सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 2 By Kishanlal Sharma

उसे जबरदस्ती मंडप के नीचे बैठा दिया गया।उसके बैठते ही वह आदमी बोला,"पंडितजी जल्दी से आप फेरे डलवा दे""जी जजमान।"और पंडित जल्दी जल्दी सब काम करने लगा।अनुपम ने बहुत विरोध किया।बचने क...

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आंसु पश्चाताप के - भाग 8 By Deepak Singh

आंसु पश्चाताप के, भाग 8नहीं पापा मैं उनकी परछाई तक नहीं देखूगी , ज्योती मेरे लिये नहीं मेरी माँ के लिये तरस खाओ , जब तुम मेरे लिए कुछ नहीं हो तो तुम्हारी माँ क्या खाक है , ठीक है ज...

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प्रतीक्षा (पार्ट 2) By Kishanlal Sharma

उसकी इस आदत की वजह से उसे हर पीरियड में टीचर की डांट खानी पड़ती।पर उस पर इसका कोई ज्यादा असर न पड़ता।वह एकदम फारवर्ड थी।वह किसी से भी नही घबराती थी।लड़को से भी धड़ल्ले से बात करती थी।ह...

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अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) By Kishanlal Sharma

शेखर के उतेजित होने पर भी वर्षा ने उसकी बात का जवाब शांत स्वर में दिया था"क्या कह रही हो डार्लिंग?"गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए वर्षा की तरफ खिसकते हुए प्यार से बोला।"सच कह रही हूँ।...

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पेज 3 समाज सेवा By prabhat samir

डाॅ प्रभात समीर ' जीवन विहार ' नाम की इस कॉलोनी में जाने के लिए पक्की सड़क से मुड़कर थोड़ा सा कच्चा रास्ता पार करना पड़ता था । इस कॉलोनी में एक ही ऑफिस के लगभग 30-40 घर बने...

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धर्म युद्ध By Dinesh Tripathi

विजया दशमी का शुभ दिन, सभी लोग जवारा निकालने की तैयारी में जुटने लगे।ढोल,नगारे, शंख,घण्टा आदि सभी संगीत के आयाम मौजूद थे।माँ दुर्गे की प्रतिमा सुसज्जित रथ पर खड़ी जैसे अपने भक्तों प...

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बिटिया By Sharovan

बिटिया कहानी / शरोवन *** ‘जीवन के रास्ते चलने वालों को कहॉ से कहॉ पहुंचा सकते हैं? इसकी पहले से कोई कल्पना भी नहीं कर पाता है। बदले की भावना में अंगार बना-बैठा मानव जब खुद एक दिन प...

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लोग क्या सोचेंगे? By Praveen kumrawat

दोस्तो! जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं जो हमें दुविधा में डाल देती हैं और मन में कई प्रकार के प्रश्न उठने लगते हैं। जैसे कि जो मैं कर रहा हूँ वह सही तो है ना? मैंने जो फील...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 29) By Kishanlal Sharma

सायरा अपना कप उठाते हुए बोली,"आजकल तुम कहाँ हो?""तीस साल पहले पोर्ट ब्लेयर गया था।वही हूँ।""तो क्या इधर आने का इरादा नही है?""नही सायरा।अब तो मै वहाँ का होकर ही रह गया हूँ,"चाय पीत...

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अनीश निकेतन (एक प्यारा सा घर) By धरमा

अनीश निकेतन (एक प्यारा सा घर) हम दो भाई बचे थे एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नही हम दोनों भाई कब एक दूसरे से दूर होते गए, एक ही मकान में रह...

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राणा हरराय चौहान By दिनू

हरियाणा के संस्थापक क्षत्रिय राजपूत सम्राट राणा हरराय चौहान जी ।। मित्रों आज हम आपको चौहान वंश के ऐसे वीर यौद्धा की गाथा सुनाएंगे जिनके बारे आज बहुत कम लोग जानते हैं,एक समय हरियाणा...

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हिंदी भाषा की विडंबना By RICHA TIWARI

एक दिन में भोपाल के बहुत ही प्रसिद्ध और जाने-माने निजी विश्वविद्यालय में इतिहास के सहायक प्राध्यापक का इंटरव्यू देने गई । जैसे ही मैंने वहां पर इंटरव्यू के लिए अंदर प्रवेश किया, वह...

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फोस्टर चाइल्ड By Sharovan

फोस्टर चाइल्ड- 'क्या नाम है तुम्हारा?''आपको मालुम है कि मेरा नाम क्या है?''फिर भी मैं तुमसे पूछता हूँ?''क्यों?''यह इस कोर्ट का नियम है कि आरोपी...

