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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • आँच - 6 - हैरान हूँ मैं !

    अध्याय छह हैरान हूँ मैं !अवध की ज़मीन ज़रखेज़ है। अवध हुकूमत की आय का ज्यादातर हिस्...

  • उलझन - भाग - 19

    धीरे-धीरे समय आगे बढ़ता गया। बीच-बीच में प्रतीक भी निर्मला को फ़ोन करने लगा। वह...

  • और उसने - 22 - अंतिम भाग

    (22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा घर...

तिष्यरक्षिता By Aucky Mishra

पूर्णिमा की रात थी ,जंगल के बीचों बीच एक झरने के सामने एक लड़का खड़ा था , वो लगभग छः फुट तीन इंच का रहा होगा ;उसके बाल उसके चेहरे पे आ रहे थे ,वो ज़ोर ज़ोर से सांस ले रहा था ;उसके...

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आँच - 6 - हैरान हूँ मैं ! By Dr. Suryapal Singh

अध्याय छह हैरान हूँ मैं !अवध की ज़मीन ज़रखेज़ है। अवध हुकूमत की आय का ज्यादातर हिस्सा भूमि से ही प्राप्त होता। भूमि से आमदनी चार प्रकार से प्राप्त होती-खालसा, हुजूर तहसील, इज़ारा(ठेका)...

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साथिया - 50 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

उधर दिल्ली में शालू के घर पर अभी मालिनी अबीर और शालू डाइनिंग हॉल में बैठे हुए थे.." सुनिए जी मेरी दीदी से बात हुई थी माही अगले हफ्ते दिल्ली हम लोंगो के पास आ रही है..." ये तो बड़ी ख़...

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उलझन - भाग - 19 By Ratna Pandey

धीरे-धीरे समय आगे बढ़ता गया। बीच-बीच में प्रतीक भी निर्मला को फ़ोन करने लगा। वह हर बार उससे कहता, “निर्मला माफ़ कर दो। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मैं भटक गया था लेकिन वापस सही...

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फादर्स डे - 39 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 39 बुधवार -15/12/1999 विचार...विचार...विचार...विचारों का चक्र सूर्यकान्त का पीछा छोड़ ही नहीं रहा था। किसी इल्ली के शरीर में जिस तरह कांटे चिपके रहते हैं उसी...

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गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र By vijay kumar tiwari

गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र विजय कुमार तिवारी गाँव में पहुँचे हुए कुछ घंटे ही बीते हैं,घर में सभी से मिलना-जुलना चल रहा है कि मुख्य दरवाजे से एक लड़की ने प्रवेश किया और चरण स्पर्श...

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और उसने - 22 - अंतिम भाग By Seema Saxena

(22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा घर लेकिन अभी वहाँ पर है तो उसे ही अपना घर समझ और रुचि आंटी को अपनी माँ क्योंकि मैं तो वहां पर हूं नहीं,...

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लंदन में भारतीय शिक्षिका By Dr Sunita Shrivastava

लंदन के बहुत बड़े स्कूल के वार्षिक उत्सव आजार राशि को बेस्ट टीचर्स का एवार्ड लेते समय, कुछ समय पहले की बात याद आ गई.... जब राज का लंदन की बहुत बड़ी कम्पनी में चयन होने की खबर से घर...

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गांव अरनी By Ravindra Chaudhary

साल था 1975. सूरज राजस्थान के धूल भरे मैदानों पर बेरहमी से बरस रहा था और छोटे से गांव अरनी को भट्टी में पका रहा था. बाहरी दुनिया की हलचल से अछूता इस गांव में समय धीमी गति से आगे बढ...

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ताश का आशियाना - भाग 38 By Rajshree

आखिरकार सिद्धार्थ पूरी तरह अपना आपा खो बैठा।उसे अजीब–अजीब आवाजो का आभास होने लगा।वह खुद के प्रति इनसिक्योर होने लगा। नारायण जी ने सिद्धार्थ की बीमारी को ट्रिगर कर दिया था।आगे कहीं...

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रामचन्द्र की नौकरी By Dikeshwar Sahu

सिद्धेश्वरी ने देखा कि उसका बड़ा बेटा रामचंद्र धीरे-धीरे घर की तरफ आ रहा है। रामचंद्र मां को बताता है कि उसे अच्छी नौकरी मिल गई। मध्यमवर्गीय परिवार था पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक...

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झूठी मौत... By Utpal Tomar

बात उस समय की है, जब राजा और प्रजा के बीच पिता पुत्र जैसा रिश्ता हुआ करता था| प्रजा जब राजा को अथाह सम्मान देती थी और राजा को प्रजा से अपने अपनी संतान की भांति प्रेम होता था| ऐसे ह...

