सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 5 By Sunita Bishnolia

अपने देश और अपनों की याद में आज भी छुप-छुपकर आँसू बहाने वाली तबस्सुम देश से आने वाली चिट्ठी को पढ़कर ऐसे रोमांचित हो जाती है जैसे सोलह साल की लड़की पहली बार प्रेम- पत्र पढ़कर रोमांचि...

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SIA A Life Story of Hizra By Devika Singh

छनाक’ की आवाज के साथ आईना चकनाचूर हो गया था। आईने का हर टुकड़ा सिया का अक्स दिखा रहा था। मांग में भरा सिंदूर, गले का मंगलसूत्र, कानों के कुंडल ये सब मानो सिया को चिढ़ा रहे थे। शायद...

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क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां By दिनू

अशफाक उल्ला खाँ के जयंती पर उन्हें शत शत नमन अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटि...

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उम्मीद बाकी है By Ranjana Jaiswal

शीत ऋतु की एक संध्या थी |मैं छत पर खड़ी क्षितिज की ओर ,जहां अभी-अभी सूर्यास्त हुआ था ,आकाश को निहार रही थी |सुदूर पश्चिमी क्षितिज पर ढलने वाली रात के भूरे साये बचे-खुचे दिन के गुलाब...

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दास्तान-ए -दर्द By Pranava Bharti

डॉ. प्रणव भारती ----------------------------------------- दास्तान-ए-दर्द शीर्षक में छिपी चार उपन्यासिकाएँ अपने भीतर एक पूरा का पूरा समुद्र उठाए घूमती हैं | इस दर्द के सैलाब में विभ...

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दूसरा मायका   By Ratna Pandey

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड...

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अचेतन अपराधी - 1 By Kishanlal Sharma

"देख सामने पुलिस वाला खड़ा है।तेरी लाइट भी नही है।उतरकर चल।वरना चालान कर देगा।"अपने दोस्त की बात सुनकर सुदेश भड़क गया।उसने भद्दी सी गाली दी और आगे बढ़ता गया।पुलिस वाले को देखते ही उसक...

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पति-पत्नी में आनाकानी By दिनू

*सुबह सुबह पति-पत्नी के झगड़ा हो गया,*बीवी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती।*पति भी गुस्से मे था, बोला "मैं भी तुम्हे झेलते झेलते त...

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ज़िन्दगी - 10 By Mehul Pasaya

हा वोरा बेटा है. लेकिन तुमने उसे मौत के घाट उतार दिया. में तुम्हे छोडूंगी नही.अरे नही मेरे मित्र ऐसे नही हो सकता वो तो मुझे पता नहीं था. की वो आपका बेटा है.हा वो मेरा पौता है तो अब...

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घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. By Neelam Kulshreshtha

दीपावली के लक्ष्मी पूजन पर विशेष घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. -नीलम कुलश्रेष्ठ- फ़्लैश  बैक नं. एकः “मैं तो आप के बेटे की कॉपी लेकर आपके घर आया था लेकिन आप लोग कहीं बाह...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 26) By Kishanlal Sharma

लेकिन आज अनुपम ने छाया के हाथ की बनी चाय पी ली थी।चाय पीने से शरीर मे गर्मी जरूर आयी लेकिन वह इतना भीग चुका था कि उसे बार बार छींक आने लगी।उसके शरीर और हाथ पैरों में दर्द होने लगा।...

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पिता का पत्र (समाज व पुत्रों के नाम) By धरमा

पिता का पत्र समाज व पुत्रों के नाम... शहर के एक मध्यवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक पत्र लिखकर खुद को गोली मार ली । चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा । यह जानने से पहले सं...

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शहरे खामोशां By Asha Parashar

बरसात शुरू हो गई, तेज बौछार नहीं, हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी। पर जब पानी आंखों में गिरे तो खुले आसमान तले बैठना मुश्किल हो जाता हे। वह उठ कर सामने पेड़ के नीचे वाले बैंच पर जा बैठा...

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कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल से By धरमा

कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल सेबेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है... एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई... लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों ब...

