The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
You are welcome to the world of inspiring, thrilling and motivating stories written in your own language by the young and aspiring authors on Matrubharti. You will get a life time experience of falling in love with stories.
गर्भ संस्कार — 2 (गर्भवती माँ द्वारा बच्चे से बातचीत)(शिशु में भावनात्मक और आध्य...
अंधेरे में डूबी हुई सड़क पर एक काली BMW तेजी से हॉस्पिटल की ओर बढ़ रही थी। अचानक...
Chapter - 5 आरवी ने मारा थप्पड़ और फोर्सफुल किस पीछले भाग में आपने पढ़ा.…आयुषमान...
एक नई शुरुआत आदित्य के दिल में एक नए अध्याय की शुरुआत का अहसास था, लेकिन यह सफर...
दया की महिमा एक बहेलिया था। चिड़ियों को जाल में या गोंद लगे बड़े भार...
विराट की नजर कमरे के एक कोने में रखें कैनवस स्टैंड पर पड़ती है। वो स्केच उठाकर उ...
हिना ने जो सुना और पढ़ा था।आंखे बंद करके उसे याद करने लगीं।स्विट्जरलैंड यूरोप का...
*️**"सुख और दुःख मन की देनहै - "*~~~~~~~~~~~~~~*एक गुरु के दो शिष्य थे। दोनों कि...
66सूर्योदय हुआ। गुल अपने नित्य कर्म पूर्ण कर, भड़केश्वर महादेव की आरती-पूजा-अर्च...
अपनी मॉम की बाते सुन कर गीतिका बोलती है, "मॉम इतना कुछ होने के बावजूद आप अभी भी...
नुक्कड़ व चौराहों पर चल रही राजनीतिक चर्चाओं को शब्द रूप देने का प्रयास करती 2017 में लिखी हुई एक धारावाहिक रचना !*********एक देहाती बाजार में नुक्कड़ पर एक चाय की दूकान पर रामू, क...
ये दुख बरसों पुराना था। ये न मेरा था और न तेरा। ये सबका था। हर दिन का था। हर गांव का था। हर शहर का था। नहीं- नहीं, ग़लती हो गई। शायद गांव का नहीं था, केवल शहर का था। जितना बड़ा शह...
कजरी झोपड़पट्टी में रहने वाली बहुत ही मासूम, सुंदर-सी कमसिन एक बंजारन थी। बचपन से अब वह नाता तोड़ कर जवानी से रिश्ता जोड़ रही थी। पन्द्रहवाँ साल पूरा होने ही वाला था। उसके बाद नारी...
समाज ने स्त्रियों के लिए कुछ ढांचे बना रखे हैं उनमें फिट न होने वाली स्त्रियों को बागी स्त्रियाँ कह दिया जाता है।ऐसी स्त्रियों को पारंपरिक समाज एक खतरे की तरह देखता है और उन्हें तो...
कहते है की सच्ची मोहब्बत किसी के रंग -रूप, वर्ग-धर्म, देखकर नही होती है। सच्ची मोहब्बत तो सीरत से होती है। इश्क़ इबादत होता है अगर एकबार हो जाये तो भूलना ना मुमकिन सा हो जाता है। च...
ये बात २००५ की तब हम लखनऊ इसी आलमबाग रेलवे क्वार्टर में रहते थे। हमारा परिवार तीसरे माले में रहता था। एक रात सोटे हुए अचानक मेरी आंख खुल गई। में बाथरूम की तरफ से बड़ा तो मुझे किसी...
"पश्चाताप " यह रचना मैने प्रतिलिपि पर वेवसीरीज के तौर पर लिखी थी जिसे अब बिना परिवर्तित करे मै उपन्यास की रूप मातृभारती पर देने जा रही हूँ | प्रतिलिपि पर मैने इसे दस भागो मे प्रस...
यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है इसका किसी भी गांव या व्यक्ति से कोई संबंध नही है। एक गांव था जिसका नाम सुंदर नगर था। ये गांव भी और गांव की तरह ही था। मगर यहां के नियम थोड़े अजी...
वैसे तो आज हम इक्कीस वी सदी में जी रहे है और खुद को सभ्य और मॉर्डन बता रहे है। हम पिछली उन सब बुराइयों से दूर है जिन्हे पहले लोग अपनी शानो शौकत मानते थे। जैसे जाति में भेद भाव ऊंच...
क्या कहा तुमने ? प्यार ? वो भी किसी अलग मजहब वाले लड़के से ! .... नहीं ऐसा नहीं हो सकता मैं आज ही तुम्हारे अब्बू से कह कर तुम्हारा रिश्ता पक्का करवाती हूं। गुस्से में माही की अम्म...
लॉग इन करें
लॉगिन से आप मातृभारती के "उपयोग के नियम" और "गोपनीयता नीति" से अपनी सहमती प्रकट करते हैं.
वेरिफिकेशन
ऐप डाउनलोड करें
ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंक प्राप्त करें
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser