सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • ख़ैरात

    "ख़ैरात" दीनू से उसकी मां ने पूछा डीलर के पास मिलने गया था; वहाँ कुछ मिला कि नहीं...

  • लड़के भी रोते हैं - पार्ट 2

    अट्ठारह साल की उम्र हुए आज 17 दिन होने वाले थे उसे । उसे अपनी जिंदगी की जिम्मेदा...

  • दूसरी वसीयत

    दूसरी वसीयत कहानी/शरोवन *** ‘जगतभाई ने बहुत कुछ खोया, बहुत कुछ पाया भी। इस दुनिय...

सफर से पहले ही - अंतिम भाग By Kishanlal Sharma

फिर एक दिन उसके कानों में भनक पड़ी की उसे वर्धआश्रम भेजने की तैयारी हो रही है।यह जानकर उसके कलेजे के टुकड़े हो गए।मा बाप बेटे के पैदा होने की चाहत इसलिए रखते है कि बेटा बुढ़ापे में उन...

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रिहाई कि इमरती By नंदलाल मणि त्रिपाठी

रिहाई कि इमरती -स्वतंत्रता किसी भी प्राणि का जन्म सिद्ध अधिकार है जिसे कभी छीना नहीं जा सकता हां कभी कभी प्राणि विशेष कर मनुष्य अपने अहंकार शक्ति दंभ के उत्कर्ष में एक दूसरे को परत...

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युगांतर - भाग 10 By Dr. Dilbag Singh Virk

मायके जाने का ख्याल भले उसे आया, लेकिन उसे पता था कि इस प्रकार मायके जाना अच्छी बात नहीं। 'पति-पत्नी में अगर तकरार हो जाए तो मायके का रौब नहीं दिखाना', यही तो सिखाया था उसक...

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ख़ैरात By प्रवीण कुमार शर्मा

"ख़ैरात" दीनू से उसकी मां ने पूछा डीलर के पास मिलने गया था; वहाँ कुछ मिला कि नहीं ? "नहीं मिला माँ ",दीनू ने सिर ना में हिला दिया और उदास होकर बैठ गया. "क्या कहा उसने"? माँ ने पूछा....

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लड़के भी रोते हैं - पार्ट 2 By Saurabh kumar Thakur

अट्ठारह साल की उम्र हुए आज 17 दिन होने वाले थे उसे । उसे अपनी जिंदगी की जिम्मेदारियों का एहसास होने लगा था, शायद उसे पता चल रहा था कि अब अपना जिंदगी जीने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा...

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एक नया रास्ता - 6 By Kishanlal Sharma

और जब राजन ऑफिस पर चला गया तब सुनीता ने कल्पना को अपने पास बुलाया।"कल्पना मैं तुम्हे अपनी बहन बनाना चाहती हूँ।""आप भी क्या दीदी,"कल्पना,सुनीता की बात सुनकर बोली,"मैं आपकी बहन ही तो...

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दूसरी वसीयत By Sharovan

दूसरी वसीयत कहानी/शरोवन *** ‘जगतभाई ने बहुत कुछ खोया, बहुत कुछ पाया भी। इस दुनियां के हरेक रंग देखे। अपनों और परायों की परिभाषा को बार-बार पढ़ा और याद भी किया, लेकिन वे कभी इस बात...

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एक बार फिर से उजड़ गया मेरा घर By Vikas Kumar

आज चुनमुन चिड़िया बहुत खुश थी. उसने आज ही अपने छोटे-छोटे पंखों से उड़ना सीखा था. वो आस-पास के घरों के ऊपर से उड़कर इंसानों और उसके रंग-बिरंगे घरों को देख रही थी. कोई लाल रंग का, तो...

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मीत मेरे By Kishanlal Sharma

कालेज के गेट के बाहर आकर उसने जेब मे हाथ डाला।जेब खाली थी।वह जल्दी जल्दी में फोटो लाना ही भूल गया था।वैसे चलने से पहले उसने फोटो देख लिया था।कालेज की छुट्टी हो गयी थी।लड़कियां कालेज...

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कुछ अनकहे जज्बात! - Part 1 By Ankit Kumar

1.बिहारीएक बिहारी होना गर्व की बात है पर सिर्फ अपने राज्य मे जब आप किसी दूसरे राज्य मे जाते हो तो फिर आप एक गरीब राज्य का नेतृत्व करते हो । कहने के लिए बिहार वो राज्य है जहा संसार...

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अंधविश्वास -मानवता शर्मशार By नंदलाल मणि त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का अंतिम जनपद देवरिया एव जनपद का अंतिम नगर परिषद टाऊन एरिया लार सन उन्नीस सौ उन्तीस कि नगर पंचायत हैं।यहाँ से कुछ दूरी पर एक तरफ सरयु नदी बहती है तो कुछ द...

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मेहमान बन कर आएंगे  By Ratna Pandey

कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वसुधा ने अपने पति से कहा, "अशोक हम दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं, क्यों ना अब हम राहुल के साथ रहें। उन्हें सहारा मिल जाएगा और हमारे लिए भी...

