लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • सोते वक्त

    सोते वक्त   कमरे में दो चारपाईयाँ बिछी हैं। बीच में एक दहकती हुई अंगीठी कमरे को...

  • मन माखन

    मन माखन माखन क्या है ? मन ही माखन है. भगवान को मन रूपी माखन का भोग लगाना है. क्य...

  • नल और दमयन्ती की कहानी

    नल-दमयंती कथा महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महा...

संस्मरण (मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण) By उषा जरवाल

 शीर्षक – गलतफ़हमी बनी सीख   बात उन दिनों की है जब मैं पाँचवी कक्षा में पढ़ती थी | मेरे गाँव का प्राथमिक विद्यालय नदी के पार था | नदी पर एक छोटा – सा पुल बना हुआ था जिसे पार करके हम...

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मास्टर सूर्यसेन By DINESH KUMAR KEER

सूर्य सेन (22 मार्च 1894 — 12 जनवरी 1934) भारत की स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की और चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व किया। वे...

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लाल किले के प्राचीर से By bhagirath

 लाल किले के प्राचीर से       लाल किले के प्राचीर से इस बार भी सपने दिखाए गए । जनता को लुभाने के लिए नये-नये सपने बुने गए। लोगों की आँखों में सपने तैरे और फिर तालियों की गड़गड़ाहट के...

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चिठ्ठी By DINESH KUMAR KEER

एक गाँव के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली। चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा। यह जानने से पहले संक्षेप में चिट्टी लिखने की पृष्ठभूम...

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दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो …. By Piyush Goel

हरगढ़ के राजा बड़े ही दयालु,धार्मिक व्यक्ति थे. अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखते थे, समय-समय पर लोगों से मिलना, प्रजा भी राजा से बहुत ही खुश रहती थी. समय-समय पर राजा धार्मिक आयोजन...

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क्रांतिकारी - शिवराम हरि राजगुरु By DINESH KUMAR KEER

अमर शहीद क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरु मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद "शिवराम राजगुरु जी" की जयंती (24 अगस्त) पर मैं उन्हें श...

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सोते वक्त By bhagirath

सोते वक्त   कमरे में दो चारपाईयाँ बिछी हैं। बीच में एक दहकती हुई अंगीठी कमरे को गर्म कर रही है। एक चारपाई पर बूढ़ा और दूसरी पर बुढिया रजाई ओढ़ कर बैठे हुए हैं। वे यदाकदा हाथ अंगीठी क...

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मन माखन By DINESH KUMAR KEER

मन माखन माखन क्या है ? मन ही माखन है. भगवान को मन रूपी माखन का भोग लगाना है. क्योकि भोग तो भगवान लगाते है भक्त तो प्रसाद ग्रहण करता है, इसलिए हम भोक्ता न बने, बस मन माखन जैसा कोमल...

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नल और दमयन्ती की कहानी By DINESH KUMAR KEER

नल-दमयंती कथा महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी।युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ 12 वर्ष के...

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तांगेवाला By Rajesh Rajesh

नेतराम तांगेवाला बस अड्डे से यात्रियों को आस पास के गांव में छोड़ता और लाता था। तांगा घोड़ा ही उसकी रोजी-रोटी थी।नेतराम वैसे तो मेहनती ईमानदार पुरुष था, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बड़...

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छोटी सी मजाक By Rajesh Rajesh

सिकंदर दिल्ली में सरकारी नौकरी करता था, वह जब भी अपने गांव आता था, तो अपने बचपन के दोस्त रामफल और उसके परिवार के लिए दिल्ली से कुछ ना कुछ खाने पीने की चीज या अन्य कोई सामान लेकर जर...

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फूलों का महत्व By DINESH KUMAR KEER

पूजा और फूल हम बचपन से देखते आए हैं कि हमारे बड़े- बुजुर्ग भगवान की पूजा के लिए घर की क्यारी से फूल चुनते रहे...पूजा में इन फूलों की क्या उपयोगिता है,आज हमने इसी विषय पर लिखने की क...

