सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • छल - Story of love and betrayal - 24

    मैडम बहुत कमजोर और बीमार सी दिख रही थी तभी अचानक बिजली कड़की और उनके घर की लाइट...

  • किलकारी- भाग ३

    अभी तक आपने पढ़ा अदिति की अनुमति लेकर अनाथाश्रम से बच्चा गोद लेने का विजय के परिव...

  • चाँद की किरचें

    बरसों पहले की याद उसे कुछ ऐसे आने लगी जैसे कोई गड़गड़ाता बड़ा सा बादल का भयंकर श...

छल - Story of love and betrayal - 24 By Sarvesh Saxena

मैडम बहुत कमजोर और बीमार सी दिख रही थी तभी अचानक बिजली कड़की और उनके घर की लाइट चली गई, वो घबराकर मेरा हाथ पकड़ कर बाहर की ओर भागी, बारिश तेज़ हो गई थी, हम दोनों टैक्सी में बैठ गए,...

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किलकारी- भाग ३ By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा अदिति की अनुमति लेकर अनाथाश्रम से बच्चा गोद लेने का विजय के परिवार ने सामूहिक निर्णय ले लिया और चर्चा इस बात पर शुरू हो गई कि बेटा लें या बेटी। अंततः इसी निर्णय पर...

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चाँद की किरचें By Pranava Bharti

बरसों पहले की याद उसे कुछ ऐसे आने लगी जैसे कोई गड़गड़ाता बड़ा सा बादल का भयंकर शोर मचाता टुकड़ा मन के आँगन में टूटने की तैयारी में हो | दो निस्तब्ध सूनी आँखों में न जाने क्या भरा था...

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काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 1 By rajeshdaniel

बिहार के एक छोटे से कसबे का नाम है काढ़ागोला। इसे काढ़ागोला कहें या बरारी अथवा गुरुबाजार । ऐतिहासिक महत्त्व से देखें तो शेरशाह सूरी ने यहाँ से गंगा दार्जीलिंग सड़क का निर्माण करवाया थ...

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इंसान की पहचान काम से नही शिक्षा और विचार से होती है By NEELKAMAL GAUTAM

एक दिन की बात थी महाशिवरात्रि का दिन था चारो ओर से रास्ते बंद थे क्योंकि मंदिर पर अधिक भीड़ होती है मै और मेरे मिलने वाले एक स्थान पर बैठे थे तो मैंने देखा की लड़के एक लड़की का पीछ...

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शादी एक पिंजरा By shama parveen

नायरा जो एक बैंक मैनेजर है। और वो बहुत ही मेहनती और खुले विचारो वाली लडकी है। जिसे अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीना पसन्द है। उसे शादी के नाम से ही परेशानी है। वो बस यू ही अपनी ज़िं...

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फ़िर बेटा कैसे ख़राब हुआ By Ratna Pandey

बारह वर्ष का पवन कुछ दिनों से घर में बहुत ही उदास रहने लगा था। दिन भर उछल-कूद करना, अपनी बहन को तंग करना, मस्ती करना, सब कुछ बंद था। अब वह अपनी बहन के साथ बात-बात पर झगड़ा भी करने...

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भटकाव By Rama Sharma Manavi

जिंदगी के सफ़र में अत्यंत अजीबोगरीब घटनाएं घटती रहती हैं।मैं एक शिक्षित 44 वर्षीय हाउस वाइफ हूँ।ग्रेजुएशन में ही विवाह कर दिया गया था, पति के प्रोत्साहन से विवाहोपरांत मैंने PG क...

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अंत... एक नई शुरुआत - अंतिम भाग By निशा शर्मा

आज ईश्वर की कृपा से मेरे पास सबकुछ है । एक बहुत अच्छा और अपनी माँ को बहुत प्यार करने वाला बेटा, सबका सम्मान करने वाली मेरी लाडली बहू और हाँ समीर की माँ भी आज मेरे हर एक फैसले में म...

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असली अपराधी (भाग-4) By Ruchika Khanna

अचानक जगन ने पूछा, "बिट्टू, क्या आपने श्री शुक्ला (जिन्होंने पहले ही हत्या-अनुबंध दिया है) का अनुबंध पूरा कर लिया है? बिट्टू ने जवाब दिया, "नहीं बॉस"। जगन ने जल्द से जल्द कार्य पूर...

