सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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सीमांजली By DINESH KUMAR KEER

एक बार स्लीपर बस के सफ़र में मेरे पास की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है ?" उसने अपने बटुए से एक फोन निकाला, वह नया सिम कार्...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 35 By Chaya Agarwal

भाग 35खान साहब पाँचों वक्त के नमाज़ी थे। जब से ये ऐलान जारी हुआ था उनका मस्जिद जाना छूट गया था। दिन-रात वो उसी चिन्ता में घुले रहते थे। ये ऐलान उनके लिये बहुत बड़ा सदमा था। जुह़र की...

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अपना आकाश - 12- वत्सला के घर तन्नी By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद- 12 वत्सला के घर तन्नीवत्सला का घर तन्नी का भी बन गया। सुबह वह गाँव से निकल आती। कोचिंग में पढ़ती, ग्यारह बजे लौटती । वत्सला बहिन जी के यहाँ पहुँचती। अंजली माँ का प्रश्न ह...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

उजाले की ओर ----संस्मरण ================== मित्रों सस्नेह नमस्कार उम्र की एक कगार पर आकर काफ़ी चीज़ों में बदला...

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दुष्चक्र - 1 By Kishanlal Sharma

नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा घण्टा शेष रह गया था। लेकिन किस...

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संजना - एक अनोखी दास्तान By DINESH KUMAR KEER

"कहाँ जा रही है, संजना बहू... ?" बाईक की चाबी उठाती हुई संजना से सास ने पूछा... "माँ की तरफ जा रही थी मम्मी"   "अभी तरसों ही तो गई थी"   "हाँ पर आज पापा की स्वास्थ्य सही...

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युगांतर - भाग 37 By Dr. Dilbag Singh Virk

हर काम की शुरुआत मुश्किल होती है और जब किसी काम की शुरुआत हो जाती है, तो रास्ता अपने आप बनना शुरू हो जाता है। स्मैक के आम होने से हर आदमी दुखी था। सबको डर सताता था कि कहीं उनके बच्...

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अनोखा मिलन By DINESH KUMAR KEER

शरारत की भी सीमा होती है... पता नहीं कोई हया लिहाज नहीं है इनमें... तीन वर्षीय अनीश को गोद में उठाए सीमा बड़बड़ाती हुई बालकनी से अंदर कमरे में घुसी अरे क्या हो गया... और ये इतना गुस्...

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राजकुमारी कृष्णाकुमारी By DINESH KUMAR KEER

राजकुमारी कृष्णाकुमारी :- जिसके लिये तनी थीं तलवारें... यह हिन्दुस्तान के इतिहास के उस दौर की दास्तान है जब एक ओर जहां मुगल बादशाहों की शक्तियां ढलान पर थीं और देश के राजे-रजवाड़े अ...

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आम जिंदगी की खास कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक अनोखी प्रेम कहानीगाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्र...

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गरीब की इज्जत - पार्ट 3 By Kishanlal Sharma

रोज की तरह उसे जंगल का अफसर बेसब्री से उसका इंतजार करता हुआ मिला।लाजो को देखते ही वह मुस्कराकर बोला"आज तो तुमने देर कर दी।कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ""क्यो/""तुम्हारा सुंदर मुखड़...

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गाँव की शादियां By DINESH KUMAR KEER

पहले गाँव में न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अड़ोस-पड़ोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिया, लोटा, कलछुल, कड़ाही...

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विवाह - एक पवित्र बंधन By DINESH KUMAR KEER

विवाह - एक पवित्र बंधन   माँ मैंने दिनेश को छोड़ने का मानस बना लिया है, आपके और पापा के कहने पर मैंने यह विवाह तो कर लिया, पर मगर अब और नही निभा पाउंगी । सीमा अपनी माँ से बोल र...

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कन्यादान By DINESH KUMAR KEER

  "अरे वधू के माता - पिता कहाँ हैं भाई ? उनको भी तो बुलाओ स्टेज पर । सभी के फोटो हो गए हैं सिर्फ वधू के माता - पिता ही रहे हैं । "   मैं फोटो वाला था, वरमाला स्टेज पर सभी...

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पिता व पुत्र की कहानी By DINESH KUMAR KEER

पिता ने बेटे से कहा, "तुमने बहुत अच्छे नंबरों से ग्रेजुएशन पूरी की है। अब क्यूंकि तुम नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रहे हो , मैं तुमको यह कार उपहार स्वरुप भेंट करना चाहता हूँ , यह का...

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एहसास रिश्तों का By DINESH KUMAR KEER

एहसास रिश्तों का   पिता बेटी के सर पर, हाथ रख कर बोला :- "मैं तेरे लिए ऐसा पति खोजकर लाऊंगा, जो तुझे बहुत सारा प्यार करे, तेरी भावनाओं का सम्मान करे, तेरे दुख सुख को समझ सके,...

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आने से उसके आए बहार By sudha jugran

“आने से उसके आए बहार” पावनी और रवीना सुबह की सैर पर थीं। बचपन की दोनों सहेलियां गप्पे मारती हुई निर्जन सड़क पर चली जा रहीं थीं। वे गप्पों में इतनी मशगूल थीं कि उन्हें हल्की बूंदा-बा...

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हिन्दी एक भाषा ही नहीं - संस्कृति है...! इसी तरह हिन्दू भी धर्म नही - सभ्यता है By Devendra Kumar Jaiswal

विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है 1-Divorce (अंग्रेजी) 2-तलाक (उर्दू) कृपया हिन्दी का शब्द बताए...??तब मैं... 'जनसत्ता' में... नौकरी क...

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सुन्दर बिटिया By swapnil pande

उस वक़्त की दुनिया ही लड़को के मुनासिब थी,दादीजी की नाराज़ी भी तब जायज़ थीदाई माँ ने जब सफ़ेद&n...

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सीमांजली By DINESH KUMAR KEER

एक बार स्लीपर बस के सफ़र में मेरे पास की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है ?" उसने अपने बटुए से एक फोन निकाला, वह नया सिम कार्...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 35 By Chaya Agarwal

भाग 35खान साहब पाँचों वक्त के नमाज़ी थे। जब से ये ऐलान जारी हुआ था उनका मस्जिद जाना छूट गया था। दिन-रात वो उसी चिन्ता में घुले रहते थे। ये ऐलान उनके लिये बहुत बड़ा सदमा था। जुह़र की...

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अपना आकाश - 12- वत्सला के घर तन्नी By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद- 12 वत्सला के घर तन्नीवत्सला का घर तन्नी का भी बन गया। सुबह वह गाँव से निकल आती। कोचिंग में पढ़ती, ग्यारह बजे लौटती । वत्सला बहिन जी के यहाँ पहुँचती। अंजली माँ का प्रश्न ह...

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शरारत की भी सीमा होती है... पता नहीं कोई हया लिहाज नहीं है इनमें... तीन वर्षीय अनीश को गोद में उठाए सीमा बड़बड़ाती हुई बालकनी से अंदर कमरे में घुसी अरे क्या हो गया... और ये इतना गुस्...

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आम जिंदगी की खास कहानी By DINESH KUMAR KEER

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रोज की तरह उसे जंगल का अफसर बेसब्री से उसका इंतजार करता हुआ मिला।लाजो को देखते ही वह मुस्कराकर बोला"आज तो तुमने देर कर दी।कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ""क्यो/""तुम्हारा सुंदर मुखड़...

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पहले गाँव में न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अड़ोस-पड़ोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिया, लोटा, कलछुल, कड़ाही...

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सुन्दर बिटिया By swapnil pande

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