सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Categories
Featured Books
  • सड़क पर औरतें

    सड़क पर औरतें प्रियदर्शन उसे वहां से नहीं मुड़ना था। घर अगले मोड़ पर था। लेकिन व...

  • पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 16

    पूर्ण-विराम से पहले....!!! 16. प्रखर जब इस तरह की बातें करता तो शिखा को समीर और...

  • परम्परागत

    परम्परागत अपने इंटर कॉलेज की साथिन अध्यापिकाओं के साथ स्टाफ़-रूम में बैठी मैं समो...

सड़क पर औरतें By Priyadarshan Parag

सड़क पर औरतें प्रियदर्शन उसे वहां से नहीं मुड़ना था। घर अगले मोड़ पर था। लेकिन वह मुड़ गई। उसे मालूम था, कुछ देर चलेगी तो बाज़ार आ जाएगा। धूप तेज़ थी। दुपट्टा उसने मुंह पर लपेट रखा...

Read Free

मेरा स्वर्णिम बंगाल - 10 By Mallika Mukherjee

मेरा स्वर्णिम बंगाल संस्मरण (अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा) मल्लिका मुखर्जी (10) मैंने खिड़की का काँच खोलकर एक राहदारी से पूछा कि मामला क्या है? उसने कहा, ‘स्कूल में परीक्षा चल रही...

Read Free

पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 16 By Pragati Gupta

पूर्ण-विराम से पहले....!!! 16. प्रखर जब इस तरह की बातें करता तो शिखा को समीर और उसके शादी के बाद के दिन बहुत बार याद आते| जब दोनों का विवाह हुआ समीर बहुत कम बोलते थे| शिखा बहुत कोश...

Read Free

परम्परागत By Deepak sharma

परम्परागत अपने इंटर कॉलेज की साथिन अध्यापिकाओं के साथ स्टाफ़-रूम में बैठी मैं समोसे खाने जा ही रही थी कि एक नवयुवती अन्दर आयी| उसकी आयु चौबीस और अट्ठाइस के बीच कुछ भी हो सकती थी| उस...

Read Free

होमवर्क By AKANKSHA SRIVASTAVA

उफ़्फ़फ़फ़ ये होमवर्क!कैसे भूल जाती हूं मैं गुड्डी को होमवर्क कराना। सुबह- सुबह ही दिन खराब हो गया। ऊपर से ये टीचरे और लिख - लिख कर भेजती है " send your homework, send your homework" ज...

Read Free

( स्मरण पुस्तक) स्काउट-गाइड प्रशिक्षण By Durgesh Tiwari

स्काउट-गाइड प्रशिक्षण(उत्तरप्रदेश भारत स्काउट और गाइड जनपद गोरखपुर)~~~~~~~~~~~~?~~~~~~~~~~~~~ (स्मरण पुस्तिका)प्रार्थना-दया कर दान भक...

Read Free

गूंगा गाँव - 3 By रामगोपाल तिवारी (भावुक)

तीन आम चुनाव में मौजी को खूब मजा आया। दिन भर घूम-घूम कर नारे लगाते रहो। रात को भरपेट भोजन करो,ऊपर से पचास रुपइया अलग मिलते। दिनभर के थके होते, थक...

Read Free

जिंदगी की साँझ By Sunita Agarwal

मिस्टर अशोक शर्मा जो सेवानिवृत एकाउंट अफसर हैं।बड़ा रौब था जवानी में उनका किसी भी कार्यालय में उनके काम में जरा भी लेट लतीफी हुई कि तुरंत पूरे कार्यालय को हड़का देते थे।और उनके पद की...

Read Free

दर्द. By Sumit Vig

दर्द एक शहर में एक छोटा सा मोहल्ला था। जहाँ लगभग सब धर्मों और जातियों के लोग रहते थे। उन में एक परिवार था जिनके सदस्य लिलिपुट जैसे दिखते थे। उस परिवार में पति पत्नी और उनका एक लड़का...

Read Free

आखा तीज का ब्याह - 1 By Ankita Bhargava

आखा तीज का ब्याह सारांश सपनों को पूरा करने निकली वासंती अपने रिश्तों को ही खो बैठी। जब फिर से अतीत की गलियों ने उसे पुकारा तो वह अनिष्ट की आशंका से घबरा गई। मगर प्रतीक ने आश्वासन द...

