातिराना By ARUN SINGH

"शातिराना"(1) राज आइने के सामने खड़ा होकर शेविंग कर रहा है। तभी प्रिया की आवाज आती है। प्रिया:-"राज जल्दी से ड्राइंगरूम में आ जाओ, चाय रेडी है। "राज:-"बस दो मिनट मेरी जान आया। " शे...

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इश्क. - 7 By om prakash Jain

शेखर मेडिकल कॉलेज पहुँचता हैं।रुम नम्बर306 में सिम्मी मरीज बन कर बेड में लेटी हुई है।और खिडकी की बाहर अमरूद की पेड़ में नजर टिकाई हुई है उस पेड़ में दो चिड़या को आँख मिचौली करते हुए द...

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बुरा उदाहरण By Deepak sharma

“आप नयी हो?” अपनी नब्ज पर एक नया कोमल स्पर्श पाता हूं तो आंखेँ खोल लेता हूं। “आप स्वस्थ हो रहे हैं,” नयी नर्स युवा है, सुन्दर है कोमल है। “नहीं तो इन...

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कितने अमीर हैं यह  By Ratna Pandey

राकेश मेहरा अपनी पत्नी शेफाली को अस्पताल लेकर आए। जहाँ शेफाली ने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। दिखने में बड़ी सुंदर,  प्यारी-सी बेटियों को देखकर पति पत्नी दोनों ही बेहद ख़ुश थे। दो...

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भीगी सड़क By Kamini Trivedi

अनिक एक बहुत ही अमीर , हैंडसम और एरोगेंट लड़का था । शहर का सबसे अमीर और एलिजिबल बैचलर हर किसी लड़की के दिल की धड़कन । दिखने में इस दुनिया के हर लड़के से ज्यादा खूबसूरत। डैशिंग लुक...

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नौकरी By Jagruti Joshi

पूरे कमरे में एक अजीब सी शांति छाई हुई थी , वो इसलिए की अवंतिका की सास ने एक शर्त रख दी थी ,,,,वह भी शादी से दस दिन पहले। वो शर्त ये थी की अवंतिका शादी के बाद नौकरी नहीं क...

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पिता की डायरी By S Sinha

कहानी - पिता की डायरी एक शाम रमन पत्नी के साथ अपनी बालकनी में बैठा चाय पी रहा था . नीचे अपार्टमेंट के प्ले ग्राउंड में उनका बच्चा सुमन खेल रहा था . सुमन कुछ दिनों बाद पांच स...

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हम–तुम By Kamini Trivedi

बारिश का मौसम था सोनिया छत पर बारिश की बूंदों के साथ चाय का मजा लेते हुए टहल रही थी। तभी गौरव , जो की सोनिया के पड़ोस में रहता था वो भी हाथ में चाय का कप लिए छत पर आया। "हाई सोनिया...

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नीम का पेड़ (पार्ट 6) By Kishanlal Sharma

20---माँ का दर्दउस औरत को गाय से चिढ़ थी।गाय को देखते ही वह डंडा लेकर उसे मारने के लिए दौड़ पड़ती।उस औरत के हाथ मे डंडा देखते ही गाय भाग जाती।औरत की पहुंच से दूर।लेकिन उसका बछड़ा पीछे...

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चलें नीड़ की ओर - लघुकथा संकलन By ramgopal bhavuk

अच्छीं लघुकथायें : कुछ पर काम किया जाना बाकी है समीक्षक- रामगोपाल भावुक कथाकारचलें नीड़ की ओर लघुकथा संकलन - सम्पादक - कान्ता रॉयसह सम्पादक -चन्द्रेश कुमार छतलानीमुल्य-565 रु.प्रकाश...

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सत्य आश्रम By ARUN SINGH

"सत्य आश्रम "(1) बाबा पुष्पेंदु लंगोट पहने हुए हैं।वे एक खुले स्थान पर बैठे हुए हैं।उनका शरीर नग्न है। उन्हें अन्य साधु गण दूध से नहला रहे हैं। बैक ग्राउंड में हल्की ध्वनि के साथ म...

