सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • तलाश - 5

    #तलाश -5 गंताक से आगेकविता बड़े हैरान होकर उस आकर्षक चित्र को देखते रह...

  • अतीत के चल चित्र - (8)

    अतीत के चलचित्र (8) पड़ौस में रहने वाली मौसीजी के यहाँ उनके बेटे के...

  • मूकदर्शक

    उस दिन होली थी।होली का त्यौहार पहले प्रेम का प्रतीक समझा जाता था।औरत आदमी,बच्चे...

विश्वासघात--भाग(१६) By Saroj Verma

शक्तिसिंह और संदीप जैसे ही घर पहुँचे, उन्होंने सारा वाक्या लीला और कुसुम को सुनाया,सब खूब हँसें।। बरखुरदार! बहुत बचें,अगर मोनिका डाँन्स के लिए ले जाती तो बेटा रेट्रो डान्स कैस...

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खौलते पानी का भंवर - 10 - शराफ़त By Harish Kumar Amit

शराफ़त भागकर लोकल बस में चढ़ने के बाद जब उसने कंडक्टर से टिकट ले ही ली है, तो पोजीशन लेने के लिए वह इधर-उधर नज़रें दौड़ाने लगा है. पिछले दरवाज़े के सामने वाली जगह पर तो आदमी ही आदमी हैं...

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आला जी By Renu Hussain

घर में राहत का माहौल काफ़ी लम्बे अरसे बाद बना था। दरअसल बहुत दिनों बल्कि महीनों बाद रसोईया अलाउद्दीन अपने गांव से लौट रहा था। उसे उपनाम ’’आला’’ जी कहकर पुकार...

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सरहद - 1 By Kusum Bhatt

1 चीड़ के पेड़ों की टहनियां तेज हवा के दबाव से जोरां से हिलती हैं सायं-सायं के कनफोडू षोर से काँंप उठती हूँ। इन चीड़ों से ढेर सूखी पिरूल भी लगातार झर रही है। ऊपर चढ़ने की कोशिश करते पा...

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चैट बॉक्स.… - 3 By Anju Choudhary Anu

भाग ३ पाँच सालों के दौरान मुझे बहुत सी बुक्स पढ़ने, टीवी देखने और समझने का मौका मिला, भाई मुझे बुक्स लाकर देते,मैं पढ़ती और पढ़ कर उन्हें वापिस कर देती कि कहीं मेरे कमरे में ये सब कित...

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तलाश - 5 By डा.कुसुम जोशी

#तलाश -5 गंताक से आगेकविता बड़े हैरान होकर उस आकर्षक चित्र को देखते रही, और हैरान थी कि इतनी खूबसूरत और सार्थक पेंटिंग में उसकी नजर आजतक क्यों नही पड़ी, जिसमें दो महिल...

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अतीत के चल चित्र - (8) By Asha Saraswat

अतीत के चलचित्र (8) पड़ौस में रहने वाली मौसीजी के यहाँ उनके बेटे के टीके का कार्यक्रम था ।हमारे परिवार को भी निमंत्रित किया मौसीजी ने बताया कि ग्यारह लोग बनारस से बड़...

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मूकदर्शक By Kishanlal Sharma

उस दिन होली थी।होली का त्यौहार पहले प्रेम का प्रतीक समझा जाता था।औरत आदमी,बच्चे बूढ़े सब होली के रंग में मस्त एक दूसरे पर रंग डालते,गुलाल लगाते।पर अब होली का रूप विकृत हो गया है।आज...

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एक और दमयन्ती - 15 By ramgopal bhavuk

उपन्यास- एक और दमयन्ती 15 रामगोपाल भावुक...

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भाभी मां By Renu Hussain

रमाकान्त की मां को दिल का दौरा पड़ने से गुजर गई थीं। कुल पचास की भी नहीं थीं। अभी तक एक पोते का मुंह देख पाई थीं। बेटी मीनाक्षी जिसे प्यार से मिन्नी पुकारते थे, की शादी का सपना लिए...

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पत्नी बनाम प्रेमिका By S Sinha

आलेख - पत्नी बनाम प्रेमिका कभी कभी शादीशुदा व्यक्ति के जीवन में भी जाने अनजाने प्रेमिका आ जाती है .एक पुरानी उक्ति के अनुसार पुरुष अपनी पत्नी में ये गुण देखना चाहता है...

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Suicide, Why? - Suicide Story 2: कुमार By Anil Patel_Bunny

Suicide Story 2: कुमार “कुमार मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं!” समीरा ने कहा। “तुम्हें मुझसे इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। तुम कभी भी कुछ भी बोल सकती हो।” कुमार ने कहा “मैं...

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कोख - दोषी कौन (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"माँ बनकर ही औरत सम्पूर्ण कहलाती है।इसलिए हर औरस्त माँ बनना चाहती है।मैं भी।लेकिन अभी हमारी शादी को सिर्फ एक साल हुआ है।तुम जानते हो हमारी लाइन मे फिगर का बहुत महत्त्व है।इसलिए अभी...

