सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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किस्सा एक लवारेंज मैरिज का By Rama Sharma Manavi

आजकल का जो नया चलन प्रारंभ हुआ है उसमें अक्सर युवक-युवती जब प्रेम करते हैं या एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं तो परिवार वालों को विवाह के लिए राजी कर लेते हैं,इसे लव कम अरेंज कहा जा...

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बागेश्वर धाम सरकार By Gurpreet Singh HR02

दोस्तों बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के पन्ना रोड पर स्थित ग्राम गढ़ा गंज में स्थित है | बागेश्वर धाम छतरपुर से 35 किलोमीटर के आसपास की दूरी पर पड़ता है | दोस्तों छतरपुर...

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राजपूतों में अपने नाम में सिंह लिखना कब से और क्यु शुरू हुआ? By Dr. Bhairavsinh Raol

संस्कृत श्लोक नाभिषेको न संस्कार: सिंहस्य क्रियते मृगैः |विक्रमार्जितराज्यस्य स्वयमेव मृगेंद्रता ||हिंदी अनुवाद:जंगल में पशु शेर का संस्कार करके या उसपर पवित्र जल का छिडकाव करके उस...

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शेष जीवन(कहानियां पार्ट 18) By Kishanlal Sharma

विमला की बात सुनकर राजन बोला,"इसमें मे क्या कर सकता हूँ।तुम्हारे पति ने गलती की है तो उसे सजा तो मिलेगी ही।""महेश ने गलती की है पर उसकी सजा सिर्फ उसे ही नही मुझे भी मिलेगी"राजन की...

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बुलेट बाबा मंदिर By Gurpreet Singh HR02

मंदिर का नाम 'ओम बन्ना धाम' है। लोग इसे 'बुलेट बाबा मंदिर' के नाम से भी जानते हैं। दरअसल करीब 30 साल पहले इस गांव में ठाकुर जोग सिंह राठौड़ के बेटे ओम सिंह राठौड़ क...

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लंच टाईम By Rohit Kumar Singh

निरंजन चौधरी 50 के लपेटे मे आये हुये इन्सान थे,और कोई 22 बरस हो गये थे उन्हें अपनी स्टील की फैक्टरी मे नौकरी करते हुये।जीवन एकरसता सा चला जा रहा था,वही आना,जाना,सुबह शाम की फिक्स ब...

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शिमला का इतिहास By Gurpreet Singh HR02

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला है. यह ब्रिटिश काल में देश की समर कैपिटल (Sumer Capital) भी थी. गर्मियों में अंग्रेज यहीं से भारत का शासन करते थे. शिमला जिले की ऊ...

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BOYS school WASHROOM - 23 By Akash Saxena "Ansh"

वॉचमैन को किसी क्लासरूम में कुछ रौशनी सी लगती है….वो आँखें चौड़ाकर और घूरता है तो एक बार फ़िर उसे रौशनी जलती-बंद होती हुई दिखाई देती है...वो तुरंत पीछे हटकर वो ….'सर मुझे किसी क्...

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जिला अलवर By Gurpreet Singh HR02

राजस्थान का अलवर जिला पहले एक रियासत हुआ करते थी। 1947 के बाद इसका राजस्थान राज्य में विलय कर लिया गया। इस रियासत का राजस्थान में विलय करने के बाद यह अलवर जिले के नाम से जाने जाना...

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अब क्या कहूँ By Rama Sharma Manavi

आजकल मैं अत्यधिक चिंतित रहती हूँ।अपनी इस परेशानी को किसी से बांट भी तो नहीं सकती, बस ईश्वर से प्रार्थना करती रहती हूँ कि जो हमारे लिए उचित हो,वह निर्धारित करना,सद्बुद्धि देना,क्यों...

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बर्बरीक (खाटू श्याम जी) By Gurpreet Singh HR02

बर्बरीक भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र थे. बर्बरीक को आरंभ से ही धनुष विद्या में रूचि थी. बर्बरीक को भगवान शिव ने वरदान दिया था कि वह अपने तीन बाणों से तीनों लोक जीत सकते हैं. भगवान...

