सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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कोरोना और पर्यावरण By Anand M Mishra

पश्चिमी दुनिया बहुत क्रूर, निर्मम है। यह मनुष्य को औसत दर्जे का होने के लिए मजबूर करता है। यह हर कदम पर चोट पहुँचा कर दम लेता है। इस जगत में माँ-पिताजी को छोड़कर प्रायः लोग मनाते...

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इन्तजार एक हद तक - 9 - (महामारी) By RACHNA ROY

रमेश के हाथ कांप रहे थे और उसने वो चिट्ठी खोली।लिखावट तो किसी और की थी। उर्मी की नहीं थी।लिखा थाबेटा रमेश...तू तो नही आया अब हमलोग तेरा आसरा भी नहीं देख सकते हैं।तुमको एक खुशखबरी द...

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पहला ब्रेकअप By Rama Sharma Manavi

बारहवीं के पश्चात नए कॉलेज में एडमिशन लेने का एक अलग ही उत्साह होता है।नया परिवेश, नए मित्र,नए रोमांच, घर के तमाम बन्धनों से आजाद युवाओं को ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा आसमान उन...

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लड़खड़ाते कदम By Anand M Mishra

आधुनिक समय में परिवारों का सामूहिक व एकत्रित चलन बिखरा है। संयुक्त परिवार टूटकर एकल परिवार में तब्दील हुआ है। पारिवारिक सामंजस्य स्थापित न हो सका है। इस कारण आज प्रायः हर घर में वृ...

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अमलतास के फूल - 15 - अंतिम भाग By Neerja Hemendra

उसके बाद      उसकी समझ में कुछ नही आ रहा है कि वह क्या कर,े क्या न करे, कहाँ जाए? ऐसी अनुभूति हो रही है जैसे अमावस की रात हो, विस्तृत घना जंगल हो, दूर-दूर तक घुप अँघ...

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इंस्पेक्शन - 1 By Kishanlal Sharma

ट्रिन ट्रिनफोन की घटींं बजते ही पार्सल इनचार्ज मीणा ने फोन उठाया था।फोन उठाते ही आवाज सुनाइ पड़ी,"मैं मोरया।""यस सर्।"सीनियर डी सी एम की आवाज सुनते ही मीणा अपनी आवाज में...

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शहरी बनाम ग्रामीण By Anand M Mishra

बचपन में प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत जी की कविता भारत माता ग्रामवासिनी ...पढ़ते थे. इस कविता में ग्रामीण भारत की अवस्था का अत्यंत मार्मिक चित्रण किया गया है. कवि के अनुस...

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पर्वों का लोकायत स्वरूप By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

पर्वों का लोकायत स्वरूप जीवन के निरंतर स्वीकार और परिष्कार के लिए मनुष्य ने भौतिक विस्तार के साथ ही अपना दर्शन, साहित्य जैसे मानसिक और हार्दिक उपक्रम भी किए हैं । जैविक आवश्यकताओं...

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ऑफ्टर कोरोना इफेक्ट्स By Rama Sharma Manavi

आजकल मिताली अपने बेटे अनल को लेकर अत्यंत चिंतित रहने लगी है।वैसे अनल एक अत्यंत समझदार एवं जहीन युवक है, जिस कार्य को करने का ठान लेता है, उसे हर हाल में पूर्ण करने का माद्दा...

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बेटी हुई है By Mayank Saxena Honey

बेटी हुई है अभी नई नई शादी हुई ही थी कि शिव अपनी धर्मपत्नी आस्था से बिना भविष्य सोचे प्रणय मिलन कर बैठा जिससे आस्था का गर्भाधान हो गया। आस्था यूँ तो घरेलु, संस्कारी और गृहकार्यों म...

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जैसे को तैसा By राज कुमार कांदु

पंडित राम सनेही एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे। अवकाश प्राप्ति के बाद उन्होंने कस्बे के बाहर शहर को जोड़नेवाली मुख्य सड़क के किनारे दो बिस्वा जगह लेकर अपना एक छोटा सा घर बना लिया था। घर बन...

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महेश कटारे - पहरूआ By राज बोहरे

महेश कटारे -कहानी-पहरूआ गोधन की नींद टूटी तब रात आधी से उतरने लगी थी, क्योंकि सोते में जागते हुए उसे लगा था कि तीसरे पहर का पहरूआ अपने अंतिम हुंकारे भर रहा है। वैसे नींद टूटने से प...

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माहौल          By amit kumar mall

बहुत दौड़ भाग करने और सिफारिश लगाने के बाद भी शहर के इकलौते विश्वविद्यालय में प्रवेश नही मिला।उस समय सांध्य कॉलेज , सेल्फ फाइनेंस के कोर्स नही थे। ले देकर केवल एक विश्वविद्यालय...