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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 12 - अंतिम भाग By Kishanlal Sharma

"मैं नही मानता"""अनुपम यह तुम्हारे मानने का सवाल नही है।यह हमारी संस्कृति है,रीति रिवाज है,परंपराएं है।""रानी तुम जानती हो।मैं तुमसे प्यार करता हूँ।तुम्हे अपनी बनाना चाहता हूँ।""अन...

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एक वार्तालाप By Ratna Pandey

गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों बहनें सदियों से धरा पर अपना सौंदर्य बिखेर रही हैं। इंसानों, पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं, सभी को जीवन दान दे रही हैं। हर रोज़ तीनों बहनें एक स्थान पर ज़रूर...

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काल चक्र By Narendra Rajput

काल चक्र यह एक छोटी सी कहानी लिखने का बस एक ही उद्देश्य है की इसे पढ़ने के बाद शायद कोई आत्महत्या न करे। आप सब से बिनती है की ज्यादा से ज्यादा लोगो तक इस कहानी को पहुंचाए।  किसी एक...

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वो कौन था--अन्तिम भाग By Saroj Verma

इधर कभी लोग रहमत माई को भड़काते और वो ख़ुदा का कहर बन जाती। न अच्छी तरह सुन न देख पाए, न हाथ-पैरों पर काबू। एकदम गाली-गलौच पर उतर आई कि बौखला कर ठाकुर साहब उसे एक के बजाय दोनों बच्...

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खुली खिड़की... By Saroj Verma

मैं अभी पिछले हफ्ते ही इस फ्लैट में रहने आया हूँ,रोड के किनारे ही पहली मंजिल पर मुझे फ्लैट मिला है,चूँकि मैं अकेला हूँ इसलिए वन बी.एच.के. पर्याप्त था मेरे रहने के लिए,बड़ी मुश्किलों...

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प्रतीक्षा (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

माया का पति रमन चंडीगढ़ में इंजीनियर था।और शादी के बाद माया अपने ससुराल चली गई",सही कह रहे हो।लेकिन वह सब अतीत की बात है।अधूरा सपना। रुंंंधध गले से माया बोली।दुख और अवसाद की रेखाएं...

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लोग क्या कहेंगे ? By Praveen kumrawat

ऋषि एक रेस्टोरेंट में एंटर होता है?फ्रेंड्स : ओह! ऋषि तुम आ गए। हमे लगा कि तुम नही आओगे।ऋषि : मम्मी से बहाना बना कर आया हूं। उन्हें पता चला कि मैं हुक्का बार में हूं तो..तुषार : कम...

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आंसु पश्चाताप के - भाग 10 By Deepak Singh

आंसु पश्चाताप के, भाग 10समय बीतता गया दिन निकलते गये राहुल और निकी का आपसी प्रेम बढ़ता गया और ईसी बीच राहुल का जन्मदिन भी नजदीक आ गया । राहुल की मम्मी का माँ का फोन आया , " हैलो रा...

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अपाहिज़ By Shrikar Dixit

सबको सब कुछ वो खुदा नहीं देता है,हर इंसान को कुछ ना कुछ कमी देता है।इंसान ने दुनिया में काफी तरक्की कर ली, धरती से आसमान का सफ़र कर लिया,चांद पर पहुंच गया,मगर इंसान की मानसिकता नही...

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सफर से पहले ही - अंतिम भाग By Kishanlal Sharma

फिर एक दिन उसके कानों में भनक पड़ी की उसे वर्धआश्रम भेजने की तैयारी हो रही है।यह जानकर उसके कलेजे के टुकड़े हो गए।मा बाप बेटे के पैदा होने की चाहत इसलिए रखते है कि बेटा बुढ़ापे में उन...

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रिहाई कि इमरती By नंदलाल मणि त्रिपाठी

रिहाई कि इमरती -स्वतंत्रता किसी भी प्राणि का जन्म सिद्ध अधिकार है जिसे कभी छीना नहीं जा सकता हां कभी कभी प्राणि विशेष कर मनुष्य अपने अहंकार शक्ति दंभ के उत्कर्ष में एक दूसरे को परत...

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युगांतर - भाग 10 By Dr. Dilbag Singh Virk

मायके जाने का ख्याल भले उसे आया, लेकिन उसे पता था कि इस प्रकार मायके जाना अच्छी बात नहीं। 'पति-पत्नी में अगर तकरार हो जाए तो मायके का रौब नहीं दिखाना', यही तो सिखाया था उसक...

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ख़ैरात By प्रवीण कुमार शर्मा

"ख़ैरात" दीनू से उसकी मां ने पूछा डीलर के पास मिलने गया था; वहाँ कुछ मिला कि नहीं ? "नहीं मिला माँ ",दीनू ने सिर ना में हिला दिया और उदास होकर बैठ गया. "क्या कहा उसने"? माँ ने पूछा....