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एक अनोखी कहानी By DINESH KUMAR KEER

थोड़ी शर्म करो जी...कहते हैं... किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये।अपने...

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सत्य इतिहास - भाग 1 - कौन है पुंजा ? By Ritin Pundir

कई वर्षों से देश मे एक नैरेटिव सेट कर दिया गया कि, की राणा पूंजा एक भील थे. जो सभी ने आसानी से मान लिया . जबकिं राणा पूंजा ,भीलों की सेना प्रतिनिधित्व करते थे, भीलों के राणा थे, ना...

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लाडली दान .... By Lotus

लाडली यानी बेटी अपने माता पिता की लाडली होती है एक बेटी विवाह के पुर्व अपना सारा सुख दुख अपने माता पिपा पर छोड देती है ...कभी सरल कभी भोली और रूठकर अपने माता पिता से अपना सारा जिद...

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मंजूर था By Abhishek Joshi

सोचा  की  एक  बार  तुजे  रोक लू  ।  तुजसे  बात  करना  मोहब्बत  के  लिए  जरूरी था ।। १ ।।      है   अन-गिनत  गलत फहमी  हमारे  बीच ।  उसे भी मिटाना  बहुत  जरूरी  था ।। २ ।।     पर  न...

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डाकू और मजदूर की कहानी By DINESH KUMAR KEER

डाकू और मजदूर की कहानीमुश्किल समय में धैर्य नहीं खोना चाहिए एक बार एक व्यक्ति दिन भर मजदूरी करके पैसे कमाने के पश्चात अपने घर की तरफ जा रहा था। सर्दियों के दिन थे और शाम ढल चुकी थी...

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तात्या टोपे By DINESH KUMAR KEER

1857 की क्रांति के हीरो अमर शहीद क्रांतिकारी रामचंद्रराव पांडुरंगराव येवलकर उर्फ तात्या टोपे जी की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमनजन्म : सन 1814जन्मस्थान : यवला (महाराष्ट्र)पिता : पांड...

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मंगल पांडे By DINESH KUMAR KEER

*1857 क्रांति की चिंगारी बनी दावानल* आज ही के दिन दिनांक 29 मार्च 1857 को भारतीय परतंत्रता के विरुद्ध क्रांति के प्रथम पुरुष, 34 वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की छठी कंपनी के साधारण स...

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तस्वीरी दुनिया - भाग 1 By Abhishek Joshi

यह  कहानी  पूर्णरूप  से  काल्पनिक  है ।  नाही  इसमे  बताई  गई  कहानी  का  अस्तित्व  है  ।  ओर  नहीं  कही  जिक्र  ये  सिर्फ  कहानी  के  सरिए  से ही  लिखी  है ।    रामायण  काल  मे  क...

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अर्द्धांगिनी By DINESH KUMAR KEER

*अर्द्धांगिनी - धर्म पत्नी की विदाई*एक गांव में भाई और उसकी पत्नी रात को बाते करते करते सो जाते है, सोने के बाद भाई की *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही...

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तो हमसे वफ़ा कैसे कर सकते हैं   By Ratna Pandey

शहर से कुछ ही दूरी पर एक छोटी सी पहाड़ी थी, जहां सुंदर वृक्षों की घनी आबादी थी। शहर के लोग अक्सर छुट्टी के दिन अपनी शाम गुजारने उस पहाड़ी पर आकर वृक्षों के नीचे बैठकर जीवन का और उन...

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भगिनि निवेदिता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भगिनी निवेदिता---- नंदू अपने परिवार में अकेला ऐसा सदस्य था जिसके ऊपर उसके बाबा भाई बहन कि निगाहे लगी रहती उन दिनों नंदू कि पारिविक स्थिति ठीक नही थी आय का कोई श्रोत था नही और नंदू...

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बदनसीब - 2 By Suresh Chaudhary

जब तीनों लड़के और लड़की मुझे खरी खोटी सुना कर चले गए, तब मैं शाम तक इसी सदमे में रहा, क्या यह वो ही औलाद है, जिनका पालन पोषण करने में नमिता और मैंने दिन रात एक कर दिया था। आज कितनी...