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बसेरा By Dr Jaya Shankar Shukla

"बसेरा" -डा जय शंकर शुक्लधूल-भरे रास्ते उस पर जेठ की तिलमिलाती गर्मी को सहते, मजदूरों का कारवां बढ़ा जा रहा है, अपने गंतव्य की ओर । मजदूरों का ये कारवां अंत म...

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कजरी- अंतिम भाग By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा निशा की अलमारी में सफेद पर्स से निकली 'आई विल किल यू' की पर्चियाँ देख कर नवीन के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई। निशा के मुँह से कजरी का नाम सुनते ही नवीन समझ गय...

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आत्म सम्मान By Dr Jaya Shankar Shukla

"आत्म सम्मान" डा जय शंकर शुक्लछुआछूत के रोग से ग्रसित रोगी, स्वस्थ हो जाने पर भी काफी दिन तक क्वॉरेंटाइन मैं रहता है क्वॉरेंटाइन में रहना उसकी मजबूरी है ज...

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गुमनाम क्रांतिकारी By Harshit Ranjan

हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों ने प्रयास किया था और उनके बलिदानों का ज़िक्र आज भी हमारे इतिहास में है । लेेेकि कई क्रांतिकारी ऐसे भी...

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अनपढ़ By Dr Jaya Shankar Shukla

"अनपढ़" -डा जय शंकर शुक्लदोपहर का समय, फिर भी हल्की-हल्की धूप खिली है। फाल्गुन का उत्सव, होली का दिन चारों ओर धूम-धम्क्कड़ ढोल-नगाडों के साथ नाचती-गात...

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चंद्रशेखर आज़ाद By Harshit Ranjan

चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म सन् 1906 में मध्यप्रदेश के भाभरा गाँव में हुआ था । उनके पिताजी का नाम सीताराम तिवारी तथा माताजी का नाम जगरानी तिवारी था । उनके पिता संस्स्कृत भाषा के बहुत ब...

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नातेदार By Dr Jaya Shankar Shukla

सारा सामान लेकर वह स्टेशन पर आ गया। वेटिंग रूम में पहुँचने पर वेंटिग रूम के इंचार्ज ने उसे बताया कि रात में यहाँ सामान-चोर आते हैं। अतः अपने सामान के प्रति सावधानी रखें। दिव्यांश अ...

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एक नई राह  By Ratna Pandey

दिन प्रतिदिन शांतनु की बिगड़ती आदतों से परेशान होकर रुचि ने उससे कहा, “शांतनु तुम्हें अपने आप को बदलना होगा। तुम्हारी यह रंगरेलियां मैं सहन नहीं कर पाऊंगी। तुम्हें क्या लगता है, मु...

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औरत कभी रिटायर नहीं होती By Ranjana Jaiswal

मम्मी जी बहुत बीमार थीं |बिस्तर से सिर्फ नीति-क्रिया से निबटने के लिए ही किसी तरह उठतीं |कभी-कभी नहीं उठ पातीं तो घर के किसी सदस्य को मदद के लिए पुकारतीं |पापा जी दिन-रात उनकी देखभ...

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ज़िंदगी के इंद्रधनुषी रंग By kirti chaturvedi

कहते हैं कि होई वही जो रब रची राखा। कभी—कभी ज़िंदगी में ऐसे लम्हे गुजरतें हैं कि पता ही नहीं होता कि ज़िंदगी किस ओर करवट लेगी। हम सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी के फैसले हम ले रहे होते...

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घोंसला By Ratna Pandey

अधेड़ उम्र की यमुना के घर के बाहर आँगन में एक विशाल वृक्ष था। उस वृक्ष पर कई पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते थे। यमुना हर सुबह पक्षियों को दाना डालती और पक्षी भी रोज़ दाना चुगने नीचे...

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स्वीकृति - 11 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 11 सुष्मिता को जल्द ही याद आ जाता है कि दुकान के बाहर जो शख्स खड़ा है उसे उसने पहले कहाँ देखा था . उसने उसे अपने पिता के उसी कमरे में एक बार देखा था , जिस कमरे में उसे य...

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वैवाहिक विज्ञापन By Rama Sharma Manavi

5 फिट 7 इंच,गेहुआँ रँग,MBA, मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत युवक हेतु गौरवर्णी,लंबी, उच्चशिक्षित, सुंदर, संस्कारी,गृहकार्यदक्ष,सजातीय वधू की आवश्यकता है। अक्सर वैवाहिक विज्ञापन के...

