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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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Featured Books

साथिया - 60 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

एक घंटे बाद निशि थोड़ी फ्री हुई तो उसने काफी मंगाई। तब तक सौरभ भी आ गया था। आते ही उसने निशि को गले लगाया और फिर उसके सामने वाली चेयर पर बैठ गया। "तो कैसी चल रही है तुम्हारी मीडिया...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 5 By Sneh Goswami

पथरीले कंटीले रास्ते    5   वह रात सब पर भारी गुजरी । इकबाल सिंह और उसके परिवार को अभी तक विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके साथ इतना बङा हादसा हो सकता है । उनका जान से प्यारा बेटा...

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फादर्स डे - 46 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 46 सोमवार 07/02/2000 सूर्योदय में अभी वक्त था। दड़बों में बंद आलसी मुर्गों ने बांग देना अभी शुरू ही किया था। सूर्यकान्त की पूरी रात जाग कर गुजरी थी। बीच-बीच म...

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द्वारावती - 7 By Vrajesh Shashikant Dave

7गुल समुद्र को देख रह थी। समुद्र की ध्वनि के उपरांत समग्र तट की रात्री नीरव शांति से ग्रस्त थी। किन्तु गुल का मन अशांत था। वह विचारों में मग्न थी।‘वह रात्री भोजन के लिए भी नहीं आया...

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आँच - 15 - तमन्ना थी आज़ाद वतन हो जाए ! By Dr. Suryapal Singh

अध्याय पन्द्रह तमन्ना थी आज़ाद वतन हो जाए ! लखनऊ से निकल कर बेगम हज़रत महल, मम्मू खाँ, बिर्जीस क़द्र तथा विश्वास पात्र सैनिकों के साथ आकर बौंड़ी में मुकीम हुईं। राजा हरदत्त सिंह ने उनक...

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शोहरत का घमंड - 48 By shama parveen

आलिया को कुछ भी समझ में नही आ रहा होता है कि आखिर ये सब क्या हो रहा है। ये जंगली मुझ से कितने आराम से बात कर रहा है और मुझे नए प्रोजेक्ट में भी अपने साथ ले लिया है।शाम हो जाती हैं....

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नासाज़ - 8 - तमंचे पे डिस्को By Srishtichouhan

शायद मेरी जिंदगी अब रुक सी गई है, इसमें अब वह खामोशी भी मर चुकी है, जो भले ही मेरे बेरंग जिंदगी में कोई खुशी तो न लाती थी , पर वह जरूर मेरे जिंदगी की ताल्लुकात अजनबियों को करवा जात...

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थोड़ी खुशी ,थोड़ा गम By Bhawani Bhai

"इति सी खुशी" लेखक =भवानी शंकर सोनीएक मेला ,, जहां लगी है भीड़ लोगो की ।भीड़ में एक परिवार भी है , जिनकी ये कहानी है। यह गरिमा है।गरिमा: सुनो ,,,,ये देखो,,,,कितना सुंदर सोफा है।य...

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अरोरा अ मिस्टीरियस गर्ल - 1 By Priya

अरोरा जिसका नाम का ही मतलब के मिस्ट्री है ।  तो सोचिए वो और और उसकी जिंदगी कैसी होगी ? तो चलिए जानने के लिए पढ़ते है, आज का पहला एपिसोड... एक बड़े से विला के हॉल से एक बच्ची क...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 54 By Sneh Goswami

  55 फेरों का मुहुर्त आ गया था । वर पक्ष के लिए वेदी की दाई ओर गद्दे बिछाए गए । उस पर चादरे बिछाई गई । घर के लोगों के लिए बाईं ओर चादरें बिछी । सामने पंडित जी का आसन लगाया गया था ।...

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शापित खज़ाना - 11 By Deepak Pawar

धीरे धीरे तीनों सर्प सैनिक और रवि के साथ करण, राका नैनी,नाता उन सात पारियों के साथ अंदर बढ़ने लगे और यह महल अब विशाल और विशाल स्वरूप लेने लगा ।चंद मिनटों बाद अब सभी महल के अंदर मुख...

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ताश का आशियाना - भाग 39 By Rajshree

नारायण जी ने नंबर मिलते ही, डॉक्टर चतुर्वेदी को फोन घुमाया।फोन डॉक्टर (यहाँ साइकैटरिस्ट) चतुर्वेदी के रिसेप्शनिस्ट ने उठाया। अपॉइंटमेंट लेने को कहा।जो अगले सुबह 11:00 की मिल गई, यह...

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भारत की रचना - 7 By Sharovan

भारत की रचना / धारावाहिक / सातवाँ भाग हॉस्टल में आ जाने के पश्चात्, जब वातावरण और माहौल फिर से परिवर्तित हुआ तो रचना का स्वास्थ पुनः अपने पहले जैसे रूप और रंग पर आ गया। शीघ्र ही वह...

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रंगों भरी होली By prabha pareek

                                      रंगों भरी होली त्योहार चाहे कोई भी क्यों न हो, हमारे बुजुर्गों का भी मन मचलता है कि वह भी इस अवसर पर, जी खोल कर अपने हम उम्रों के साथ अपने तरी...

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ऐसा भी होता है By S Sinha

                                                                       ऐसा भी होता है  शिमला में उस दिन पहली बार बर्फ गिरी थी  .  अभिजीत कुछ देर पहले अपने दफ्तर गया था  . उसकी पत्न...

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उलझन - भाग - 20 (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

कुछ ही दिनों में निर्मला और बुलबुल को अस्पताल में भरती कर दिया गया। पहले निर्मला की डिलीवरी हुई और उसने बहुत ही प्यारे बेटे को जन्म दिया। उसके दो दिनों के बाद बुलबुल की भी डिलीवरी...

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आज और कल By रेखा श्रीवास्तव

आज और कलफ़ोन की घंटी बजी, दिनेश ने ही उठाया तो उसके छोटे भाई सर्वेश का फ़ोन था और उसने बगैर किसी दुआ सलाम के सीधे से कह गया - "भैया निधि की शादी तय हो गयी है और अगले सोमवार को शादी क...

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साथिया - 60 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

एक घंटे बाद निशि थोड़ी फ्री हुई तो उसने काफी मंगाई। तब तक सौरभ भी आ गया था। आते ही उसने निशि को गले लगाया और फिर उसके सामने वाली चेयर पर बैठ गया। "तो कैसी चल रही है तुम्हारी मीडिया...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 5 By Sneh Goswami

पथरीले कंटीले रास्ते    5   वह रात सब पर भारी गुजरी । इकबाल सिंह और उसके परिवार को अभी तक विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके साथ इतना बङा हादसा हो सकता है । उनका जान से प्यारा बेटा...

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फादर्स डे - 46 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 46 सोमवार 07/02/2000 सूर्योदय में अभी वक्त था। दड़बों में बंद आलसी मुर्गों ने बांग देना अभी शुरू ही किया था। सूर्यकान्त की पूरी रात जाग कर गुजरी थी। बीच-बीच म...

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शोहरत का घमंड - 48 By shama parveen

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आज और कल By रेखा श्रीवास्तव

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