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वो सुबह कभी तो आएगी By Arun Singla

वो सुबह कभी तो आएगी कैलाश प्रसाद 35 वर्ष की आयु में ही परलोक चले गए थे। उनकी पत्नी सुमित्रा देवी की उम्र भी उस समय लगभग 25 वर्ष रही होगी.सुमित्रा देवी के कोई संतान ना हो सकी थी, और...

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मझधार : नेहा हमेशा चुपचाप क्यो रहती थी? By Anita

पूरे 15 वर्ष हो गए मुझे स्कूल में नौकरी करते हुए. इन वर्षों में कितने ही बच्चे होस्टल आए और गए, किंतु नेहा उन सब में कुछ अलग ही थी. बड़ी ही शांत, अपनेआप में रहने वाली. न किसी से बो...

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रवानगी एक रिश्ते की By prabhat samir

डॉ.प्रभात समीर हफ़्ते भर में देवेन्द्र की बेटी मिनी का रिश्ता तय हो गया और पन्द्रह दिन बाद का शादी का मुहूर्त भी निकलवा लिया गया। रवि, यानी जिससे मिनी का रिश्ता तय हुआ विदेश से इन्ड...

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कालभोज (बप्पा रावल) By धरमा

एक राजपूत बालक की गाय रोज दूध दुहने के समय कहीं चली जाती थी। उस बालक को रोज भूखा रहना पड़ता था इसलिए एक दिन वो उस गाय के पीछे पीछे गया। गाय एक ऋषि के आश्रम में पहुंची और एक शिवलिंग...

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अपंग.. By Prabodh Kumar Govil

गेल्या काही वर्षात त्याच्या वयाने जरा जास्तच वेगाने टप्पे पार केले आहेत. सगळ्या घटना अशा काही घडत गेल्या की जणू वेळ अगदी कमी होता आणि घडणाऱ्या घटना खूप अधिक. त्यामुळे दोन घटनां मधल...

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दूसरा अध्याय By Rama Sharma Manavi

अभी मेरी अपनी एक सहेली रिया से पूरे दो घंटे बात हुई,वह बेहद व्यथित एवं उद्वेलित थी,कारण ऊपरी तौर पर कोई विशेष नहीं कहा जा सकता है लेकिन मैं उसकी उद्विग्नता अच्छी तरह महसूस कर पा रह...

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BOYS school WASHROOM - 24 By Akash Saxena "Ansh"

अभी तो बोर्ड पेपर होने में चार-पांच महीने है, फ़िर पता नहीं अभी से फेयरवेल की ज़रुरत ही क्या थी! ना तो ये बेवक़्त का फेयरवेल होता ना ही हम आज ऐसे यहाँ होते…..प्रज्ञा बाहर देखते हुए हत...

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भारत के भीतर का सच. By Nirmal Rathod

प्रिय डॉलर,प्रिय रोज़गार ,प्रिय काला धन,दिल तो जला हुआ है, फिर भी प्रिय लिख रहा हूँ। जब भी हम सीना फुलाते हैं, तुम सीन में आ जाते हो। लोग चीखने लग जाते हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपया...

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इश्क बचपन का ही क्यों ? दार्शनिक दृष्टि By बिट्टू श्री दार्शनिक

अक्सर ऐसा देखा है या सुना है या अनुभव किया है ना की शादी के बाद इश्क या प्रेम या प्यार कम हो जाता है!प्यार पहले जैसा नहीं रहता...!दरअसल होता कुछ यूं है की,इश्क / प्रेम / प्यार ऐसी...

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खामोशी... By Saroj Verma

स्कूल में पन्द्रह अगस्त का जलसा था तो विधायक जी को झंडा फहराने के लिए आना था,स्कूल को रंग बिरंगी पतंगी कागज की झण्डियों से सजाया गया,विधायक जी के लिए उनके सम्मान में कुछ शब्द भी प्...

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साउथ कोरिया की तेज तर्रार अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार और कानून के शासन समीक्षात्मक अध्ययन By JUGAL KISHORE SHARMA

कोरिया एक केंद्रीकृत राष्ट्र-राज्य है जिसमें सरकार की त्रिपक्षीय शासन प्रणाली है जिसमें प्रशासन, कानून और न्याय व्यवस्था शामिल है। कोई स्थानीय आपराधिक न्याय प्रणाली नहीं है और इस प...

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मीरा की बिखरी यादें By सीमा जैन 'भारत'

"मुझे तीन दिन के लिए बैंगलोर एक मेडिकल कोन्फ्रेंस में जाना है।" "चली जा, अना को मेरे पास छोड़ जाना।" "अना को तो तू सम्हाल ही लेगी पर तेरी शादी..." "तेरी शादी के नतीजे हम मिल कर ही...

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पलायन - 3 - अंतिम भाग By राज कुमार कांदु

पत्र समाप्त करके उस युवा ने अपना हाथ अपनी आँखों पर फेरा, शायद आँखें भर आईं थीं उसकी। कुछ पल वह खामोश रहा और फिर कहना शुरू किया, "साथियों, अभी हमने परसों ही उत्तर प्रदेश के एक युवा...

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भक्ति और शक्ति ( वेदांत अंश) By Anand Tripathi

भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है-स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना। जुड़ने की प्रवृत्ति ही भक्ति है। दुनियादारी के रिश्तों में जुट जाना भक्ति नहीं है। भक्ति क...

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शोषण By Ashwajit Patil

मदन एक झटके से उठ बैठा. बदहवास सा सबसे पहले उसने अपने जिस्म को टटोला, वह नाईट सुट में था. अपने बिस्तर पर देखा उसके सिवा वहां कोई और न था. वह सोचने लगा, अभी-अभी तो एक औरत थी और वह उ...

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भग्नावशेष By Asha Parashar

आदित्य को समझ नहीं आ रहा था कि जो कुछ उसने देखा क्या वह सत्य था? जिस भव्य मूर्ति को वह बरसों से अपने दिल-दिमाग में सहेज कर बैठा था, वह इस प्रकार क्षणभर में खण्डित होगी, उसने साचा न...

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मुँह चिढ़ाते सपने By prabhat samir

डा.प्रभात समीर भीखा को मैंने पहली बार अलका के घर में देखा था । उसके ड्राइंगरूम में बैठी किसी पत्रिका के पृष्ठ पलटती हुई मैं उसकी प्रतीक्षा कर रही थी । ड्राइंगरूम के दायीं ओर का दरव...

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अधूरी कहानी By Asha Parashar

स्वरा पूरी रात करवटें बदलती रही। नींद उस से कोसों दूर थी। आंखें बुरी तरह जल रही थीं। वह अपने दिलो दिमाग से सब कुछ निकाल देना चाहती थी, पर कामयाब नहीं हुई। पास की मस्जिद से अज़ान की...

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किस्सा एक लवारेंज मैरिज का By Rama Sharma Manavi

आजकल का जो नया चलन प्रारंभ हुआ है उसमें अक्सर युवक-युवती जब प्रेम करते हैं या एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं तो परिवार वालों को विवाह के लिए राजी कर लेते हैं,इसे लव कम अरेंज कहा जा...

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जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 5 By Sunita Bishnolia

अपने देश और अपनों की याद में आज भी छुप-छुपकर आँसू बहाने वाली तबस्सुम देश से आने वाली चिट्ठी को पढ़कर ऐसे रोमांचित हो जाती है जैसे सोलह साल की लड़की पहली बार प्रेम- पत्र पढ़कर रोमांचि...

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SIA A Life Story of Hizra By Devika Singh

छनाक’ की आवाज के साथ आईना चकनाचूर हो गया था। आईने का हर टुकड़ा सिया का अक्स दिखा रहा था। मांग में भरा सिंदूर, गले का मंगलसूत्र, कानों के कुंडल ये सब मानो सिया को चिढ़ा रहे थे। शायद...

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क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां By दिनू

अशफाक उल्ला खाँ के जयंती पर उन्हें शत शत नमन अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटि...