Read Free

अंदर खुलने वाली खिड़की - 3 - अंतिम भाग By Priyamvad

अंदर खुलने वाली खिड़की (3) बीमारियों के मौसम में अक्सर बहुत लोग एक साथ मर जाते थे। इतने अधिक, कि श्मशान घाट की जमीन पर घंटो मुर्दे अपनी अपनी अर्थियों में पड़े रहते, खासतौर से गरीब मु...

Read Free

बना रहे यह अहसास - 4 By Sushma Munindra

बना रहे यह अहसास सुषमा मुनीन्द्र 4 फेमिली पेंशन। सनातन, अम्मा को बैंक ले गया था - ‘‘अम्मा, कितना रुपिया निकालना है ?’’ 13 ‘‘ एक महीने की पूरी पिनसिन। देखें इतना रुपिया कैसा लगता है...

Read Free

30 शेड्स ऑफ बेला - 8 By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 8 by विधुरिता पटनायक (Vidhurita Patnaik) जिंदगी और एक कप कॉफी मां...मां..मम्मा...!!!! 3 साल की रिया के नन्हे हाथों ने बेल...

Read Free

यारबाज़ - 8 By Vikram Singh

यारबाज़ विक्रम सिंह (8) आज मैथ का एग्जाम था तो दोनों को दूध पीते हुए ही मिथिलेश्वर चाचा ने समझा दिया कि सोच समझ कर लिखना जो भी लिखना सही लिखना। सही मायने में वह नंदलाल को समझा रहे...

Read Free

कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 13 By Neena Paul

कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 13 लेस्टर और उसके आस पास के गाँवों की धरती उपजाऊ होने के कारण खेती-बाड़ी अधिकतर लेस्टर में ही होती थी। खेती के साथ धीरे धीरे किसानों ने बकरियाँ रखना आरंभ क...

Read Free

राम रचि राखा - 4 - 2 By Pratap Narayan Singh

राम रचि राखा मरना मत, मेरे प्यार ! (2) अच्छा हो या बुरा, समय तो बीतता ही रहता है। देखते ही देखते तीन साल बीत गए। जैसे-जैसे समय समय बीतता गया मेरे और प्रिया के संबंधों की मिठास कड़व...

Read Free

बात बस इतनी सी थी - 3 By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 3 जब मैं वहाँ से वापिस लौटा, तब मंजरी अपने केबिन में नहीं थी । मैं खुद से ही पूछने लगा - "कहाँ गयी होगी ? क्यों गयी होगी ? कहीं मेरे व्यवहार से नाराज होकर तो नहीं...

Read Free

वे दस मिनट By Madhu Kankaria

वे दस मिनट कोलकाता से चेन्नई के लिए ट्रेन में बैठा था. २४ घंटे का सफ़र. साथ में दो एक किताबें रख ली थी. नीचे की बर्थ पाकर संतुष्ट था. सामान लगाया और टीटी से निपटा तो जाने कहाँ से को...

Read Free

इक समंदर मेरे अंदर - 2 By Madhu Arora

इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (2) वह कभी समझ नहीं पायी कि वे अपनी खिड़कियां जानबूझ कर बंद नहीं करती थीं या भूल जाती थीं। कामना अपनी खिड़की पर बैठी टुकुर टुकुर उन तैयार होती महिलाओं...

Read Free

अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार By Vijayshree Tanveer

अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार आठ महीने के देबू को कंधे से लगाए अनुपमा गांगुली जब नैहाटी जंक्शन पहुँची तो नौ-पंद्रह वाली लोकल पटरियों पर रेंगने लगी थी। उसने खुद को कोसना भेजा । कैसी...

Read Free

जय हिन्द की सेना - 6 By Mahendra Bhishma

जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म छः ढलान समाप्त हो रही थी। भानु ने गियर बदला, अब जीप हल्की चढ़ाई पर चढ़ रही थी। नदी से पहले का ऊबड़—खाबड़ बीहड़ क्षेत्र। कुछ पल शांतमय बीते। अब जीप उसी नद...

Read Free

गवाक्ष - 21 By Pranava Bharti

गवाक्ष 21== निधी को शर्मिंदगी हुई, कैसी बचकानी बातें कर रही है! उसके साथ बैठा हुआ मृत्यु-दूत है, कॉस्मॉस! उसका कार्य-क्षेत्र किसी एक स्थान पर कैसे हो सकता है? उसनेअपने दोनो...

Read Free

नागरिक : पुलिसिया त्रासदी की कहानी By Amit Singh

कहानी समीक्षा**************************** नागरिक तमाशेबाज है। मदारी, सँपेरे, नीम -हकीम और सड़क किनारे होने वाले करतब-तमाशे देखने का उसका चस्का बचपन से ही है। वह मिस्टर न...

