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अर्चना और उसके साथियों की कोशिशों से अब सती प्रथा के खिलाफ एक मजबूत जागरूकता की...
बागेश्वर धाम के बाबा, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार या पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्र...
शिवाजी महाराज का बचपन... भाग 1शिवाजी महाराज के दादा मालोजी सैनिक के रूप में अपना...
इसमें हिंसा, खून-खराबा और कुछ ज़बरदस्ती के रिश्ते हैं। पाठकों, यदि आप आघात नहीं...
महाभारत की कहानी - भाग-४४ महर्षि लोमश वर्णित वृत्रासुर के वध तथा अगस्त्य के समुद...
काया ब्रिज काका को रोक कर वही क्रिश के पास चेयर पर बैठते हुए पूछती है"क्या आप मु...
“गर्भवती यह जान ले कि उसकी प्रत्येक सकारात्मक कल्पना सकारात्मकता निर्माण कर रही...
" चमक " कहानी सगरे की मार्मिक कहानी जो पेश हैं, जीवन की अचनाक बीत...
होली की तरंग में व्यंग्य के रंग यशवंत कोठारी १-मंत्री की टूटी कुर्सी –मंत्री मह...
**खोए हुए हम – एपिसोड 12**निशा की आँखों में बेचैनी थी। ऋत्विक के दिए गए झूठे सबू...
सत्यजीत सेन एक सत्यान्वेशकभाग - 1 -सत्यन्वेशक का पहला सत्यान्वेषण ( सुर्दशन बाबू की हत्या )यह मेरा पहला उपन्यास हैं। आशा है आपको पसंद आए।यह एक जासूसी उपन्यास है...
पब में माया ) माया मल्होत्रा , जो एक सीबीआई एजेंट थी | एक केस पर काम कर रही थी | मुंबई के किंग्स बार क्लब में : माया मल्होत्रा डांस करते हुए .. बार बार बार काउंटर की तरफ देख रही...
आलीशान बंगले के सामने दो हजार वर्ग फुट तक फैले आलीशान लॉन के बीचो-बीच घास पर साक्षी मृतावस्था में पड़ी हुई थी. इन्स्पेक्टर यशोमी लाश का मुआयना करने नीचे बैठी. यशोमी ने लाश के करीब...
देखने में अच्छा ही लगता था। चेहरे पे प्रतिक्रिया कम ही रहती थी जैसे पता नहीं क्या सोचता रहता था हरवक्त, परन्तु आँखें बोलती थी उसकी। कुल मिलाकर एक सीधा सादा भोला भाला लड़का लगता था।...
*ये स्टोरी पूर्णत: काल्पनिक है।यदि किसी के साथ मैच होता है तो यह सिर्फ एक संजोग ही होगा।मेरा किसी का दिल दुखने का कोई आशय नही है!* ********** अहमदाबाद की hifi society हैं वह...
मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार यह उपन्यास तमिल उपन्यासकार राजेश कुमार जी का है। आपने अब तक डेढ़ हजार कहानियां और दो हजार उपन्यास लिख चुके हैं और निरंतर लिख रहे हैं। आपके पाठकों क...
राठौर फैमिली में आज चारों तरफ खुशी का महौल था घर का हॉल पुरा फुलों से सजा हुआ था क्योंकि आज विक्रम सिंह राठौर का साठवां जन्मदिन की शानदार पार्टी का आयोजन किया गया था राठौर फैमिली न...
मायरा बहुत खुश थी।आज उसकी राहुल के साथ सगाई होने जा रही थीं। कितनी मुश्किल से मायरा के घर वाले इस शादी के लिए राज़ी हुए थे। मायरा ने पिंक कलर का गाऊन पहना था।उसमे वो बिल्कुल परी...
मैं हुँ ग्रेगरी मेकवान और ये है मेरी कहानी साल 1988. सुरत गुजरात मै तब 17 साल का था वो मेरी पहली बडी़ लूट उस दिन के पहले की दो रात मे सो नही पाया था घर का अकेला मदँ अब मे थ...
राजेश कुमार के तमिल उपन्यास रुपया, पद और बलि का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। यह एक जासूसी और जुर्म की कहानी है। इसमें तुच्छ राजनीति में पड़ कर किसी के प्राणों को लेने में भी...
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