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लड़के भी रोते हैं - पार्ट 2 By Saurabh kumar Thakur

अट्ठारह साल की उम्र हुए आज 17 दिन होने वाले थे उसे । उसे अपनी जिंदगी की जिम्मेदारियों का एहसास होने लगा था, शायद उसे पता चल रहा था कि अब अपना जिंदगी जीने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा...

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एक नया रास्ता - 6 By Kishanlal Sharma

और जब राजन ऑफिस पर चला गया तब सुनीता ने कल्पना को अपने पास बुलाया।"कल्पना मैं तुम्हे अपनी बहन बनाना चाहती हूँ।""आप भी क्या दीदी,"कल्पना,सुनीता की बात सुनकर बोली,"मैं आपकी बहन ही तो...

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दूसरी वसीयत By Sharovan

दूसरी वसीयत कहानी/शरोवन *** ‘जगतभाई ने बहुत कुछ खोया, बहुत कुछ पाया भी। इस दुनियां के हरेक रंग देखे। अपनों और परायों की परिभाषा को बार-बार पढ़ा और याद भी किया, लेकिन वे कभी इस बात...

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एक बार फिर से उजड़ गया मेरा घर By Vikas Kumar

आज चुनमुन चिड़िया बहुत खुश थी. उसने आज ही अपने छोटे-छोटे पंखों से उड़ना सीखा था. वो आस-पास के घरों के ऊपर से उड़कर इंसानों और उसके रंग-बिरंगे घरों को देख रही थी. कोई लाल रंग का, तो...

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मीत मेरे By Kishanlal Sharma

कालेज के गेट के बाहर आकर उसने जेब मे हाथ डाला।जेब खाली थी।वह जल्दी जल्दी में फोटो लाना ही भूल गया था।वैसे चलने से पहले उसने फोटो देख लिया था।कालेज की छुट्टी हो गयी थी।लड़कियां कालेज...

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अंधविश्वास -मानवता शर्मशार By नंदलाल मणि त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का अंतिम जनपद देवरिया एव जनपद का अंतिम नगर परिषद टाऊन एरिया लार सन उन्नीस सौ उन्तीस कि नगर पंचायत हैं।यहाँ से कुछ दूरी पर एक तरफ सरयु नदी बहती है तो कुछ द...

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कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वसुधा ने अपने पति से कहा, "अशोक हम दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं, क्यों ना अब हम राहुल के साथ रहें। उन्हें सहारा मिल जाएगा और हमारे लिए भी...

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"मैं नही मानता"""अनुपम यह तुम्हारे मानने का सवाल नही है।यह हमारी संस्कृति है,रीति रिवाज है,परंपराएं है।""रानी तुम जानती हो।मैं तुमसे प्यार करता हूँ।तुम्हे अपनी बनाना चाहता हूँ।""अन...

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गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों बहनें सदियों से धरा पर अपना सौंदर्य बिखेर रही हैं। इंसानों, पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं, सभी को जीवन दान दे रही हैं। हर रोज़ तीनों बहनें एक स्थान पर ज़रूर...

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काल चक्र By Narendra Rajput

काल चक्र यह एक छोटी सी कहानी लिखने का बस एक ही उद्देश्य है की इसे पढ़ने के बाद शायद कोई आत्महत्या न करे। आप सब से बिनती है की ज्यादा से ज्यादा लोगो तक इस कहानी को पहुंचाए।  किसी एक...

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वो कौन था--अन्तिम भाग By Saroj Verma

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खुली खिड़की... By Saroj Verma

मैं अभी पिछले हफ्ते ही इस फ्लैट में रहने आया हूँ,रोड के किनारे ही पहली मंजिल पर मुझे फ्लैट मिला है,चूँकि मैं अकेला हूँ इसलिए वन बी.एच.के. पर्याप्त था मेरे रहने के लिए,बड़ी मुश्किलों...

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माया का पति रमन चंडीगढ़ में इंजीनियर था।और शादी के बाद माया अपने ससुराल चली गई",सही कह रहे हो।लेकिन वह सब अतीत की बात है।अधूरा सपना। रुंंंधध गले से माया बोली।दुख और अवसाद की रेखाएं...

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आंसु पश्चाताप के - भाग 10 By Deepak Singh

आंसु पश्चाताप के, भाग 10समय बीतता गया दिन निकलते गये राहुल और निकी का आपसी प्रेम बढ़ता गया और ईसी बीच राहुल का जन्मदिन भी नजदीक आ गया । राहुल की मम्मी का माँ का फोन आया , " हैलो रा...

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अपाहिज़ By Shrikar Dixit

सबको सब कुछ वो खुदा नहीं देता है,हर इंसान को कुछ ना कुछ कमी देता है।इंसान ने दुनिया में काफी तरक्की कर ली, धरती से आसमान का सफ़र कर लिया,चांद पर पहुंच गया,मगर इंसान की मानसिकता नही...

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