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उम्मीद बाकी है By Ranjana Jaiswal

शीत ऋतु की एक संध्या थी |मैं छत पर खड़ी क्षितिज की ओर ,जहां अभी-अभी सूर्यास्त हुआ था ,आकाश को निहार रही थी |सुदूर पश्चिमी क्षितिज पर ढलने वाली रात के भूरे साये बचे-खुचे दिन के गुलाब...

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दास्तान-ए -दर्द By Pranava Bharti

डॉ. प्रणव भारती ----------------------------------------- दास्तान-ए-दर्द शीर्षक में छिपी चार उपन्यासिकाएँ अपने भीतर एक पूरा का पूरा समुद्र उठाए घूमती हैं | इस दर्द के सैलाब में विभ...

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दूसरा मायका   By Ratna Pandey

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड...

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अचेतन अपराधी - 1 By Kishanlal Sharma

"देख सामने पुलिस वाला खड़ा है।तेरी लाइट भी नही है।उतरकर चल।वरना चालान कर देगा।"अपने दोस्त की बात सुनकर सुदेश भड़क गया।उसने भद्दी सी गाली दी और आगे बढ़ता गया।पुलिस वाले को देखते ही उसक...

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पति-पत्नी में आनाकानी By दिनू

*सुबह सुबह पति-पत्नी के झगड़ा हो गया,*बीवी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती।*पति भी गुस्से मे था, बोला "मैं भी तुम्हे झेलते झेलते त...

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ज़िन्दगी - 10 By Mehul Pasaya

हा वोरा बेटा है. लेकिन तुमने उसे मौत के घाट उतार दिया. में तुम्हे छोडूंगी नही.अरे नही मेरे मित्र ऐसे नही हो सकता वो तो मुझे पता नहीं था. की वो आपका बेटा है.हा वो मेरा पौता है तो अब...

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दीपावली के लक्ष्मी पूजन पर विशेष घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. -नीलम कुलश्रेष्ठ- फ़्लैश  बैक नं. एकः “मैं तो आप के बेटे की कॉपी लेकर आपके घर आया था लेकिन आप लोग कहीं बाह...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 26) By Kishanlal Sharma

लेकिन आज अनुपम ने छाया के हाथ की बनी चाय पी ली थी।चाय पीने से शरीर मे गर्मी जरूर आयी लेकिन वह इतना भीग चुका था कि उसे बार बार छींक आने लगी।उसके शरीर और हाथ पैरों में दर्द होने लगा।...

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पिता का पत्र (समाज व पुत्रों के नाम) By धरमा

पिता का पत्र समाज व पुत्रों के नाम... शहर के एक मध्यवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक पत्र लिखकर खुद को गोली मार ली । चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा । यह जानने से पहले सं...

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शहरे खामोशां By Asha Parashar

बरसात शुरू हो गई, तेज बौछार नहीं, हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी। पर जब पानी आंखों में गिरे तो खुले आसमान तले बैठना मुश्किल हो जाता हे। वह उठ कर सामने पेड़ के नीचे वाले बैंच पर जा बैठा...

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कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल से By धरमा

कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल सेबेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है... एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई... लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों ब...

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वो सुबह कभी तो आएगी By Arun Singla

वो सुबह कभी तो आएगी कैलाश प्रसाद 35 वर्ष की आयु में ही परलोक चले गए थे। उनकी पत्नी सुमित्रा देवी की उम्र भी उस समय लगभग 25 वर्ष रही होगी.सुमित्रा देवी के कोई संतान ना हो सकी थी, और...

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मझधार : नेहा हमेशा चुपचाप क्यो रहती थी? By Anita

पूरे 15 वर्ष हो गए मुझे स्कूल में नौकरी करते हुए. इन वर्षों में कितने ही बच्चे होस्टल आए और गए, किंतु नेहा उन सब में कुछ अलग ही थी. बड़ी ही शांत, अपनेआप में रहने वाली. न किसी से बो...