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पृथुदक तीर्थ By Gurpreet Singh HR02

पिहोवा का इतिहास ___________________________पेहवा (Pehowa) या पेहोवा या पिहोवा भारत के हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र ज़िले में स्थित एक नगर है। इसका पुराना नाम पृथूदक (Prithudak) था...

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जिला कुरुक्षेत्र By Gurpreet Singh HR02

यह वह भूमि है जिस पर महाभारत की लड़ाई लड़ी गई थी और भगवान कृष्ण ने अर्जुन को ज्योतिसर में कर्म के दर्शन का उचित ज्ञान दिया था।कुरुक्षेत्र एक महान ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थान...

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बस अब और नहीं! - 4 - अंतिम भाग By Saroj Prajapati

भाग -4 बच्चों को खाना खिला कर वह लेट गई लेकिन नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी। नींद तो उसे पहले भी नहीं आती थी। पहले अपने दुख में और अब बच्चों के भविष्य की चिंता में!! अब वह घर की...

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खूबसूरती है... सिरत की...!! By ...

देखो तो कितनी लंबी हैं....! इसकी height का तो लड़का भी नही मिलेगा,हाय राम ! इतनी ठिगनी .....! को कैसे कोई पसंद करेगा ? इतनी काली !गोरी होती तो पसंद कर लेता कोई ..! इतनी पतली कुछ खा...

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भरोसा - 5 - अंतिम भाग By Parul

5 (अंतिम भाग) करन प्रश्नार्थभरी नज़रों से इन्सपेक्टर के सामने देखते हुए उन्हें जवाब दे रहा था। वो इस तरह से जवाब दे रहा था कि पुलिस को ऐसा लगे कि जैसे वो उन्हें पूरी तरह से सहकार द...

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अपहरण - अंतिम भाग By Ratna Pandey

धीरे-धीरे समय व्यतीत होता रहा। रंजन में बहुत बदलाव आ गया। वह अब पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहा। इस बात को तीन माह गुज़र गए। दो दिनों के बाद रक्षा बंधन का त्यौहार था। हर वर्ष रक्षा बंधन...

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मेरी बेटी मिल गयी - 3 - अंतिम भाग By S Sinha

Last Part - 3 पहले अंक में आपने पढ़ा था - रागिनी की नासमझी से विवाह के पहले ही वह प्रेग्नेंट हो गयी थी पर उसकी माँ ने उसकी संतान को किसी अनाथालय में रख दिया था. इत्तफ़ाक़ से उसका सामन...

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आख़िर मैं चुप क्यों हूँ? By Rama Sharma Manavi

बेटे ने झुँझलाकर कहा,"ओफ्फोह, माँ, आपने औऱ पापा ने अपनी जिंदगी में कितने डिसीजन सही लिए हैं, यह आप अच्छी तरह जानती हैं, इसलिए अपनी जिंदगी का फैसला मुझे ख़ुद करने दीजिए।अपने फैसलों क...

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धूल By Latha Ramachandran

लेखिका - राजम कृष्णन अनुवादक - डॉ लता रामचंद्रन “क्या देख रही हो?” उसकी उम्र क़रीब छह साल होगी। उसकी फ्रॉक में गीली मिट्टी के दाग लगे हुए थे, और रूखे बेजान बालों में तेल...

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असली अपराधी (भाग -6) By Ruchika Khanna

जगन ने अस्पताल से वास्तविक रिकॉर्ड प्राप्त करने का फैसला किया क्योंकि डॉ विश्वेश को अस्पताल में अपराधी पाया गया (जहां डॉ विश्वेश काम कर रहे थे)। यह बहुत जरूरी था क्योंकि जगन डॉ विश...

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नकली नारंगी By Deepak sharma

’’हलो’’, साड़ियों के एक मेले के दौरान अपने कंधे पर एक हाथ के दबाव के साथ यह अभिवादन सुना तो मैंने पीछे मुड़कर देखा। ’’नहीं पहचाना मुझे ?’&rs...

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अपना घर By Asha Parashar

वह सिर्फ दो दिन के लिए जबलपुर आयी थी, वहाँ के कन्या महाविद्यालय में बाह्म परीक्षक के रूप में। पर आज आठ दिन हो गये हैं, उसका मन ही नहीं कर रहा वापस घर जाने का! पाँच वर्ष पहले आयी थी...