Read Free

कौवा By महेश रौतेला

कौवा:कल १५ जुलाई १७ को, एक कौवे से अचानक भेंट हो गयी। बचपन में माता-पिता कहते थे ,आज कौवा काँव-काँव कर रहा है कोई अतिथि(पौंड़) आने वाला है।और जब भी कौवा काँव-काँव करता तो हम उम्मीद...

Read Free

वारिस By Chaya Agarwal

वारिस डरावनी, वीरान और काली रात, जैसे आँखों में काजल लगा कर एकटक घूर रही हो और पछवा के सुरों ने हवा में अपना घरौंदा बना लिया हो। ऊपर से आवा-जाही न होने का घोर सन्नाटा। जँगली झीँगुर...

Read Free

चिड़िया ऐसे जीती है By Madhu Kankaria

चिड़िया ऐसे जीती है मधु कांकरिया कहानी उन खूबसूरत सुहाने दिनों की है जब साइबेरिया से आए सुंदर सलोने परिंदे हमारी धरती पर उतरते थे, प्रेम की झील में तैरते थे और स्वप्न भरी उड़ान भरा...

Read Free

चाँद के पार एक चाबी - 8 - अंतिम भाग By Avadhesh Preet

चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 8 मां अध्कच्ची नींद से अकबकाकर उठी। पिन्टू ने मां को देखा। मां की आंखों में दहशत थी। इस दहशत ने उसे भी गिरफ्रत में ले लिया। दरवाजे पर पिफर ध्म्म-ध्...

Read Free

शेफाली चली गई By Priyadarshan Parag

शेफाली चली गई प्रियदर्शन `हलो, मैं शेफाली।` आवाज़ की खनक जानी-पहचानी थी। मिलने का समय भी तय था। मिलने की जगह भी तुम्हीं ने बताई थी। फिर भी तुम स्तब्ध से खड़े रहे- बिल्कुल जड़वत। क्...

Read Free

त्रिविध ताप By Deepak sharma

त्रिविध ताप मामा के नाम पर प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर शहर में एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है| उनके चित्र पर फूलमालाएँ चढ़ाई जाती हैं| उनकी जीवनी व जीवन-चर्या के अनेक प्रसंग...

Read Free

तू खुश है ना? By अरुण राय

एक छोटी सी रचना है आजकल के कथित प्रेम में पड़कर अपने बाप,भाई,परिवार का मखौल उड़ाने वाली लड़कियों के लिए.वो तो चली जाती है अपने अरमानो को पंख लगाकर अपने सपने को हकीकत बनाने बिना इस अहस...

Read Free

क्या मर्द को भी दर्द होता हैं By AKANKSHA SRIVASTAVA

रात के करीब तीन बजे ही रहे होंगे तभी कमरे के बाहर कुछ आहट सी हुई ...नीद टूटी,ओर चारपाई से अभी पूरी तरह सुरेश उठी पा रहा था कि दुबारा से कॉल बेल बजी। इतनी रात को,लगता है जान आगयी अप...

Read Free

लौट कर आऊँगा एक बार फिर By Sudha Adesh

लौट कर आऊँगा एक बार फिररितिक का शव घर से निकलते ही निकिता फूट-फूट कर रो पड़ी...आस पास खड़े लोगों की आँखों में भी आँसू झिलमिला रहे थे । रितिक था ही इतना प्यारा कि बरबस सभीं को अपनी ओर...

Read Free

उर्वशी - 23 - अंतिम भाग By Jyotsana Kapil

उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 23 उर्वशी ने उससे कई बार कहा कि वह परेशानी न उठाया करे और टिफ़िन ड्राइवर के हाथ भिजवा दिया करे, पर वह कहता कि उसे यह कर के अच्छा लगता है। कल को उसका बच्चा...

Read Free

पग घुँघरू बाँध By Nisha chandra

पग घुँघरू बाँध नथनियाने हाय राम बड़ा दुख दीन्हा दूर से आती हुई ठुमरी की आवाज, ढ़ोलक की थाप और घुँघरूओं की आवाज अम्मा को सोने न हीं दे रही थी। दो बार तो थूककर आ गयीं। इन रांड- रडँकु...