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नागिन - का आखरी महायुध्द By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हैं ये काहाणी बोहत पुरानी हैं इस काहाणी में एक मंदिर हैं जो बोहत पुराना हैं लेकिन कोछ शेतान उस मंदिर को पाणा चाहाते हैं क्यो की वो मंदिर सोने का हैं तो काहाणी शुरु...

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वट सावित्री का व्रत By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर. चूडामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा (तमिलनाडु में वट सावित्री का व्रत सुहागिनें व कन्यायें सभी रखती हैं। इसे नोम्बू के नाम से मनाते हैं व इस दिन उपवास रख कर एक विश...

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उधार की जिंदगी By S Sinha

कहानी - उधार की जिंदगी रवि अपने बॉस को देखने अस्पताल गया था . उसके बॉस की बाई पास सर्जरी हुई थी और वह औपचारिकता वश उनसे मिलने गया था . वह 40 किलोमीटर दूर से अपने जिला म...

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संतानेच्छा By ARUN SINGH

संतानेच्छा (१) नवीन को स्कूल पहुँचने में देरी हो रही है। वह असहज दिखाई दे रहा है। नवीन: -"राशि तुमको कितन...

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योग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर.चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा उम्र तो पचास साल की हो गई। शरीर में पहले जैसे ताकत भी नही है। फिर क्या जरूरत है अब भी तकलीफ पाने की?, ‘‘खाना बनाने...

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मैं कौन हूं! By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका चूड़ामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ये मेरी कहानी है। मैं कौन हूं पूछ रहे हो? मैं ही भगवान हूं। ये कौन पागल है सोच रहे हो क्या? पागल नहीं होता हो इस तरह की एक दुनिया क...

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औलाद By Jagruti Joshi

रात का सन्नाटा छाया हुआ था । अमावस के बाद वाली रात्रि थी तो अंधेरा ज्यादा भयावह लग रहा था । ओर उसमे झींगुरो की आवाज उस माहौल को तंग कर रही थी। शारदा अपने घर के वरंड...

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आख़री मोहब्बत - 1 By Merikhanii

कल रात यह क़ुबूल कर लिया कि तुम जा चुकी हो। यूं तो तुम्हारे जाने का सिलसिला महीनों पहले सुरु हो चुका था मगर दिल तुम्हारे चले जाने को कबूल नहीं कर पा रहा था। कल समझ आया कि रिश्ता ख़...

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भय से संतुष्टि By Anand M Mishra

कहानी नानी-दादी से सुनी थी। बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। उसके पास घोडा था। घोड़ा सुंदर था। लेकिन घोड़ा लालची था। राजा घोड़े की देखभाल अच्छे से करता था। उसकी सेवा के लिए कई साईस थ...

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मेरा नाम अन्नपुर्णी है। By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी उमा जानकी रामन अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बाहर से कुछ आवाज आई। मैंने सिर्फ थोड़ा सा सिर बाहर करके झांका तो देखा सास लक्ष्मी एक बडे थैले को लेकर आ रहीं थी। ऐ बात पन्द्रह दिन...

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माचु बुआ और महेष्वरी By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका शांता बाल गोपाल अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा जेठ का माह खतम हुआ। वरूण देवता ने पानी के छीटे मार उसे विदा कर दिया। फूल-पत्ते ठण्डक पाकर सिर हिला रहें थे। ऐसा लग रहा था क...

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बडे़ लेखक By S Bhagyam Sharma

मूल तमिल लेखक डब्यू. गोपालकृष्णन नोट - तमिल में उब्बासी को खोट्टावी कहते है अनुवाद-एस.भाग्यम शर्मा “पट्टाभी, कभी भी जी.एम. तुम्हें बुला सकते हैं। तैयार रह। तेरे बारे में लोगो...

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रागिनी By Bhargav Patel

"चीन किस तरफ है?" बच्चे ने कुमाऊँ के पूर्वी हिमालय के पर्वतों की ओर नज़र फेरते हुए पूछा। पिथौरागढ़ के राजमार्गीय बाज़ार से आवासीय क्षेत्र में प्रवेश करते हुए वह छह वर्ष का बच्चा एक स्...