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14 फरवरी 2019 By Damini

पीली-पीली सरसों के खेतों के बीच भागती सुनीता माँ- बापू को आवाज़ें लगा रही थी। "अम्मा-अम्मा फोन आया है भाई का फोन आया है।" सावित्री खेतों में काम करते हुए हंसिया से खरपतवार हटा रही...

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बेटा यही सही है   By Ratna Pandey

स्वाति के विवाह को दो वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे कि दुर्भाग्य, सौभाग्य की हत्या कर उसके जीवन में हमेशा के लिए प्रवेश कर गया। जितना दुःख पूनम और अजय को अपने बेटे को खोने का था, उतना ह...

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भैया मुझे माफ़ कर दो  By Ratna Pandey

नवीन और मानव दोनों भाइयों की उम्र में केवल एक वर्ष का ही अंतर था। नवीन मानव से बड़ा था, बचपन से दोनों साथ में खेलते-कूदते बड़े हुए थे। नवीन मानव से ज़्यादा प्रतिभाशाली था, चाहे पढ़ा...

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गुलाबी लिफाफा By kirti chaturvedi

आज समीर की शादी की पच्चीसवीं सालहिरह थी। शाम में सब दोस्त और परिवारजन आने वाले थे। वह मंदिर सुबह ही जाकर लौट आया था। उसकी पत्नी बच्चों को लेकर बाजार निकल गई थी। एक कप काफी लेकर वह...

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माता कुमाता न भवति By Indresh Kumar Uniyal

“पापा जल्दी बाहर आओ” छोटी पुत्री क्षिप्रा की पुकार सुनकर किसी अनिष्ट की आशंका से चिंतित गोपाल तेजी से घर के मुख्यद्वार पर पहुँचा. देखा तो उसकी दोनों पुत्रियाँ एक अपरिचित वृद्ध महिल...

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ए असफल की कहानियाँ By अशोक असफल

मातृभारती पर प्रकाशित मेरी कहानियों का यह पहला सेट है। पाठकों द्वारा पसंद किए जाने पर अगला सेट भी प्रस्तुत किया जाएगा।

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ज़िन्दगी - 4 By Mehul Pasaya

जी इट्स ओके भैयाअरे नही बेटा गर्मी से बिमार पड सकते हो सो आप ये रुमाल लो और मुह साफ कार्लोओके भौया लाओहा ये लो। हम्म अब ये जैसे ही इस रुमाल से अपना मुह साफ करेगी ये बेहोश हो जायेगी...

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छल - Story of love and betrayal - 24 By Sarvesh Saxena

मैडम बहुत कमजोर और बीमार सी दिख रही थी तभी अचानक बिजली कड़की और उनके घर की लाइट चली गई, वो घबराकर मेरा हाथ पकड़ कर बाहर की ओर भागी, बारिश तेज़ हो गई थी, हम दोनों टैक्सी में बैठ गए,...

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किलकारी- भाग ३ By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा अदिति की अनुमति लेकर अनाथाश्रम से बच्चा गोद लेने का विजय के परिवार ने सामूहिक निर्णय ले लिया और चर्चा इस बात पर शुरू हो गई कि बेटा लें या बेटी। अंततः इसी निर्णय पर...

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चाँद की किरचें By Pranava Bharti

बरसों पहले की याद उसे कुछ ऐसे आने लगी जैसे कोई गड़गड़ाता बड़ा सा बादल का भयंकर शोर मचाता टुकड़ा मन के आँगन में टूटने की तैयारी में हो | दो निस्तब्ध सूनी आँखों में न जाने क्या भरा था...

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काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 1 By rajeshdaniel

बिहार के एक छोटे से कसबे का नाम है काढ़ागोला। इसे काढ़ागोला कहें या बरारी अथवा गुरुबाजार । ऐतिहासिक महत्त्व से देखें तो शेरशाह सूरी ने यहाँ से गंगा दार्जीलिंग सड़क का निर्माण करवाया थ...

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इंसान की पहचान काम से नही शिक्षा और विचार से होती है By NEELKAMAL GAUTAM

एक दिन की बात थी महाशिवरात्रि का दिन था चारो ओर से रास्ते बंद थे क्योंकि मंदिर पर अधिक भीड़ होती है मै और मेरे मिलने वाले एक स्थान पर बैठे थे तो मैंने देखा की लड़के एक लड़की का पीछ...

