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जादू जैसा तेरा प्यार By anirudh Singh

रात के आठ बजे भी गोवा के सेंट मरियम ऑडिटोरियम में आज जबरदस्त चहल पहल थी,आखिर हो भी क्यों न...दौर था यूथ्स 'आइकॉन ऑफ इंडिया' अवार्ड्स प्रोग्राम का....देश भर के सैकड़ो युवा उध...

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चिरयुवा बूटी By Brijmohan sharma

मित्रों यह अत्यंत रोमांचक कहानी एक ऐसे आयुर्वेदिक वैद्य की दास्तान है जो हिमालय के जंगलों में मनुष्य के सभी दुखो व बुढ़ापे की समस्याओं को दूर करने वाली बूटी की खोज करता है | वह हिमा...

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लहरों की बाांसुरी By Suraj Prakash

रचना काल 2015

अभी वाशरूम में हूँ कि मोबाइल की घंटी बजी है। सुबह-सुबह कौन हो सकता है। सोचता हूँ और घंटी बजने देता हूँ। पता है जब तक तौलिया बाँध कर बाहर निकलूंगा, घंटी बजनी बंद हो...

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फिल्हाल विचाराधीन है By F. S

ये कहानी एक ऐसी लडकी की है, जो ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती है; IAS बन देश सेवा करना चाहती है । लेकिन 12वीं
के बाद ही, 16 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी जाती है।
फिर उसे किन परिस...

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मानव धर्म By Disha Jain

जून 1958 की एक संध्या का करीब छः बजे का समय, भीड़ से भरा सूरत शहर का रेल्वे स्टेशन, प्लेटफार्म नं. 3 की बेंच पर बैठे श्री अंबालाल मूलजीभाई पटेल रूपी देहमंदिर में कुदरती रूप से, अक्र...

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शिवाजी महाराज द ग्रेटेस्ट By Praveen kumrawat

छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है। सैन्य-प्रबंधन, रक्षा नीति, अर्थशास्त्र, विदेश नीति, वित्त, प्रबंधन —...

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अंतरा By Aastha Rawat

दोस्ती भी कितनी अजीब चीज है न, कब, कहां, और किससे हो जाए कुछ पता नही।

मेरी और अंतरा की दोस्ती भी कुछ ऐसे ही हुई थी।
जानते है कहां

एक सिंगिंग ऐप पर…

गाते गाते पता नहीं हम...

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वीर सावरकर By Veer Savarkar

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
— श्रीमद्भगवद्गीता

संसार में दो प्रकार के पुरुष होते हैं। एक तो वह जो संसार के पीछे चलते हैं और...

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द फाइनल डेस्टिनेशन By DINESH DIVAKAR

शरद ऋतु के उस मौसम में भी माउंट एवरेस्ट पर कड़ाके की ठंड पड़ रही थी चारों तरफ बर्फ ही बर्फ छाया हुआ था तापमान शून्य से बहुत नीचे चला गया था। कहीं कहीं लोगों की लाशे बर्फ में दबी पड...

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दतिया की बुंदेला क्षत्राणी रानी सीता जू By Ravi Thakur

विंध्याचल पर्वत की लघु एवं उच्च श्रृंखलाओं, वनोपवन, अरण्यक उपत्यकाओं में विस्तारित, गंगा , यमुना, सिंध , नर्मदादि , पावन सलिलाओं की पुण्य धाराओं से आप्लावित पुलिंद धरा, अनादि काल स...

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लहरों की बाांसुरी By Suraj Prakash

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जानते है कहां

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विंध्याचल पर्वत की लघु एवं उच्च श्रृंखलाओं, वनोपवन, अरण्यक उपत्यकाओं में विस्तारित, गंगा , यमुना, सिंध , नर्मदादि , पावन सलिलाओं की पुण्य धाराओं से आप्लावित पुलिंद धरा, अनादि काल स...

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