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ज़िन्दगी - 5 By Mehul Pasaya

वीरेन वहा देखो वो रही छोटी उन लोगो ने पकड़ कर रखा है. चलो जल्दी वरना वो लोग कुच भी कर सकते है.अरे हा परि मुझे भी दिख रहा है. तुम ऐसे आवाज मत करो उनको पता लग जायेगा. धीरे धीरे चलो ता...

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बाबूजी की जमीन By Deepak sharma

’’हमारे पास जमीन क्यों नहीं है?’’ बाबूजी की जमीन की बात पहली बार मैंने अपने सातवें वर्ष में उठाई थी जब मेरे जमींदार ताऊ हमारे घर पर बासमती, मूँग और उड़द की त...

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सिर माथे By Deepak sharma

’’कोई है?’’ रोज की तरह घर में दाखिल होते ही मैं टोह लेता हूँ। ’’हुजूर!’’ पहला फॉलोअर मेरे सोफे की तीनों गद्दियों को मेरे बैठने वाले...

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किस्सा एक लवारेंज मैरिज का By Rama Sharma Manavi

आजकल का जो नया चलन प्रारंभ हुआ है उसमें अक्सर युवक-युवती जब प्रेम करते हैं या एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं तो परिवार वालों को विवाह के लिए राजी कर लेते हैं,इसे लव कम अरेंज कहा जा...

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बागेश्वर धाम सरकार By Gurpreet Singh HR02

दोस्तों बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के पन्ना रोड पर स्थित ग्राम गढ़ा गंज में स्थित है | बागेश्वर धाम छतरपुर से 35 किलोमीटर के आसपास की दूरी पर पड़ता है | दोस्तों छतरपुर...

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राजपूतों में अपने नाम में सिंह लिखना कब से और क्यु शुरू हुआ? By Dr. Bhairavsinh Raol

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शेष जीवन(कहानियां पार्ट 18) By Kishanlal Sharma

विमला की बात सुनकर राजन बोला,"इसमें मे क्या कर सकता हूँ।तुम्हारे पति ने गलती की है तो उसे सजा तो मिलेगी ही।""महेश ने गलती की है पर उसकी सजा सिर्फ उसे ही नही मुझे भी मिलेगी"राजन की...

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बुलेट बाबा मंदिर By Gurpreet Singh HR02

मंदिर का नाम 'ओम बन्ना धाम' है। लोग इसे 'बुलेट बाबा मंदिर' के नाम से भी जानते हैं। दरअसल करीब 30 साल पहले इस गांव में ठाकुर जोग सिंह राठौड़ के बेटे ओम सिंह राठौड़ क...

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लंच टाईम By Rohit Kumar Singh

निरंजन चौधरी 50 के लपेटे मे आये हुये इन्सान थे,और कोई 22 बरस हो गये थे उन्हें अपनी स्टील की फैक्टरी मे नौकरी करते हुये।जीवन एकरसता सा चला जा रहा था,वही आना,जाना,सुबह शाम की फिक्स ब...

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शिमला का इतिहास By Gurpreet Singh HR02

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला है. यह ब्रिटिश काल में देश की समर कैपिटल (Sumer Capital) भी थी. गर्मियों में अंग्रेज यहीं से भारत का शासन करते थे. शिमला जिले की ऊ...

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वॉचमैन को किसी क्लासरूम में कुछ रौशनी सी लगती है….वो आँखें चौड़ाकर और घूरता है तो एक बार फ़िर उसे रौशनी जलती-बंद होती हुई दिखाई देती है...वो तुरंत पीछे हटकर वो ….'सर मुझे किसी क्...

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जिला अलवर By Gurpreet Singh HR02

राजस्थान का अलवर जिला पहले एक रियासत हुआ करते थी। 1947 के बाद इसका राजस्थान राज्य में विलय कर लिया गया। इस रियासत का राजस्थान में विलय करने के बाद यह अलवर जिले के नाम से जाने जाना...

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आजकल मैं अत्यधिक चिंतित रहती हूँ।अपनी इस परेशानी को किसी से बांट भी तो नहीं सकती, बस ईश्वर से प्रार्थना करती रहती हूँ कि जो हमारे लिए उचित हो,वह निर्धारित करना,सद्बुद्धि देना,क्यों...