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खंडहर की दास्तान By Rajesh Maheshwari

खंडहर की दास्तान कुछ वर्ष पूर्व जबलपुर शहर के हनुमानताल क्षेत्र में एक वैद्य रहते थे। एक दिन रात में 12 बजे के आसपास उनके दरवाजे पर दस्तक हुयी और दरवाजा खोलने पर एक सज्जन अंदर आकर...

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पीली पतंग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका उमा जानकी रामन अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा विशाली अभी तक नहीं उठी। पाँच बजते ही जैसे रबड़ के गंेद के समान उछल कर उठ जाने वाली विशाली आज विस्तर पर सिकुड़ कर पड़ी है। &lsqu...

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नया जीवन By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बुढ़िया अपनी काले रंग के प्रीमियर पदमिनी के पीछे की तरफ दोंनो हाथों को बांध कर बैठी थी। वें अकेली थीं। दरवाजा खुला रखकर हवा खा रही थीं। एक...

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उबटन By Jagruti Joshi

उबटन उबटन उबटन मां अब मैं थक चुकी हुं उबटन लगा लगाकर। अब मुझे नहीं लगाना,,,,,श्यामा ने अपनी मां को उबटन लगाने से इनकार करते हुए कहा। कमला जी ने अपनी बेटी से बडे प्यार से कह...

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ग्रहण देवता By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी ई जयमणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा जैसे ही वह पैदा हुई वैसे एक आश्चर्य भी साथ में था। गर्भ से निकले सभी बच्चे का कुछ दिनों तक सफेद ही होना साधारण सी बात है। परन्तु कई दिन ह...

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कुमारवेलु By S Bhagyam Sharma

मूल कहानी तमिल में ‘मीना सुन्दर’ ने लिखी है हिन्दी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। सुबह हो चुकी। चेंगम्मा अपने घर के सामने गोबर व पानी छिड़क कर साफ कर रंगोली बनाई। त...

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जहरीला By निरंजन कुमार मुंना

‍‍‍‍‍"मैं यकीन दिलाती हूँ रोहन, तेरे सिवा मेरी जिन्दगी में कोई नहीं था और न कोई है। मेरी बात को यकीन क्यों नहीं करतें ...?"-मोहनी ने दोंनो हाथ जोड़ते हुए अपने पति रोहन से बोली।...

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गोद By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका माधंगी जयरामन  अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ‘‘हम गोद ले’’ जैसे ही मैने कहा मेरे पति ने मुझे घूर कर देखा। ‘‘क्यों हमारी दो बेटिय...

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तपस्या By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

चार वर्षीय सूरज के पिता दिव्यनाथ की असमय मौत से सूरज और उसकी मां जानकी पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। जानकी देवी अपने जीवन यापन और सूरज के पालन - पोषण को लेकर चिंतित रहने ल...

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खत...., फौजी के नाम By ARUANDHATEE GARG मीठी

आज मेघा बहुत खुश थी , खुश हो भी क्यों न , आखिर आज उसके प्यार का इम्तेहान जो पूरा हो गया था , उसके प्यार के साथ उसकी शादी की तारीख पक्की होने के रूप में । मेघा और उसके प्यार अभिनव न...

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अनसुलझा प्रश्न - लघुकथाएं(पार्ट2) By Kishanlal Sharma

3--असमंजस"रमेश लौट आया " रमेश कुछ महीने पहले हमारी कॉलोनी में आया था।उसकी पत्नी दीपा गर्भवती थी।डिलीवरी का समय नजदीक आने पर रमेश पत्नी को मा के पास गांव में छोड़ आया।एक दिन सीढ़ियो...

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सुलगता कमरा और ठिठुरती ज़िन्दगी By Manju Mahima

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परिधान By राज कुमार कांदु

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झँकवैया By Deepak sharma

मैं जानती हूँ मेरी पीठ पीछे लोगों ने मुझे तीन-तीन नाम दे रखे हैं; गपिया, गौसिप और झँकवैया । आप सोचते हैं मैं दूसरों की एकांतता पर अतिक्रमण करती हूँ? उनके भेद जानने और खोलने का मुझे...

