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आखिर नागराज devika को वह नागमणि क्यों देना चाहते थे? इसकी वजह देविका की माँ, रान...
प्रकरण - ४३मैंने निषाद मेहता को फोन लगाया और कहा, "निषादजी! मैंने आपकी बात पर बह...
हल्दी की रस्म के बाद मनु ने नील को कॉल लगाया। "सुनो ना यार वीडियो कॉल करो ना ..?...
स्नेहिल सुभोर प्रिय मित्रो कैसे हैं आप सब? ज़िंदगी इक सफ़र है सुहाना, यहॉं कल क्...
वो दोनो स्वाति के जाते ही आपस में जोड़ जोर से हसने लगती हैं! और कहती है! Aa गई म...
1.अपनी अच्छाई पे तुम भरोसा रखना,बंद मत करना खुद को,किसी कमरे में,बंद कमरे में भी...
Episode 2अब तक साहिल दिल्ली से अपनी पढ़ाई खतम करके वापिस कोलकाता में प्रवेश किया...
रागिनी की ज़िंदगी में एक ऐसा समय आया जिसने पूरे परिवार को गहरे दुःख और निराशा मे...
अब तक हम ने पढ़ा के मां के समझाने के बाद रोवन ने आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया...
छुट्टी वाले दिन दीपेन देर से उठता औऱ सारे काम धीरे धीरे से पूरे करता।छुट्टी वाले...
एक बुक है जिसका में जिक्र कर रहा हूं। गृहस्थ संन्यासी जो बहुत पोपुलर है, जिसका आज सेमिनार आयोजित किया गया है और उसमें उसके लेखक खुद प्रस्तुत होने वाले हैं, जो स्टेज पर जा कर बुक के...
नमस्कार दोस्तों. मे वरुण पटेल आप के सामने बहुत ही प्यारी नवलकथा भाग स्वरुप पेश करने जा रहा हूँ । अगर आपको यह नवलकथा अच्छी लगे तो आप इसे अपने सभी दोस्तो को जरुर शेर कर । यह कहानी...
आज धूप बहुत तेज़ है, चला भी नहीं जा रहा है। प्रेमलता उसका नहर के किनारे इंतज़ार कर रही होगी। यहीं सब सोचते हुए सुयश मोहन के कदमों की गति बढ़ती गई। जब नहर के पास पहुँचा तो उसने देखा कि...
आज नौकरी का पहला दिन था. रिया ने सुबह उठ कर तैयारी की और औफिस के लिए निकल पड़ी. पिताजी के गुजरने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उस पर ही थी. इंजीनियरिंग कालेज में अकसर अव्वल रहने वाल...
ये लगातर तीसरी रात थी, जब शहर में झमाझम बारिश बेसुध होकर बरसती ही जा रही थी। यातायात के तमाम साधन लगभग ठप्प हो चुके थे। पतले,संकरे शहर के सड़को में लबालब पानी भर चुका था। दूसरी तरफ़...
इस कहानी के पहले सीजन में आपने पढ़ा कि सुशीला एक सोलह वर्ष की गरीब मजदूर की बेटी थी। उसकी माँ एक बिल्डिंग पर काम करते समय, गिर कर स्वर्ग सिधार गई थी। पिता तो पहले ही स्वर्ग सिधार चु...
यह कहानी किसी भी जाति वर्ग स्थान भाषा धर्म लिंग से मैच नहीं खाती है इसे लिखने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है और इसे मनोरंजन के लिए ही लिखा गया है फिर भी अगर कुछ तथ्य मिलते हैं...
गांधीजी के बारे मे हर कोई जानता है पर बहोत कम लोग होंगे जिन्होंने उनकी आत्मकथा को पुरा पढ़ा होगा। इस लिए हम आपके लिए ये कहानी लेके आये है। गांधीजी के जीवन के कुछ मजेदार और दुःख प्र...
उन्होंने कहा था कि अपनी शायरी का जितना मुन्किर मैं हूँ, उतना मुन्किर मेरा कोई बदतरीन दुश्मन भी ना होगा। कभी कभी तो मुझे अपनी शायरी बुरी, बेतुकी लगती है इसलिए अब तक मेरा कोई मज्मूआ...
‘‘नंदिनी अच्छा हुआ कि तुम आ गईं. तुम बिलकुल सही समय पर आई हो,’’ नंदिनी को देखते ही तरंग की बांछें खिल गईं. ‘‘हम तो हमेशा सही समय पर ही आते हैं जीजाजी. पर यह तो बताइए कि अचानक ऐस...
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