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शादी एक पिंजरा By shama parveen

नायरा जो एक बैंक मैनेजर है। और वो बहुत ही मेहनती और खुले विचारो वाली लडकी है। जिसे अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीना पसन्द है। उसे शादी के नाम से ही परेशानी है। वो बस यू ही अपनी ज़िं...

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फ़िर बेटा कैसे ख़राब हुआ By Ratna Pandey

बारह वर्ष का पवन कुछ दिनों से घर में बहुत ही उदास रहने लगा था। दिन भर उछल-कूद करना, अपनी बहन को तंग करना, मस्ती करना, सब कुछ बंद था। अब वह अपनी बहन के साथ बात-बात पर झगड़ा भी करने...

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भटकाव By Rama Sharma Manavi

जिंदगी के सफ़र में अत्यंत अजीबोगरीब घटनाएं घटती रहती हैं।मैं एक शिक्षित 44 वर्षीय हाउस वाइफ हूँ।ग्रेजुएशन में ही विवाह कर दिया गया था, पति के प्रोत्साहन से विवाहोपरांत मैंने PG क...

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अंत... एक नई शुरुआत - अंतिम भाग By निशा शर्मा

आज ईश्वर की कृपा से मेरे पास सबकुछ है । एक बहुत अच्छा और अपनी माँ को बहुत प्यार करने वाला बेटा, सबका सम्मान करने वाली मेरी लाडली बहू और हाँ समीर की माँ भी आज मेरे हर एक फैसले में म...

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असली अपराधी (भाग-4) By Ruchika Khanna

अचानक जगन ने पूछा, "बिट्टू, क्या आपने श्री शुक्ला (जिन्होंने पहले ही हत्या-अनुबंध दिया है) का अनुबंध पूरा कर लिया है? बिट्टू ने जवाब दिया, "नहीं बॉस"। जगन ने जल्द से जल्द कार्य पूर...

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बसेरा By Dr Jaya Shankar Shukla

"बसेरा" -डा जय शंकर शुक्लधूल-भरे रास्ते उस पर जेठ की तिलमिलाती गर्मी को सहते, मजदूरों का कारवां बढ़ा जा रहा है, अपने गंतव्य की ओर । मजदूरों का ये कारवां अंत म...

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कजरी- अंतिम भाग By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा निशा की अलमारी में सफेद पर्स से निकली 'आई विल किल यू' की पर्चियाँ देख कर नवीन के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई। निशा के मुँह से कजरी का नाम सुनते ही नवीन समझ गय...

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आत्म सम्मान By Dr Jaya Shankar Shukla

"आत्म सम्मान" डा जय शंकर शुक्लछुआछूत के रोग से ग्रसित रोगी, स्वस्थ हो जाने पर भी काफी दिन तक क्वॉरेंटाइन मैं रहता है क्वॉरेंटाइन में रहना उसकी मजबूरी है ज...

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गुमनाम क्रांतिकारी By Harshit Ranjan

हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों ने प्रयास किया था और उनके बलिदानों का ज़िक्र आज भी हमारे इतिहास में है । लेेेकि कई क्रांतिकारी ऐसे भी...

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अनपढ़ By Dr Jaya Shankar Shukla

"अनपढ़" -डा जय शंकर शुक्लदोपहर का समय, फिर भी हल्की-हल्की धूप खिली है। फाल्गुन का उत्सव, होली का दिन चारों ओर धूम-धम्क्कड़ ढोल-नगाडों के साथ नाचती-गात...

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चंद्रशेखर आज़ाद By Harshit Ranjan

चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म सन् 1906 में मध्यप्रदेश के भाभरा गाँव में हुआ था । उनके पिताजी का नाम सीताराम तिवारी तथा माताजी का नाम जगरानी तिवारी था । उनके पिता संस्स्कृत भाषा के बहुत ब...

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नातेदार By Dr Jaya Shankar Shukla

सारा सामान लेकर वह स्टेशन पर आ गया। वेटिंग रूम में पहुँचने पर वेंटिग रूम के इंचार्ज ने उसे बताया कि रात में यहाँ सामान-चोर आते हैं। अतः अपने सामान के प्रति सावधानी रखें। दिव्यांश अ...

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एक नई राह  By Ratna Pandey

दिन प्रतिदिन शांतनु की बिगड़ती आदतों से परेशान होकर रुचि ने उससे कहा, “शांतनु तुम्हें अपने आप को बदलना होगा। तुम्हारी यह रंगरेलियां मैं सहन नहीं कर पाऊंगी। तुम्हें क्या लगता है, मु...