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शादी का निमंत्रण By Anand M Mishra

कोरोना काल का समय। फोन की घंटी बजी। देखा तो बोकारो में कार्यरत भाई का फोन था। उत्सुकता से फोन उठाया। उधर से काफी प्रसन्नता से भाई ने अपने सुपुत्र के जो कि टाटा स्टील, जमशेदपुर मे...

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सामाजिक अस्वीकृत का भय प्रेम का बड़ा शत्रु । By विवेक वर्मा

प्रेम एक ऐसा विषय है जिसपर बहुत कुछ कहा और लिखा जा चुका है।अगर आप देखें तो पाएंगे की हर वक्ता,समाजसुधारक आदि अगर नैतिकता शांति जैसे विषयों पर भाषण देता हो तो वह प्रेम पर बोलता...

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ज़हरीली शराब By Rama Sharma Manavi

आज कमली काम पर वापस आ गई, कल शाम को ही फोन कर दिया था कि आँटी बर्तन मत धुलना, मैं कल सुबह से आना शुरू कर दूंगी।कल ही तेरहवीं थी उसके पति की।मैं थोड़ी हैरान तो थी,लेकिन उसकी सारी...

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सेफ्टी वाल्व By amit kumar mall

छोटी गोल, बड़ी गोल करते करते आठवीं पास होने तक , मैं गांव के प्राइमरी पाठशाला और जूनियर हाई स्कूल में पढ़ता रहा । प्राइमरी पाठशाला में पटिया , नरकट की कलम , दूधिया की दवात तथा किताब...

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अर्द्ध सत्य By Lajpat Rai Garg

दिसम्बर महीने के दूसरे पक्ष का प्रथम रविवार सुबह के ग्यारह बजे के लगभग का समय गुनगुनी मीठी-सी धूप ऐसी धूप का आनन्द लेने के लिए लॉन में बैठे सास-ससुर पार्वती और मनोज को नाश्ता करवान...

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फैसला By Rama Sharma Manavi

प्रमिला जी ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठकर गम्भीर मुद्रा में विचार मंथन में लगी हुई थीं।14 वर्षीय पोती अनु के कटु तीव्र वचनों ने उनके जख्मों को हरा कर दिया था,"दादी, आप यहां क...

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बच्चों की परवरिश By Anand M Mishra

कोरोना काल में बच्चों को संभालना भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समान है। बच्चों को क्या चाहिए? प्यार-दुलार और खेलने की सुविधा। रोटी, कपड़ा और मकान तो सभी मनुष्यों को चाहिए। बाद वाली ब...

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चूल्हा ठंडा नहीं होता By Sunita Bishnolia

चूल्हा ठंडा नहीं होता-कहानी "रामनारायण बाजा बजाए… रामनारायण बाजा बजाए सब लोगों का दिल बहलाए" गाते हुए रामनारायण सोचता है "अच्छा है अपने परिवार से कोसों दूर रहने वाले मेरे सा...

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कुरूप रानी By Anand Tripathi

एक राज्य में एक राजा राज किया करता था। उसके पास अपार जनशक्ति,धनशक्ति,और वैभव,और कई रनिया थी।एक दिन की बात है। राजा ने एक युद्ध में एक रानी को जीत के अपने महल में ले आया था। लेकिन व...

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त्याग By amit kumar mall

बात कुछ दशक पुरानी है। जब नौकरी की तलाश में इलाहाबाद जाने वाला हर छात्र , यह मानता था कि वह कलेक्टर जरूर बनेगा और धर्मवीर भारती के गुनाहों के देवता की कर्म भूमि पर, उसे भी कोई लड़की...

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ज़िन्दगी सतरंग.. - 4 By Sarita Sharma

अम्मा जी और फ़ौजी अंकल अब बूढ़े हो चुके थे..ईर्ष्या,काम, क्रोध, लोभ, मोह.. इन सबसे कोसो दूर..हां क्रोध और मोह अभी बाकी था और बाकी था ढेर सारा बचपना भी...बच्चे जैसे दिमाग से नही सोचते...

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बुजुर्गों की परेशानी By Anand M Mishra

चंद्रमा पर राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय नामक संस्था चलती है। इस विद्यालय का चंद्रमा पर ‘जाल’ बिछा हुआ है। विद्यालय का जाल इतने सुदृढ़ तरीके से बिछा है कि सभी अध्यापकों में एक परिवार...

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सपने (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

नागेश के वीजा की अवधि समाप्त होते ही कम्पनी ने उसे कम से हटा दिया।वह कुछ ऐसे लोगो के सम्पर्क में आया जो वीजा खत्म हो जाने पर भी चोरी छिपे वहां काम कर रहे थे।नागेश भी काम की तलाध कर...