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ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत By DINESH KUMAR KEER

ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत (१८३x-१८६४) १९वी शताब्दी के क्रांतिकारियों में से एक थे। जोधपुर रियासत में आउवा ठिकाने के ठाकुर कुशाल सिंह चॉपावत ने १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो...

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अतिथि देवो भव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ढलती शाम धीरे धीरे बढ़ता अंधेरा एक दिवस के अवसान का संदेश ।अचानक देवरिया रेलवे प्लेट फार्म पर अफरा तफरी एक लंबा चौड़ा लगभग छः फिट लंबा नौजवान गोरा हाफ पैंट औऱ बनियान पहने विक्षिप्त स...

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हाइपरटेंशन (जिंदगी चवन्नी) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शिखर सिंह खानदानी बड़े आदमी खानदानी रईस बाप दादो को शान शौकत रुतबा उनके परिवार में कोई किसी नौकरी में नही जाता ।उनके यहां ही सैकड़ो कारिंदे काम करते शिखर सिंह बड़े ही विनम्र एव मिलनसा...

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नानक जी भील By DINESH KUMAR KEER

बूंदी के डाबी किसान आंदोलन के आंदोलनकारी, क्रांतिकारी प्रखर कवि, ओजस्वी वक्ता, वीर अमर शहीद नानक जी भील की शहादत दिवस पर उन्हें कोटि कोटि सादर नमन ।नानक भील का जन्म 1890 मे बरड क्ष...

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अन्धविश्वास By DINESH KUMAR KEER

अन्धविश्वासदेखो न मम्मी कहाँ से ये कछुआ आ गया हमारे घर में, दोनों बच्चे उस कछुए को देख कर ख़ुशी से उछल पड़े,आयुषी बोली- “अरे मम्मी देखो ये कितना छोटा और प्यारा सा हैं, हम इसे पालतू ब...

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माँ सब जानती है By S Sinha

कहानी - माँ सब जानती है    महेश बाबू कुछ माह पहले रिटायर हुए थे  .  अभी तक वे पटना में खुद के बनाये घर में रह रहे थे  .  उनका इकलौता बेटा सोनू इंजीनियर था  .सोनू मुंबई में किसी मल्...

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वीर बाला कालीबाई By DINESH KUMAR KEER

भील बालिका कालीबाई कलासुआ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि15 अगस्त 1947 से पूर्व भारत में अंग्रेजों का शासन था। और अंग्रेजों चाहते थे कि उनके राजस्थान राज्य में शिक्षा का प्रसार न हो। ल...

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उधार By Suresh Chaudhary

,, अरे भाई जल्दी जल्दी से करो, यह क्या तमाशा लगा रखा है, कब तक आप,,। भिन्नाते हुए कहा मोहन ने,, बाबू जी बस हो गया, सारा सामान बांध दिया है ट्रक आने की देर है,,,।,, कितनी देर लगेगी...

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बप्पा By Devang Kori

आज बप्पा को आये 11 दिन कैसे बीत गये पता ही नहीं चला...और उनके वापिस वैसे लौटने का समय भी आ गया...आज बहुत सारे लोगो को बप्पा को ले जाते देख एक किस्सा याद आ गया...एक छोटा सा बच्चा था...

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बेटियाँ By DINESH KUMAR KEER

मैंने अपने बच्‍चों को कभी नहीं बताया कि मैं क्‍या काम करता था । मैं उन्‍हें कभी मेरी वजह से शर्मिंदा महसूस नहीं कराना चाहता था । जब मेरी छोटी बेटी ने मुझसे पूछा कि मैं क्‍या करता ह...

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पंडित रामप्रसाद बिस्मिल By DINESH KUMAR KEER

*शत्-शत् नमन 11 जून/जन्म-दिवस, काकोरी कांड के नायक : पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ।*पंडित रामप्रसाद का जन्म 11 जून, 1897 को शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता श्री मुरलीधर श...