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प्यार का पहला खत By Kumar Kishan Kirti

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सवारी By Deepak sharma

मानव-स्मृति, में घटनाएं कोई पदानुक्रम नहीं रखतीं । न समय का कोई सोपान-उतरान। वहाँ क्लिक नहीं, ट्रिगर काम करता है । तभी 27 नवम्बर, 2019 की तिथि में डॉ. प्रियंका रेड्डी के संग हुआ जघ...

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डबलू पंडित By કાળુજી મફાજી રાજપુત

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माता अन्नपूर्णा की वापसी By Anand M Mishra

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शातिराना By ARUN SINGH

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इश्क. - 7 By om prakash Jain

शेखर मेडिकल कॉलेज पहुँचता हैं।रुम नम्बर306 में सिम्मी मरीज बन कर बेड में लेटी हुई है।और खिडकी की बाहर अमरूद की पेड़ में नजर टिकाई हुई है उस पेड़ में दो चिड़या को आँख मिचौली करते हुए द...

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कितने अमीर हैं यह  By Ratna Pandey

राकेश मेहरा अपनी पत्नी शेफाली को अस्पताल लेकर आए। जहाँ शेफाली ने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। दिखने में बड़ी सुंदर,  प्यारी-सी बेटियों को देखकर पति पत्नी दोनों ही बेहद ख़ुश थे। दो...

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नौकरी By Jagruti Joshi

पूरे कमरे में एक अजीब सी शांति छाई हुई थी , वो इसलिए की अवंतिका की सास ने एक शर्त रख दी थी ,,,,वह भी शादी से दस दिन पहले। वो शर्त ये थी की अवंतिका शादी के बाद नौकरी नहीं क...

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पिता की डायरी By S Sinha

कहानी - पिता की डायरी एक शाम रमन पत्नी के साथ अपनी बालकनी में बैठा चाय पी रहा था . नीचे अपार्टमेंट के प्ले ग्राउंड में उनका बच्चा सुमन खेल रहा था . सुमन कुछ दिनों बाद पांच स...

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हम–तुम By Kamini Trivedi

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नीम का पेड़ (पार्ट 6) By Kishanlal Sharma

20---माँ का दर्दउस औरत को गाय से चिढ़ थी।गाय को देखते ही वह डंडा लेकर उसे मारने के लिए दौड़ पड़ती।उस औरत के हाथ मे डंडा देखते ही गाय भाग जाती।औरत की पहुंच से दूर।लेकिन उसका बछड़ा पीछे...

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सत्य आश्रम By ARUN SINGH

"सत्य आश्रम "(1) बाबा पुष्पेंदु लंगोट पहने हुए हैं।वे एक खुले स्थान पर बैठे हुए हैं।उनका शरीर नग्न है। उन्हें अन्य साधु गण दूध से नहला रहे हैं। बैक ग्राउंड में हल्की ध्वनि के साथ म...

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नागिन - का आखरी महायुध्द By Datta Shinde

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वट सावित्री का व्रत By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर. चूडामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा (तमिलनाडु में वट सावित्री का व्रत सुहागिनें व कन्यायें सभी रखती हैं। इसे नोम्बू के नाम से मनाते हैं व इस दिन उपवास रख कर एक विश...

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उधार की जिंदगी By S Sinha

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संतानेच्छा By ARUN SINGH

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योग By S Bhagyam Sharma

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मैं कौन हूं! By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका चूड़ामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ये मेरी कहानी है। मैं कौन हूं पूछ रहे हो? मैं ही भगवान हूं। ये कौन पागल है सोच रहे हो क्या? पागल नहीं होता हो इस तरह की एक दुनिया क...

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औलाद By Jagruti Joshi

रात का सन्नाटा छाया हुआ था । अमावस के बाद वाली रात्रि थी तो अंधेरा ज्यादा भयावह लग रहा था । ओर उसमे झींगुरो की आवाज उस माहौल को तंग कर रही थी। शारदा अपने घर के वरंड...

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आख़री मोहब्बत - 1 By Merikhanii

कल रात यह क़ुबूल कर लिया कि तुम जा चुकी हो। यूं तो तुम्हारे जाने का सिलसिला महीनों पहले सुरु हो चुका था मगर दिल तुम्हारे चले जाने को कबूल नहीं कर पा रहा था। कल समझ आया कि रिश्ता ख़...