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बर्बरीक (खाटू श्याम जी) By Gurpreet Singh HR02

बर्बरीक भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र थे. बर्बरीक को आरंभ से ही धनुष विद्या में रूचि थी. बर्बरीक को भगवान शिव ने वरदान दिया था कि वह अपने तीन बाणों से तीनों लोक जीत सकते हैं. भगवान...

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पृथुदक तीर्थ By Gurpreet Singh HR02

पिहोवा का इतिहास ___________________________पेहवा (Pehowa) या पेहोवा या पिहोवा भारत के हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र ज़िले में स्थित एक नगर है। इसका पुराना नाम पृथूदक (Prithudak) था...

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जिला कुरुक्षेत्र By Gurpreet Singh HR02

यह वह भूमि है जिस पर महाभारत की लड़ाई लड़ी गई थी और भगवान कृष्ण ने अर्जुन को ज्योतिसर में कर्म के दर्शन का उचित ज्ञान दिया था।कुरुक्षेत्र एक महान ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थान...

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बस अब और नहीं! - 4 - अंतिम भाग By Saroj Prajapati

भाग -4 बच्चों को खाना खिला कर वह लेट गई लेकिन नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी। नींद तो उसे पहले भी नहीं आती थी। पहले अपने दुख में और अब बच्चों के भविष्य की चिंता में!! अब वह घर की...

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खूबसूरती है... सिरत की...!! By ...

देखो तो कितनी लंबी हैं....! इसकी height का तो लड़का भी नही मिलेगा,हाय राम ! इतनी ठिगनी .....! को कैसे कोई पसंद करेगा ? इतनी काली !गोरी होती तो पसंद कर लेता कोई ..! इतनी पतली कुछ खा...

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भरोसा - 5 - अंतिम भाग By Parul

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धीरे-धीरे समय व्यतीत होता रहा। रंजन में बहुत बदलाव आ गया। वह अब पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहा। इस बात को तीन माह गुज़र गए। दो दिनों के बाद रक्षा बंधन का त्यौहार था। हर वर्ष रक्षा बंधन...

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मेरी बेटी मिल गयी - 3 - अंतिम भाग By S Sinha

Last Part - 3 पहले अंक में आपने पढ़ा था - रागिनी की नासमझी से विवाह के पहले ही वह प्रेग्नेंट हो गयी थी पर उसकी माँ ने उसकी संतान को किसी अनाथालय में रख दिया था. इत्तफ़ाक़ से उसका सामन...

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बेटे ने झुँझलाकर कहा,"ओफ्फोह, माँ, आपने औऱ पापा ने अपनी जिंदगी में कितने डिसीजन सही लिए हैं, यह आप अच्छी तरह जानती हैं, इसलिए अपनी जिंदगी का फैसला मुझे ख़ुद करने दीजिए।अपने फैसलों क...

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धूल By Latha Ramachandran

लेखिका - राजम कृष्णन अनुवादक - डॉ लता रामचंद्रन “क्या देख रही हो?” उसकी उम्र क़रीब छह साल होगी। उसकी फ्रॉक में गीली मिट्टी के दाग लगे हुए थे, और रूखे बेजान बालों में तेल...

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नकली नारंगी By Deepak sharma

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अपना घर By Asha Parashar

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ज़िन्दगी - 5 By Mehul Pasaya

वीरेन वहा देखो वो रही छोटी उन लोगो ने पकड़ कर रखा है. चलो जल्दी वरना वो लोग कुच भी कर सकते है.अरे हा परि मुझे भी दिख रहा है. तुम ऐसे आवाज मत करो उनको पता लग जायेगा. धीरे धीरे चलो ता...

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बाबूजी की जमीन By Deepak sharma

’’हमारे पास जमीन क्यों नहीं है?’’ बाबूजी की जमीन की बात पहली बार मैंने अपने सातवें वर्ष में उठाई थी जब मेरे जमींदार ताऊ हमारे घर पर बासमती, मूँग और उड़द की त...

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सिर माथे By Deepak sharma

’’कोई है?’’ रोज की तरह घर में दाखिल होते ही मैं टोह लेता हूँ। ’’हुजूर!’’ पहला फॉलोअर मेरे सोफे की तीनों गद्दियों को मेरे बैठने वाले...

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