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आखरी मंजिल - भाग 1 By Suresh Chaudhary

बस से उतर कर बाहर रिक्शे स्टैंड तक का सफर ऐसा लगा, जैसे एक हजार मीटर पैदल चलकर आया।,, भाई यहां कोई वृद्ध आश्रम है क्या,,। एक बुजुर्ग रिक्शे वाले से पूछा।,, जी एक नही, दस ऐसे आश्रम...

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अहिल्या बाई होल्कर By DINESH KUMAR KEER

नारी शक्ति कितनी महान होती है, वह अपने जीवन में क्या कर सकती है इसका उदाहरण अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी पढने के बाद आपको मिल जाएगा. जीवन में परेशानियाँ कितनी भी हो, उनसे कैसे निपटन...

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अध्यापक भालू By Rajesh Rajesh

असम के एक घने जंगल में सब जानवरों से ज्यादा समझदार बुद्धिमान बूढा भालू था।आपस में एक भी शब्द बोले बिना अपनी आंखों और शरीर की भाषा से दोनों मित्र बात करते थे, बूढा भालू और लकड़हारा...

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सम्राट विक्रमादित्य By DINESH KUMAR KEER

उज्जयिनी नरेश महाराजा चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्यअपने भारत देश में बहुत से राजा-महाराजा हुऐ हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से देश का नाम समुचे विश्व में रोशन किया है। महान राजा अशोक...

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नन्हा आशिक़ By DINESH KUMAR KEER

नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं।थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा। इधर अथर्व एक दो बार खिड़की से झांका पर उसे कुछ समझ न आय...

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राजा दाहिरसेन By DINESH KUMAR KEER

सिंधुपति राजा दाहिरसेन - बलिदान-दिवस / 20 जून, 712भारत को लूटने और इस पर कब्जा करने के लिए पश्चिम के रेगिस्तानों से आने वाले मजहबी हमलावरों का वार सबसे पहले सिन्ध की वीरभूमि को ही...

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-बेटा- By Asha Saraswat

बेटाबहू अगर तुम्हारी इजाजत हो तो क्या मैं अपने बेटे को घर ले जा सकता हूं?घर में बहुत शांति पसरी हुई थी। अगर पत्ते भी हिलते तो उनकी आहट तक सुनाई दे रही थी। उससे ज्यादा मौन और खामोशी...

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राधाजी की कृपा By DINESH KUMAR KEER

. "राधाजी की कृपा" चन्दन वृंदावन की ब्रज भूमि में रहने वाला अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। दिन भर वो ब्रज की रज में लोटपोट होता रहता अपने सखाओं के साथ अठखेलियाँ करता रहता। सारा दि...

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Leo Tolstoy की लघुकथाएँ By Kartik Arya

1. अंधे की लालटेनअँधेरी रात में एक अंधा सड़क पर जा रहा था। उसके हाथ में एक लालटेन थी और सिर पर एक मिट्टी का घड़ा। किसी रास्ता चलने वाले ने उससे पूछा, ‘अरे मूर्ख, तेरे लिए क्या दिन...

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अंत्येष्टि कर्म का कड़वा सच By गायत्री शर्मा गुँजन

क्या बात कर रही हो अंजना ' हम ठहरे शेड्यूल कास्ट के लोग और आप कहती हैं कि हमे धर्म-ग्रंथ पढ़ना चाहिए ?? आपका दिमाग तो खराब नहीं हो गया है ,, "हमे नहीं पढ़ना कोई शास्त्र ....'...

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पति पत्नी का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

पति पत्नी का रिश्ताहुआ यों कि पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता हुआ निकल गय...

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प्रभु की भक्ति By DINESH KUMAR KEER

एक औरत रोटी बनाते बनाते भगवान के नाम का रोज जाप किया करती थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते - करते ही भगवान की पूजा कर लिया करती थी ये उसका रोज का नि...

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सुहागिन की बिंदी By Asha Saraswat

# *सुहागन की बिंदी* # *बाहर फेरीवाला आया हुआ था। कई तरह का सामान लेकर---बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे। आस-पड़ोस की औरतें...