Read Free

महाराजाओं की विदेशी दुलहिनों की व्यथा कथायें By Neelam Kulshreshtha

महाराजाओं की विदेशी दुलहिनों की व्यथा कथायें [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] [ ब्रिटिशकाल में राजा महाराजा अक्सर विदेशी महिलाओं से शादी कर लेते थे। ये महिलायें उनकी शान शौकत पर मर मिटती थीं ले...

Read Free

सड़क पर औरतें By Priyadarshan Parag

सड़क पर औरतें प्रियदर्शन उसे वहां से नहीं मुड़ना था। घर अगले मोड़ पर था। लेकिन वह मुड़ गई। उसे मालूम था, कुछ देर चलेगी तो बाज़ार आ जाएगा। धूप तेज़ थी। दुपट्टा उसने मुंह पर लपेट रखा...

Read Free

मेरा स्वर्णिम बंगाल - 10 By Mallika Mukherjee

मेरा स्वर्णिम बंगाल संस्मरण (अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा) मल्लिका मुखर्जी (10) मैंने खिड़की का काँच खोलकर एक राहदारी से पूछा कि मामला क्या है? उसने कहा, ‘स्कूल में परीक्षा चल रही...

Read Free

पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 16 By Pragati Gupta

पूर्ण-विराम से पहले....!!! 16. प्रखर जब इस तरह की बातें करता तो शिखा को समीर और उसके शादी के बाद के दिन बहुत बार याद आते| जब दोनों का विवाह हुआ समीर बहुत कम बोलते थे| शिखा बहुत कोश...

Read Free

परम्परागत By Deepak sharma

परम्परागत अपने इंटर कॉलेज की साथिन अध्यापिकाओं के साथ स्टाफ़-रूम में बैठी मैं समोसे खाने जा ही रही थी कि एक नवयुवती अन्दर आयी| उसकी आयु चौबीस और अट्ठाइस के बीच कुछ भी हो सकती थी| उस...

Read Free

होमवर्क By AKANKSHA SRIVASTAVA

उफ़्फ़फ़फ़ ये होमवर्क!कैसे भूल जाती हूं मैं गुड्डी को होमवर्क कराना। सुबह- सुबह ही दिन खराब हो गया। ऊपर से ये टीचरे और लिख - लिख कर भेजती है " send your homework, send your homework" ज...

Read Free

( स्मरण पुस्तक) स्काउट-गाइड प्रशिक्षण By Durgesh Tiwari

स्काउट-गाइड प्रशिक्षण(उत्तरप्रदेश भारत स्काउट और गाइड जनपद गोरखपुर)~~~~~~~~~~~~?~~~~~~~~~~~~~ (स्मरण पुस्तिका)प्रार्थना-दया कर दान भक...

Read Free

गूंगा गाँव - 3 By रामगोपाल तिवारी (भावुक)

तीन आम चुनाव में मौजी को खूब मजा आया। दिन भर घूम-घूम कर नारे लगाते रहो। रात को भरपेट भोजन करो,ऊपर से पचास रुपइया अलग मिलते। दिनभर के थके होते, थक...

Read Free

जिंदगी की साँझ By Sunita Agarwal

मिस्टर अशोक शर्मा जो सेवानिवृत एकाउंट अफसर हैं।बड़ा रौब था जवानी में उनका किसी भी कार्यालय में उनके काम में जरा भी लेट लतीफी हुई कि तुरंत पूरे कार्यालय को हड़का देते थे।और उनके पद की...

Read Free

दर्द. By Sumit Vig

दर्द एक शहर में एक छोटा सा मोहल्ला था। जहाँ लगभग सब धर्मों और जातियों के लोग रहते थे। उन में एक परिवार था जिनके सदस्य लिलिपुट जैसे दिखते थे। उस परिवार में पति पत्नी और उनका एक लड़का...

Read Free

आखा तीज का ब्याह - 1 By Ankita Bhargava

आखा तीज का ब्याह सारांश सपनों को पूरा करने निकली वासंती अपने रिश्तों को ही खो बैठी। जब फिर से अतीत की गलियों ने उसे पुकारा तो वह अनिष्ट की आशंका से घबरा गई। मगर प्रतीक ने आश्वासन द...

Read Free

अंदर खुलने वाली खिड़की - 3 - अंतिम भाग By Priyamvad

अंदर खुलने वाली खिड़की (3) बीमारियों के मौसम में अक्सर बहुत लोग एक साथ मर जाते थे। इतने अधिक, कि श्मशान घाट की जमीन पर घंटो मुर्दे अपनी अपनी अर्थियों में पड़े रहते, खासतौर से गरीब मु...

