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अनुच्छेद- तीन दुनिया को ठीक से चलाओ तीसरा दिन । प्र...
गार्डन की सैर बोर्ड की एक्जाम खत्म हो गई थी। 10th के स्टूडेंट्स ट्यूशन...
ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –अगले दिन–सुबह के 8 बजे–खि...
सुनो समीर बेटा ठीक दो दिन बाद शादी है. तो हमे ना अभी से तैयारी करनी होगी. तो चलो...
पुस्तक या मोबाइल "मित्र! तुम दिन भर पढ़ते रहते हो! आज रविवार है। यहाँ सब लोग खेल...
(अध्याय 7) पिछला सारांश- कार्तिका इंडस्ट्रीज में नौकरी लगी है और तनख्वाह 3 लाख र...
रागिनी का छोटा भाई अब एक साल का होने वाला था और उसका पहला जन्मदिन आने वाला था। र...
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MLA साहब की बाते सुन कर गीतिका के घर वालों को बहुत ही गुस्सा आता है। तभी गीतिका...
अल्पा अपने भाई मौलिक को बुलाने का सुनकर डर रही थी। तब विनोद ने कहा, "अल्पा बेटा...
आम की बाग को आखिरी बार देखने पूरा परिवार गया था। मेरा वहां जाने का मन बिल्कुल नहीं था। मां-पिता जिन्हें हम पापा-अम्मा कहते थे, की जिद थी तो चला गया। पापा ने अम्मा की अनिच्छा के बाव...
‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक म...
प्रेमचन्द का यह उपन्यास ‘‘निर्मला’’ छोटा होते हुए भी उनके प्रमुख उपन्यासों में गिना जाता है। इस उपन्यास में उन्होंने दहेज प्रथा तथा बेमेल विवाह की समस्या उठाई है और बहुसंख्यक मध्यम...
यह अफ़गानिस्तान का गज़नी शहर था। उस दिन वर्ष 2008 के जुलाई महीने की 17 तारीख़ थी। दिन भर बेइंतहा गरमी पड़ती रही थी। दिन ढलने लगा तो गरमी की तपिश भी कम होने लगी। आखि़र लंबा दिन गुज़र गय...
संध्या का समय हैए डूबने वाले सूर्य की सुनहरी किरणें रंगीन शीशो की आड़ सेए एक अंग्रेजी ढ़ंग पर सजे हुए कमरे में झॉँक रही हैं जिससे सारा कमरा रंगीन हो रहा है। अंग्रेजी ढ़़ंग की मनोहर तस...
सर्दियों की सुबह, शीतलहर से समूचा उत्तर भारत कांप रहा था। चरिंद-परिन्द सब हल्कान थे कुदरत के इस कहर से। कई दिनों से सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिये थे । गांव कोहरे और धुँध की चादर म...
विनोद की माँ हस्मिती महेन्द्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जाकर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं। राजलक्ष्मी महेन्द्र के पीछे पड़ गई- 'बेटा महेन्द्र, इ...
पाठकों की आश्वस्ति के लिए मैं यह हलफनामा नहीं दे सकता कि कहानी के पात्र, घटनाक्रम, स्थान आदि काल्पनिक हैं। किसी भी तरह के मेल को मैं स्थितियों का संयोग नहीं ठहरा रहा। इसके बाद आपकी...
आप सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार आप सभी ने जैसे मेरे सभी लेखो को अपना बहुमूल्य पल देकर मेरे उत्साह को बढ़ाया है उसी उत्साह के साथ आज मैं एक सच्ची लव स्टोरी (डाइवर्ट कॉल )लेक...
यह कहानी विभिन्न मन-स्थितियों मं जी रहे तीन ऐसे पात्रों की कहानी है जो असामान्य जीवन जीने को अभिशप्त हैं। थामस ए. हैरिस नामक अमेरिका के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक ने अपनी विश्वविख्यात प...
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