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यादें By Suresh Chaudhary

आखरी पैग को उठाते ही कानों में,, जेम्स अब बस भी करो यह तुम्हारा सातवां पैग है,,।,,This is Last पैग, जैनी,,। बड़बड़ाया जेम्स, फिर अधखुली आंखों से कमरे में चारों ओर देखा, किसी को अपन...

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संस्मरण (मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण) By उषा जरवाल

 शीर्षक – गलतफ़हमी बनी सीख   बात उन दिनों की है जब मैं पाँचवी कक्षा में पढ़ती थी | मेरे गाँव का प्राथमिक विद्यालय नदी के पार था | नदी पर एक छोटा – सा पुल बना हुआ था जिसे पार करके हम...

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मास्टर सूर्यसेन By DINESH KUMAR KEER

सूर्य सेन (22 मार्च 1894 — 12 जनवरी 1934) भारत की स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की और चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व किया। वे...

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लाल किले के प्राचीर से By bhagirath

 लाल किले के प्राचीर से       लाल किले के प्राचीर से इस बार भी सपने दिखाए गए । जनता को लुभाने के लिए नये-नये सपने बुने गए। लोगों की आँखों में सपने तैरे और फिर तालियों की गड़गड़ाहट के...

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चिठ्ठी By DINESH KUMAR KEER

एक गाँव के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली। चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा। यह जानने से पहले संक्षेप में चिट्टी लिखने की पृष्ठभूम...

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दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो …. By Piyush Goel

हरगढ़ के राजा बड़े ही दयालु,धार्मिक व्यक्ति थे. अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखते थे, समय-समय पर लोगों से मिलना, प्रजा भी राजा से बहुत ही खुश रहती थी. समय-समय पर राजा धार्मिक आयोजन...

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क्रांतिकारी - शिवराम हरि राजगुरु By DINESH KUMAR KEER

अमर शहीद क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरु मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद "शिवराम राजगुरु जी" की जयंती (24 अगस्त) पर मैं उन्हें श...

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सोते वक्त By bhagirath

सोते वक्त   कमरे में दो चारपाईयाँ बिछी हैं। बीच में एक दहकती हुई अंगीठी कमरे को गर्म कर रही है। एक चारपाई पर बूढ़ा और दूसरी पर बुढिया रजाई ओढ़ कर बैठे हुए हैं। वे यदाकदा हाथ अंगीठी क...

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मन माखन By DINESH KUMAR KEER

मन माखन माखन क्या है ? मन ही माखन है. भगवान को मन रूपी माखन का भोग लगाना है. क्योकि भोग तो भगवान लगाते है भक्त तो प्रसाद ग्रहण करता है, इसलिए हम भोक्ता न बने, बस मन माखन जैसा कोमल...

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नल और दमयन्ती की कहानी By DINESH KUMAR KEER

नल-दमयंती कथा महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी।युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ 12 वर्ष के...

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तांगेवाला By Rajesh Rajesh

नेतराम तांगेवाला बस अड्डे से यात्रियों को आस पास के गांव में छोड़ता और लाता था। तांगा घोड़ा ही उसकी रोजी-रोटी थी।नेतराम वैसे तो मेहनती ईमानदार पुरुष था, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बड़...

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छोटी सी मजाक By Rajesh Rajesh

सिकंदर दिल्ली में सरकारी नौकरी करता था, वह जब भी अपने गांव आता था, तो अपने बचपन के दोस्त रामफल और उसके परिवार के लिए दिल्ली से कुछ ना कुछ खाने पीने की चीज या अन्य कोई सामान लेकर जर...

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फूलों का महत्व By DINESH KUMAR KEER

पूजा और फूल हम बचपन से देखते आए हैं कि हमारे बड़े- बुजुर्ग भगवान की पूजा के लिए घर की क्यारी से फूल चुनते रहे...पूजा में इन फूलों की क्या उपयोगिता है,आज हमने इसी विषय पर लिखने की क...

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एक अनोखी कहानी By DINESH KUMAR KEER

थोड़ी शर्म करो जी...कहते हैं... किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये।अपने...