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औरत कभी रिटायर नहीं होती By Ranjana Jaiswal

मम्मी जी बहुत बीमार थीं |बिस्तर से सिर्फ नीति-क्रिया से निबटने के लिए ही किसी तरह उठतीं |कभी-कभी नहीं उठ पातीं तो घर के किसी सदस्य को मदद के लिए पुकारतीं |पापा जी दिन-रात उनकी देखभ...

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ज़िंदगी के इंद्रधनुषी रंग By kirti chaturvedi

कहते हैं कि होई वही जो रब रची राखा। कभी—कभी ज़िंदगी में ऐसे लम्हे गुजरतें हैं कि पता ही नहीं होता कि ज़िंदगी किस ओर करवट लेगी। हम सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी के फैसले हम ले रहे होते...

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घोंसला By Ratna Pandey

अधेड़ उम्र की यमुना के घर के बाहर आँगन में एक विशाल वृक्ष था। उस वृक्ष पर कई पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते थे। यमुना हर सुबह पक्षियों को दाना डालती और पक्षी भी रोज़ दाना चुगने नीचे...

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स्वीकृति - 11 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 11 सुष्मिता को जल्द ही याद आ जाता है कि दुकान के बाहर जो शख्स खड़ा है उसे उसने पहले कहाँ देखा था . उसने उसे अपने पिता के उसी कमरे में एक बार देखा था , जिस कमरे में उसे य...

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वैवाहिक विज्ञापन By Rama Sharma Manavi

5 फिट 7 इंच,गेहुआँ रँग,MBA, मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत युवक हेतु गौरवर्णी,लंबी, उच्चशिक्षित, सुंदर, संस्कारी,गृहकार्यदक्ष,सजातीय वधू की आवश्यकता है। अक्सर वैवाहिक विज्ञापन के...

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14 फरवरी 2019 By Damini

पीली-पीली सरसों के खेतों के बीच भागती सुनीता माँ- बापू को आवाज़ें लगा रही थी। "अम्मा-अम्मा फोन आया है भाई का फोन आया है।" सावित्री खेतों में काम करते हुए हंसिया से खरपतवार हटा रही...

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बेटा यही सही है   By Ratna Pandey

स्वाति के विवाह को दो वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे कि दुर्भाग्य, सौभाग्य की हत्या कर उसके जीवन में हमेशा के लिए प्रवेश कर गया। जितना दुःख पूनम और अजय को अपने बेटे को खोने का था, उतना ह...

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भैया मुझे माफ़ कर दो  By Ratna Pandey

नवीन और मानव दोनों भाइयों की उम्र में केवल एक वर्ष का ही अंतर था। नवीन मानव से बड़ा था, बचपन से दोनों साथ में खेलते-कूदते बड़े हुए थे। नवीन मानव से ज़्यादा प्रतिभाशाली था, चाहे पढ़ा...

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गुलाबी लिफाफा By kirti chaturvedi

आज समीर की शादी की पच्चीसवीं सालहिरह थी। शाम में सब दोस्त और परिवारजन आने वाले थे। वह मंदिर सुबह ही जाकर लौट आया था। उसकी पत्नी बच्चों को लेकर बाजार निकल गई थी। एक कप काफी लेकर वह...

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माता कुमाता न भवति By Indresh Kumar Uniyal

“पापा जल्दी बाहर आओ” छोटी पुत्री क्षिप्रा की पुकार सुनकर किसी अनिष्ट की आशंका से चिंतित गोपाल तेजी से घर के मुख्यद्वार पर पहुँचा. देखा तो उसकी दोनों पुत्रियाँ एक अपरिचित वृद्ध महिल...

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ए असफल की कहानियाँ By अशोक असफल

मातृभारती पर प्रकाशित मेरी कहानियों का यह पहला सेट है। पाठकों द्वारा पसंद किए जाने पर अगला सेट भी प्रस्तुत किया जाएगा।

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ज़िन्दगी - 4 By Mehul Pasaya

जी इट्स ओके भैयाअरे नही बेटा गर्मी से बिमार पड सकते हो सो आप ये रुमाल लो और मुह साफ कार्लोओके भौया लाओहा ये लो। हम्म अब ये जैसे ही इस रुमाल से अपना मुह साफ करेगी ये बेहोश हो जायेगी...

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