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निर्मलधारा By Sharovan

निर्मलधारा कहानी / शरोवन वर्षों के बाद जब एक बार फिर से मुझे दंदियाबाड़ा कि भीषण गर्मी और कानों की कनपटियों को अपनी तमतमाती गर्म और पसीने से परेशान करती हुई लू से वास्ता करना पड़ा तो...

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बहुत करीब मंजिल - भाग 12 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

नन्नू का इस तरह दादी के कमरे में जाकर तारा को बुलाना माँ-पिताजी और चंदा की धकड़ने बढ़ा रहा था। वो एक-दूसरे को प्रश्नवाचक दृष्टि से देख रहे थे कि क्या जवाब दें नन्नू को, कहाँ है इसकी...

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गुरु घासीदास जयंती से सामाजिक विकास की बात By Manjre Manjre

     छत्तीसगढ़ में सतनामियों के लिए गुरु घासीदास जयंती का उपलक्ष्य एक बहुत बड़ा आयोजन और अवसर होता है. क्योंकि, वे लोग गुरु घासीदास जी के अनुयायी तथा सतनामी धर्म के मानने वाले होते ह...

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खुशीयों की दिवाली By दिनू

आज जब चारों ओर भाग- दौड़ मची हुई है। कैरियर को लेकर कितनी अथक मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से जब हम जब किसी पद प्रतिष्ठा में स्थापित हो पाते है। तब हमारी आकांक्षाए बढ़ जाती है। पह...

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माँ की ममता By धरमा

न्यायालय में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के...

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भंगिन By Sharovan

भंगिन शरोवन की एक ज्वलंत कहानी अचानक से आकाश में जैसे भटकी हुई बदलियों ने चमकते हुये चन्द्रमा के मुख पर अपनी चादर डाल दी तो पल भर में ही सारा आलम फैली हुई स्याही के रंग में नहा गया...

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शहीद भगत सिंह By धरमा

सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्...

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प्रमोशन By Ashwajit Patil

            अनिशा बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी होकर अपने चेहरे को ही देखे जा रही थी. उसके चेहरे पर डर और परेशानी के भाव स्पष्ट देखे जा सकते थे. उसका दिल जोरो से धड़क रहा था. उसके...

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जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 9 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

अम्मी को समझाते और अपनी फिक्र करते अब्बू के भावुक हो जाने पर अम्मी को समझाते हुए शबनम बोली- "अम्मी आप तो आप बिलाल के मिजाज के बारे में भी जानती हैं और और हमारे मिजाज को भी अच्छी तर...

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सूनी सड़क का मोहताज By Sharovan

'नीरव की पत्नी नीली अचानक से गायब हो गई और बहुत प्रयास तथा खोजने के पश्चात भी जब उसका कुछ पता नहीं चल सका तो जि़न्दगी के इस दर्दभरे हादसे ने उसके भविष्य में अंधकार के काले बादल...

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बचपन की दीपावली By दिनू

बचपन वाली दीपावली बचपन की दीपावली का मतलब छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और उसके बाद गंगा स्नान (कार्तिकी) की तैयारी हुआ करता था। धनतेरस और भैया दूज कम से कम हमारे गांव में तो नहीं मनाया...

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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 2 By Kishanlal Sharma

उसे जबरदस्ती मंडप के नीचे बैठा दिया गया।उसके बैठते ही वह आदमी बोला,"पंडितजी जल्दी से आप फेरे डलवा दे""जी जजमान।"और पंडित जल्दी जल्दी सब काम करने लगा।अनुपम ने बहुत विरोध किया।बचने क...

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आंसु पश्चाताप के - भाग 8 By Deepak Singh

आंसु पश्चाताप के, भाग 8नहीं पापा मैं उनकी परछाई तक नहीं देखूगी , ज्योती मेरे लिये नहीं मेरी माँ के लिये तरस खाओ , जब तुम मेरे लिए कुछ नहीं हो तो तुम्हारी माँ क्या खाक है , ठीक है ज...

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उसकी इस आदत की वजह से उसे हर पीरियड में टीचर की डांट खानी पड़ती।पर उस पर इसका कोई ज्यादा असर न पड़ता।वह एकदम फारवर्ड थी।वह किसी से भी नही घबराती थी।लड़को से भी धड़ल्ले से बात करती थी।ह...