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सत्य इतिहास - भाग 1 - कौन है पुंजा ? By Ritin Pundir

कई वर्षों से देश मे एक नैरेटिव सेट कर दिया गया कि, की राणा पूंजा एक भील थे. जो सभी ने आसानी से मान लिया . जबकिं राणा पूंजा ,भीलों की सेना प्रतिनिधित्व करते थे, भीलों के राणा थे, ना...

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लाडली दान .... By Lotus

लाडली यानी बेटी अपने माता पिता की लाडली होती है एक बेटी विवाह के पुर्व अपना सारा सुख दुख अपने माता पिपा पर छोड देती है ...कभी सरल कभी भोली और रूठकर अपने माता पिता से अपना सारा जिद...

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मंजूर था By Abhishek Joshi

सोचा  की  एक  बार  तुजे  रोक लू  ।  तुजसे  बात  करना  मोहब्बत  के  लिए  जरूरी था ।। १ ।।      है   अन-गिनत  गलत फहमी  हमारे  बीच ।  उसे भी मिटाना  बहुत  जरूरी  था ।। २ ।।     पर  न...

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डाकू और मजदूर की कहानी By DINESH KUMAR KEER

डाकू और मजदूर की कहानीमुश्किल समय में धैर्य नहीं खोना चाहिए एक बार एक व्यक्ति दिन भर मजदूरी करके पैसे कमाने के पश्चात अपने घर की तरफ जा रहा था। सर्दियों के दिन थे और शाम ढल चुकी थी...

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तात्या टोपे By DINESH KUMAR KEER

1857 की क्रांति के हीरो अमर शहीद क्रांतिकारी रामचंद्रराव पांडुरंगराव येवलकर उर्फ तात्या टोपे जी की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमनजन्म : सन 1814जन्मस्थान : यवला (महाराष्ट्र)पिता : पांड...

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मंगल पांडे By DINESH KUMAR KEER

*1857 क्रांति की चिंगारी बनी दावानल* आज ही के दिन दिनांक 29 मार्च 1857 को भारतीय परतंत्रता के विरुद्ध क्रांति के प्रथम पुरुष, 34 वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की छठी कंपनी के साधारण स...

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तस्वीरी दुनिया - भाग 1 By Abhishek Joshi

यह  कहानी  पूर्णरूप  से  काल्पनिक  है ।  नाही  इसमे  बताई  गई  कहानी  का  अस्तित्व  है  ।  ओर  नहीं  कही  जिक्र  ये  सिर्फ  कहानी  के  सरिए  से ही  लिखी  है ।    रामायण  काल  मे  क...

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अर्द्धांगिनी By DINESH KUMAR KEER

*अर्द्धांगिनी - धर्म पत्नी की विदाई*एक गांव में भाई और उसकी पत्नी रात को बाते करते करते सो जाते है, सोने के बाद भाई की *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही...

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तो हमसे वफ़ा कैसे कर सकते हैं   By Ratna Pandey

शहर से कुछ ही दूरी पर एक छोटी सी पहाड़ी थी, जहां सुंदर वृक्षों की घनी आबादी थी। शहर के लोग अक्सर छुट्टी के दिन अपनी शाम गुजारने उस पहाड़ी पर आकर वृक्षों के नीचे बैठकर जीवन का और उन...

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भगिनि निवेदिता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भगिनी निवेदिता---- नंदू अपने परिवार में अकेला ऐसा सदस्य था जिसके ऊपर उसके बाबा भाई बहन कि निगाहे लगी रहती उन दिनों नंदू कि पारिविक स्थिति ठीक नही थी आय का कोई श्रोत था नही और नंदू...

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बदनसीब - 2 By Suresh Chaudhary

जब तीनों लड़के और लड़की मुझे खरी खोटी सुना कर चले गए, तब मैं शाम तक इसी सदमे में रहा, क्या यह वो ही औलाद है, जिनका पालन पोषण करने में नमिता और मैंने दिन रात एक कर दिया था। आज कितनी...

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ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत By DINESH KUMAR KEER

ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत (१८३x-१८६४) १९वी शताब्दी के क्रांतिकारियों में से एक थे। जोधपुर रियासत में आउवा ठिकाने के ठाकुर कुशाल सिंह चॉपावत ने १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो...

