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दो बूँद आँसू By Pradeep Shrivastava

सकीना यह समझते ही पसीना-पसीना हो गई कि वह काफ़िरों के वृद्धाश्रम जैसी किसी जगह पर है। ओम जय जगदीश हरे . . . आरती की आवाज़ उसके कानों में पड़ रही थी। उसने अपने दोनों हाथ उठाए कानों को...

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किस्मत से मिला रिश्ता By Saloni Agarwal

यह कहानी है रुद्र और मीरा की, एक तरफ है 28 वर्षीय "रुद्र सिंघानिया" जो है सिंघानिया ग्रुप ऑफ कंपनी के सीईओ और साथ में है ये बहुत ही ज्यादा गुस्से वाले इंसान और साथ में है य...

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पुस्तक महोत्सव (हिंदी) By Mahendra Sharma

दिव्य प्रकाश दुबे के काफे में मज़ेदार चाय के साथ पराठे वाली फीलिंग कराने वाली कहानी है। क्या हम कभी मिले हैं? हाँ शायद कहाँ? किसी किताब में जो अभी लिखी ही नहीं गई... ऐसी बहुत सारी म...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए By Neerja Hemendra

मुझे अपना यह नया उपन्यास " उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए " पाठकों को समर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। मेरे इस उपन्यास का कथ्य यद्यपि समकालीन न होते हुए अब से लग...

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लव एंड ट्रेजडी By Urooj Khan

ये उपन्यास सिर्फ कल्पना पर आधारित है, इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही। इसका उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन करना है। इस धारावाहिक की कहानी एक अमीर घर के लड़के हंक्षित जिसके पर...

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हैवानियत By aruhi

एक लड़की जो बहुत ज्यादा खूबसूरत है,,,इस वक्त वह शादी के जोड़े में थी ,,,,,,और कार में बैठी हुई थी ,,,,,जिससे वह लड़की अपनी घुघट को उठा,,सर पर रख देती है,,,,,,और फिर अपने पलकों को उ...

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रेत होते रिश्ते By Prabodh Kumar Govil

एकरात के दो बजे थे, लेकिन कमरे की बत्ती जली हुई थी। मँुह से चादर हटाकर मैंने देखा तो अवाक् रह गया। शाबान रो रहा था। मैंने उठकर घड़ी एक बार फिर देखी और उसके नजदीक पहुँच गया। वह मेरी...

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सन्नाटे में शनाख़्त By Pradeep Shrivastava

उसने अचानक ही उस पर घूँसे-लात बरसा कर, उसे बेड से नीचे धकेल दिया। टाइल्स लगे फ़र्श पर अकस्मात्‌ गिरने से उसके सिर में गहरी चोट आ गई है। ख़ून के धब्बे पड़ने लगे हैं। उसने पेट पर लात इत...

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का By Jitendra Patwari

इस लेख श्रृंखला में , हम एक ऐसे विषय से परिचित होने की कोशिश करेंगे जो बहोत ही मौलिक एवं सहज होने के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ होने के बावजूद समाज में इसके बारे म...

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सुमन खंडेलवाल By Pradeep Shrivastava

उस सुनसान और दुनिया के लिए डरावने, भूत-प्रेतों से भरे मनहूस रास्ते पर निकलना मुझे किसी शांत सुन्दर उपवन में टहलने जैसा लगता था। शहर में बहने वाले एक गंदे नाले के तट-बंध पर बनी रोड...

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