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भय से संतुष्टि By Anand M Mishra

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मेरा नाम अन्नपुर्णी है। By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी उमा जानकी रामन अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बाहर से कुछ आवाज आई। मैंने सिर्फ थोड़ा सा सिर बाहर करके झांका तो देखा सास लक्ष्मी एक बडे थैले को लेकर आ रहीं थी। ऐ बात पन्द्रह दिन...

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माचु बुआ और महेष्वरी By S Bhagyam Sharma

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बडे़ लेखक By S Bhagyam Sharma

मूल तमिल लेखक डब्यू. गोपालकृष्णन नोट - तमिल में उब्बासी को खोट्टावी कहते है अनुवाद-एस.भाग्यम शर्मा “पट्टाभी, कभी भी जी.एम. तुम्हें बुला सकते हैं। तैयार रह। तेरे बारे में लोगो...

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रागिनी By Bhargav Patel

"चीन किस तरफ है?" बच्चे ने कुमाऊँ के पूर्वी हिमालय के पर्वतों की ओर नज़र फेरते हुए पूछा। पिथौरागढ़ के राजमार्गीय बाज़ार से आवासीय क्षेत्र में प्रवेश करते हुए वह छह वर्ष का बच्चा एक स्...

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खंडहर की दास्तान By Rajesh Maheshwari

खंडहर की दास्तान कुछ वर्ष पूर्व जबलपुर शहर के हनुमानताल क्षेत्र में एक वैद्य रहते थे। एक दिन रात में 12 बजे के आसपास उनके दरवाजे पर दस्तक हुयी और दरवाजा खोलने पर एक सज्जन अंदर आकर...

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पीली पतंग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका उमा जानकी रामन अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा विशाली अभी तक नहीं उठी। पाँच बजते ही जैसे रबड़ के गंेद के समान उछल कर उठ जाने वाली विशाली आज विस्तर पर सिकुड़ कर पड़ी है। &lsqu...

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नया जीवन By S Bhagyam Sharma

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उबटन By Jagruti Joshi

उबटन उबटन उबटन मां अब मैं थक चुकी हुं उबटन लगा लगाकर। अब मुझे नहीं लगाना,,,,,श्यामा ने अपनी मां को उबटन लगाने से इनकार करते हुए कहा। कमला जी ने अपनी बेटी से बडे प्यार से कह...

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ग्रहण देवता By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी ई जयमणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा जैसे ही वह पैदा हुई वैसे एक आश्चर्य भी साथ में था। गर्भ से निकले सभी बच्चे का कुछ दिनों तक सफेद ही होना साधारण सी बात है। परन्तु कई दिन ह...

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कुमारवेलु By S Bhagyam Sharma

मूल कहानी तमिल में ‘मीना सुन्दर’ ने लिखी है हिन्दी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। सुबह हो चुकी। चेंगम्मा अपने घर के सामने गोबर व पानी छिड़क कर साफ कर रंगोली बनाई। त...

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जहरीला By निरंजन कुमार मुंना

‍‍‍‍‍"मैं यकीन दिलाती हूँ रोहन, तेरे सिवा मेरी जिन्दगी में कोई नहीं था और न कोई है। मेरी बात को यकीन क्यों नहीं करतें ...?"-मोहनी ने दोंनो हाथ जोड़ते हुए अपने पति रोहन से बोली।...

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गोद By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका माधंगी जयरामन  अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ‘‘हम गोद ले’’ जैसे ही मैने कहा मेरे पति ने मुझे घूर कर देखा। ‘‘क्यों हमारी दो बेटिय...

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तपस्या By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

चार वर्षीय सूरज के पिता दिव्यनाथ की असमय मौत से सूरज और उसकी मां जानकी पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। जानकी देवी अपने जीवन यापन और सूरज के पालन - पोषण को लेकर चिंतित रहने ल...

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खत...., फौजी के नाम By ARUANDHATEE GARG मीठी

आज मेघा बहुत खुश थी , खुश हो भी क्यों न , आखिर आज उसके प्यार का इम्तेहान जो पूरा हो गया था , उसके प्यार के साथ उसकी शादी की तारीख पक्की होने के रूप में । मेघा और उसके प्यार अभिनव न...

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