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अतिथि देवो भव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ढलती शाम धीरे धीरे बढ़ता अंधेरा एक दिवस के अवसान का संदेश ।अचानक देवरिया रेलवे प्लेट फार्म पर अफरा तफरी एक लंबा चौड़ा लगभग छः फिट लंबा नौजवान गोरा हाफ पैंट औऱ बनियान पहने विक्षिप्त स...

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हाइपरटेंशन (जिंदगी चवन्नी) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शिखर सिंह खानदानी बड़े आदमी खानदानी रईस बाप दादो को शान शौकत रुतबा उनके परिवार में कोई किसी नौकरी में नही जाता ।उनके यहां ही सैकड़ो कारिंदे काम करते शिखर सिंह बड़े ही विनम्र एव मिलनसा...

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नानक जी भील By DINESH KUMAR KEER

बूंदी के डाबी किसान आंदोलन के आंदोलनकारी, क्रांतिकारी प्रखर कवि, ओजस्वी वक्ता, वीर अमर शहीद नानक जी भील की शहादत दिवस पर उन्हें कोटि कोटि सादर नमन ।नानक भील का जन्म 1890 मे बरड क्ष...

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अन्धविश्वास By DINESH KUMAR KEER

अन्धविश्वासदेखो न मम्मी कहाँ से ये कछुआ आ गया हमारे घर में, दोनों बच्चे उस कछुए को देख कर ख़ुशी से उछल पड़े,आयुषी बोली- “अरे मम्मी देखो ये कितना छोटा और प्यारा सा हैं, हम इसे पालतू ब...

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माँ सब जानती है By S Sinha

कहानी - माँ सब जानती है    महेश बाबू कुछ माह पहले रिटायर हुए थे  .  अभी तक वे पटना में खुद के बनाये घर में रह रहे थे  .  उनका इकलौता बेटा सोनू इंजीनियर था  .सोनू मुंबई में किसी मल्...

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वीर बाला कालीबाई By DINESH KUMAR KEER

भील बालिका कालीबाई कलासुआ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि15 अगस्त 1947 से पूर्व भारत में अंग्रेजों का शासन था। और अंग्रेजों चाहते थे कि उनके राजस्थान राज्य में शिक्षा का प्रसार न हो। ल...

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उधार By Suresh Chaudhary

,, अरे भाई जल्दी जल्दी से करो, यह क्या तमाशा लगा रखा है, कब तक आप,,। भिन्नाते हुए कहा मोहन ने,, बाबू जी बस हो गया, सारा सामान बांध दिया है ट्रक आने की देर है,,,।,, कितनी देर लगेगी...

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बप्पा By Devang Kori

आज बप्पा को आये 11 दिन कैसे बीत गये पता ही नहीं चला...और उनके वापिस वैसे लौटने का समय भी आ गया...आज बहुत सारे लोगो को बप्पा को ले जाते देख एक किस्सा याद आ गया...एक छोटा सा बच्चा था...

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बेटियाँ By DINESH KUMAR KEER

मैंने अपने बच्‍चों को कभी नहीं बताया कि मैं क्‍या काम करता था । मैं उन्‍हें कभी मेरी वजह से शर्मिंदा महसूस नहीं कराना चाहता था । जब मेरी छोटी बेटी ने मुझसे पूछा कि मैं क्‍या करता ह...

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पंडित रामप्रसाद बिस्मिल By DINESH KUMAR KEER

*शत्-शत् नमन 11 जून/जन्म-दिवस, काकोरी कांड के नायक : पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ।*पंडित रामप्रसाद का जन्म 11 जून, 1897 को शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता श्री मुरलीधर श...

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आखरी मंजिल - भाग 1 By Suresh Chaudhary

बस से उतर कर बाहर रिक्शे स्टैंड तक का सफर ऐसा लगा, जैसे एक हजार मीटर पैदल चलकर आया।,, भाई यहां कोई वृद्ध आश्रम है क्या,,। एक बुजुर्ग रिक्शे वाले से पूछा।,, जी एक नही, दस ऐसे आश्रम...