Read Free

बना रहे यह अहसास - 4 By Sushma Munindra

बना रहे यह अहसास सुषमा मुनीन्द्र 4 फेमिली पेंशन। सनातन, अम्मा को बैंक ले गया था - ‘‘अम्मा, कितना रुपिया निकालना है ?’’ 13 ‘‘ एक महीने की पूरी पिनसिन। देखें इतना रुपिया कैसा लगता है...

Read Free

30 शेड्स ऑफ बेला - 8 By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 8 by विधुरिता पटनायक (Vidhurita Patnaik) जिंदगी और एक कप कॉफी मां...मां..मम्मा...!!!! 3 साल की रिया के नन्हे हाथों ने बेल...

Read Free

यारबाज़ - 8 By Vikram Singh

यारबाज़ विक्रम सिंह (8) आज मैथ का एग्जाम था तो दोनों को दूध पीते हुए ही मिथिलेश्वर चाचा ने समझा दिया कि सोच समझ कर लिखना जो भी लिखना सही लिखना। सही मायने में वह नंदलाल को समझा रहे...

Read Free

कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 13 By Neena Paul

कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 13 लेस्टर और उसके आस पास के गाँवों की धरती उपजाऊ होने के कारण खेती-बाड़ी अधिकतर लेस्टर में ही होती थी। खेती के साथ धीरे धीरे किसानों ने बकरियाँ रखना आरंभ क...

Read Free

राम रचि राखा - 4 - 2 By Pratap Narayan Singh

राम रचि राखा मरना मत, मेरे प्यार ! (2) अच्छा हो या बुरा, समय तो बीतता ही रहता है। देखते ही देखते तीन साल बीत गए। जैसे-जैसे समय समय बीतता गया मेरे और प्रिया के संबंधों की मिठास कड़व...

Read Free

बात बस इतनी सी थी - 3 By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 3 जब मैं वहाँ से वापिस लौटा, तब मंजरी अपने केबिन में नहीं थी । मैं खुद से ही पूछने लगा - "कहाँ गयी होगी ? क्यों गयी होगी ? कहीं मेरे व्यवहार से नाराज होकर तो नहीं...

Read Free

वे दस मिनट By Madhu Kankaria

वे दस मिनट कोलकाता से चेन्नई के लिए ट्रेन में बैठा था. २४ घंटे का सफ़र. साथ में दो एक किताबें रख ली थी. नीचे की बर्थ पाकर संतुष्ट था. सामान लगाया और टीटी से निपटा तो जाने कहाँ से को...

Read Free

इक समंदर मेरे अंदर - 2 By Madhu Arora

इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (2) वह कभी समझ नहीं पायी कि वे अपनी खिड़कियां जानबूझ कर बंद नहीं करती थीं या भूल जाती थीं। कामना अपनी खिड़की पर बैठी टुकुर टुकुर उन तैयार होती महिलाओं...

Read Free

अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार By Vijayshree Tanveer

अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार आठ महीने के देबू को कंधे से लगाए अनुपमा गांगुली जब नैहाटी जंक्शन पहुँची तो नौ-पंद्रह वाली लोकल पटरियों पर रेंगने लगी थी। उसने खुद को कोसना भेजा । कैसी...

Read Free

जय हिन्द की सेना - 6 By Mahendra Bhishma

जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म छः ढलान समाप्त हो रही थी। भानु ने गियर बदला, अब जीप हल्की चढ़ाई पर चढ़ रही थी। नदी से पहले का ऊबड़—खाबड़ बीहड़ क्षेत्र। कुछ पल शांतमय बीते। अब जीप उसी नद...

Read Free

गवाक्ष - 21 By Pranava Bharti

गवाक्ष 21== निधी को शर्मिंदगी हुई, कैसी बचकानी बातें कर रही है! उसके साथ बैठा हुआ मृत्यु-दूत है, कॉस्मॉस! उसका कार्य-क्षेत्र किसी एक स्थान पर कैसे हो सकता है? उसनेअपने दोनो...

Read Free

नागरिक : पुलिसिया त्रासदी की कहानी By Amit Singh

कहानी समीक्षा**************************** नागरिक तमाशेबाज है। मदारी, सँपेरे, नीम -हकीम और सड़क किनारे होने वाले करतब-तमाशे देखने का उसका चस्का बचपन से ही है। वह मिस्टर न...