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अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) By Kishanlal Sharma

शेखर के उतेजित होने पर भी वर्षा ने उसकी बात का जवाब शांत स्वर में दिया था"क्या कह रही हो डार्लिंग?"गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए वर्षा की तरफ खिसकते हुए प्यार से बोला।"सच कह रही हूँ।...

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धर्म युद्ध By Dinesh Tripathi

विजया दशमी का शुभ दिन, सभी लोग जवारा निकालने की तैयारी में जुटने लगे।ढोल,नगारे, शंख,घण्टा आदि सभी संगीत के आयाम मौजूद थे।माँ दुर्गे की प्रतिमा सुसज्जित रथ पर खड़ी जैसे अपने भक्तों प...

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बिटिया By Sharovan

बिटिया कहानी / शरोवन *** ‘जीवन के रास्ते चलने वालों को कहॉ से कहॉ पहुंचा सकते हैं? इसकी पहले से कोई कल्पना भी नहीं कर पाता है। बदले की भावना में अंगार बना-बैठा मानव जब खुद एक दिन प...

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दोस्तो! जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं जो हमें दुविधा में डाल देती हैं और मन में कई प्रकार के प्रश्न उठने लगते हैं। जैसे कि जो मैं कर रहा हूँ वह सही तो है ना? मैंने जो फील...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 29) By Kishanlal Sharma

सायरा अपना कप उठाते हुए बोली,"आजकल तुम कहाँ हो?""तीस साल पहले पोर्ट ब्लेयर गया था।वही हूँ।""तो क्या इधर आने का इरादा नही है?""नही सायरा।अब तो मै वहाँ का होकर ही रह गया हूँ,"चाय पीत...

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अनीश निकेतन (एक प्यारा सा घर) By धरमा

अनीश निकेतन (एक प्यारा सा घर) हम दो भाई बचे थे एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नही हम दोनों भाई कब एक दूसरे से दूर होते गए, एक ही मकान में रह...

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राणा हरराय चौहान By दिनू

हरियाणा के संस्थापक क्षत्रिय राजपूत सम्राट राणा हरराय चौहान जी ।। मित्रों आज हम आपको चौहान वंश के ऐसे वीर यौद्धा की गाथा सुनाएंगे जिनके बारे आज बहुत कम लोग जानते हैं,एक समय हरियाणा...

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हिंदी भाषा की विडंबना By RICHA TIWARI

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फोस्टर चाइल्ड By Sharovan

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निर्मलधारा By Sharovan

निर्मलधारा कहानी / शरोवन वर्षों के बाद जब एक बार फिर से मुझे दंदियाबाड़ा कि भीषण गर्मी और कानों की कनपटियों को अपनी तमतमाती गर्म और पसीने से परेशान करती हुई लू से वास्ता करना पड़ा तो...

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बहुत करीब मंजिल - भाग 12 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

नन्नू का इस तरह दादी के कमरे में जाकर तारा को बुलाना माँ-पिताजी और चंदा की धकड़ने बढ़ा रहा था। वो एक-दूसरे को प्रश्नवाचक दृष्टि से देख रहे थे कि क्या जवाब दें नन्नू को, कहाँ है इसकी...

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गुरु घासीदास जयंती से सामाजिक विकास की बात By Manjre Manjre

     छत्तीसगढ़ में सतनामियों के लिए गुरु घासीदास जयंती का उपलक्ष्य एक बहुत बड़ा आयोजन और अवसर होता है. क्योंकि, वे लोग गुरु घासीदास जी के अनुयायी तथा सतनामी धर्म के मानने वाले होते ह...

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माँ की ममता By धरमा

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भंगिन By Sharovan

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शहीद भगत सिंह By धरमा

सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्...

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            अनिशा बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी होकर अपने चेहरे को ही देखे जा रही थी. उसके चेहरे पर डर और परेशानी के भाव स्पष्ट देखे जा सकते थे. उसका दिल जोरो से धड़क रहा था. उसके...

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अम्मी को समझाते और अपनी फिक्र करते अब्बू के भावुक हो जाने पर अम्मी को समझाते हुए शबनम बोली- "अम्मी आप तो आप बिलाल के मिजाज के बारे में भी जानती हैं और और हमारे मिजाज को भी अच्छी तर...

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सूनी सड़क का मोहताज By Sharovan

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बचपन की दीपावली By दिनू

बचपन वाली दीपावली बचपन की दीपावली का मतलब छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और उसके बाद गंगा स्नान (कार्तिकी) की तैयारी हुआ करता था। धनतेरस और भैया दूज कम से कम हमारे गांव में तो नहीं मनाया...

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