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रवानगी एक रिश्ते की By prabhat samir

डॉ.प्रभात समीर हफ़्ते भर में देवेन्द्र की बेटी मिनी का रिश्ता तय हो गया और पन्द्रह दिन बाद का शादी का मुहूर्त भी निकलवा लिया गया। रवि, यानी जिससे मिनी का रिश्ता तय हुआ विदेश से इन्ड...

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कालभोज (बप्पा रावल) By धरमा

एक राजपूत बालक की गाय रोज दूध दुहने के समय कहीं चली जाती थी। उस बालक को रोज भूखा रहना पड़ता था इसलिए एक दिन वो उस गाय के पीछे पीछे गया। गाय एक ऋषि के आश्रम में पहुंची और एक शिवलिंग...

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दूसरा अध्याय By Rama Sharma Manavi

अभी मेरी अपनी एक सहेली रिया से पूरे दो घंटे बात हुई,वह बेहद व्यथित एवं उद्वेलित थी,कारण ऊपरी तौर पर कोई विशेष नहीं कहा जा सकता है लेकिन मैं उसकी उद्विग्नता अच्छी तरह महसूस कर पा रह...

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अभी तो बोर्ड पेपर होने में चार-पांच महीने है, फ़िर पता नहीं अभी से फेयरवेल की ज़रुरत ही क्या थी! ना तो ये बेवक़्त का फेयरवेल होता ना ही हम आज ऐसे यहाँ होते…..प्रज्ञा बाहर देखते हुए हत...

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अक्सर ऐसा देखा है या सुना है या अनुभव किया है ना की शादी के बाद इश्क या प्रेम या प्यार कम हो जाता है!प्यार पहले जैसा नहीं रहता...!दरअसल होता कुछ यूं है की,इश्क / प्रेम / प्यार ऐसी...

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खामोशी... By Saroj Verma

स्कूल में पन्द्रह अगस्त का जलसा था तो विधायक जी को झंडा फहराने के लिए आना था,स्कूल को रंग बिरंगी पतंगी कागज की झण्डियों से सजाया गया,विधायक जी के लिए उनके सम्मान में कुछ शब्द भी प्...

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साउथ कोरिया की तेज तर्रार अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार और कानून के शासन समीक्षात्मक अध्ययन By JUGAL KISHORE SHARMA

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मीरा की बिखरी यादें By सीमा जैन 'भारत'

"मुझे तीन दिन के लिए बैंगलोर एक मेडिकल कोन्फ्रेंस में जाना है।" "चली जा, अना को मेरे पास छोड़ जाना।" "अना को तो तू सम्हाल ही लेगी पर तेरी शादी..." "तेरी शादी के नतीजे हम मिल कर ही...

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पलायन - 3 - अंतिम भाग By राज कुमार कांदु

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भक्ति और शक्ति ( वेदांत अंश) By Anand Tripathi

भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है-स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना। जुड़ने की प्रवृत्ति ही भक्ति है। दुनियादारी के रिश्तों में जुट जाना भक्ति नहीं है। भक्ति क...

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मदन एक झटके से उठ बैठा. बदहवास सा सबसे पहले उसने अपने जिस्म को टटोला, वह नाईट सुट में था. अपने बिस्तर पर देखा उसके सिवा वहां कोई और न था. वह सोचने लगा, अभी-अभी तो एक औरत थी और वह उ...

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आदित्य को समझ नहीं आ रहा था कि जो कुछ उसने देखा क्या वह सत्य था? जिस भव्य मूर्ति को वह बरसों से अपने दिल-दिमाग में सहेज कर बैठा था, वह इस प्रकार क्षणभर में खण्डित होगी, उसने साचा न...

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मुँह चिढ़ाते सपने By prabhat samir

डा.प्रभात समीर भीखा को मैंने पहली बार अलका के घर में देखा था । उसके ड्राइंगरूम में बैठी किसी पत्रिका के पृष्ठ पलटती हुई मैं उसकी प्रतीक्षा कर रही थी । ड्राइंगरूम के दायीं ओर का दरव...

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