Read Free

कौवा By महेश रौतेला

कौवा:कल १५ जुलाई १७ को, एक कौवे से अचानक भेंट हो गयी। बचपन में माता-पिता कहते थे ,आज कौवा काँव-काँव कर रहा है कोई अतिथि(पौंड़) आने वाला है।और जब भी कौवा काँव-काँव करता तो हम उम्मीद...

Read Free

वारिस By Chaya Agarwal

वारिस डरावनी, वीरान और काली रात, जैसे आँखों में काजल लगा कर एकटक घूर रही हो और पछवा के सुरों ने हवा में अपना घरौंदा बना लिया हो। ऊपर से आवा-जाही न होने का घोर सन्नाटा। जँगली झीँगुर...

Read Free

चिड़िया ऐसे जीती है By Madhu Kankaria

चिड़िया ऐसे जीती है मधु कांकरिया कहानी उन खूबसूरत सुहाने दिनों की है जब साइबेरिया से आए सुंदर सलोने परिंदे हमारी धरती पर उतरते थे, प्रेम की झील में तैरते थे और स्वप्न भरी उड़ान भरा...

Read Free

चाँद के पार एक चाबी - 8 - अंतिम भाग By Avadhesh Preet

चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 8 मां अध्कच्ची नींद से अकबकाकर उठी। पिन्टू ने मां को देखा। मां की आंखों में दहशत थी। इस दहशत ने उसे भी गिरफ्रत में ले लिया। दरवाजे पर पिफर ध्म्म-ध्...

Read Free

शेफाली चली गई By Priyadarshan Parag

शेफाली चली गई प्रियदर्शन `हलो, मैं शेफाली।` आवाज़ की खनक जानी-पहचानी थी। मिलने का समय भी तय था। मिलने की जगह भी तुम्हीं ने बताई थी। फिर भी तुम स्तब्ध से खड़े रहे- बिल्कुल जड़वत। क्...

Read Free

त्रिविध ताप By Deepak sharma

त्रिविध ताप मामा के नाम पर प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर शहर में एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है| उनके चित्र पर फूलमालाएँ चढ़ाई जाती हैं| उनकी जीवनी व जीवन-चर्या के अनेक प्रसंग...

Read Free

तू खुश है ना? By अरुण राय

एक छोटी सी रचना है आजकल के कथित प्रेम में पड़कर अपने बाप,भाई,परिवार का मखौल उड़ाने वाली लड़कियों के लिए.वो तो चली जाती है अपने अरमानो को पंख लगाकर अपने सपने को हकीकत बनाने बिना इस अहस...

Read Free

क्या मर्द को भी दर्द होता हैं By AKANKSHA SRIVASTAVA

रात के करीब तीन बजे ही रहे होंगे तभी कमरे के बाहर कुछ आहट सी हुई ...नीद टूटी,ओर चारपाई से अभी पूरी तरह सुरेश उठी पा रहा था कि दुबारा से कॉल बेल बजी। इतनी रात को,लगता है जान आगयी अप...

Read Free

लौट कर आऊँगा एक बार फिर By Sudha Adesh

लौट कर आऊँगा एक बार फिररितिक का शव घर से निकलते ही निकिता फूट-फूट कर रो पड़ी...आस पास खड़े लोगों की आँखों में भी आँसू झिलमिला रहे थे । रितिक था ही इतना प्यारा कि बरबस सभीं को अपनी ओर...

Read Free

उर्वशी - 23 - अंतिम भाग By Jyotsana Kapil

उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 23 उर्वशी ने उससे कई बार कहा कि वह परेशानी न उठाया करे और टिफ़िन ड्राइवर के हाथ भिजवा दिया करे, पर वह कहता कि उसे यह कर के अच्छा लगता है। कल को उसका बच्चा...

Read Free

पग घुँघरू बाँध By Nisha chandra

पग घुँघरू बाँध नथनियाने हाय राम बड़ा दुख दीन्हा दूर से आती हुई ठुमरी की आवाज, ढ़ोलक की थाप और घुँघरूओं की आवाज अम्मा को सोने न हीं दे रही थी। दो बार तो थूककर आ गयीं। इन रांड- रडँकु...

Read Free

महाराजाओं की विदेशी दुलहिनों की व्यथा कथायें By Neelam Kulshreshtha

महाराजाओं की विदेशी दुलहिनों की व्यथा कथायें [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] [ ब्रिटिशकाल में राजा महाराजा अक्सर विदेशी महिलाओं से शादी कर लेते थे। ये महिलायें उनकी शान शौकत पर मर मिटती थीं ले...

Read Free