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दिवास्वप्न By Prabodh Kumar Govil

"दिवास्वप्न"एक दूसरे से सटे फ्लैट्स का यही फायदा है कि कभी - कभी सहज ही कही गई बातें भी आसानी से पड़ोसियों को सुनाई दे जाती हैं। लेकिन शायद यही नुकसान भी है।मैं बालकनी में बैठा कुछ...

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वीर दुर्गादास राठौड़ By दिनू

राष्ट्रगौरव दुर्गादास राठौड़ सालवा से शिप्रा तट तक का सफरहिंदुगौरव रणबंका राठौड़जिसने इस देश का पूर्ण इस्लामीकरण करने की औरंगजेब की साजिश को विफल कर हिन्दू धर्म की रक्षा की थी….. उस...

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तिष्यरक्षिता By Aucky Mishra

पूर्णिमा की रात थी ,जंगल के बीचों बीच एक झरने के सामने एक लड़का खड़ा था , वो लगभग छः फुट तीन इंच का रहा होगा ;उसके बाल उसके चेहरे पे आ रहे थे ,वो ज़ोर ज़ोर से सांस ले रहा था ;उसके...

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आँच - 6 - हैरान हूँ मैं ! By Dr. Suryapal Singh

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साथिया - 50 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

उधर दिल्ली में शालू के घर पर अभी मालिनी अबीर और शालू डाइनिंग हॉल में बैठे हुए थे.." सुनिए जी मेरी दीदी से बात हुई थी माही अगले हफ्ते दिल्ली हम लोंगो के पास आ रही है..." ये तो बड़ी ख़...

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धीरे-धीरे समय आगे बढ़ता गया। बीच-बीच में प्रतीक भी निर्मला को फ़ोन करने लगा। वह हर बार उससे कहता, “निर्मला माफ़ कर दो। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मैं भटक गया था लेकिन वापस सही...

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फादर्स डे - 39 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 39 बुधवार -15/12/1999 विचार...विचार...विचार...विचारों का चक्र सूर्यकान्त का पीछा छोड़ ही नहीं रहा था। किसी इल्ली के शरीर में जिस तरह कांटे चिपके रहते हैं उसी...

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गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र By vijay kumar tiwari

गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र विजय कुमार तिवारी गाँव में पहुँचे हुए कुछ घंटे ही बीते हैं,घर में सभी से मिलना-जुलना चल रहा है कि मुख्य दरवाजे से एक लड़की ने प्रवेश किया और चरण स्पर्श...

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और उसने - 22 - अंतिम भाग By Seema Saxena

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लंदन के बहुत बड़े स्कूल के वार्षिक उत्सव आजार राशि को बेस्ट टीचर्स का एवार्ड लेते समय, कुछ समय पहले की बात याद आ गई.... जब राज का लंदन की बहुत बड़ी कम्पनी में चयन होने की खबर से घर...

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गांव अरनी By Ravindra Chaudhary

साल था 1975. सूरज राजस्थान के धूल भरे मैदानों पर बेरहमी से बरस रहा था और छोटे से गांव अरनी को भट्टी में पका रहा था. बाहरी दुनिया की हलचल से अछूता इस गांव में समय धीमी गति से आगे बढ...

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आखिरकार सिद्धार्थ पूरी तरह अपना आपा खो बैठा।उसे अजीब–अजीब आवाजो का आभास होने लगा।वह खुद के प्रति इनसिक्योर होने लगा। नारायण जी ने सिद्धार्थ की बीमारी को ट्रिगर कर दिया था।आगे कहीं...

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रामचन्द्र की नौकरी By Dikeshwar Sahu

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झूठी मौत... By Utpal Tomar

बात उस समय की है, जब राजा और प्रजा के बीच पिता पुत्र जैसा रिश्ता हुआ करता था| प्रजा जब राजा को अथाह सम्मान देती थी और राजा को प्रजा से अपने अपनी संतान की भांति प्रेम होता था| ऐसे ह...

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दिवास्वप्न By Prabodh Kumar Govil

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वीर दुर्गादास राठौड़ By दिनू

राष्ट्रगौरव दुर्गादास राठौड़ सालवा से शिप्रा तट तक का सफरहिंदुगौरव रणबंका राठौड़जिसने इस देश का पूर्ण इस्लामीकरण करने की औरंगजेब की साजिश को विफल कर हिन्दू धर्म की रक्षा की थी….. उस...

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