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अहिल्या बाई होल्कर By DINESH KUMAR KEER

नारी शक्ति कितनी महान होती है, वह अपने जीवन में क्या कर सकती है इसका उदाहरण अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी पढने के बाद आपको मिल जाएगा. जीवन में परेशानियाँ कितनी भी हो, उनसे कैसे निपटन...

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अध्यापक भालू By Rajesh Rajesh

असम के एक घने जंगल में सब जानवरों से ज्यादा समझदार बुद्धिमान बूढा भालू था।आपस में एक भी शब्द बोले बिना अपनी आंखों और शरीर की भाषा से दोनों मित्र बात करते थे, बूढा भालू और लकड़हारा...

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सम्राट विक्रमादित्य By DINESH KUMAR KEER

उज्जयिनी नरेश महाराजा चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्यअपने भारत देश में बहुत से राजा-महाराजा हुऐ हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से देश का नाम समुचे विश्व में रोशन किया है। महान राजा अशोक...

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नन्हा आशिक़ By DINESH KUMAR KEER

नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं।थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा। इधर अथर्व एक दो बार खिड़की से झांका पर उसे कुछ समझ न आय...

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राजा दाहिरसेन By DINESH KUMAR KEER

सिंधुपति राजा दाहिरसेन - बलिदान-दिवस / 20 जून, 712भारत को लूटने और इस पर कब्जा करने के लिए पश्चिम के रेगिस्तानों से आने वाले मजहबी हमलावरों का वार सबसे पहले सिन्ध की वीरभूमि को ही...

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-बेटा- By Asha Saraswat

बेटाबहू अगर तुम्हारी इजाजत हो तो क्या मैं अपने बेटे को घर ले जा सकता हूं?घर में बहुत शांति पसरी हुई थी। अगर पत्ते भी हिलते तो उनकी आहट तक सुनाई दे रही थी। उससे ज्यादा मौन और खामोशी...

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राधाजी की कृपा By DINESH KUMAR KEER

. "राधाजी की कृपा" चन्दन वृंदावन की ब्रज भूमि में रहने वाला अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। दिन भर वो ब्रज की रज में लोटपोट होता रहता अपने सखाओं के साथ अठखेलियाँ करता रहता। सारा दि...

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Leo Tolstoy की लघुकथाएँ By Kartik Arya

1. अंधे की लालटेनअँधेरी रात में एक अंधा सड़क पर जा रहा था। उसके हाथ में एक लालटेन थी और सिर पर एक मिट्टी का घड़ा। किसी रास्ता चलने वाले ने उससे पूछा, ‘अरे मूर्ख, तेरे लिए क्या दिन...

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अंत्येष्टि कर्म का कड़वा सच By गायत्री शर्मा गुँजन

क्या बात कर रही हो अंजना ' हम ठहरे शेड्यूल कास्ट के लोग और आप कहती हैं कि हमे धर्म-ग्रंथ पढ़ना चाहिए ?? आपका दिमाग तो खराब नहीं हो गया है ,, "हमे नहीं पढ़ना कोई शास्त्र ....'...

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पति पत्नी का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

पति पत्नी का रिश्ताहुआ यों कि पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता हुआ निकल गय...

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प्रभु की भक्ति By DINESH KUMAR KEER

एक औरत रोटी बनाते बनाते भगवान के नाम का रोज जाप किया करती थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते - करते ही भगवान की पूजा कर लिया करती थी ये उसका रोज का नि...

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सुहागिन की बिंदी By Asha Saraswat

# *सुहागन की बिंदी* # *बाहर फेरीवाला आया हुआ था। कई तरह का सामान लेकर---बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे। आस-पड़ोस की औरतें...

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यादें By Suresh Chaudhary

आखरी पैग को उठाते ही कानों में,, जेम्स अब बस भी करो यह तुम्हारा सातवां पैग है,,।,,This is Last पैग, जैनी,,। बड़बड़ाया जेम्स, फिर अधखुली आंखों से कमरे में चारों ओर देखा, किसी को अपन...

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