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72दोनों ने अदृश्य ध्वनि की आज्ञा का पालन किया। जिस बिंदु पर दोनों ने दृष्टि रखी...
अशोक एक मध्यम वर्गीय आम आदमी था, जो कर्नाटक के एक छोटे से कस्बे में फैक्ट्री में...
अब तक हम ने पढ़ा की रोवन और लूसी की रिसेपशन खत्म हुई और वो दोनो लूसी के मायके आए...
---"शुरुआत कही से भी कर, लालच खत्म कर ही देता है। "कहने पे मत जाना, कुछ जीवन मे...
अब आगे वाइफी तुम्हारा रोना रूही गुस्से में चिल्लाई झूठ बोल रहे हो तुम तुम्हें अच...
वो परेशान था शरीर उसका सामने पड़ा था वह कुछ भी नहीं कर पा रहा था ,करता कैसे ?...
अब तक : वाणी जी ने उसके सिर पर हाथ फेरा तो शिविका बोली " मैं संयम की जिंदगी में...
39=== डॉ.सहगल के परिवार के साथ हुई इस दुर्घटना को लगभग अब एक माह हो...
कनक टीचर का सामाजिक विज्ञान कनक टीचर मेना टीचर की तरह स्कूल में भी आते थे और ट्य...
पब में माया ) माया मल्होत्रा , जो एक सीबीआई एजेंट थी | एक केस पर काम कर रही थी | मुंबई के किंग्स बार क्लब में : माया मल्होत्रा डांस करते हुए .. बार बार बार काउंटर की तरफ देख रही...
आलीशान बंगले के सामने दो हजार वर्ग फुट तक फैले आलीशान लॉन के बीचो-बीच घास पर साक्षी मृतावस्था में पड़ी हुई थी. इन्स्पेक्टर यशोमी लाश का मुआयना करने नीचे बैठी. यशोमी ने लाश के करीब...
देखने में अच्छा ही लगता था। चेहरे पे प्रतिक्रिया कम ही रहती थी जैसे पता नहीं क्या सोचता रहता था हरवक्त, परन्तु आँखें बोलती थी उसकी। कुल मिलाकर एक सीधा सादा भोला भाला लड़का लगता था।...
*ये स्टोरी पूर्णत: काल्पनिक है।यदि किसी के साथ मैच होता है तो यह सिर्फ एक संजोग ही होगा।मेरा किसी का दिल दुखने का कोई आशय नही है!* ********** अहमदाबाद की hifi society हैं वह...
मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार यह उपन्यास तमिल उपन्यासकार राजेश कुमार जी का है। आपने अब तक डेढ़ हजार कहानियां और दो हजार उपन्यास लिख चुके हैं और निरंतर लिख रहे हैं। आपके पाठकों क...
राठौर फैमिली में आज चारों तरफ खुशी का महौल था घर का हॉल पुरा फुलों से सजा हुआ था क्योंकि आज विक्रम सिंह राठौर का साठवां जन्मदिन की शानदार पार्टी का आयोजन किया गया था राठौर फैमिली न...
मायरा बहुत खुश थी।आज उसकी राहुल के साथ सगाई होने जा रही थीं। कितनी मुश्किल से मायरा के घर वाले इस शादी के लिए राज़ी हुए थे। मायरा ने पिंक कलर का गाऊन पहना था।उसमे वो बिल्कुल परी...
मैं हुँ ग्रेगरी मेकवान और ये है मेरी कहानी साल 1988. सुरत गुजरात मै तब 17 साल का था वो मेरी पहली बडी़ लूट उस दिन के पहले की दो रात मे सो नही पाया था घर का अकेला मदँ अब मे थ...
राजेश कुमार के तमिल उपन्यास रुपया, पद और बलि का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। यह एक जासूसी और जुर्म की कहानी है। इसमें तुच्छ राजनीति में पड़ कर किसी के प्राणों को लेने में भी...
ढलता सूरज। प्रयागराज की धरती और संगम का किनारा। पुरानी सी नांव को धक्का देता गिट्टू। बड़ी मुश्किल से कुछ रुपए इकट्ठा किए थे आज। दो दिन बाद दीवाली है। मिठाई लाएगा शहर से। नए कपड़े,...
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