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पप्पन By Renu Hussain

’’पप्पन, ओ पप्पन,’’ पड़ोस की पुकारों ने मुझे जगा दिया। मैं झुंझलाकर उठ बैठी और बड़बड़ाने लगी, ’’उफ, ये गंवार और अशिक्षित लोग। चैन की नींद तक नहीं ल...

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Real Incidents - Incident 2: तेरी बिंदिया रे By Anil Patel_Bunny

Incident 2: तेरी बिंदिया रे शाम के 6 बज गए थे। सुभाष जी अपने कार्यालय का सारा काम निपटा कर अपने घर की ओर चल दिए। आज वे बहुत खुश थे। अपनी बीवी स्नेहा के लिए आज उनको तोहफ़ा लेने ज...

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मेरी पहली होली By r k lal

मेरी पहली होली आर ० के ० लाल होली को अभी दो दिन बचे थे कि शाम को मेरे दोनों देवरों ने अपनी बहनों के साथ मेरे कमरे में हल्ला बोल दिया । उस समय मैं एक नयी नवेली दुल्हन...

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स्वीकृति - 5 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 5 अप्रैल महीने का यह अभी दूसरा हफ्ता ही शुरु हुआ था और गर्मी का ग्राफ महंगाई की ग्राफ से भी आगे निकल चुका था. सुष्मिता खिड़की के पास रखे कुर्सी पर बैठी हुयी थी और उसने...

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स्वतंत्र सक्सेना की कहानियाँ - 9 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

वेद प्रकाश डॉ0 स्वतंत्र कुमार सक्सेना वेद प्रकाश जी उस दि न बड़े प्रसन्न थे। कई दिनों से चिंतित थे, निराशा जनित आतंक ने उनकी नींद हराम कर रखी थी। सोचा भी न था वातावरण ऐसा बदल जा...

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दुल्हन एक रात की By Kishanlal Sharma

राजेश लखनऊ का रहनेवाला था।उसका सोने चांदी का कारोबार था।वह नई नई डिजाइन के फैंसी गहने बनाकर बड़े बड़े शहरों में सप्लाई करता था।इसीलिए वह आगरा आया था।वह पूरे दो लाख रुपये के गहने लेे...

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अंतिम यात्रा या अंतर्यात्रा By Neelima Sharrma Nivia

मेदान्ता हॉस्पिटल की आई सी यू लॉबी में सब नाते रिश्तेदारों की भीड़ जमा थी। दौड़ते भागते फुसफुसाते चेहरों में एक भी अपना सा चेहरा नही लग रहा था। एक कुर्सी पर कोने में खामोशी से बैठ...

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नाकुशी-एक लड़की (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

बेटी के इन्टर पास करने के बाद यशवन्त पत्नी से बोला,"अब इसकी शादी कर देते है।"" शादी।अभी शादी।अभी इसकी उम्र ही क्या है,"पति की बात सुुुनकर शालिनी बोली,"अभी यह अठारह साल की हुई है...

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विश्वासघात--भाग(१६) By Saroj Verma

शक्तिसिंह और संदीप जैसे ही घर पहुँचे, उन्होंने सारा वाक्या लीला और कुसुम को सुनाया,सब खूब हँसें।। बरखुरदार! बहुत बचें,अगर मोनिका डाँन्स के लिए ले जाती तो बेटा रेट्रो डान्स कैस...

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खौलते पानी का भंवर - 10 - शराफ़त By Harish Kumar Amit

शराफ़त भागकर लोकल बस में चढ़ने के बाद जब उसने कंडक्टर से टिकट ले ही ली है, तो पोजीशन लेने के लिए वह इधर-उधर नज़रें दौड़ाने लगा है. पिछले दरवाज़े के सामने वाली जगह पर तो आदमी ही आदमी हैं...

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आला जी By Renu Hussain

घर में राहत का माहौल काफ़ी लम्बे अरसे बाद बना था। दरअसल बहुत दिनों बल्कि महीनों बाद रसोईया अलाउद्दीन अपने गांव से लौट रहा था। उसे उपनाम ’’आला’’ जी कहकर पुकार...

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सरहद - 1 By Kusum Bhatt

1 चीड़ के पेड़ों की टहनियां तेज हवा के दबाव से जोरां से हिलती हैं सायं-सायं के कनफोडू षोर से काँंप उठती हूँ। इन चीड़ों से ढेर सूखी पिरूल भी लगातार झर रही है। ऊपर चढ़ने की कोशिश करते पा...

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चैट बॉक्स.… - 3 By Anju Choudhary Anu

भाग ३ पाँच सालों के दौरान मुझे बहुत सी बुक्स पढ़ने, टीवी देखने और समझने का मौका मिला, भाई मुझे बुक्स लाकर देते,मैं पढ़ती और पढ़ कर उन्हें वापिस कर देती कि कहीं मेरे कमरे में ये सब कित...

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तलाश - 5 By डा.कुसुम जोशी

#तलाश -5 गंताक से आगेकविता बड़े हैरान होकर उस आकर्षक चित्र को देखते रही, और हैरान थी कि इतनी खूबसूरत और सार्थक पेंटिंग में उसकी नजर आजतक क्यों नही पड़ी, जिसमें दो महिल...

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अतीत के चल चित्र - (8) By Asha Saraswat

अतीत के चलचित्र (8) पड़ौस में रहने वाली मौसीजी के यहाँ उनके बेटे के टीके का कार्यक्रम था ।हमारे परिवार को भी निमंत्रित किया मौसीजी ने बताया कि ग्यारह लोग बनारस से बड़...

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मूकदर्शक By Kishanlal Sharma

उस दिन होली थी।होली का त्यौहार पहले प्रेम का प्रतीक समझा जाता था।औरत आदमी,बच्चे बूढ़े सब होली के रंग में मस्त एक दूसरे पर रंग डालते,गुलाल लगाते।पर अब होली का रूप विकृत हो गया है।आज...

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एक और दमयन्ती - 15 By ramgopal bhavuk

उपन्यास- एक और दमयन्ती 15 रामगोपाल भावुक...

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भाभी मां By Renu Hussain

रमाकान्त की मां को दिल का दौरा पड़ने से गुजर गई थीं। कुल पचास की भी नहीं थीं। अभी तक एक पोते का मुंह देख पाई थीं। बेटी मीनाक्षी जिसे प्यार से मिन्नी पुकारते थे, की शादी का सपना लिए...

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पत्नी बनाम प्रेमिका By S Sinha

आलेख - पत्नी बनाम प्रेमिका कभी कभी शादीशुदा व्यक्ति के जीवन में भी जाने अनजाने प्रेमिका आ जाती है .एक पुरानी उक्ति के अनुसार पुरुष अपनी पत्नी में ये गुण देखना चाहता है...

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Suicide, Why? - Suicide Story 2: कुमार By Anil Patel_Bunny

Suicide Story 2: कुमार “कुमार मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं!” समीरा ने कहा। “तुम्हें मुझसे इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। तुम कभी भी कुछ भी बोल सकती हो।” कुमार ने कहा “मैं...

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"माँ बनकर ही औरत सम्पूर्ण कहलाती है।इसलिए हर औरस्त माँ बनना चाहती है।मैं भी।लेकिन अभी हमारी शादी को सिर्फ एक साल हुआ है।तुम जानते हो हमारी लाइन मे फिगर का बहुत महत्त्व है।इसलिए अभी...

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पप्पन By Renu Hussain

’’पप्पन, ओ पप्पन,’’ पड़ोस की पुकारों ने मुझे जगा दिया। मैं झुंझलाकर उठ बैठी और बड़बड़ाने लगी, ’’उफ, ये गंवार और अशिक्षित लोग। चैन की नींद तक नहीं ल...

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Real Incidents - Incident 2: तेरी बिंदिया रे By Anil Patel_Bunny

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मेरी पहली होली By r k lal

मेरी पहली होली आर ० के ० लाल होली को अभी दो दिन बचे थे कि शाम को मेरे दोनों देवरों ने अपनी बहनों के साथ मेरे कमरे में हल्ला बोल दिया । उस समय मैं एक नयी नवेली दुल्हन...

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स्वीकृति - 5 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 5 अप्रैल महीने का यह अभी दूसरा हफ्ता ही शुरु हुआ था और गर्मी का ग्राफ महंगाई की ग्राफ से भी आगे निकल चुका था. सुष्मिता खिड़की के पास रखे कुर्सी पर बैठी हुयी थी और उसने...

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स्वतंत्र सक्सेना की कहानियाँ - 9 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

वेद प्रकाश डॉ0 स्वतंत्र कुमार सक्सेना वेद प्रकाश जी उस दि न बड़े प्रसन्न थे। कई दिनों से चिंतित थे, निराशा जनित आतंक ने उनकी नींद हराम कर रखी थी। सोचा भी न था वातावरण ऐसा बदल जा...

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दुल्हन एक रात की By Kishanlal Sharma

राजेश लखनऊ का रहनेवाला था।उसका सोने चांदी का कारोबार था।वह नई नई डिजाइन के फैंसी गहने बनाकर बड़े बड़े शहरों में सप्लाई करता था।इसीलिए वह आगरा आया था।वह पूरे दो लाख रुपये के गहने लेे...

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अंतिम यात्रा या अंतर्यात्रा By Neelima Sharrma Nivia

मेदान्ता हॉस्पिटल की आई सी यू लॉबी में सब नाते रिश्तेदारों की भीड़ जमा थी। दौड़ते भागते फुसफुसाते चेहरों में एक भी अपना सा चेहरा नही लग रहा था। एक कुर्सी पर कोने में खामोशी से बैठ...

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नाकुशी-एक लड़की (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

बेटी के इन्टर पास करने के बाद यशवन्त पत्नी से बोला,"अब इसकी शादी कर देते है।"" शादी।अभी शादी।अभी इसकी उम्र ही क्या है,"पति की बात सुुुनकर शालिनी बोली,"अभी यह अठारह साल की हुई है...

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