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अक्षम्य अपराध - 1 By Rama Sharma Manavi

प्रस्तर मूर्ति के समान स्थिर बैठी दिव्या निर्निमेष,सूनी अश्रुविहीन नेत्रों से सामने की दीवार देखे जा रही थी।सफेद चेहरे पर ठहरी हुई पुतलियां इंगित कर रही थीं कि वह जीवित तो है, प...

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सधी आंच By kavita jayant Srivastava

"कितनी बार कहा है कि, सुबह उठते ही मत बताया करो कि क्या दर्द है क्या तकलीफ है , सुबह सुबह ही शुरू हो गया तुम्हारा राग..'' वो गुस्से से भरा हुआ था "मैंने कहां बताया आपने खुद...

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पश्चाताप By Archana Singh

पुरुस्कृत कहानी "पश्चाताप" जिंदगी जो हमें सिखाती है शायद वह किसी पाठशाला में हमें सीखने को नहीं मिलती। वक्त जैसे बेलगाम घोड़े की रफ्तार की तरह भागत...

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टूटते रिश्ते By Jyoti Prajapati

"चलो....तुम कहती हो तो मैं तैयार हूँ तुम्हारी बात मानने के लिए !! तुम महिलाएं नही जी पाती हो अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से ! मायके में हमेशा घरवालो की मर्ज़ी से रहना पड़ता और शादी के बाद...

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कोरोना और पर्यावरण By Anand M Mishra

पश्चिमी दुनिया बहुत क्रूर, निर्मम है। यह मनुष्य को औसत दर्जे का होने के लिए मजबूर करता है। यह हर कदम पर चोट पहुँचा कर दम लेता है। इस जगत में माँ-पिताजी को छोड़कर प्रायः लोग मनाते...

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इन्तजार एक हद तक - 9 - (महामारी) By RACHNA ROY

रमेश के हाथ कांप रहे थे और उसने वो चिट्ठी खोली।लिखावट तो किसी और की थी। उर्मी की नहीं थी।लिखा थाबेटा रमेश...तू तो नही आया अब हमलोग तेरा आसरा भी नहीं देख सकते हैं।तुमको एक खुशखबरी द...

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पहला ब्रेकअप By Rama Sharma Manavi

बारहवीं के पश्चात नए कॉलेज में एडमिशन लेने का एक अलग ही उत्साह होता है।नया परिवेश, नए मित्र,नए रोमांच, घर के तमाम बन्धनों से आजाद युवाओं को ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा आसमान उन...

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लड़खड़ाते कदम By Anand M Mishra

आधुनिक समय में परिवारों का सामूहिक व एकत्रित चलन बिखरा है। संयुक्त परिवार टूटकर एकल परिवार में तब्दील हुआ है। पारिवारिक सामंजस्य स्थापित न हो सका है। इस कारण आज प्रायः हर घर में वृ...

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उसके बाद      उसकी समझ में कुछ नही आ रहा है कि वह क्या कर,े क्या न करे, कहाँ जाए? ऐसी अनुभूति हो रही है जैसे अमावस की रात हो, विस्तृत घना जंगल हो, दूर-दूर तक घुप अँघ...

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इंस्पेक्शन - 1 By Kishanlal Sharma

ट्रिन ट्रिनफोन की घटींं बजते ही पार्सल इनचार्ज मीणा ने फोन उठाया था।फोन उठाते ही आवाज सुनाइ पड़ी,"मैं मोरया।""यस सर्।"सीनियर डी सी एम की आवाज सुनते ही मीणा अपनी आवाज में...

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बेटी हुई है अभी नई नई शादी हुई ही थी कि शिव अपनी धर्मपत्नी आस्था से बिना भविष्य सोचे प्रणय मिलन कर बैठा जिससे आस्था का गर्भाधान हो गया। आस्था यूँ तो घरेलु, संस्कारी और गृहकार्यों म...

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महेश कटारे - पहरूआ By राज बोहरे

महेश कटारे -कहानी-पहरूआ गोधन की नींद टूटी तब रात आधी से उतरने लगी थी, क्योंकि सोते में जागते हुए उसे लगा था कि तीसरे पहर का पहरूआ अपने अंतिम हुंकारे भर रहा है। वैसे नींद टूटने से प...

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कोरोना काल में बच्चों को संभालना भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समान है। बच्चों को क्या चाहिए? प्यार-दुलार और खेलने की सुविधा। रोटी, कपड़ा और मकान तो सभी मनुष्यों को चाहिए। बाद वाली ब...

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चंद्रमा पर राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय नामक संस्था चलती है। इस विद्यालय का चंद्रमा पर ‘जाल’ बिछा हुआ है। विद्यालय का जाल इतने सुदृढ़ तरीके से बिछा है कि सभी अध्यापकों में एक परिवार...

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पश्चाताप By Archana Singh

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